त्रिफला चूर्ण खाने के फायदे और बनाने के सही तरीके जानिए : त्रिफला चूर्ण कई सालों से उपयोग किया जाता आ रहा है, यह पेट के सभी रोगों के लिए, पाचन के लिए, एक अच्छी सेहत बनाये रखने के लिए रामबाण उपाय है. इस चूर्ण को कई तरह से लिया जाता है, त्रिफला चूर्ण लेने के तरीके सेवन विधि अलग अलग होती है और जो परेशानी आपको है उसी मुताबिक इसका सेवन किया जाता है. यह बाते बहुत कम व्यक्तियों को ही पता है इसीलिए आज हम यहाँ आपको घर पर त्रिफला चूर्ण कैसे बनाये और त्रिफला लेने की विधि के बारे में पूरी जानकारी देंगे.
त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि सही तरीका
- त्रिफला चूर्ण तीनो फलों का मिश्रण होता है, यह तीन सूखे फलों का पाउडर होता है. इसको अगर आप सुबह खाली पेट लेंगे तो अलग फायदा करेगा, रात को सोते समय लेंगे तो अलग फायदे करेगा. इस तरह इसके अलग अलग लाभ होते है आइये जाने how to make triphala churna in Hindi में.
- सबसे पहले हम आपको इसको बनाने की विधि के बारे में बताते है, फिर लेने की विधि के बारे में बताएंगे और आखिर में त्रिफला के फायदे क्या क्या होते है उसके बारे में बताएंगे.
- त्रिफला चूर्ण को आप वैसे बाजार से खरीद सकते है, यह बना बनाया भी मिलता है, पतंजलि का त्रिफला चूर्ण भी मिलता है आप उसको भी ले सकते है. बाकी इस आप घर पर भी बना सकते है काफी आसान है इसे बनाना. हमारी नजर में पतंजलि की कंपनी का त्रिफला चूर्ण सबसे अच्छा होता है और बेहतर होगा अगर आप इसे घर पर ही बनाये तो.
- त्रिफला का सेवन दुबले पतले लोग भी कर सकते है, यह पतले लोगों की सेहत को भी तेजी से अच्छा कर देता है, भूख खोल देता है आदि.
- त्रिफला को रोजाना लेने से ब्लड प्रेशर भी ठीक रहता है
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Triphala Churna Banane Ki Vidhi : हरड़े 100 ग्राम, बहेड़ा 200 ग्राम, आंवला 300 ग्राम इस तरह इतनी मात्रा में यह सभी चीजे लें और इन्हे धुप में सुखाने के लिए रख दें, ऐसे रखे की धुप की रोशनी इनपर गिरती हो, इन्हे तब तक धुप में रखे जब तक की यह सुख न जाए फिर बाद में सुख जाने पर इन्हे बारीक पीस कर पाउडर बना लें.
पाउडर बनाने के बाद तीनो को बताई गई मात्रा में लेकर आपस में मिला ले और एक डिब्बे में बंद कर के रख दें. अब यह त्रिफला चूर्ण बनकर तैयार हो चूका है इसका आप उपयोग कर सकते है. यह जो रेश्यो हमने बताया है यह खुद बाग्वट जी द्वारा बताया गया है और इसे पतंजलि की त्रिफला में भी ऐसे ही रेश्यो (अनुपात) में बनाया जाता है.
त्रिफला चूर्ण लेने की विधि सही तरीका यह है
अगर आप सुबह त्रिफला लेना चाहते है तो इसको गूढ़ या शहद के साथ दोनों में से किसी एक के साथ ले. और रात में सोते समय दूध या गुनगुने पानी के साथ त्रिफ़ल चूर्ण ले.
इस तरह दोनों टाइम पर अलग अलग तरीके से त्रिफला लिया जाता है, सही तरीके से. हमने ऊपर आपको बताया था की इसको अलग अलग समय पर लेने से अलग अलग फायदे होते है इसलिए यह न सोचे की दोनों समय दूध से ही ले या शहद से ही ले.
रात को जो त्रिफला आप लेंगे दूध या गुनगुने पानी के साथ तो यह त्रिफला रेचक की तरह काम करेगा, रेचक मतलब पेट को साफ़ करने वाला, बड़ी आंत की सफाई करने वाला, शरीर के सभी अंगों की सफाई करने वाला.
रात को इस तरह लिया गया त्रिफला कब्ज, अपचन, पेट दर्द आदि पेट की व पाचन से जुडी समस्या को ख़त्म करता है और पेट को पूरा खुलकर साफ़ करता है. यह तरीका पुरानी से पुरानी कब्जियत को भी मिटा देता है.
सुबह के समय लिया गया त्रिफला गूढ़ या शहद के साथ तो यह पोषक होता है. पोषक यानी शरीर को विटामिन्स देने वाला, शरीर को तत्वों की जरूरत होती है Vitamin A, Vitamin B, Vitamin C,D etc iron, Calcium आदि सुबह इस तरह लिया गया त्रिफला शरीर को पोषक तत्व देता है.
एक दो चम्मच त्रिफला के पाउडर का सेवन आप कर सकते है, तो कब्ज ख़त्म करने पेट को अच्छे से साफ़ करने के लिए रात में इसे ले और अगर आपके शरीर में विटामिन्स आयरन कैल्शियम की कमी है पोषक तत्वों की कमी है तो सुबह लें. इसे आप दोनों समय भी ले सकते है. तो यह था त्रिफला लेने की विधि सही तरीका अब हम इसको खाने के फायदे और नुकसान के बारे में बताते है.
त्रिफला के फ़ायद
- वजन कम करने के लिए त्रिफला : त्रिफला का सेवन मोटापे को रोकता है और वजन को बढ़ने नहीं देता, यह हमारे पेट की बड़ी आंत और कोलन के लिए बहुत फायदेमंद होता है. कोलन को यह मजबूत करता है, उसे साफ़ करता है, शरीर के मेटाबोलिज्म को अच्छा बनाये रखता है जिससे शरीर का अतिरित्क मोटापा घटता है. त्रिफला को मोटापे के लिए आप त्रिफला के काढ़े में शहद मिलाकर भी ले सकते है.
- आंखों के लिए : त्रिफला आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी काफी मददगार होता है, यह आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद जैसी बीमारियों को भी ख़त्म करता है. इसके लिए आप एक ताम्बे के लोटे में पानी भरे और उसमे दो चम्मच त्रिफला चूर्ण डालकर रख दें फिर सुबह कपडे से अच्छे से छानकर उस पानी से अपनी आंखों को धोये. ऐसा करने से आँखों की रौशनी तेज होती है.
- त्वचा के लिए : त्वचा से जुड़े रोगों को ख़त्म करने में त्रिफला बहुत लाभ करता है. त्वचा को स्वस्थ करता है, त्वचा में चमक लाता है, मर्त कोशिकाओं को हटाता है और रोमछिन्द्रो को साफ़ करता है साथ ही शरीर के खून को भी साफ़ करता है. चहरे की पिम्पल्स, निशान, काले धब्बे आदि सब को ठीक करता है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन C होता है और विटामिन C त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है. त्रिफला से सभी तरह के pimple मुंहासे दूर होते है.
- कब्ज एसिडिटी : त्रिफला चाहे कितनी ही पुरानी कब्ज क्यों न हो उसे भी दूर कर देता है, कुछ ही दिनों के उपयोग से कब्ज एसिडिटी पेट की जलन आदि से छुटकारा मिल जाता है.
- पेट साफ़ करने के लिए : त्रिफला से बेहतर पेट साफ़ करने वाला कोई उपाय नहीं होगा, यह पूरा प्राकृतिक शरीर को कोई नुकसान नहीं करता और पेट को पूरा साफ करता है, आँतों की सफाई करता है, शरीर के सभी विषाक्त पदार्थ को बाहर निकाल देता है.
- दांतों के लिए : त्रिफला में एंटी- इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते है. दांतो का पीलापन, मेल जमना, दांतो के कीड़े, मसूड़ों में सूजन आदि दांतो की सभी समस्याओ को दूर करता है.
- सफ़ेद दाग में भी त्रिफला का सेवन बहुत लाभ करता है, क्योंकि त्रिफला में विटामिन D और विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है, त्वचा के लिए यह विटामिन्स बहुत जरुरी होते है. इसीलिए त्रिफला का सेवन सफ़ेद दाग में फायदेमंद होता है. त्रिफला चूर्ण के पानी में पालक, चने, बथुआ, मूंग, परवल आदि भिगोकर इनका सेवन करे और उन सभी चीजों का ज्यादा सेवन करे जिनमे विटामिन D ज्यादा मिलता हो.
- त्रिफला बहुत ही चमत्कारी उपाय है, अगर आप सही ढंग से इसके इस्तेमाल करे तो आपको कभी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़े. पूरा शरीर स्वस्थ, तन स्वस्थ, मन स्वस्थ यह बनाता है.
- मुंह से बदबू आना : जिन लोगों के मुँह में बदबू आती है, साँस में बदबू आती है उनकी बदबू आना भी त्रिफला लेने से बंद हो जाती है. मुंह की सभी दुर्गन्ध ख़त्म हो जाती है.
- बालों के लिए : बालो की समस्या जैसे बाल झड़ना, बालों का पतला होना, छोटे बाल आदि सभी को यह ठीक करता है. इसके लिए त्रिफला का तेल लगाए, त्रिफला के कैप्सूल खाये.
- त्रिफला का तासीर गर्म होता है, इसीलिए अगर कोई व्यत्कि ज्यादा मात्रा में त्रिफला का सेवन करे तो उसे इसके नुकसान हो सकते है. इसलिए सलाह दी जाती है की लम्बे समय में अगर आप त्रिफला का सेवन करना चाहते है तो कम मात्रा में त्रिफला खाये और गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिला को त्रिफला न दें.
- पाचन शक्ति : त्रिफला चूर्ण पाचन शक्ति को दो दूना कर देता है, भोजन अच्छे से पचने लगता है और अपच की समस्या भी ख़त्म हो जाती है.
- भूख खुलना : त्रिफला के सेवन से पेट अच्छे से साफ़ होता है, इस वजह से भूख खुल जाती है आपको ज्यादा भूख लगने लगती. पेट ठीक से साफ नहीं होने पर हमारी भूख मर जाती है क्योंकि पेट में विषाक्त पदार्थ पड़े होते है लेकिन त्रिफला उन्हें हटा देता है जिससे भूख खुल जाती है.
- वात, पित्त कफा : त्रिफला चूर्ण वात पित्त और कफ तिनको को नियंत्रित करता है, जिससे कई रोगों से बचाव होता है और स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है.
- क्या त्रिफला को व्रत में ले सकते है, त्रिफला एक दवा है और दवा चाहे कैसी भी हो उसे आप किसी भी हालत में सकते है. वैसे भी त्रिफला में ऐसा कुछ भी नहीं होता जो की आपके व्रत को तोड़ता हो. यह फलों को सुखाकर बनाया जाता है इसलिए आप बेफिक्र होकर व्रत में भी त्रिफला ले सकते है.
त्रिफला के नुकसान क्या होते है
- त्रिफला को गर्भवती महिला न ले
- त्रिफला को स्तनपान कराने वाली महिला न ले
- 6-7 साल से छोटे बच्चों को त्रिफला न दें
- कुछ लोगों में त्रिफला लेने से नींद ज्यादा आने लगती है
- अगर आप त्रिफला कुछ दिन तक लेना चाहते है तो ज्यादा मात्रा में ले सकते है बाकी अगर आप इसको लम्बे समय तक लेना चाहते है तो कम मात्रा में ले.
- ज्यादा त्रिफला लेने से दस्त भी हो जाते है
- 10 इंच लिंग मोटा करने के यन्त्र (PUMP)
यह थे त्रिफला खाने के फायदे और लेने की विधि सही तरीका इसके अलावा हमने आपको घर पर त्रिफला चूर्ण कैसे बनाये बनाने का तरीका भी बता दिया है. आप चाहे तो पतंजलि का त्रिफला चूर्ण भी ले सकते है. उम्मीद करते है बताई गई जानकारी से आपको बहुत अच्छे से समझ आई होगी. त्रिफला त्रिदोषों को कण्ट्रोल करता है अगर हम त्रिफला को सही तरीके से लेते रहे तो यह शरीर को रोग में गिरने ही नहीं देता है.
अगर हमारा पाचन सही से होता रहे तो असल में शरीर में कोई रोग पैदा होता ही नहीं और यह त्रिफला पाचन को ही ठीक करता है जिससे वात पित्त कफ बैलेंस में रहते है.
Patanjali triphala is not good