टाइफाइड व बुखार में नाहना चाहिए या नहीं : क्या करे और क्या नहीं

[wps_note size=”20″ background=”#fae588″ color=”#333333″ radius=”3″]टाइफाइड में नहाना चाहिए या नहीं या किसी भी तरह के बुखार में नहाना चाहिए या नहीं यह प्रश्न हर एक रोगी के मन में आता है. इसका जवाब हम आपको जरूर बताएंगे. वैसे जब हम बीमार होते है तो हमे एक ही बात सूझती है की कम्बल लेकर सो जाए. लेकिन जब बीमार हुए 2-3 दिन हो जाते है तो शरीर चिप-छिपा, पसीने से भर जाता है जो की बिलकुल ही बेकार लगता है.[/wps_note]

इसलिए बुखार में नाहने की सोचने लगते है. वैसे ज्यादातर लोग मानते है की बुखार में नहीं नहना चाहिए फिर चाहे वो टाइफाइड बुखार हो या कोई अन्य बुखार हो. लेकिन यह सही नहीं, कई डॉक्टर रोगियों को बुखार में नाहने की सलाह देते है और कुछ मरीजों को नाहने की मना करते है.

टाइफाइड में नहाना चाहिए या नहीं

Bukhar Me Nahana Chahiye Ya Nahi in Hindi

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वो इसलिए क्योंकि सभी रोगियों की बीमारी और उनके शरीर की क्षमता अलग-अलग होती है. जैसे किसी को गर्मी वाली दवा दे रखी है, और बुखार की दवाइयों का कोर्स चल रहा है तो ऐसे में नाहना ठीक नहीं होगा क्योंकि यह शरीर के लिए गलत होगा.

लेकिन अगर आप टाइफाइड या बुखार में सही तरीके से सामान्य तापमान के पानी से नाह सकते है. ऐसा हम इसलिए कह रहे क्योंकि जिस तरह आप बिना बीमारी होने पर नाहते है उस तरह से आपको बुखार मे नहीं नाहना है, चलिए आगे तरीका बताते है.

अगर आपको तेज बुखार है तो आप एक गीले कपडे से अपने शरीर को पोंछ लें, आपको ऐसा बुखार नहीं होने पर करना है, यानी जब शरीर में बुखार नहीं तब आप गीले कपडे से शरीर को साफ कर सकते है ऐसा करने से शरीर का पसीना साफ़ हो जायेगा और आपको अच्छा महसूस होगा.

इसके अलावा आपकी तबियत ज्यादा गंभीर नहीं है तो गर्म पानी से नाह सकते है, नाहते वक्त ध्यान रखे की ज्यादा देर तक पानी में गीले ना रहे जल्दी जल्दी शरीर पर पानी डालकर साफ़ करके उसे पोंछ लें और बाथरूम से एक दम बाहर न निकले.

क्योंकि नाहने के बाद एक दम ठंडी हवा में निकलने से शरीर का तापमान बिगड़ सकता है खासकर बुखार या किसी बीमारी होने पर इसलिए आप इन बातों का ध्यान रखे और रोजाना नहीं नाहये बुखार में एक दिन छोड़कर नाह ले तो भी चलेगा.

टाइफाइड में नाहना चाहिए लेकिन बताये गए तरीके से, इसके अलावा आपको जो दवाइयों का कोर्स दिया गया है उसे पूरा लें चाहे बीमारी ठीक हो जाए लेकिन आपको कोर्स पूरा लेना है. नहीं तो कुछ दिन बाद फिर से बुखार आजायेगा जो की आपको फिर से कमजोर कर देगा.

टाइफाइड की एलोपैथिक गोली ज्यादा लेने से क्या होता है ?

  • अगर कोई रोगी टाइफाइड की गोली ज्यादा लेता है, तो उसे गोली का असर टाइफाइड बुखार पर ज्यादा नहीं होता इसके साथ ही वह शरीर में कई नुकसान भी करने लगती है. ज्यादा दवा लेने से वह साइड इफेक्ट्स भी करने लगती है इसलिए जितनी जरुरत हो उतनी ही दवाई लें और ध्यान रखे बिना किसी डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें नहीं तो आप अगर उस दवा का गलत तरीके से उपयोग कर लेंगे तो वह बहुत नुकसान कर देगी.

क्या टाइफाइड में भिंडी खाना चाहिए या नहीं

  • टाइफाइड में भिंडी खा सकते है, भिंडी में विटामिन A,B,C भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो की बीमारी की अवस्था में बहुत ही फायदेमंद होता है. इससे रोगी को कमजोरी नहीं आती और ताकत मिलती है. इसके साथ ही यह पेट को साफ़ करने आंत और पेट की ऐठन में भी आराम मिलता है. इसलिए आप बेशक भिंडी का सेवन कर सकते है, इसके साथ ही हरे पत्तेदार सब्जियां भी खाये जैसे पालक आदि और फलों का रस भी पिए.

टाइफाइड में मूंग दाल ढोकला

  • टाइफाइड में मूंग की दाल तो बहुत ही फायदेमंद होती है, इसके लिए आप मूंग की दाल का पानी और मूंग की दाल को उबालकर भी खा सकते है. इनमे बहुत प्रोटीन और विटामिन्स होते है जो की रोगी के लिए बहुत लाभदायक होते है. पहले के समय में मूंग की दाल बहुत पसंद करते थे सब लोग क्योंकि यह सेहत के लिए हर नजर से सही होती है, इसका पाचन भी ठीक से होता है और पेट साफ़ भी होता है. मूंग की दाल ढोकला आदि आप खा सकते है.

टाइफाइड में मिर्च खाये या नहीं

  • मिर्च तेज होती है और शरीर में जलन करती है, खासकर बीमारी की अवस्था में यह सही नहीं होती है. पेट के अंदर जाकर आंतो में जलन करती है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है की वह बिना मिर्च के भोजन ही नहीं करते. लेकिन आप ध्यान रखे की बीमारी की अवस्था में कम मिर्च मसाले वाला भोजन करे, क्योंकि मिर्ची भोजन को पचाने में समस्या करती है और जलन पैदा करती है.

क्या टाइफाइड में चाय पीते है या नही

  • टाइफाइड में चाय कॉफ़ी पि सकते है लेकिन बेहतर होगा की आप इसे न पिए, क्योंकि चाय कॉफ़ी में ऐसे पदार्थ होते है जो की शरीर को नुकसान करते है, खासकर जब आप खाली पेट हो और बीमार की अवस्था में शरीर पहले ही कमजोर रहता है ऐसे में अगर आप ऐसी चीजों का सेवन करेंगे तो इससे शरीर कमजोर तो होगा ही साथ ही टाइफाइड ठीक होने में समय भी लेगा. इसके बदले आप दूध पिए, दूध इसके बदले आपको शारीरिक ताकत देगा और आपकी कमजोरी को दूर करेगा. टाइफाइड में चाय ले सकते है लेकिन सिर्फ 1-2 बार वह भी ध्यान रखे की खाली पेट होने पर नहीं ले तो अच्छा होगा.

टाइफाइड पेशेंट के संपर्क में आना से टाइफाइड हो सकता है क्या

  • ऐसा कहना ठीक नहीं होगा, टाइफाइड के रोगी के पास आप बैठ सकते है, बाते कर सकते है बस आप उसका झूठा न खाये बस क्योंकि टाइफाइड का जो बैक्टीरिया होता है वह झूठन और छिनक के जरिये दूसरे व्यक्ति तक जा सकता है. जब रोगी छींके तो उससे कहे की वह रुमाल का इस्तेमाल करे. वैसे ऐसा बहुत कम ही होता है क्योंकि यह टाइफाइड का रोग छुआछूद का नहीं होता इसलिए ज्यादा फ़िक्र की भी बात नहीं है बस आप उसका झूठा न खाये.

टाइफाइड में कमर दर्द

टाइफाइड में कमर दर्द होना यह बताता है की आपके शरीर में विटामिन्स की कमी है. यह टाइफाइड के साथ अपने आप ठीक हो जाता है इसके लिए कोई अलग से इलाज की जरुरत है नहीं होती. लेकिन अगर आपको बहुत ज्यादा ही कमर में दर्द हो रहा है तोह फिर आप डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज करवाए. इसके अलावा हमने कुछ घरेलु उपाय व आयुर्वेदिक नुस्खे बताये है उनको आजमाकर भी आप कमर दर से छुटकारा पा सकते है इसके लिए आप यह पोस्ट्स पड़े : कमर दर्द ख़त्म करने का इलाज

क्या टाइफाइड में paracetamol उसे कर सकते है

  • पेरासिटामोल की गोली का सेवन आप बुखार को उतरने के लिए कर सकते है वह भी शुरुआत में जब अपने डॉक्टर को नहीं दिखाया हो, क्योंकि यह दवा बुखार उतारती है बुखार को शरीर से बाहर नहीं करती व जड़ से इलाज नहीं करती. इसलिए टाइफाइड होने पर शुरुआत में इसका उपयोग किया जा सकता है बाकी फिर आप समय पर डॉक्टर को दिखाए और उनके दिए हुए कोर्स का सेवन करे.

बार बार डबल टाइफाइड होना, दो साल में दुबारा टाइफाइड होना

  • इस बात पर हमने पहले भी चर्चा की थी और बताया था की टाइफाइड का जब जड़ से इलाज नहीं किया जाता तो यह वापस हमला करता है, यह हमला तब करता है जब शरीर में टाइफाइड के बैक्टीरिया की क्षमता और बढ़ जाती है. यह बैक्टीरिया जब तक उसे मौका नहीं मिलता शरीर में रहता है फिर जैसे ही आपको सर्दी जुकाम होता है जरा तबियत ख़राब होती है तो यह बैक्टीरिया भी अपना असर दिखाने लगता है.
  • तोह बार बार टाइफाइड आने से बचने के लिए पहली बात तो जो डॉक्टर आपको दवाइयों का कोर्स देता है उसका पूरा सेवन करे और खान पान पर ध्यान दे इसके अलावा हमने टाइफाइड के लिए एक दवा भी बता रखी है उसे आप लें तो फिर जिंदगी में दुबारा टाइफाइड नहीं होगा. बार बार टाइफाइड और टाइफाइड को जड़ से ख़त्म करने के लिए यह दवा लें सिर्फ 60 रुपए की : टाइफाइड जड़ से ख़त्म करने की दवा मेडिसिन

तो दोस्तों यहाँ हमने आपको (typhoid fever bath in Hindi) bukhar me nahna chahiye ya nhi टाइफाइड में नहाना चाहिए या नहीं के बारे में व इसके अलावा बाकी सवालों के जवाब दे दिए है. हमने टाइफाइड पर पहले जो पोस्ट लिखे थे उनको भी आप एक बार जरूर पड़ें.

शायद आप नहीं जानते होंगे की एक बार टाइफाइड बुखार आजाने पर उसके कीटाणु शरीर में अगले छह महीने तक शरीर में रहते है, इसलिए एक बार टाइफाइड होने पर अपनी सेहत का बात का विशेष ध्यान रखे ताकि वापस से वह कीटाणु शरीर पर हावी न हो पाए. इसके लिए आप रोजाना तुलसी के पत्तो का सेवन अवश्य करे.

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आयुर्वेद एक असरकारी तरीका है, जिससे आप बिना किसी नुकसान के बीमारी को ख़त्म कर सकते है। इसके लिए बस जरुरी है की आप आयुर्वेदिक नुस्खे का सही से उपयोग करे। हम ऐसे ही नुस्खों को लेकर आप तक पहुंचाने का प्रयास करते है - धन्यवाद.

6 Comments

  1. क्या टाइफाइड से ग्रसित माता अपने शिशु को अपना स्थनपान(दूध) पिला सकती है।

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