छोटे बच्चों में बुखार का जड़ से इलाज 10 देसी आयुर्वेदिक उपाय

[wps_note size=”20″ background=”#000000″ color=”#ffffff” radius=”3″]छोटे बच्चों के बुखार का इलाज बताओ क्या है कई तरह के घरेलु उपाय होते हैं जिनके जरिये हम शिशु की तबियत से घर पर ही छुटकारा पा सकते हैं.[/wps_note]

पिछले समय में जब इतनी आधुनिकता नहीं थी तब हमारी दादी नानी छोटे बच्चों के तेज बुखार को घर पर ही ठीक कर दिया करती थी, इसी तरह वह हर तरह के रोग को बड़ी आसानी से बिना किसी नुकसान के ख़त्म कर देती थी. तो हम यहां आपको ऐसे ही सरल उपायों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी मदद से आपको बहुत लाभ होगा.

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शरीर गर्म क्यों होता हैं

  • सामान्यतः बुखार का आना इस बात का संकेत देता हैं की आपके शरीर में कोई रोग हैं. यानी जब हमारे शरीर में कोई बाहरी संक्रमण (वायरस) पहुंच जाता हैं तो हमारा शरीर उस वायरस को शरीर से बाहर निकालने के लिए प्रतिक्रिया करता हैं और इसी प्रतिक्रिया में व्यक्ति का शरीर गर्म हो जाता हैं जिसे हम बुखार कहते हैं. यही का कारण हैं, डेंगू, चिकनगुन्या, मलेरिया, टाइफाइड आदि सभी रोगों में ऐसा ही होता हैं.
  • इस पोस्ट को पूरा निचे, एन्ड तक पड़ें, जल्दबाजी न करे.

बच्चों में बुखार का कारण

  • शिशु यानि छोटे बच्चों में बुखार आना सामान्य सी बात होती हैं क्योंकि उनका शरीर काफी नाजुक रहता हैं इसलिए मौसम का जरा सा बदलाव भी उन्हें प्रभावित करता हैं इस वजह से भी अक्सर बुखार आ जाता हैं.
  • जिन बच्चों व वयस्कों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती हैं उनको बुखार इतनी आसानी से नहीं आता हैं लेकिन बच्चे छोटे होते हैं इसलिए उनका शरीर अभी कच्चा होता हैं इस वजह से उनके पास इतनी मजबूत रोगप्रतिरोधक क्षमता नहीं होती जो की मौसम के परिवर्तन आदि को सम्हाल सके.
  • तो एक तो मौसम के परिवर्तन से ज्यादातर बच्चों का बुखार आता हैं और दूसरे कारण हैं सर्दी जुकाम होना, खांसी होना बाहरी किसी संक्रमण के वजह से आदि.

बच्चों में सामान्य व वायरल बुखार के लक्षण

  • खांसी होना
  • सर्दी जुकाम होना
  • उलटी होना
  • गले में दर्द महसूस होना
  • दस्त होना
  • नाक बहना
  • सिर में दर्द होना
  • सिर का तेज गर्म होना
  • शारीरिक थकान होना
  • मन उदास
  • सुस्त होना

अब हम आपको बच्चों के बुखार के घरेलु नुस्खे बताएंगे इनके जरिये आप घर पर ही बच्चों की तबियत को ठीक कर सकते है.

बच्चों के बुखार का इलाज बताओ

Bachon Ke Bukhar Ka ilaj in Hindi

अदरक और शहद

  • यह उपाय बच्चों के बुखार बहुत ही असरदार हैं अगर किसी बच्चे को सर्दी जुकाम लग कर बुखार आई हो तो यह 100% यह सर्दी खांसी दोनों को दूर कर देगा व बुखार में भी आराम देगा. इसके लिए आप थोड़ा सा अदरक और शहद लें.
  • सबसे पहले थोड़े से अदरक को बारीक़-बारीक़ पीसकर उसके रस को निकाले अब अदरक के इस रस को एक चम्मच शहद में मिला दें. दोनों को अच्छे से मिलाये और रोगी को यह चटा दें. एक चम्मच शहद में 10-15 ग्राम अदरक का रस मिलाए.
  • रोजाना नियमित रूप से रात को सोने से पहले व सुबह के वक्त इस घरेलु नुस्खे का प्रयोग करे. बस एक बात ध्यान रखे की इस प्रयोग को करने के 40 minutes बाद तक पानी बिलकुल भी न पिए. इस तरह 2-3 दिन तक इस प्रयोग को करने से आपके बच्चे के बुखार का घरेलु उपचार हो जायेगा. इस उपाय को आप बच्चों का सर्दी जुकाम लग कर बुखार आने को भी दूर करने के लिए यह कर सकते हैं.

बच्चे के तेज बुखार में क्या करे

  • बच्चों के तेज बुखार में आप ठंडी पट्टी रखे. ठन्डे पानी की पट्टी या बर्फ की पट्टी का प्रयोग डॉक्टर भी करते हैं इस प्रयोग को करने से तेज से तेज बुखार भी ख़त्म हो जाता हैं.
  • एक कपडा लीजिये और उसे ठन्डे पानी में भिगो कर निचोड़ लें और रोगी के सिर पर रख दें फिर जब यह कपडा सुख जाए तो वापस पानी में गिला करके रोगी के सिर पर रखें. इससे भी तापमान कम होता है, सर पर ठंडा कपड़े रखने से बच्चों के बुखार का तापमान कम होता है.

तुलसी का उपयोग

  • बच्चों के लिए तुलसी : तुलसी का आयुर्वेद में अच्छा स्थान हैं, ऐसा कोई सा भी रोग नहीं हैं जिस रोग का उपचार तुलसी न करती हो. बुखार जैसे रोग में तो यह रामबाण इलाज का काम करती हैं.
  • डेंगू चिकिनगुन्या जैसे रोगों में तुलसी का काढ़ा लेने से चंद दिनों में बहुत आराम मिलता है और रोग ख़त्म हो जाता हैं. आप अपने बच्चे यानि शिशु को भी तुलसी का काढ़ा बनाकर दे सकते हैं इसके सेवन से कुछ ही दिनों में आपके बालक की तबियत ठीक हो जाएगी.

  • ऐसे बनाये काढ़ा – 14 तुलसी की पत्तियां लें, 2-3 लौंग, 9 ग्राम अदरक, 3-4 कालीमिर्च और इलाइची और 450 MG पानी. इन सभी चीजों की काढ़ा बनाने में जरूरत लगेगी. सबसे पहले एक बर्तन में 450 MG पानी डाले और अच्छे से उबाले, जब पानी अच्छे से उबलने लगे तो इसमें कालीमिर्च, अदरक और लौंग को पीसकर डाले.
  • अब 2-3 मिनट्स रुके और फिर तुलसी की पत्तियां दाल दें और ऊपर से थोड़ा गुड़ भी मिला दें ताकि यह स्वाद में ज्यादा कड़वा न रहे बस अब इसे 5-6 मिनट तक अच्छे से उबलने दें.
  • जब यह काढ़ा उबल कर आधा रह जाए तो इसे गैस से निचे उतार लें और ठन्डे होने का इंतजार करे फिर रोगी को यह पीला दें. रोजाना रात को सोने से पहले यह प्रयोग करे. इसके अलावा अपने बच्चे को रोजाना सुबह खली पेट 3-4 तुलसी के पत्ते खिलाये ऐसा रोजाना हमेशा करते रहने से आपके शिशु बच्चे को कभी भी बुखार नहीं आएगा.

#1. 2 कालीमिर्च और 3 तुलसी के पत्ते लें इनको अच्छे से बारीक पीस लें और फिर एक चम्मच शहद में मिलाये. अच्छे से मिलाकर रोगी को यह चटा दें. इस प्रयोग को दिन में सुबह, दुपहर व शाम तीनो समय पर करने से तबियत ठीक हो जाएगी.

#2. बच्चों के बुखार में काकड़ासिंगी और पीपल का चूर्ण लें. अब इन दोनों को एक चम्मच शहद (honey) के साथ 2/3 चुटकी की मात्रा में लेकर बच्चे को खिलाने से बुखार ख़त्म होता हैं.

#3. यह बीमार पड़ने पर सर्दी जुकाम के प्रकोप को कम करने में बहुत ही असरदार उपाय हैं – जायफल को अच्छे से बारीक पीस लें अब इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर रोगी की छाती और नाक पर लगाए ऐसा करने से बुखार और सर्दी जुकाम से आराम मिलता हैं.

दिव्यधारा पतंजलि की दवा

  • दिव्यधारा पतंजलि का एक उत्पाद हैं जो की सर्दी जुकाम और सिर दर्द के लिए रामबाण होती हैं. चाहे कैसा भी सिर दर्द हो जरा सी दिव्यधारा सिर पर लगाने से तुरंत ही आराम मिलता हैं. इसके अलावा यह सर्दी को भी तुरंत दूर करता हैं और जो व्यक्ति रोजाना रात को सोने से पहले थोड़ी सी दिव्यधारा को अपनी शर्ट के बटन के पास लगाकर सोता है उसे रात में सर्दी नहीं होती, सुबह भी उसकी खुली ही रहती है. बच्चे को सर्दी लग कर बुखार आने पर क्या करे ?

तुरंत सर्दी दूर करने के लिए भांप –

  • एक बर्तन में थोड़ा पानी डालकर उसे अच्छे से उबाल लें और फिर उस पानी को गैस से निचे उतारकर रख लें अब एक कम्बल लें अब उस पानी के बर्तन को अपने नजदीक रख लें और आप बैठ जाए आप कम्बल से अपने पुरे शरीर को ढंक लें अब आखिर में दिव्यधारा की 2-3 बून्द उस गरम पानी में डाल दें. अगले 10 मिनट तक भांप लेते रहे. यह भांप इतनी तेज होगी की शुरुआत में आप इसे सहन ही नहीं कर पाएंगे के लिए थोड़ी ही देर में आप पाएंगे की आपकी नाक पूरी तरह खुल गई हैं. इस प्रयोग को करने के बाद एक दम खुली हवा में न जाए.

शिशु को क्या खिलाये

  • रोग की अवस्था में छोटे बच्चे को आप जितना हो सके तरल चीजे खिलाये. छोटे बच्चों को पाचन तंत्र बहुत कमजोर होता हैं इसलिए बीमार पढ़ने पर उन्हें तरल चीजे ज्यादा खिलाये. यह उनको आसानी से पच भी जाएंगी और रोगी को कमजोरी भी नहीं आएगी. डिहाइड्रेशन के खतरे से बच्चे रहने के लिए बच्चे को नारियल पानी, ग्लूकोस, फलों का रस आदि पिलाते रहे.

टिका आदि लगवाते रहे

  • छोटे बच्चों को टिका लगवाते रहे, छोटे बच्चों के लिए अस्पतालों में कई तरह के ठीके लगाए जाते हैं जो की बच्चे की सेहत के लिए बहुत जरुरी होते हैं. इसलिए आप ऐसे किसी भी तरह के ठीके को लगवाने से बिलकुल भी न चुके. रात को सोते वक्त अपने शिशु को पुरे कपडे पहनाकर रखे.  अपने बच्चे को मच्छरों से बचाने के लिए मच्छर दानी व कोइल का प्रयोग करे शिशु को रोजाना तुलसी के पत्ते खिलाये ऐसा करने से वह आसानी से बीमार नहीं पड़ेगा. समय पर डॉक्टर को दिखाते रहे व डॉक्टर द्वारा दी जा रही गोली दवाये बच्चे को नियमित रूप से देते रहे.

अपने छोटे बच्चे की सेहत का पूरा-पूरा ध्यान रखें कहीं उन्हें सामान्य fever के साथ-साथ मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू जैसे अन्य बुखार होने न पाए.

इस पोस्ट को पूरा निचे, एन्ड तक पड़ें, जल्दबाजी न करे.

  • क्या आपके बचे को सर्दी जुकाम खांसी भी है तो इस लेख का अगला पेज भी अवश्य पड़ें –
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तो दोस्तों उम्मीद करते हैं की आपको छोटे बच्चों के बुखार का इलाज बताएं क्या है, bachon ke bukhar ka ilaj btaye के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। यह सभी घरेलु नुस्खे बहुत सहयोगी रहेंगे बच्चों को बार बार बुखार आता हैं तो तुलसी के पत्तों का बताया गया प्रयोग जरूर करे इससे जीवन कभी भी वह बीमार नहीं पड़ेगा।

जो आसान से नुस्खे और आयुर्वेदिक उपचार यहाँ बताया है वह आपको और कहीं नहीं मिलेगा। यह काफी आसान और असरकारी तरीके है जिनसे घर बैठे ही बच्चों में बुखार को ठीक किया जा सकता है।

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आयुर्वेद एक असरकारी तरीका है, जिससे आप बिना किसी नुकसान के बीमारी को ख़त्म कर सकते है। इसके लिए बस जरुरी है की आप आयुर्वेदिक नुस्खे का सही से उपयोग करे। हम ऐसे ही नुस्खों को लेकर आप तक पहुंचाने का प्रयास करते है - धन्यवाद.

2 Comments

  1. Bahut achcha nuska hai keunki mai bhi aayurvedh se jude rahta hun.
    dhanywad nuska batane wale ka

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