पेट की कब्ज का इलाज बताएं क्या है देर रात को भोजन करना, भोजन करने के बाद तुरंत सो जाना, समय पर मल त्याग नहीं करना खासकर यह तीनो कब्जियत को जन्म देते हैं.
इस दौर में बदलती दुनिया में मानव की जीवनचर्या भी काफी बदल चुकी हैं. इसी वजह से ज्यादातर व्यक्ति कब्जियत रोग से परेशान दिखाई पड़ते हैं. चलिए आज हम यहां आपको नए पुरानी कब्ज से छुटकारा, निजात व रोकने दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय बताएंगे.
- पेट का ठीक से व पूरी तरह से साफ़ नहीं होना ही kabz कहलाता हैं.
यह रोग पाचन की एक अधूरी क्रिया का नाम हैं, यानी इंडिगेस्टिव व मल को पूरी तरह से बाहर नहीं करना ही इस रोग का मुख्य कारण हैं. मल निष्काशन एक ऐसी क्रिया हैं की अगर इसे समय पर नहीं किया जाए तो यह कई बड़े-बड़े रोग पैदा कर सकती हैं.
- इस पोस्ट को पूरा निचे तक पड़ें, जल्दबाजी न करे. क्योंकि इसमें आसान से सबसे असरकारी उपायों के बारे में बताया है साथ ही निचे कुछ पोस्ट भी दिए है उनको भी पड़ें.
जब हम भोजन करते हैं तो शरीर उस भोजन में से उपयोगी पदार्थ को ग्रहण कर लेता हैं फिर इस भोजन में जो अनुपयोगी पदार्थ रह जाता हैं उसे हम मल कहते हैं.
(मल यानी कचरा) और इस मल को शरीर अपने अंदर से जल्द से जल्द बाहर निकालना चाहता हैं. क्योंकि अब यह शरीर के लिए किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं हैं, बल्कि जितनी देर आप इसे रोकेंगे यह शरीर को उतना ही नुकसान करेगा.
कब्ज कैसे और क्यों होता है
- कब्ज रोग आंतड़ियों में फंसे मल के कारण होता हैं. इस अवस्था में मल बहुत गाढ़ा हो जाता हैं, व व्यक्ति को इसे शरीर से बाहर निकालने में बहुत परेशानी होने लगती हैं, उसे मल को बाहर निकालने में जोर लगाना पड़ता हैं. (यह इस रोग का आम सामान्य कारण हैं).
- अब आप ही सोचिये की कब्ज के रोगी को मल त्यागने में जोर क्यों लगाना पड़ता हैं ?? क्योंकि रोगी का मल सुख जाता हैं, वह इसलिए सुख जाता हैं क्योंकि उसमे तरलता नहीं होती व भोजन के ठीक से न पचने के कारण भी यही होता हैं. चलिए क़ब्ज़ रोग का घरेलु उपचार जानने के पहले कब्ज के कारण के बारे में थोड़ी और गहराई से समझने की कोशिश करते हैं.
कब्ज की शुरुआत
- जब हम भोजन करने के बाद तुरंत सो जाते हैं तो ऐसे में हम भोजन को पचाने के पर्याप्त पानी नहीं पि पाते. इस बिच पेट में गया हुआ भोजन ठीक से नहीं पच पाता, वह गाढ़ा हो जाता हैं. व आंतड़ियों में फंस जाता हैं. यही क्रिया कब्ज के दौरान होती हैं. इसके अलावा निचे दी जा रही बातें भी कब्ज का कारण हो सकते हैं.
- शरीर में पानी की कमी होना
- एक समय पर भोजन नहीं करना
- ज्यादा चाय, कॉफ़ी का सेवन करना
- शरीर में फाइबर की कमी होना
- कैल्शियम और पोटैशियम कम मात्रा में होना
- भोजन को चबा-चबाकर नहीं खाना
- नशीली चीजों का ज्यादा सेवन करना जैसे दारु, ड्रग्स, स्मोकिं आदि
- ज्यादा मसालेदार भोजन करना
- भोजन करने के बाद तुरंत सो जाना
- भोजन करने के बाद नहीं टहलना
- मुंह में छाले पड़ना
- कब्ज के रोगी को किसी भी चीज का ठीक से स्वाद नहीं ले पाता हैं
- रोगी की जीभ मटमैली होने लगती हैं
- किसी भी तरह का शारीरिक श्रम नहीं करना जैसे GYM, exercise, walking etc
- बिना भूख के भोजन करना आदि
कब्ज के लक्षण
- अपनी सांसों में बदबू आना, मुंह से बदबू आना
- भूख कम लगना, या न के बराबर लगना
- जी मचलना व सिर में दर्द होना
- चहरे पर फुंसियां होना
- पेट दर्द व पेट भारी-भारी सा लगना
- मल त्याग करते समय मल त्यागने में जोर लगाना
- बार-बार ऐसा महसूस होना जैसे की मुझे और लेटरिंग आ रही हैं
- मल का गाढ़ापन भी कब्ज का लक्षण हैं
- एक बार यह सभी भी जरूर पड़ें :
- खट्टी डकार आने का इलाज
- त्रिफला चूर्ण से करे कब्ज का उपचार
- बाबा रामदेव से जाने कब्ज का रामबाण इलाज
- तुरंत एसिडिटी ठीक करने का इलाज
- पेट में गैस का घरेलु उपचार
- मुँह से बदबू आना का इलाज के उपाय
- बच्चों में क़ब्ज़ का देसी इलाज कैसे करे
- सुबह गरम पानी पिने के फायदे : 100 रोगों का इलाज, कब और कितना पिए
कब्ज का इलाज बताएं क्या है
kabj ka ilaj batao kya hai
- रात को सोने से पहले दो चम्मच त्रिफला चूर्ण को हलके गर्म पानी से लेकर सो जाए तो सुबह पूरी तरह से पेट साफ़ हो जायेगा. यह चूर्ण पतंजलि स्टोर पर आसानी से मिल जायेगा.
- रोजाना भोजन करने के बाद 20mlअलोएवेरा का रस पिने से कब्ज का रोग नहीं होता और ठीक से पेट साफ़ होता है.
- कब्ज खोलने के लिए इसबगोल की भूसी को गर्म पानी से ले. तो तुरंत ही कब्ज दूर हो जाती है.
- रोजाना खाना खाने के बाद एक गिलास छाछ यानी मट्ठा पिने से पेट के सभी रोगों से बचाव होता है. खाना अच्छे से पचता, कब्ज़ियत, एसिडिटी नहीं होती. यह बहुत रामबाण उपचार है बच्चे भी इसे करे. कब्ज के अलावा पेट के लिए हर तरह से यह लाभदायक है.
- कब्ज के अलावा रोजाना सुबह के समय नीबू के रस वाला 1 ग्लास पानी पिने से व रात को इस पानी को पीकर सोने से सुबह मल पूरी तरह विसर्जित हो जाता हैं व पेट साफ़ सुथरा हो जाता हैं. इसका प्रयोग जरूर करें. ययह उपाय 110% आपको लाभ देगा.
- कच्ची मटर खाने से भी कब्ज दूर होता है.
- कच्ची शलजम खाने से पेट पूरी तरह से साफ़, कब्ज ठीक हो जाता है व दस्त भी साफ़ आने लगते हैं.
- सरसों के तेल से पेट की आहिस्ता-आहिस्ता मालिश करने से भी यह कब्ज दूर होता है.
- इसबगोल को दस्त-पेचिश के कष्ट में ताज़ा दही या छाछ के साथ सेवन किया जा सकता हैं.
- 6 ग्राम त्रिफला चूर्ण को शहद में मिलाकर रात में खाने और ऊपर से गर्म दूध पिने से कब्ज मिट जाती हैं.
- एक मुरब्बे की हरड़ रात को खाकर दूध पिने से सुबह दस्त साफ़ आता हैं और कब्ज दूर होती हैं.
- सुबह के समय पपीता खाकर दूध पिने से भी कब्ज दूर होता है.
- अगर आपको कई समय से कब्ज हैं तो अंजीर खाये, क्योंकि अंजीर स्थायी बेहतरीन उपाय हैं.
- रोजाना 50 ग्राम कच्चा टमाटर खाने से भी कब्ज दूर होता है.
- पका हुआ खरबूजा खाने से भी कब्ज़ियत ख़त्म होती है.
- एक नग कच्चा प्याज रोजाना के साथ खाने से कब्ज़ियत ख़त्म होती है.
- ऐसा देखा गया हैं की अमरूद का सेवन करने से हमारे पेट की आंतों में तरावट आती हैं और कब्ज से छुटकारा मिलता हैं. इसे रोटी खाने (भोजन) से पहले ही खाना चाहिए, क्योंकि रोटी खाने के बाद अमरुद खाने से कब्ज़ियत होती हैं. इसलिए कब्ज़ियत वाले रोगियों को नाश्ते में अमरुद लेना चाहिए. पुरानी कब्ज के रोगियों को सुबह-शाम दोनों समय अमरुद खाना चाहिए. इसके सेवन से पेट साफ़ होगा, कब्ज और पेट के सभी रोग खत्म हो जायेंगे. उपचार व घरेलु इलाज में यह सबसे आसान तरीका है जरूर अपनाये.
स्वदेशी चिकित्सा – गौ मूत्र को सुबह खाली पेट दो या चार चम्मच गरम पानी के साथ लेने से पेट पूरी तरह से साफ हो जाता हैं.
इसबगोल के आसान प्रयोग
- कब्ज में आंतड़ियों में फंसे मल को निकालने व पेट को साफ़ करने में 10 ग्राम [2 चम्मच] इसबगोल की भूसी 6 घंटे तक पानी में भिगोये, फिर इतनी ही मात्रा में मिश्री मिलाकर रात को सोते समय पानी के साथ लेने से दस्त साफ़ आता हैं. (इसे केवल पानी के साथ वैसे ही अर्थात बिना भिगोये भी रात को सोते समय लिया जा सकता हैं
- अथवा इसबगोल की भूसी 5 से 10 ग्राम की मात्रा में लेकर 200 ग्राम गर्म दूध में भिगो दें. यह फूलकर गाढ़ी हो जाएगी. इसमें चीनी मिलाकर खाए और ऊपर से थोड़ा गर्म दूध पि लें. शाम को सोते समय यह प्रयोग करने से सुबह के समय मल बंधा हुआ व साफ़ आएगा. कब्ज खोलने के इलाज में यह बेहतरीन उपाय है.
- सोते समय दो चम्मच एरंड का तेल (castor oil) पिने से कब्ज दूर होती हैं तथा दस्त साफ़ आता हैं. इसे 1 ग्लास गर्म पानी या गर्म दूध में मिलाकर पिया जा सकता हैं.
- कब्ज के रोग : एरंड का तेल कब्ज़ियत कितनी है उसके मुताबिक 1 से 5 चम्मच तक की मात्रा में 1 कप गर्म पानी या दूध में ले. वयस्कों ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को 2-3 चम्मच और बच्चों को 1 छोटा चम्मच और पुरानी कब्ज वाले रोगियों को आठ चम्मच तक एरंड का तेल लेना पड़ सकता हैं.
कब्ज के लिए पांच द्रव्यों की आयुर्वेदिक औषधि
- पुरानी से पुरानी कब्ज से छुटकारा पाने के लिए : सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, छिलका हरड़, आंवला, बहेड़ा और पांच तरह के नमक अलग-अलग, जुलाल हरड़ 25-25 ग्राम, सनाय की पत्ती 3०० ग्राम सभी को कूट पीसकर सोने के समय रात में तीन से छह ग्राम तक की मात्रा में सेवन करने से कब्ज़ियत, अफरा और भूख की कमी दूर हो जाती हैं. नई पुरानी कब्ज से छुटकारा मिलता हैं.
- रोजाना सुबह शाम 3 छुहारे खाकर गर्म पानी पिए, यदि छुहारे सख्त होने के कारण खाने संभव न हो, तो दूध में उबालकर भी ले सकते हैं. छुहारे नित्य खाते रहने से बवासीर, स्नायविक दुर्बलता दूर होकर रक्त का संचरण ठीक होता हैं. इसके प्रयोग से कब्ज में रामबाण लाभ होता हैं. छुहारे के और भी कई अनेक लाभ होते हैं, जो की इस प्रयोग को करने से मिल जायेंगे.
- सुबह के समय छुहारे पानी में भिगो दें तथा रात्रि के समय इन्हें चबा-चबाकर खाए. भोजन कम मात्रा में करे अथवा रात्रि के समय 2 नग छुहारे दूध में उबालकर लें. इन प्रयोग से भी कब्ज़ियत दूर होती है व कब्ज में बहुत लाभ होता है.
- पुरानी कब्ज का इलाज के लिए अरुचि, अग्निमांध व गैस होने पर भोजन के साथ मूली पर नमक, काली मिर्च डालकर 2 महीने तक रोजाना खाने से कई अनेकों लाभ होते हैं. (पेट के सभी रोगों में मूली की चटनी, अचार व सब्जी खाना उपयोगी हैं) इसीलिए प्राचीन समय से भोजन के साथ मूली का सलाद के रूप में उपयोग किया जाता आ रहा हैं. आज भी इसका उपयोग किया जाता हैं. इसके रोजाना के सेवन से कब्ज नहीं होता.
- गेहूं का यह कब्ज से निजात पाने का उपाय जो की किसी भी आयुर्वेदिक रामबाण इलाज से कम नहीं हैं, इसका सेवन जरूर करे. गेहूं के आटे को मैदे की छलनी से छान लें और जो चोकर (चपड़ या भूसी) निकले, उसे तवे पर भून लें. उसे इतना भुने की वह लाल हो जाए, लेकिन ध्यान रहे की यह कच्ची न रहे और जले भी नहीं. फिर इस भुनी हुई चोकर को दूध, शक्कर, पानी में डालकर खूब उबाले. इसके बाद छानकर पिए.
- इसका स्वाद कॉफ़ी के सामान होगा. इसके सेवन से आपको तुरंत नई स्फूर्ति मिलेगी. क्योंकि इसमें “प्रोटीन” बहुत ज्यादा मात्रा में होता हैं. इस प्रयोग से कब्ज, गैस, रोग, ब्लड प्रेशर व हार्ट अटैक में लाभ मिलता हैं. यह शारीरिक कमजोरी को दूर करने का एक रामबाण टॉनिक हैं. इसके कुछ दिनों के प्रयोग से ही आपको इस रोग में ढेरों लाभ मिलने लगेगा.
- एक नीबू का रस 1 गिलास गर्म पानी के साथ रात को सोते समय सेवन करने से पूरी तरह से पेट साफ़ हो जाता हैं. पूरी तरह खुलकर मल आता हैं. व पेट की आंतड़ियों फंसा हुआ मल भी बाहर निकल जाता हैं. इसके लिए इस प्रयोग का रोजाना उपयोग करे.
- नीबू का रस और शक्कर 12-12 ग्राम 1 गिलास पानी में मिलाकर रात के समय रोजाना कुछ दिनों तक सेवन करने से कुछ ही दिनों में कब्ज दूर हो जाती हैं. यह पुरानी कब्ज का घरेलु उपाय सबसे अच्छा हैं. इसे आप बेफिक्र होकर प्रयोग में जरूर लाये.
- रोजाना नियमित रूप से भूखे पेट सेब (apple) खाने से यह रोग ख़त्म होता है. खाना खाने के बाद सेब नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से कब्ज होती हैं. सेब का छिलका दस्तावर होता हैं इसलिए कब्ज़ियत वाले रोगियों को सेब को उसके छिलके सहित खाना चाहिए तथा दस्त वाले रोगियों को सेब बिना छिलके के खाना चाहिए.
- (जिन्हें कब्ज हैं वह रोजाना सुबह के समय भूखे पेट 1-2 सेब खाये, याद रखे सेब को चाकू से काट कर न खाये, सेब को उसके छिलकों सहित खाये, कुछ ही दिनों में constipation के इस आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट से आपको लाभ नजर आने लगेगा.
सिर्फ आधे घंटे में पेट साफ़ करे और कब्ज से छुटकारा पाए इस दवा से
- Silicea 200 होम्योपैथिक दवा को 10 मिनट के interval में तीन बार लेने से सिर्फ आधे घंटे में ही पेट साफ़ हो जाता हैं. तीन बून्द, तीन बार दस-दस मिनट की गैप में. इसकी और अधिकार जानकारी पाने के लिए होम्योपैथिक दवा मिलने वाले स्थान पर प्राप्त की जा सकती हैं. यह दवा भी आपको होम्योपैथिक की दुकान पर ही मिलेगी.
- यह तो आपको भी पता हैं की कब्ज से निजात पाने के लिए पेट को साफ़ करना बहुत जरुरी होता हैं. पेट को पूरी तरह से साफ़ करने के लिए आपको यह आयुर्वेदिक उपाय जरूर आजमाना चाहिए. यह कब्ज का चूर्ण हैं, यह चूर्ण आपको बहुत ही लाभ देगा.
- रात को 1 चम्मच पिसे हुए आंवले का चूर्ण पानी या दूध के साथ लेने से सुबह दस्त साफ़ आता है. इससे आंते और पेट पूरी तरह से साफ़ रहता हैं. (अगर आपके पास आवलें का पाउडर चूर्ण नहीं हैं तो आप बाजार में से किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर जाकर पिसे हुए आवलें का पाउडर प्राप्त कर सकते हैं).
कब्ज में पेट साफ़ नहीं होने पर क्या करे
- अगर रोग के वजह से मल आता ही न हो तो साबुन के पतले टुकड़ें को तेल वेसिलीन लगाकर गुदा (मल द्वार) में अंदर पहुंचा देने से मल आ जाता हैं. यानि साबुन के पतले टुकड़े में वैसेलिन लगाकर अपने मल द्वार के छेद में अंदर डाल दें. ऐसा करने से कुछ समय बाद ही आपको लेटरिंग आ जायेगी.
कब्ज रोग के लिए 2 आसान व रामबाण उपाय
- घरेलु उपचार में रात को सोते समय फूल गोभी का रस पिने से यह रोग पूरी तरह से दूर हो जाता हैं. इस प्रयोग को आप कभी भी आजमा सकते हैं. फूल गोभी का यह प्रयोग रोगी को कई फायदे देगा, उसके खून को बढ़ाएगा, पेट के रोगों को ठीक करेगा व पाचन तंत्र को पूरी तरह से स्वस्थ करेगा.
- करमकल्ला cabbage के कच्चे पत्ते रोजाना खाने से सभी तरह की कब्ज दूर होती हैं. शरीर में व्याप्त विजातीय पदार्थ (दोषपूर्ण पदार्थ) गुदा मार्ग से बाहर निकल जाते हैं. यानी पेट की आंतड़ियों में फंसे हर तरह के पदार्थ को यह शरीर से बाहर निकालने में मदद करता हैं. यह अब तक के आसान में से एक हैं. इसमें सिर्फ आपको करमकल्ला के पत्तों का ही सेवन करना हैं. आयुर्वेदिक उपचार में यह बेहतरीन है आपके पेट व आँतों को पूरा साफ़ कर देता है.
- कब्ज तोड़ने के लिए बथुआ इस रोग को दूर करता हैं तथा इसके साथ ही अमाशय को शक्ति देता हैं. बथुए का साग दस्तावर होता हैं. रोगियों को बथुए का साग रोजाना खाना चाहिए. कुछ सप्ताह में रोजाना बथुए की सब्जी खाते रहने से हमेशा रहने वाली पुरानी से पुरानी कब्ज भी दूर हो जाती हैं. यह भी क़ब्ज़ का घरेलु इलाज है हैं. इसके सेवन से शारीरिक शक्ति भी बढ़ती हैं और शरीर में नई स्फूर्ति आती हैं. इसके लिए रोजाना बथुए की सब्जी खाना बिलकुल न भूले.
- गर्म दूध और घी मिलाकर पिने से दस्त नरम ढीला होता हैं. यह प्रयोग पाइल्स में लाभदायह होता हैं. कोई दस्तावर औषधि के प्रयोग करने से पहले यदि 3 दिन तक घी कालीमिर्च के साथ पि लिया जाए, तो आंते मुलायम होकर मल फूल जाता हैं और फिर दस्तवार औषधि सेवन करने से पेट की सब गंदगी बहार निकल जाती हैं..
कब्ज के उपचार
- एरंड के तेल का इलाज भी बहुत मदद करेगा. एरंड के तेल में सेंकी हुई छोटी हरड़ का चूर्ण और इसबगोल की खूब महीन भूसी सामान मात्रा में लेकर, इसे आपस में अच्छी तरह मिलाकर सुरक्षित रख लें. फिर इसे एक से दो छोटे चम्मच तक की मात्रा में रात्रि में सोते समय सेवन करने से सुबह बंधा हुआ मल आता है, जिससे पेट साफ़ हो जाता हैं.
- इसके प्रयोग से पेट में दर्द व मरोड़ नहीं होता हैं और न ही अधिक दस्त आते हैं. इस दस्त में आंतों में फंसा बेकार के पदार्थ सही निकल जाते हैं. पेट की पूरी तरह से सफाई हो जाती हैं. या यूं कहे की पेट restored हो जाता हैं.
- काला नमक, अजवाइन, छोटी हरड़ और सोंठ, प्रत्येक को बराबर की मात्रा में लेकर कूट-पीस व छानकर सुरक्षित रख लें. रात को भोजन करने के एक घंटे के बाद एक चम्मच चूर्ण गर्म पानी से लें.
सोंफ का उपयोग
- कब्ज खोलने के लिए चार चम्मच सोंफ एक ग्लास पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो छानकर पिए. इस प्रयोग से यह रोग दूर होता है. और सोते समय आधा चम्मच पीसी हुई सोंफ की फांकी गर्म पानी से लें. इससे भी यह रोग दूर होता है. या सोंफ और हरड़ तथा शक्कर (हर एक को आधा-आधा चम्मच लें) मिलाकर व पीसकर गर्म पानी से सेवन करे.
- रोजाना सुबह उठने के बाद व रात को सोने से पहले 50 ग्राम शहद ताजे पानी या दूध में मिलाकर पिने से लाभ होता हैं. शहद का पेट पर शामक प्रभाव पढता हैं. जिससे पेट की सफाई हो जाती हैं. इसके प्रयोग से पाचन शक्ति बढ़ती हैं, भूख खुलकर लगती हैं व मोटापे में भी लाभ होता हैं.
- देसी उपचार करने के लिए नीम के फूलों को धुप में अच्छे से सूखा लें, जब वह अच्छे से सुख जाए तो उन्हें पीसकर सुरक्षित रख लें, यह चूर्ण चुटकी भर रोजाना रात को गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट की कब्जियत की यह शिकायत कभी नहीं होती. यह हर तरह से घरेलु उपचार में अचूक है.
कब्ज के चूर्ण
- अब पेट की कब्ज का इलाज करने के लिए 100 ग्राम छोटी काली हरड़ लेकर देसी घी में भून लें. जब हरड़ फूल जाए और धुंआ-सा निकलने लगे, तब उसे घी से अलग कर लें. उसके बाद 100 ग्राम बड़ी सोंफ लेकर उसमें से 50 ग्राम सोंफ को लेकर घी में अलग से भून लें और बाकी 50 ग्राम सोंफ कच्चा ही रखें तथा भुनी हुई सोंफ में मिला लें.
- इसके बाद पहले भुनी हरड़ को कूटकर दरदरा चूर्ण बना लें और फिर सोंफ को. उसके बाद इस दरदरे चूर्ण में 200 ग्राम देसी घी (पाचन शक्ति के अनुसार) तथा 400 ग्राम मिश्री या बुरा मिलाकर किसी साफ़ स्वच्छ कांच के बर्तन में सुरक्षित रख लें.
- इसको 2 चम्मच यानी दस ग्राम की मात्रा में रोजाना दिन में दो बार सुबह और शाम को दूध के साथ लें. तथा सेवन के दो घंटे पूर्व बाद में कुछ भी न खाये. इसके नियमित प्रयोग से कुछ ही दिनों में कब्ज दूर हो जाता है. ज्यातादर सिर्फ 15 दिनों के सेवन से ही उदार शुद्धि हो जाती हैं. यह रामबाण उपचार है उदर कृमि भी नष्ट हो जाते हैं.
यह चूर्ण गैस व कब्ज नाशक होने के साथ-साथ बलवर्धक, वीर्यवर्धक, रसायन, हृदयबल, प्रदायक और आंखो की ज्योति बढ़ाने वाला होता हैं. इसका प्रयोग सभी मौसम में बिना किसी डर के किया जा सकता हैं. यह इस रोग में परम गुणकारी व रामबाण हैं. इसका उपयोग जरूर करे.
- तुलसी प्रकृति की एक ऐसी देन हैं जो की बड़ी आसानी से हर एक रोग को ख़त्म कर सकती हैं. इसमें ऐसे कई अनूठे गुण होते हैं जो की हर तरह की कब्ज में रामबाण इलाज का काम करते हैं.
कब्ज का समाधान जड़ से छुटकारा पाने के लिए
- कब्ज का समाधान करने के लिए क्या करे
- रात को सोने से 3 घंटे पहले भोजन करे
- भोजन करते वक्त बार-बार पानी न पिए
- भोजन करने के 25-30 मिनट बाद पेट भर कर पानी पिए
- मल आने पर उसे रोके नहीं बल्कि उसी समय मल त्याग करे
- ज्यादा मसालेदार, तीखी खाने का सेवन नहीं करे
- भूख लगने पर ही भोजन करे
कब्ज में क्या खाना चाहिए
- गेहूं दो भाग और चना एक भाग मिलाकर बनाई गई मिस्सी रोटी, मोटे आटे की रोटी चोकरयुक्त आटे की रोटी, चोकर की खीर, भुने हुए चने, दलीय, पालक का सूप, बथुआ, मेथी, टमाटर, सम्पूर्ण नेदयुक्त गझर, सलाद कच्चा प्याज, पुदीना, पपीता, अमरुद, चीकू संतरा, आंवला, ताजे फलों का रस, नीबू पानी, देसी घी, दूध, मक्खन, दूध में भिगोई हुई मुनक्का आदि खा सकते हैं.
कब्ज में क्या नहीं खाना चाहिए
- मेढे से बने खाध पदार्थ तेल भुने भोज्य पदार्थ, अधिक मिर्च मसाले युक्त चटपटे पदार्थ, मिठाइयां, कोका कोला जैसे ठन्डे पेय, केला शराब चाय मांस मछली अंडे देर रात में भोजन करना कोका-कोला जैसे पेय पदार्थ, भोजन करने के तुरंत बाद ही फ्रिज का पानी पीना आदि इन सब से बचे यह सब न खाये.
दोस्तों यहां हमने आपको पेट की कब्ज का इलाज, kabj ka ilaj batao kya hai in Hindi की पूरी जानकारी दे दी हैं. यह इतने ढेर सारे आयुर्वेदिक व देसी ईलाज है की इनमे से किसी भी घरेलु नुस्खे को अपनाकर आप कब्ज से छुटकारा पा सकते हैं. यह हानिरहित उपाय हैं, कब्ज खोलने में यह रामबाण है. ऐसे नुस्खे आपको और कहीं नहीं मिलेंगे.
Yah Padein
Leukoderma ka v koi gurantee ilaz hai to aap hume jarur bataye
आप बताये गए उपाय में से कोई सा भी आसान सा चुन ले आपको पूरा आराम मिलेगा.
Sir muje kabz hai kya kiya jawe is rog ke samadhan ke liye sir ye rog 1 month se hai
This post has really given me a useful information that I can’t express my feeling
Anyhow I’ll follow all these advice
Thank you so much
बहुत अच्छा जानकारी है धन्यवाद
सर, आपके इस पोस्ट में बहुत अच्छी जानकारी दी गई है, इससे हमें बहुत फायदा हुआ है, सर इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद
इसके लिए आप प्राकृतिक जीवन जीना शुरू कीजिये, शारीरिक श्रम ज्यादा करिये कब्ज जैसी समस्या बिलकुल नहीं होगी साथ ही रात को सोने से 3-4 घंटे पहले ही भोजन कर लें व सुबह का भोजन 10AM से पहले ही करले इन चीजों को फॉलो करने से आपको अपने जीवन में पाचन से सम्बंधित कोई समस्या नहीं होगी.
Sir ji mujhe 6 sal se kabz hai or bahut ilaz karne ke bad permanent cure nhi hota hai. Bina laxative liye paet saf nhi hota hai. Age 25year hai
Welcome.
Thanks a lot sir, yahan aapne kabj ke ilaj ke liye ayurvedic upay jo btaye hain wah muje kahin nahi mile. Inme mene bahut kuchh sikha hain, mujhe bahut gyaan hua yah sab padhkar. Aap isi tarah hamari madad karte rahiye dhanywad sir. Aapka bhagwan bhala kare.
AAPKI JAANLKARI SARAHNIY HAI ISSE BAHUTON KO FAYADA MILEGA.
Yah Sabhi jankari padiye – Kabj Constipation in Hindi
Kabja ke penitent ko kya khana chahiye.
very, very useful information. thanks for the post.
Bahut Achhi Sir
Aapne hamain bahut Achhi jankari Di
Thanks
Aapka idea achcha laga thanks
Thank you sir