bar bar bukhar aana, bukhar bhagane ke upay, purana bukhar ka ilaj

बार बार बुखार आना पुराने बुखार का इलाज के रामबाण उपाय

जानिये बुखार भगाने के उपाय रामबाण नुस्खे सभी तरह के बुखार के लिए जैसे मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू, पित्त ज्वर, सहित ज्वर, वायरल फीवर, लू का बुखार, पुराना बुखार, बार बार बुखार आना का इलाज आदि. यह ऐसे आयुर्वेदिक नुस्खे बताये जायेंगे जो की सभी तरह के बुखार के लिए सही नुस्खे जिनसे आपको पूरा आराम मिलेगा.

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बार बार बुखार आना का इलाज

पुराने बुखार भगाने के उपाय

(1).

तुलसी की पत्तियां 7, कालीमिर्च के दाने 4, पीपर (पिप्पली) 1, इन तीनो दवाओं को 60 ग्राम पानी के साथ बारीक पीसकर 10 ग्राम पानी के साथ बारीक पीसकर 10 ग्राम मिश्री मिलाकर रोजाना सुबह खाली पेट सेवन करने से महीनो का ठहरा हुआ बुखार, जीर्ण बुखार दूर हो जाता हैं. अपनी जरूरत के मुताबिक 2-3 सप्ताह लगातार प्रयोग करे और सुबह व शाम दूध में 2 छोटी पीपर डालकर औटाकर और फिर पीपर निकालकर दूध का मिश्री के साथ सेवन करे. यह प्रयोग भी समस्त प्रकार के जीर्ण बुखार में लाभदायक होता हैं.

  • इस पोस्ट को पूरा निचे तक एन्ड तक पूरा पड़ें, बहुत तेज उपाय बताये है.

(2).

किसी मिटटी के बर्तन में 10 ग्राम अजवाइन और 2 नग बड़ी पीपर आधा कप पानी में आठ पहर तक भिगोये. प्रात:काल उसी पानी में अजवाइन और पीपर को घोटकर घासा बना लें. रोजाना सुबह के समय यह घास बनाकर अपनी जरूरत के मुताबिक़ लगातार 15 दिन तक सेवन करने से पुराने से पुराना बुखार का इलाज हो जाता हैं. (कफ के बुखार में यह प्रयोग विशेष लाभकारी हैं). जिन लोगों को भी पुराना बुखार हैं व बार-बार बुखार आने की समस्या हो तो वह इस प्रयोग को कर सकते हैं.

बुखार में तुलसी का प्रयोग – तुलसी की 4 पत्तियां रोजाना सुबह के समय खाने से डेंगू, मलेरिया वायरल फीवर व सामान्य बुखार से बचा जा सकता हैं, इसी तरह तुलसी की 4 पत्तियां और 4 कालीमिर्च रोजाना खाने से मौसमी बुखार से भी बचा जा सकता हैं. तुलसी का रोजाना सेवन करने मात्रा से  शरीर में आसानी से तबियत ख़राब नहीं होती. जिन लोगों को भी बार-बार बुखार आता हो वह इन नुस्खों से इलाज जरूर करे (बार बार बुखार आने पर क्या करे उपाय ).

पुराना बुखार 

  • (1). बुखार भगाने के लिए 21 नीम के पत्ते और 21 दाने कालीमिर्च के लेकर दोनों को मलमल के कपडे में पोटली बांधकर आधा किलो पानी में उबाले. चौथाई पानी बाकी रहने पर उतारकर ठंडा होने पर सुबह शाम पिए. इस प्रयोग से पुराने से पुराना bukhar भी जल्द ठीक हो जाता हैं.
  • (2). कच्चा पिसा हुआ जीरा 1 ग्राम, 1 ग्राम गुड़ में ही मिलाकर 3 बार रोजाना लेते रहने से पुराना बुखार दूर हो जाता हैं.
  • (3). तेज बुखार, बार-बार बुखार आना आदि के लिए चूर्ण – सोंठ, छोटा पीपर, सेंधा नमक, कालीमिर्च, सूखा पोदीना, अजमोद, निम् गिलोय और पित्त पापड़ा इन सभी को 6-6 ग्राम की मात्रा में लेकर साफ़ और स्वच्छ करने के बाद दरदरा चूर्ण बना लें.
  • अगर रोगी को तेज बुखार हो यानि 101 डिग्री हो और इससे अधिक टेम्परेचर हो तो बताया गया नुस्खा जिसमे आठों औषधियों के चूर्ण को काम में लाये. अगर bukhar कम हो, 101 डिग्री तक हो तो निम् गिलोय 2/3 मात्रा में यानी 6 ग्राम की जगह पर 4 ग्राम की मात्रा में लें और बताये गए नुस्खे में मिलाकर प्रयोग करे.
  • बताये गए चूर्ण की मात्रा वयस्कों के लिए 6 ग्राम, बच्चों के लिए 3 ग्राम की मात्रा में लेकर 60 ग्राम पानी के साथ मिलाकर बारीक पीस लें और ऐसा घोल अथवा घास बना लें, जो न गाढ़ा हो और न ही पतला. ध्यान रहे की यह घास जितना बारीक पिसेंगे या घोटेंगे उतना ही अधिक प्रभावशाली होगा.
  • इस घासे को को किसी कांसे की कटोरी को थोड़ा गर्म करके उसमे डाले, ताकि यह थोड़ा गुनगुना हो जाए. कांसे की कटोरी अगर आपके पास नहीं हो तो पीतल की कलाई वाली कटोरी को काम में लाये. फिर इस गुनगुने घासे को रोगी को खाली पेट जरा-सा साधारण (रोजाना रसोई में काम आने वाला) नमक डालकर तुरंत 1 घूंट में पीला दें.
  • (4). बुखार भगाने के लिए बच्चों को ऊपर से 1-2 चम्मच सादा पानी या 1-2 मुनक्के खिला सकते हैं. इस तरह इस घासे को रोगी को सुबह के समय खाली पेट 3-4 दिन सेवन कराने से ही सभी तरह का Fever ठीक हो जाते है. इस आयुर्वेदिक नुस्खे के सेवन से सालों साल पुराना Fever आना भी बंद हो जाता हैं, बार बार बुखार आना आदि सभी नष्ट हो जाता हैं.
  • ये सभी तरीके बार बार बुखार आने का इलाज करते है.

Fever के लिए

  • (1). 7-7 तुलसी की कोमल पत्तियां दिन में 3 बार चबाने से भी मलेरिया बुखार व अन्य पुराने से पुराना बुखार कुछ ही दिनों में ही जड़ से नष्ट हो जाता हैं अथवा 60 ग्राम काली (श्यामा) तुलसी की पत्तियां और इतने ही वजन में कालीमिर्च लेकर 5 घंटे तक सील बट्टे पर पीसकर पानी मिलाकर 1-1 ग्राम सेवन करने से पसीना आकर Fever उतर जाता हैं.
  • (2). बुखार होने पर खून में नुकसानदायक पदार्थ बढ़ जाते हैं. टमाटर का सूप इन पदार्थों को निकाल देता है, इससे रोगी को आराम मिलता हैं. यह normal fever में ही देना चाहिए.
  • (3). गाजर का रस 185 ग्राम, चुकुन्दर का रस 250 ग्राम, खीरा या ककड़ी का रस 125 ग्राम मिलाकर पिने से सिर दर्द, दाद, दमा और बुखार में बहुत फायदा होता हैं.

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बुखार का तापमान

  • (1). बुखार में शरीर का तापमान कम करने के लिए गीली मिटटी की पट्टी पेट पर बांधे. हर घंटे पर पट्टी बदलते रहे. इस प्रयोग से Bukhar की तपन हट जाती हैं.

बार बार प्यास लगना बुखार में

  • बुखार जिसमें रोगी को बार बार प्यास लगे, यानी बुखार में बार-बार प्यास लगने पर उबलते पानी में नीबू निचोड़कर पिलाने से बुखार का तापमान कम हो जाता हैं. एक कप में दो चम्मच नीबू का रस डालकर प्रयोग करे. पानी में नीबू निचोड़कर बार बार पिने से बुखार की गर्मी और ताप कम होता हैं. यह प्रयोग यानी सादा फीके पानी में नीबू के रस को मिलाकर सेवन करने से पीला ज्वर यानी पीलिया भी ठीक हो जाता है. इसमें मीठा न मिलाये.

रुक रुक कर बुखार आना

  • पुराना मंद bukhar, रुक-रूक कर आने वाला बुखार, fever weakness कमजोरी और स्त्री रोग दूध वृद्धि में कच्चा जीरा पीसकर समान मात्रा में गुड़ मिलाकर मटर के दाने के बराबर गोलियां बनाकर ये 2-2 गोलियां रोजाना 3 बार खाकर पानी पिने से बहुत लाभ होता हैं. इस प्रयोग से स्त्रियों का दूध बढ़ जाता हैं और गर्भाशय और योनि की सूजन, प्रसव के दौरान गर्भाशय की शुद्धि और श्वेत प्रदर व बुखार आदि में अत्यंत लाभकारी होता हैं.

टाइफाइड के लिए

  • आंत्र बुखार टाइफाइड में लौंग का पानी पिलाये. 5 नग लौंग 2 किलो पानी में उबालकर आधा पानी बाकी रहने पर छान लें. इस पानी को रोजाना बार-बार पिलाये. केवल पानी उबालकर ठंडा करके पिलाना भी फायदेमंद होता हैं.

बुखार में बलगम व कफ आना

  • बलगम और बुखार भगाने के लिए 30 कालीमिर्च पीसकर 2 कप पानी में उबालें. चौथाई पानी बाकी रहने पर छानकर 1 चम्मच शहद मिलाकर सुबह शाम पिने से खांसी, कफ, गले में कफ लगे रहना ठीक हो जाता है और 10 कालीमिर्च, 15 तुलसी के पत्ते पीसकर शहद में मिलाकर रोजाना 3 बार चाटने से गले में जमा बलगम व कफ बाहर निकलकर गला साफ़ हो जाता हैं.

कफ वाला बुखार

  • आधा चम्मच पीसी हुई सोंठ 1 कप पानी में उबाले. आधा पानी बाकी रहने पर मिश्री मिलाकर पिने से कफ वाला fever दूर हो जाता हैं.

तेज बुखार में क्या करना चाहिए घरेलु उपचार

  • (1). तेज बुखार होने पर अदरक का रस और शहद 6-6 ग्राम की मात्रा में मिलाकर चाटने से लाभ होता हैं.
  • (2). High fever में ठन्डे पानी का स्पंज बहुत फायदेमंद होता हैं. तेज बुखार होने पर ठन्डे पानी में तौलिया भिगोकर रोगी के सिर पर रखें तथा सारे शरीर को गीले कपडे में पोंछे. पोंछते समय रोगग्रस्त व्यक्ति के शरीर को हवा न लगने दें, शरीर को ढका हुआ रखे.
  • (3). High fever होने पर सौंफ पानी में उबालकर 2-2 चम्मच बार-बार रोगी को पिलाते रहने से पुराना बुखार भी ठीक हो जाता हैं.
  • (4). तेज बुखार होने पर लहसुन कूटकर थोड़ा पानी मिलाकर पोटली बनाकर सुंघाए. इस आयुर्वेदिक नुस्खे का उपयोग करने से बुखार की तीव्रता कम हो जाती हैं. लहसुन का रस 6 ग्राम की मात्रा में दिन में 3 बार सुबह, दुपहर और शाम को पिलाने से बुखार का इलाज होता हैं यह बुखार भगाने का उपाय हैं.
  • (5). नारियल का पानी पिने से fever का तापमान कम होता हैं. यह tez bukhar में बहुत लाभदायक होता हैं.

लू लगने पर लू लग के बुखार आना

  • (1). यह लू लगने से आने वाले बुखार का इलाज करता हैं. लू लगने पर पकी हुई इमली के गूदे के रोगी के हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों पर मलने से लू का प्रभाव मिट जाता हैं और 1 गिलास पानी में 25 ग्राम इमली को भिगोकर इसका पानी पिने से गर्मी में लू नहीं लगती (लू का बुखार).
  • गर्मी की ऋतू में रूचि के अनुसार बार-बार पानी पिने से लू गर्मी के मौसम में चलने वाली गर्म हवा नहीं लगती हैं.
  • दो नीबू काटकर 250 ग्राम पानी में डालकर उबाले. जब पानी आधा बाकी रह जाए तब उतारकर छान लें. इसमें 2 ग्राम सेंधा नमक सेंककर मिला लें और पि जाए, यह 1 मात्रा हैं. इस तरह प्रयोग दिन में 3 बार करे. भोजन न करे. 2-3 दिन इस तरह करते रहने से प्रत्येक का बुखार का उपचार हो जाता हैं.

Flu Fever के लिये

  • (1). Flu Fever शरीर के विभिन्न अंग और हड्डियां टूटने, नजला जुकाम व फ्लू होने पर गर्म पानी में नीबू का रस पीते रहने से, इन रोगों से बचा जा सकता हैं तथा इन रोगों के हो जाने पर इस प्रयोग के करने से लाभ भी होता हैं. पानी में शहद भी मिला सकते हैं. 1 ग्लास उबलते पानी में 1 नीबू का रस व इच्छानुसार शहद डालकर रात को सोते समय पिने से जुकाम खांसी भी ठीक होती हैं.
  • (2). बुखार भगाने के लिए दूध में 2 पीपल अथवा चौथाई चम्मच सोंठ डालकर व उबालकर पिने से फ्लू ठीक हो जाता हैं.

सामान्य बुखार के लिए

  • (1). जुकाम, खांसी व कुछ बुखार रहने पर पोदीना, 5 दाने काली मिर्च और अपने स्वाद के मुताबिक नमक डालकर चाय की भांति उबालकर रोजाना 3 बार पिने से लाभ होता हैं. यह सैंकड़ों बार का किया गया और सफल प्रयोग हैं.
  • (2). बुखार में मूंग की दाल का पथ्य देना उत्तम हैं. यह छिलके सहित काम में लेनी चाहिए. Bukhar होने पर मूंग की दाल में सूखे आंवले डालकर पकाये और रोजाना सुबह शाम दिन में 2 बार खाये. इसमें बुखार ठीक होगा और दस्त साफ़ आएंगे मूंग आंखों के लिए भी परम लाभकारी हैं.
  • (3). 1 लौंग पीसकर दिन में 3 बार गर्म पानी से सेवन करने पर सामन्य bukhar जल्दी ठीक हो जाता हैं.

चेचक बुखार के लिए

  • चेचक बुखार में तुलसी के पत्तों के साथ अजवाइन पीसकर रोजाना सेवन करने से चेचक का बुखार कम हो जाता हैं. जब चेचक का संक्रमण फैल रहा हो, तो उस समय रोजाना सुबह तुलसी के पत्तों का रस पीना अत्यंत फायदेमंद होता हैं. यह चेचक की सर्वोत्तम घरेलु प्रतिरोधक औषधि हैं.

मलेरिया बुखार के लिए

  • (1). बुखार उतारने के तरीके में कुटकी के बारीक़ चूर्ण को आधा ग्राम की मात्रा में बताशे में भरकर ताजे पानी से bukhar चढ़ने से पहले रोगी को खिला देने से मलेरिया, सर्दी लगकर चढ़ने वाला बुखार उतर जाता हैं. बुखार की अवस्था में गर्म पानी से दिन में 2-3 बार खिलाने से पसीना आकर बुखार उतर जाता हैं. चाहें तो कुटकी के चूर्ण में समान भाग में चीनी लेकर व पीसकर मिला लें और 2 ग्राम की मात्रा में दवा दिन में 2-3 बार ताज़ा पानी के साथ सेवन करे. इस प्रयोग से 2-3 दिन में हर तरह का मलेरिया बुखार ठीक हो जाता हैं.
  • (2). मलेरिया बुखार में नमक, कालीमिर्च नीबू में भरकर गर्म करके चूसने से बुखार की गर्मी दूर हो जाती हैं. 2 नीबुओं का रस छिलके सहित 500 ग्राम पानी में मिलाकर मिटटी की हांडी में रात को उबालकर आधा बाकी रहने पर रख दें. फिर सुबह के समय इसे पिने से मलेरिया fever आना बंद हो जाता हैं.
  • (3). पानी में नीबू निचोड़कर स्वाद के मुताबिक शक्कर मिलाकर पिने से 4 दिन में मलेरिया आना बंद हो जाता हैं. मलेरिया fever उलटी वमन होने लगे, तो नीबू में नमक भरकर चूसें. नीबू और गन्ने का रस मिलाकर पिए उल्टियां बंद हो जाएंगी.
  • (4). अगर मलेरिया fever एक फिक्स समय पर आता हो तो लहसुन के रस का हाथ पैरों के नाखुनो पर बुखार आने से पहले लेप करे तथा 1 चम्मच लहसुन का रस 1 चम्मच तिल के तेल में मिलाकर जब तक बुखार न आये, 1-1 घंटे के अंतराल में जीभ पर डालकर चूसें. इस तरह 4 दिन का यह प्रयोग करने से मलेरिया बुखार ठीक हो जाता हैं.
  • (5). 60 ग्राम नीम के हरे पत्ते और 4 दाने कालीमिर्च के लेकर दोनों को पीसकर 125 ग्राम पानी में घोलकर व छानकर पिने से malaria fever बिलकुल ठीक हो जाता हैं. यह विश्वसनीय प्रयोग हैं.
  • (6). धनिया और सोंठ पिसे हुए आधा-आधा चम्मच मिलाकर, रोजाना 3 बार पानी के साथ सेवन करने से प्रत्येक प्रकार का सर्दी देकर आने वाला malaria fever जल्द ही आसानी से ठीक हो जाता हैं.
  • (7). एक चम्मच जीरा बिना भुना हुआ पीस लें. इसका तीन गुना गुड़ इसमें मिलाकर इसकी 3 गोलियां बना लें. एक निश्चित फिक्स समय पर सर्दी लग कर आने वाले मलेरिया fever के आने से पहले 1-1 घंटे के अंतराल से 1-1 गोली कुछ दिन तक रोजाना सेवन करते रहने से मलेरिया fever ठीक हो जाता हैं.
  • (8). तुलसी की पत्तियां 7 और 7 दाने कालीमिर्च के एक साथ मिलाकर चबाने से 5 बार में malaria bukhar जड़ से ख़त्म हो जाता हैं. दिन में 3 बार सेवन करे.
  • (9). फूली हुई फिटकरी के चूर्ण में 3 गुना ज्यादा पीसी हुई चीनी या खांड अच्छी तरह मिलाकर 2 ग्राम की मात्रा में 2-2 घंटे के अंतराल से गुन-गुने पानी से 3 बार सेवन करने से ही मलेरिया का जड़ से इलाज हो जाता हैं. यदि बुखार रहे तो जरूरत के मुताबिक 1-2 मात्राए और भी सेवन की जा सकती हैं. यह मलेरिया व तिजारी और चोथेया fever की रामबाण एलॉपथी की दवाओं से भी अधिक शक्तिशाली व लाभकारी दवा हैं तथा किसी भी प्रकार की खुश्की पैदा नहीं होती.
  • (10). बरसात व सर्दी की ऋतू में यह दवाई 125 ग्राम पानी में उबालकर आधा बाकी रहने पर रोगी को पिलाये. कालीमिर्च को थोड़ा सा कूटकर पानी में डाले. 12 साल से कम उम्र वाले रोगी यानी बच्चों को चौथाई चम्मच की मात्रा में 3 तुलसी की पत्तियां और 2 नग कालीमिर्च 10 ग्राम पानी में पीसकर बच्चे की उम्र के मुताबिक खिला दें.
  • (11). अगर मिठास की जरूरत हो तो आप इसके कड़वे व तीखे से नुस्खे को खा नहीं सकते तो इसमें 10 ग्राम मिश्री का चूर्ण डाला जा सकता हैं. इस आयुर्वेदिक दवा को अपनी जरूरत के मुताबिक 2 से 7 दिनों तक सेवन कराये और तुलसी की पत्तियां 7, कालीमिर्च के दाने 7 और बताशे 7 या फिर मिश्री 10 ग्राम लेकर 3 कप पानी में उबाले और 1 कप पानी शेष रह जाने पर गर्म-गर्म ही पीकर बदन ढंककर 10 मिनट के लिए लेट जाए. इस प्रयोग से fever, इन्फ्लुएजला, मलेरिया, सर्दी जुकाम और हरारत शर्तिया दूर हो जाते हैं. अपनी जरूरत के मुताबिक दिन में 2 बार सुबह और रात को सोते समय 2-3 दिन तक प्रयोग करे.

अन्य बुखार भगाने के उपाय इलाज के लिए

  • (1). गर्मी की ऋतू में तुलसी की 11 पत्तियां और दाने काली मिर्च लेकर 60 ग्राम पानी में रगड़कर सुबह शाम दिन में 2 बार रोगी को पिलाये.
  • (2). कम्प वाले बुखार में यह दवा अगर बुखार आने से एक घंटे पहले दें, तो अधिक उत्तम हैं. वैसे दवा सेवन कराते समय बुखार हो या न हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता हैं.
    नोट : गर्भवती महिलाओं को यघरेलु उपाय न दें.
  • (3). बुखार उतारने के तरीके में 10 ग्राम अजवाइन मिटटी के कोरे बर्तन में 500 ग्राम पानी में भिगों दें और उस बर्तन को दिन के समय छाया वाली जगह में और रात के समय में खुली जगह ओस में रख दें. दूसरे दिन उसका निथरा हुआ पानी रोगी को पीला दें. इस तरह इस अजवाइन के पानी के सेवन से कुछ ही दिनों में कफ ज्वर पूरी तरह से ख़त्म हो जायेगा. इसके अलावा इस प्रयोग से पुरानी कब्ज, पसली की सूजन, जिगर व अमाशय के कफ विकार और पेशाब का पीलापन आदि शिकायते भी दूर हो जाती हैं. बुखार उतारने के लिए यह बहुत अच्छा तरीका है.
  • (4). खांसी, श्वास और बुखार में नीबू में नमक, कालीमिर्च और शक्कर भरकर गर्म करके चूसने से लाभ होता हैं.
  • (5). प्लेग, गर्मी का बुखार, पीलिया में रोगग्रस्त व्यक्ति को इमली का पानी पिलाना फायदेमंद होता हैं.
  • (6). खीरा खाने से कब्ज, पीलिया, बुखार, शरीर में जलन होना, गर्मी के सारे दोष और चर्म रोगों में रामबाण लाभ होता हैं.
  • टिंडा हलके bukhar को ठीक कर देता हैं
  • परवल पुराने बुखार में बहुत फायदेमंद होते हैं
  • मेथी Bukhar को दूर करती हैं
  • 4 लौंग पीसकर पानी में घोलकर पिने से तेज पित्त बुखार कम हो जाता हैं.
  • (7). खसरा निकलने पर 2 लौंग को घिसकर शहद के साथ लेने से खसरा ठीक हो जाता हैं. यह सैंकड़ों बार प्रयोग में लाया गया नुस्खा हैं, इसके परिणाम हमेशा सफल रहे हैं.
  • (8). अगर Bukhar में जम्हाइयां या उबासियां आती हो, शरीर में दर्द हो, दुर्बलता और कंपन हो तो सुबह शाम 20 नग कालीमिर्च कूटकर 1 ग्लास पानी में उबाले. चौथाई पानी बाकी रह जाने पर सुहाता-सुहाता गर्म पिलाये. इससे बुखार उतर जाएगा और 5 कालीमिर्च 5 तुलसी के पत्ते, 1 लौंग, 1 इलाइची और जरा सा अदरक लेकर सबको चाय के साथ उबालकर रोजाना दिन में 3 बार पिने से कफ वाला बुखार ठीक हो जाता हैं.
  • (9). धनिया की गिरी से बुखार उतरता है. गर्मी के बुखार में धनिये की गिरी का सेवन करना परम लाभकारी होता हैं.
  • (10). वात बुखार (Rheumatic Fever remedy) में सूजन वाली जगह पर नमक या बालू मिटटी की पोटली से सेंक करना लाभदायक होता हैं. बुखार उतारने के लिए यह बहुत अच्छा तरीका है.
  • (11). जिन रोगों में ठोस भोजन देना हानिकारक होता है, वहां जौ का पानी barley water अच्छा शामक पेय है. बुखार, सूजन, पेशाब में जलन होने पर यह अत्यंत लाभकारी होता हैं. एक कप जौ 1 किलो पानी में उबालकर ठंडा करके बार-बार पीना चाहिए.
  • (12). जीर्ण बुखार हो गया हो और साथ ही ऐसी खांसी भी हो जिससे छाती में दर्द हो तो तुलसी के पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर पिने से लाभ होता हैं.
  • (13). सिर दर्द, बुखार और दाद में तुलसी के पत्तों का रस रोजाना 12 ग्राम की मात्रा में पीना लाभदायक होता हैं.

 

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9 Comments

  1. 1 month se thora thora bukhar tha ab jya hogya hai 104 dawa lene pr utr jata hai oar phir ho jata hai plz sir

  2. Haan aap rojana subah khaali pet 5-6 tulsi ke patte chabakar khaaye or iske 20-25 minute baad tk kuch bhi na khaye piye isse aapko jabardast labh hoga

  3. Bar bar maleriya ho jata hai kiyu 1 mahine me 2 bar mere sath daw khane pr aaram phir ho jata hai koi hai Jo hamesh ke liye khatm ho jaye Sir ji

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