सिर्फ 7 दिन में पीलिया का जड़ से इलाज : आयुर्वेदिक उपचार

पीलिया का इलाज बताएं क्या है जानिये इसके घरेलु उपाय जो की रामबाण और अनोखा हैं, हमे कुछ दिनों पहले एक सन्देश आया था जिसमे एक व्यक्ति ने कहां था की साधारण व काला पीलिया रोग को ठीक करने के बारे में बताये.

उनके इस सन्देश के उत्तर में हम यह जानकारी लिख रहे हैं, यहां बताये जाने वाले सभी उपाय आपको बहुत बहुत राहत देंगे और सात दिन के भीतर ही आपका रोग ठीक हो जायेगा.

पहले तो आप पीलिया के इस पुरे लेख को ध्यान से पड़ें, सारी बाते पढ़ लें और समझ लें, उसके बाद यहाँ बताये गए उपाय करे, अगर आप उनका नियमित रूप से सेवन करते है तो सप्ताह भर यानी सात दिन में ही आपको परिणाम मिल जायेगा.

आपसे एक अनुरोध हैं की इन सभी को पढ़ लेने के बाद इसे अपने मित्रों के साथ Facebook, Twitter और Whatsapp पर ज्यादा से ज्यादा SHARE करे ताकि यह उन सभी जरूरतमंद लोगों तक आसानी से पहुंच जाए जिन्हें इसकी सख्त जरूरत हो .

  • इस पोस्ट को पुरे ध्यान से पड़ें और पूरा निचे तक आखिर एन्ड तक पड़ें. यहाँ सही बाते बताई गई है और निचे दिए गए पोस्ट भी पड़े.

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पीलिया आखिर क्यों होता हैं ?

  • यह पीलिया रोग पाचनशक्ति की कमजोरी (Weak immune system) व लिवर की कमजोरी (liver weakness) के वजह से होता हैं. पीलिया रोग में रोगी के शरीर का सारा खून पीला पढ़ जाता हैं, इस वजह से रोगी को खून की कमी होने लगती हैं. और अगर इस स्थिति में समय पर उपचार नहीं करवाया जाये तो रोगी को अत्यधिक गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ता हैं.

पीलिया में शरीर पीला क्यों पढ़ जाता हैं ??

  • पीलिया में नाख़ून, आंखें शरीर आदि पिले हो जाते हैं, क्योंकि शरीर के अंदर का सारा खून पीला हो जाता हैं. खून पर यह पीलापन बिलीरुबिन नामक एक पदार्थ के वजह से होता हैं. यह बिलीरुबिन नामक पदार्थ ही पीलिया रोग को जन्म देता हैं. जब शरीर में इस पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती हैं तो शरीर का सारा खून पीला हो जाता हैं और इस पीलेपन को हम पीलिया रोग, पीलिया की बीमारी कहते है.

लिवर की कमजोरी हैं वजह

  • हमारे शरीर के व्यर्थ के पदार्थों को फ़िल्टर कर के शरीर से बाहर निकालने का कार्य हमारा लिवर करता हैं. बिलीरुबिन जैसे पदार्थ भी लिवर में ही एक तरफ अटके रहते हैं. लेकिन जब हमारे लिवर में बिलीरुबिन की मात्रा 2.5 से ज्यादा हो जाती हैं तो लिवर गंदगी को फ़िल्टर करने की प्रक्रिया को रोक देता हैं.
  • ऐसे में लिवर कमजोर हो जाता हैं और इस लिवर की इस कमजोरी के वजह से बिलीरुबिन नामक पदार्थ लिवर में से निकलकर शरीर में फेल जाता हैं, और जब बिलीरुबिन लिवर से बाहर निकल जाता हैं तो यह रेड ब्लड सेल्स को ख़त्म करने लग जाता हैं, (या यूं कहे की जब लिवर की कमजोरी के वजह से रेड ब्लड सेल्स वक्त से पहले ही खत्म हो जाते हैं तो इन पर बिलीरुबिन नामक पदार्थ कब्ज़ा कर लेता हैं, और यह लाल खून पिले खून में बदल जाता हैं).
  • होता यह हैं की जैसे ही बिलीरुबिन पदार्थ लिवर से बाहर निकलता हैं तो यह रेड ब्लड सेल्स को खत्म करने लगता हैं और पुरे शरीर में अपनी मात्रा को बढ़ा देता हैं, इससे शरीर का सारा खून पीला पढ़ जाता हैं इस प्रॉसेस को ही पीलिया रोग कहते हैं. इससे पहले की बिलीरुबिन शरीर के सारे खून में मिल जाए रोगी को ट्रीटमेंट कर लेना चाहिए ऐसे कई रामबाण आयुर्वेदिक उपाय हैं जिनसे आप घर पर ही इस पीलिया का समाधान कर सकते हैं.
बिलीरुबिन पदार्थ

पीलिया सामान्यतः तीन तरह का होता हैं, Hepatitis A (पीलिया ए), Hepatitis B  ( पीलिया बी) और Hepatitis C (पीलिया सी)

पीलिया की पहचान क्या हैं, कैसे जाने की पीलिया हुआ हैं ??

  • शरीर में कोई सी भी बीमारी जन्म लेने से पहले ही अपने आने के लक्षण दिखाने लगती हैं, शुरुआत में तो यह लक्षण इतने सूक्ष्म होते हैं की हमे इनका पता ही नहीं चलता लेकिन जब बीमारी बढ़ जाती हैं तो लक्षण साफ़-साफ़ दिखाई पढ़ने लग जाते हैं, इसी तरह पीलिया रोग में भी निम्नलिखित लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं.

jaundice in hindi

  • पीलिया खुलकर भूख नहीं लगती हैं
  • ज्यादातर बुखार बना रहता हैं
  • सर में दर्द होने लगता हैं
  • पेशाब पिली आने लगती हैं
  • पीलिया नाख़ून भी पिले हो जाते हैं
  • आंखों में पीलापन छा जाता हैं
  • पीलिया पूरा शरीर पीला पड़ने लग जाता हैं
  • जरा सा काम करने पर भी भारी थकान होने लगती हैं

यह सभी पीलिया के आम सामान्य लक्षण हैं, पीलिया होने से पहले यह सभी रोगी में जरूर दिखने लगत हैं.

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पीलिया का इलाज बताये क्या है

Piliya Ka ilaj Batao in Hindi

  • पुराने से पुराने पीलिया में यह अनोखा व रामबाण उपाय बहुत असरकारी होता हैं, इसके मात्र 5-6 दिन के प्रयोग से ही पीलिया में आयुर्वेदिक उपचार हो जाता है. हम बात कर रहे हैं नारियल पानी की, नारियल पानी में ऐसे कई अनोखे गुण होते हैं, पीलिया इसका प्रयोग भी बहुत ही आसान हैं.

  • रोजाना दिन में नियमित रूप से 2 या 3 हरे नारियल का पानी पिए, इसके साथ ही पुरे दिन भर और कुछ न खाये सिर्फ नारियल पानी के ऊपर ही रहे. यह ऐसा प्रयोग हैं जो की सिर्फ 1-2 दिन में ही घरेलु इलाज कर देगा.
  • अगर आप लगातार 5-6 दिनों तक सिर्फ नारियल पानी के सहारे नहीं रह सकते तो थोड़ा-थोड़ा हल्का भोजन भी इसके साथ खा सकते हैं ताकि आपको कोई कमजोरी महसूस न हो, लेकिन ध्यान रखे सिर्फ थोड़ा ही भोजन करे और भोजन हल्का होना चाहिए. यानी सात्विक आहार ग्रहण करे. तो पीलिया में तेजी से लाभ होता है.

पीलिया में चने से करे रामबाण इलाज 

ऐसे होते हैं सीके हुए चने, इनका करे प्रयोग
  • पीलिया रोग में सीके हुए चना जिन्हें “भांगड़े” भी कहा जाता हैं, यह पीलिया के उपाय में सबसे ज्यादा प्रसिद्द हैं. इनका पुरे भारत देश में प्रयोग किया जाता हैं.
  • आप इसका सेवन डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों के साथ भी कर सकते हैं, इसका सेवन करने में कोई परहेज नहीं करने पढ़ते हैं. चने खून को बढ़ाने में मदद करते जिससे शरीर में रेड ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ती हैं औऱ बिलीरुबिन नामक पदार्थ की संख्या घटती हैं.
  • हमने आपको यहां पर पीलिया के जितने भी आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे बताये हैं उनमे से यह उपाय सबसे ज्यादा आसान हैं क्योंकि चने का सेवन आप दिन हो या रात कभी भी किसी भी समय कर सकते हैं इसमें किसी तरह के परहेज नहीं होते. इसलिए आप यहां दिए गए अन्य नुस्खे से उपचार के दौरान भी चने का सेवन करते रहे (सीके चने पीलिया).

पीलिया में फिटकरी 

  • घरेलु नुस्खे में फिटकरी के बारे में आपने में भी सुना होगा, यह पीलिया के सबसे आसान और प्रसिद्ध आयुर्वेदिक नुस्खे में से एक हैं. फिटकरी का आयुर्वेदा में महत्वपूर्ण स्थान हैं, इसके सेवन की कई तरीके हैं, प्रत्येक विधि बीमारी का जड़ से छुटकारा करती हैं फिर चाहे वह पीलिया हो, मलेरिया हो, टाइफाइड हो आदि कोई सा भी रोग हो हर रोग में फिटकरी बहुत लाभकारी होती हैं.

  • इसके लिए आप गुलाबी रंग की फिटकरी या फिर साफ़ स्वच्छ सफ़ेद रंग की फिटकरी दोनों में से जो उपलब्ध हो जाये वह 50 ग्राम की मात्र में ले लें (फूली हुई फिटकरी का उपयोग करे). इसके बाद इसे अच्छे से बारीक़ पीस लें, बारीक़ पीस लेने के बाद 3-4 रत्ती की मात्र में शुद्ध ताज़ा गाय के दूध से बने दही या छाछ में मिलाकर सेवन करे (3-4 रत्ती से मतलब हैं, 3-4 चिमटी फिटकरी का पिसा हुआ चूर्ण).
  • दिन में करीबन तीन बार इसका सेवन करे, कुछ ही दिनों में आपको महसूस होने लगेगा की पीलिया का असर धीरे-धीरे खत्म हो रहा हैं. यह फिटकरी भी आयुर्वेदिक इलाज हैं. इस प्रयोग को सभी तरह के पीलिया में इस्तेमाल किया जाता हैं, जब आपका पीलिया खत्म हो जाए तो इस प्रयोग को करना छोड़ दें, लेकिन शुरुआत में लगातार सात दिनों तक इसका (पीलिया) सेवन जरूर करे.

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बादाम का इस्तेमाल करे

  • अगर आप बताये गए इन घरेलु उपाय से पीलिया ठीक करने में कतरा रहे हो तो इस बादाम के उपाय से उपचार जरूर करियेगा. इसमें आपको बादाम, इलाइची, छुआरे का प्रयोग करना होता है, यह भी ऊपर बताये गए नुस्खे जैसा ही रामबाण हैं, (पीलिया में बादाम का प्रयोग कैसे करे).

  • सबसे पहले आप बाजार से अच्छी बादाम, इलाइची और छुआरे खरीद लाये, पहले दिन के सेवन के लिए इस तरह करे प्रयोग – इनमे से 11 ग्राम बादाम, तीन छुआरे और 6 ग्राम इलाइची अलग निकाल लें व अब एक glass या बड़े कटोरे को पानी से पूरा भर लें, इसके बाद इसमें यह बादाम, इलाइची और छुआरे डाल दें (कटोरे में पानी भरपूर होना चाहिए ताकि यह सभी अच्छे से भीग जाए).
  • अब इस कटोरे को ऊपर से ढंक दें ताकि इसमें कोई कचरा न गिरे, और रात भर के लिए इन सभी को कटोरे में भीगने के लिए छोड़ दें. अब सुबह होने पर आप इन सभी को कटोरे में से निकाल लें व अच्छे से बारीक पीस लें. अब इस नुस्खे को थोड़ा स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें थोड़ी सी पीसी हुई मिश्री मिला दें और साथ में स्वच्छ मक्खन भी मिला दें.
  • इन सब को आपस में मिलाकर अच्छे से घोंट लें, घोंटने के बाद पीलिया के रोगी को इसका सेवन करा दें. पीलिया में इस प्रयोग को आप रोजाना सुबह व शाम दोनों समय करे. यानी सुबह के प्रयोग के लिए रात को सोते वक्त बादाम, इलाइची और छुआरे को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसका प्रयोग कर लें, और शाम के प्रयोग के लिए सुबह उठने के बाद वापस बादाम, इलाइची और छुआरे को कटोरे में ताज़ा डालकर भिगोकर रख दें और शाम को इसका प्रयोग कर लें. इस तरह रात का सुबह और सुबह का शाम को प्रयोग करते रहना हैं. पीलिया का यह प्रयोग आप शुरुआत में 10 दिनों तक लगातार करते रहे.

लिवर ख़राब होने से पीलिया होने पर यह करे

  • पीलिया का इलाज में अगर किसी को लिवर ख़राब होने के वजह से पीलिया हुआ हो तो ऐसे व्यक्ति को बताये जा रहा यह प्रयोग जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह प्रयोग ख़राब लिवर से होने वाले पीलिया का रामबाण इलाज करता हैं.

  • पीलिया के इस प्रयोग को करने से पहले आप पुदीना, नीबू, संतरे, शहद को बाजार से खरीद कर ले आये. अब सबसे पहले मुट्ठी भर हरे पोदीना की पत्तियां लें (Mint Leaves), इसके बाद करीबन 2-3 कप निम्बू का रस लें, फिर 1/2 कप संतरे का रस लें, एक कप साफ़ स्वच्छ पानी लें, इसके बाद आखिर में अपने स्वादानुसार शहद भी लेवे.

विधि : सबसे पहले पानी को तेज आग पर उबाले, अच्छे से उबल जाने पर इसमें पोदीना की हरी पत्तियां डाल दें, और 6-7 minutes तक उबलने के लिए छोड़ दें. जब यह अच्छे से उबल जाए तो इसे आग पर से उतार कर जमीन पर रख लें व 5-10 मिनट के लिए ठंडा होने के लिए छोड़ दें.

पीलिया रोग में पानी ज्यादा पिए

  • जैसे ही किसी व्यक्ति को मालुम हो की उसे पीलिया रोग हो गया हैं तो ऐसे में रोगी को उसी समय से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना शुरू कर देना चाहिए, और जब तक पीलिया जड़ से मिट न जाए तब तक उसे रोजाना भरपूर मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए.
  • ऐसा करने से रोगी के शरीर में फ़िल्टर की प्रक्रिया तेजी से से चलने लगेगी यानी वह तत्व जो शरीर के लिए सही नहीं हैं वह ज्यादा पानी पिने से पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाएंगे.

  • किसी भी बीमारी अथवा रोग में ज्यादा से ज्यादा पानी पिने की सलाह प्रत्येक डॉक्टर व आयुर्वेदिक चिकित्सक भी देते हैं. इनकी सलाह तो होती हैं की आप रोजाना ही भरपूर पानी पिए ताकि शरीर में कोई भी ख़राब पदार्थ न रहे, लेकिन हम रोजाना तो यह नहीं कर पाते इसलिए आप कम से कम बीमारी के समय तो पानी का भरपूर सेवन करिये, पीलिया की बीमारी में खूब पानी पिए.

टमाटर पीलिया में खून की कमी को दूर करता हैं

  • यह हम सब जानते हैं की पीलिया रोग में खून की कमी आने लगती हैं, और ऐसे वक्त में खून की कमी को पूरा न किया जाए तो रोगी की हालत ओर गंभीर होने की सम्भावना रहती हैं.
  • ऐसे में खून बढ़ाने के लिए व खून की सभी तरह समस्या को दूर करने के लिए टमाटर से पीलिया में घरेलु इलाज का प्रयोग जरूर करे. (पीलिया में रेड ब्लड सेल्स मर जाते हैं, इनकी संख्या बहुत कम हो जाती हैं. ऐसे में टमाटर का सेवन रामबाण होता हैं, क्योंकि टमाटर रेड ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ाने में मदद करता हैं, यह उनको ऊर्जा प्रदान करता हैं.

  • इसके अलावा टमाटर शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाता हैं, खून की सफाई करता हैं आदि इसलिए आयुर्वेदा में बताया गया हैं की रोगी को पीलिया में टमाटर का हर रूप में सेवन करना चाहिए. जैसे टमाटर की सब्जी, टमाटर की सलाद, टमाटर का रस, कच्चा टमाटर का सेवन आदि इन अनेक रूपों से टमाटर का सेवन किया जा सकता हैं जो की खून बढाने में बहुत लाभ करते हैं. (टमाटर हर तरह से पीलिया के रोग में खाये)

चने की दाल का प्रयोग

  • इसके अलावा आप चने की दाल का भी प्रयोग कर सकते हैं – रोजाना रात को चने की दाल को किसी कटोरे या बर्तन में डालकर उसे पानी से भर दें औऱ रात भर इस दाल को भीगने के लिए ऐसे ही छोड़ दें. फिर अगली सुबह चने की दाल को अलग निकाल लें औऱ पानी को बहा दें. इसके बाद चने की दाल में स्वच्छ गुड़ मिलाकर पीलिया के रोगी को सेवन कराये. इस तरह चने की दाल से रोजाना प्रयोग करने से जड़ से छुटकारा हो जाता हैं.

निम्बू का प्रयोग करे

  • नींबू लिवर की प्रकिया को सुधारता हैं व लिवर को शरीर में मौजूद बेकार के पदार्थों को फ़िल्टर करने में मदद करता हैं. यह बिलीरुबिन नामक पदार्थ को भी शरीर से बाहर निकालने में मदद करता हैं. साथ ही जिन्हें पेट सम्बन्धी या पाचन से समबन्धित कोई रोग हो तो यह उनको भी ठीक कर देता हैं. एसिडिटी, कब्ज, पेट दर्द व पेट की सफाई इन सभी में यह बहुत अनोखा इलाज करता हैं.

  • रोजाना दिन में 4 बार नींबू का रस पिए, एक ग्लास साफ पानी लें, औऱ उसमे नींबू निचोड़कर काला-नमक मिला दें, स्वाद के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं. इसके बाद दिन में 4 बार इसे बनाकर पिए. यह प्रयोग सुबह खाली पेट करने से औऱ भी ज्यादा लाभ होता हैं. पीलिया के अलावा किसी भी रोग में इसका सेवन किया जा सकता है.

गन्ने का रस हैं पीलिया का इलाज

  • पीलिया में रोगी को ग्लूकोस की ज्यादा जरूरत होती हैं, ऐसे में गन्ने का रस एक सर्वोत्तम उपाय हैं. रोजाना गन्ने का रस पिए या फिर गन्ने चूसे. इस प्रयोग को करने से आपको शारीरिक थकान नहीं होगी औऱ न ही आपका पीलिया ज्यादा गंभीर होगा और आप गन्ने के रस में गेहूं के बराबर चुना मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं इससे और दुगना तिगना लाभ होता हैं पीलिया का इलाज करने के उपाय में यह सबसे आसान और चमत्कारी है.

सत्तू औऱ गन्ने का रस 7 में इलाज

  • अगर आप जौ के सत्तू को खाकर गन्ने का रस पीते हैं तो इससे पीलिया में अत्यंत लाभ होता हैं. रोजाना नियमित रूप से इसका प्रयोग करते रहने से सिर्फ 7 दिन में ठीक हो जाता है. इस प्रयोग को कई लोगों ने किया है, यह एक बेहतरीन पीलिया का आयुर्वेदिक उपचार है. सबसे सस्ता और आसान तरीका है.

लहसुन का आयुर्वेदिक उपाय 7 दिन में असर

  • पीलिया में लहसुन भी चमत्कारी व अचूक उपाय हैं. इसका साधारण से दिखने वाला यह प्रयोग बहुत लाभदायक होता हैं. रोजाना लहसुन की 3 कलियां ताज़ा दूध के साथ खाये. इस प्रयोग को रोजाना करते रहने से सिर्फ सप्ताह भर में ही आपको पूरा आराम मिल जायेगा.

प्याज का प्रयोग भी करे

  • सबसे पहले आप एक प्याज लीजिये अब इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बारीक काट लें इसके बाद काला या सेंधा नमक जो भी उपलब्ध हो औऱ थोड़ा नींबू का रस इसमें मिला दें. प्याज के टुकड़ों को औऱ नमक, नींबू के रस में अच्छे से घोटकर इसका रोजाना नियमित रूप से सुबह को औऱ शाम को सेवन करे. पीलिया के अलावा प्याज से और भी कई अन्य लाभ होते है.

इमली का पानी पिए

  • रोजाना रात को सोने से पहले एक ग्लास या बर्तन में इमली डालकर उसमे पानी भर दें. रात भर इमली को इस बर्तन में भीगा रहने दें, फिर अगली सुबह इमली को इस पानी में निचोड़ दें बाकी इमली को फेंक दें. अब यह आपके पिने योग्य हैं, इसके रोजाना के सेवन से पीलिया में बहुत लाभ होता हैं.

शहद औऱ आंवले का प्रयोग

  • रोजाना 50 ग्राम आंवले के रस को 1 चम्मच शहद में मिलाकर अच्छे से घोंटकर लेने से पीलिया को सिर्फ 15 से 20 दिन में ठीक कर देता हैं. आप बताये गए आयुर्वेदिक नुस्खों को बताई गई विधि के अनुसार करके देखें पीलिया से कुछ ही दिनों में यह आपको आराम पहुंचा देंगे. पीलिया ए, पीलिया बी, पीलिया सी सभी में लाभ होगा. इसके साथ ही पानी ज्यादा पीते रहे, ज्यादा घूमे फिरे नहीं, घर पर आराम करे. ऐसा करने से यह आयुर्वेदिक उपचार औऱ भी ज्यादा आसान हो जायेगा, इसलिए पीलिया में शरीर को पूर्ण आराम देना जरुरी हैं.

पीलिया में भोजन कैसा करना चाहिए

  • पीलिया में हलका आहार लें, ऐसा भोजन करे जो पचने में ज्यादा तकलीफ न देता हो. इसके साथ ही दलिया, मूंग दाल, ताज़ा व साफ़ शुद्ध तरीके से बना हुआ गन्ने का रस, संतरे का रस, खरबूजा, आलूबुखारा, अनार का रस, चीकू, सेवफल, छाछ (मट्ठा), नारियल पानी का सेवन, हरे रेत पर सीके हुए चने औऱ फलों का रस पिए.  इस बारे में हमने एक लेख में पूरी जानकारी दी है उसे भी आप जरूर पड़ें – पीलिया में क्या खाये और परहेज

किन चीजों से बचे?

ज्यादा शारीरिक श्रम न करे, और पीलिया के रोगी को ज्यादा तली गली चीजों से बचना चाहिए,  हो सके तो इस बिच तली चीजें खाना ही बंद कर दें, शराब भी न पिए, कॉफ़ी चाय पीना कम कर दें, तेज गर्मी में न जाये, चिकनाई से बनी चीजों का सेवन न करे, जैसे घी, तेल, घी लगी रोटियां आदि. उड़द की दाल का सेवन न करे, गरम मसाला, तेज मिर्च वाला भोजन, बाजार की बनी चीजें, समोसे, पोये, बासी भोजन आदि से बचे.

हमने आपको पीलिया का आयुर्वेदिक उपचार और नुस्खे piliya ka ilaj in Hindi करने के लिए सभी तरह के तरीके बताये हैं. आप इन सभी को बताई गई विधि के अनुसार प्रयोग कर के अपने घर पर ही बिना किसी नुकसान के इलाज कर सकते हैं. यह देसी नुस्खे सभी तरह के पीलिया में उपयोगी हैं काला पीलिया भी इनका प्रयोग कर सकते है.

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आयुर्वेद एक असरकारी तरीका है, जिससे आप बिना किसी नुकसान के बीमारी को ख़त्म कर सकते है। इसके लिए बस जरुरी है की आप आयुर्वेदिक नुस्खे का सही से उपयोग करे। हम ऐसे ही नुस्खों को लेकर आप तक पहुंचाने का प्रयास करते है - धन्यवाद.

12 Comments

  1. sir mera peeliya punarnava ki jad ko pees kar dahi main milakar liya jisse 7 din main sahi ho gaya apki post main parhej bahut achchha bataya hai thanks for share

  2. Agar aap niymit roop se btaye gaye upay karte hai to aapka piliya bilkul thik ho jayega.

  3. Mukje joundish ha.. Phle 2 bar ho chuka ha. Bhut preshan hu.. Kaise mau bikul thik ho jau. Kirpya upay battaye

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