Baba ramdev Pranayama & yoga for acidity and gas – Stomach acid foods digestion process में अहम भूमिका निभाता हैं. हम जो भी खाते है उसको पचाने में यही Acid मदद करता हैं. यह एक Natural process होती है, जब भोजन को पचाने वाला यह एसिड पेट में जरुरत से ज्याद बन जाता है तो यह पेट में जलन acidity कहलाता हैं.
Acidity की problem आज के समय में बहुत आम हो गई है, क्योंकि पिछले दशकों से हमारा जीवन जीने का तरीका (Life Style) ही बदल गई है. हम स्वाद के लिए कुछ भी खा लेते हैं और इसी वजह से एसिडिटी पेट में जलन आदि पेट के रोग होने लगते हैं.
जब भोजन को पचाने वाले एसिड की पेट में मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो यह Hyper acidity कहलाती हैं. आप एसिडिटी के लिए योग और प्राणायाम के जरिये पेट की भारी से भारी समस्या से भी छुटकारा पा सकते हैं.
- अगर आपके शरीर का कोई सा हिस्सा Damaged हैं तो आप ऐसी स्थिति में योगा न करें. हमेशा खाली पेट होने पर ही योगासन करे.
योगासन करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता हैं. - ढीलें कपड़ों का उपयोग करें.
- शुरुआत में हाथ पैरों में खिंचाव होने से दर्द होगा लेकिन जल्द ही कुछ ही दिनों के अभ्यास से यह दर्द समाप्त हो जायेगा.
- Acidity से बचने के लिए शराब, स्मोकिंग, मसालेदार सब्जी, तेज मिर्च वाली सब्जी आदि को खाने से बचे.
- पेट में जलन होना, जी मचलना, सीने में जलन होना आदि एसिडिटी सीने में जलन के लक्षण होते हैं.
तो चलिए अब हम आपको पेट में जलन के लिए आसान योग और प्राणायाम के बारे में पूरी जानकारी देतें हैं.
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एसिडिटी के लिए योग और प्राणायाम
Yoga For Acidity in Hindi
Vajrasana Yoga
रोजाना खाना खाने के बाद 10 मिनट के लिए Vajrasana yoga posture में बैठे. इस आसान में बैठने से acidity और digestion की problems में बहुत benefits होते हैं. सीने में जलन के योग.
Benefits
- वज्रासन योगा पाचन तंत्र से सम्बंधित सभी रोगों में बहुत फायदेमंद होता है.
- यह भोजन को जल्दी पचाने में मदद करता हैं.
- इस आसान में बैठने से पाचन तंत्र को भोजन को पचाने में बहुत मदद मिलती है.

विधि : Steps
- Vajrasana posture की steps बहुत ही easy है.
- अपने दोनों पैरों को मोड़कर बैठना होता है.
- दोनों हाथो को सामने की ओर रखे.
- अपनी कमर (Lower back) को सीधी रखे.
Pavanamuktasana
पवनमुक्तासन पेट की समस्याओं जैसे पेट में गैस बनना, भोजन ठीक से नहीं पचना, Acidity problems पेट में जलन होना, Heart burn आदि को ख़त्म करने के में सबसे अच्छे योगासन में से एक माना जाता हैं.
Benefits
- पेट में मौजूद ख़राब गैस को बाहर निकालने में मदद करता हैं.
- पाचन शक्ति को बढ़ता है.
- एसिडिटी की समस्या को कम करता है.
- पाचन तंत्र के अंगो में ताज़ा हवा पहुंचता हैं, और बेकार की गैस को बाहर निकालता हैं.
- पेट की गैस की Problems से छुटकारा पाने के लिए इसे रामबाण योगा माना जाता हैं. और इसके साथ ही पेट में जलन होने से भी रोकता हैं.

विधि : Steps
- सीधे होकर लेट जाए
- अब अपने दोनों पैरों को मोडें
- दोनों पैरों को मोड़कर अपने पेट के नजदीक ले आये
- दोनों पैरों को अपने पेट से चिपका लें
- अब अपने दोनों हाथो से पैरों को कसकर पकड़ लें
- इसके बाद अपने सर को मुड़े हुए पैरों के नजदीक लाये
- अब पूरा जो लगाकर अपने पैरों को पेट की तरफ दबाये
- (जिस तरह हम किसी को Huge करते हैं ठीक वैसे ही यहां भी अपने पैरों को पेट से Huge करना होता है)
- 1-2 मिनट तक रुक-रुक यह आसान करें.
धनुरासन योगा
Benefits
- धनुरासन पेट की सभी मांसपेशियों में खिंचाव बनाता है जिससे पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं.
- पाचन तंत्र को स्वस्थ व मजबूत बनाता हैं.
- भूख बढ़ाता है
- एसिडिटी को में रोकने में मदद करता है.

विधि : Steps
- उलटे होकर लेट जाए
- अब अपने दोनों पैरों को बारी-बारी से अपनी कमर की तरफ मोडें
- इसके बाद अपने दोनों हाथो के जरिये बारी-बारी से अपने पैरों के अंगूठो को पकडे
- इस position में आने के बाद अपने शरीर को धनुष की तरह ताने
- पुरे शरीर को धनुर की तरह खींचे
- अपने सर को पीछे की ओर खिंचे
Matsyasana (Fish Pose Yoga)
Benefits
- पेट के अंगों को स्वस्थ व मजबूत बनाने में मदद करता है
- पाचन शक्ति को बढ़ाता है
- Stomach muscles की strength बढ़ाता है
- एसिडिटी और गैस की प्रोब्लेम्स से छुटकारा दिलाने में मदद करता है
- कमर दर्द और पेट दर्द में फायदेमंद होता है

विधि : Steps
- पद्मासन में (अपने दोनों पैरों को आपस में मोड़कर बैठ जाए)
- अब अपने दोनों हाथों से पैरों के अंगूठों को पकडें
- इसके बाद धीरे-धीरे अपने ऊपरी शरीर को पीछे की और झुकाये
- अपनी Stretching capacity के हिसाब से शरीर को पीछे की और झुकाये
- अपने सर को भी पीछे की और झुक कर रखे
Paschimottanasana

Benefits
- यह आसान lower back muslces को बहुत अच्छी stretching देता है
- पाचन शक्ति बढ़ाता है
- पाचन तंत्र को मजबूत और तेज बनाता है
- एसिडिटी और गैस की समस्या में फायदेमंद होता हैं
- भूख बढ़ाता है
विधि : Steps
- सीधे लेट जाए
- दोनों पैरों को सीधे ही रखे और अपनी कमर को सीधी कड़ी कर लें
- अब अपने दोनों हाथो को ऊपर की और खड़े करे
- अब दोनों हाथों को धीरे-धीरे अपने पैरों के अंगूठो से टच कराये
- अपने सर को निचे की झुका कर रखे
- अपनी Upper body को पूरी तरह से निचे की और झुकाये
- शुरुआत में इस योगासन को करने पर आपके पैरों में खिंचाव से बहुत दर्द होगा लेकिन जल्द ही यह दर्द ख़त्म हो जायेगा.
अगर आपके पास समय हो तो आप यह योगासन भी कर सकते हैं.
- सलभासन
- मकरासन
- सेतुबंधासन
- सर्वांगासन
एसिडिटी के लिए प्राणायाम : कपालभाति
Benefits
- कपालभाति प्राणायाम पेट से सम्बन्थि सभी रोगों को ख़त्म करने में बहुत उपयोगी होता है.
- पाचन शक्ति को बढ़ाता है
- शरीर में ताज़ा हवा भरता है
- एसिडिटी ओर गैस की समस्या से छुटकारा दिलाता है
- शरीर की उम्र बढ़ाता है, पेट की चर्बी को घटता है
- मानसिक शांति देता है
विधि : Steps
- यह प्राणायाम एसिडिटी के उपचार के लिए बहुत असरदार होता है.
- अपनी कमर को सीधी रखकर सिद्धासन में बैठ जाए
- दोनों आँखें बंद कर ले
- अब गहरी स्वांस लें और एक दम Force से गहरी स्वांस छोडें
- Inhale Deeply And Exhale Forcefully & deeply
- 5 minutes तक रोजाना इस प्राणायाम का अभ्यास जरूर करें.
- इस प्राणायाम में स्वांस को अंदर बाहर करने में अपने पेट का सहारा लें. पेट को भी अंदर बाहर करे.
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम शरीर में मौजूद ख़राब ऑक्सीजन को बाहर निकालने में और फ्रेश ऑक्सीजन को लेने की क्रिया करता है.
Benefits
- इससे मानसिक शांति मिलती है
- पेट के सभी रोगों दूर होते है
- गैस और एसिडिटी से हमेशा के लिए छुटकारा मिलता है
- पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाता है और भूख बढ़ाता है
- भस्त्रिका प्राणायाम पेट की चर्बी को भी घटाता है
विधि : Steps
- इस प्राणायाम को आप बैठ कर या फिर खड़े होकर भी कर सकते है. (अपनी कमर को आगे की और झुका कर भी इस प्राणायाम को किया जाता है)
- दोनों आंखों को बंद करले
- अब दोनों नाक से गहरी और तेज गति से स्वांस अंदर लें
- ठीक ऐसे ही तेज गति से स्वांस को बाहर को बाहर निकाले
- गहरी स्वांस लें और गहरी स्वांस छोडें बस इसमे यही क्रिया की जाती है
- इस प्राणयाम खास ध्यान स्वांस को पूरी तरह से गहराई से बाहर निकालने पर दिया जाता है
- इस प्राणायाम में स्वांस को अंदर बाहर करने में अपने पेट का सहारा लें. पेट को भी अंदर बाहर करे.
- 3-5 minutes तक इस प्राणायाम को करना चाहिए
अनुम विलोमा प्राणायाम
अनुलोम विलोम प्राणायाम शारीरिक और मानसिक शुद्धि करता है, मन के बुरे विचार दूर होते है और शरीर के सभी अंग ताज़ा हो जाते है. यह नाड़ी को शुद्ध करता है जिससे पेट के रोगों में बहुत लाभ होता है.
Benefits
- Body में blood circulation को बढ़ाता है
- मानसिक शांति देता है, शरीर के सभी अंगों को आराम देता है.
- पेट के रोग एसिडिटी, गैस आदि को दूर करता है
- पाचन शक्ति को बढ़ाता है
- भूख बढ़ाता है
- यह प्राणायाम एसिडिटी के इलाज के लिए बहुत उपयोगी होता है, जरूर करें.
विधि : Steps
- सिद्धासन में अपनी कमर को सीधी रख कर बैठ जाए
- अब एक उंगली से अपनी left nose को बंद कर दे
- और right nose से breath inhale करे
- अब right nose को एक उंगली से बंद कर दे और left nose से उंगली को हटा ले
- अब left nose से breath को पूरी तरह से exhale कर दें फिर थोड़ी देर रुके
- अब वापस left nose से inhale करे और left nose को बंद कर के right nose से exhale कर दें
- थोड़ी देर रुक कर वापस right nose से inhale कर के right nose को बंद कर दें और left nose से exhale कर दें.
- इस breathing process को अनुम विलोम प्राणायाम कहा जाता है.
- (जिस nose से breath inhale करते है उसी nose से breath को exhale नहीं करना है)
- इस प्राणायाम में गहरी स्वांस लें और गहरी स्वांस छोडें.
एसिडिटी के लिए घरेलु उपाय
- सोने से पहले गाय का ठंडा दूध पिने से acidity पेट में जलन नहीं होती.
- खाना खाने के 20-30 मिनट बाद पेट भरकर पानी पिने से पेट की जलन शांत होती है.
- दिन भर में 12 liter तक पानी पिए. क्योंकि कम पानी पिने से भी एसिडिटी होती है.
- रोजाना खाना खाने के बाद 10 ग्राम गुड़ का सेवन करे.
- जब भी पेट में जलन हो तो अदरक चूसें, अदरक चूसने से पेट व सीने की जलन ख़त्म होती हैं.
- Indian Gooseberry खाने से भी एसिडिटी में रहत मिलती है.
- सीने में जलन होने पर लौंग खाने व चूसने से सीने की जलन का उपचार होता है.
- नारियल पानी पिने से भी पेट और सीने की जलन का इलाज किया जा सकता है.
- सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए इससे एसिडिटी में राहत मिलती है.
- ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां खाये, इनको खाने से एसिडिटी नहीं होती है.
- सुबह उठने के जस्ट बाद ही 2-3 ग्लास पेट भरकर पानी पिने से एसिडिटी दूर होती है.
- खाना खाने से पहले पानी न पिए.
- रोजाना सुबह के समय पर पेट में जलन के योगा और प्राणायाम करे.
- हमने पिछले पोस्ट में एसिडिटी से मुक्ति दिलाने वाले अनोखे आयुर्वेदिक नुस्खे बताये थे आप इस योग की पोस्ट को पड़ने के बाद उसे भी जरूर पड़ें : NEXT PAGE
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उम्मीद है दोस्तों आपको एसिडिटी के लिए योग gas yoga for acidity in Hindi के बारे में पढ़कर व इनके benefits के बारे में जानकार बहुत अच्छा लगा हो. इनको पढ़ने के बाद अब समय आता हैं इनको अपने रोजमर्रा के जीवन में उतारने का इसलिए रोजाना यह योगा करना न भूले.
Dono sambhav hai, Yoga aapko uthne ke turant baad hi nahi karna hai, FRESH hokar yoga karna hai
sir ji namaskar
subah khali pet yoga karna hai
aur subah uthte hi 2 se 3 gilas pani bhi pine k liye bolte hain aap to dono ek sath kaise sambhav hai
Sir very nice.ap aur batao yoga pet ki problm se.
Yoga karne se Acidity nahi hoti aap galt samay par yoga karte honge
मुजे भारी वजन उठाने से व व्यायाम करने व कपालभाति प्राणायाम करने से एसिडिटी बनती है कृपया उपाय बताए।
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