यहां आप जानेंगे पाइल्स का इलाज जो की घरेलु उपाय व नुस्खे के जरिये किया जायेगा. हम यहां आपको ऐसे कई तरह के आयुर्वेदिक नुस्खे बताएंगे जिनके जरिये आप बड़ी आसानी व सरल तरीके से कर सकेंगे.
आप बिलकुल सही जगह आये हैं अगर आप इस बारे में जानना चाहते हैं तो (internal and external) piles treatment at home with home remedies in Hindi जो की 100% आयुर्वेदिक हैं. हम यहां आपको पाइल्स के बारे में पूरी जानकारी देंगे.
यह क्यों होता हैं, कैसे होता हैं, कितने प्रकार का होता हैं, diet plan (things to avoid) आदि पूरी जानकारी देंगे. इसलिए आपसे निवेदन हैं की आप इस जानकारी को पूरा पड़ें.
- पाइल्स के नाम
पाइल्स रोग कई नामो से जाना जाता हैं, जैसे – अर्श रोग, मस्से, मोहके, बवासीर, और इसे इंग्लिश में hemorrhoids के नाम से भी जाना जाता हैं. भारत में कहीं-कहीं इस रोग को “मूल व्याधि” के नाम से भी पुकारते हैं और कुछ जगह में मूल शंका के नाम से भी पुकारते हैं.
आधुनिक सभ्य समाज के लोगों में कब्ज और उसका अंतिम परिणाम पाइल्स, दोनों सामान रूप में देखने को आते हैं. यानी की कब्ज के लम्बे समय तक रहने से ही पाइल्स रोग हो जाता हैं.
पुराने ज़माने में यह रोग सिर्फ 30 प्रतिशक बूढ़ों में ही पाया जाता था, लेकिन आज तो यह रोग आम तौर पर युवकों और युवतियों में भी पाया जाने लगा हैं.
इसके पीछे सबसे बड़ा कारण हैं, अनियमित जीवन शैली. आज के युग में जितने भी रोग हो रहे हैं उनके पीछे यही एक कारण पाया जाता हैं. समय पर शौच नहीं करना, शौच को देर तक रोके रखना, कब्ज का ज्यादा समय तक रहना, अपचन होना, शौच/मल त्याग करते समय ज्यादा जोर लगाना आदि इस रोग के होने की सामान्य वजह हैं.
- उदर रोग –
आयुर्वेदा में उदर्द रोग आठ तरह के माने गए हैं : 1. पित्तजनित 2. कफजनिक 3. वायुजनिक 4. त्रिदोषजनित 5. प्लिहाजनित 6. मलजनित 7. क्षतजनित 8. जल-संयम जनित इनमें पाइल्स मलजनित एक कष्टदायक उदर रोग हैं.
- गुदा द्वार में तीन बालियान
गुदा द्वार के भीतर की तरफ 4/1-2 अंगुल तक की जगह में शंख के आकार में तीन आर्वत होते हैं, जिन्हें बलि कहते हैं. भीतर की तरफ डेढ़ अंगुल “परिमित” पहली बालिका नाम प्रवाहिनी हैं.
दूसरी बालिका का नाम विसर्जन हैं, जो पहली बलि से डेढ़ अंगुल परिमित उसके निचे होती हैं. उसके निचे जो तीसरी बलि होती हैं, उसको संवरणी कहते हैं.
ये तीनो बालियान शंख की बलियो के सामान बल खाये हुए होती हैं. इन्हें का संयुक्त नाम गुदा या गुदा द्वार हैं. यही से मानव मल त्याग करता हैं.इनसे बाहर शेष आधा अंगुल परिमित गुदा द्वार के भाग के गुदोषत कहते हैं.
- यह सभी बालियान इस तरह काम करती हैं.
प्रवाहिनी बालिका का कार्य मल को प्रवाहित करना (मल को आगे भेजना) होता हैं, विसर्जन बलि मल को त्यागती हैं, जिसे शौच की हाजत होना कहते हैं. संवरणी बलि मल को इच्छानुसार रोकती है, इसका यही कार्य होता हैं.
अगर आपको ज्यादातर कब्ज की शिकायत रहती हैं तो पहले इसको भी दूर करे, हमने कब्ज को घर पर रहकर ही मिटने के कई उपाय बताये हैं आप उन्हें यहां पढ़ सकते हैं >>> कब्ज का घरेलु इलाज रामबाण
- पाइल्स और उनके आकर प्रकार
जीर्ण कब्ज फलस्वरूप जब मल के भार से उपर्युक्त तीनों बालियान रोगाक्रान्त/कमजोर पढ़ जाती हैं, जिससे उनमें कई तरह की आकृति के मांसके अंकुर उतपन्न हो जाते हैं, इन्हीं को पाइल्स के मस्से कहते हैं.
मल द्वार के बाहर जो मस्से होते हैं, उनको बाहरी मस्से (external piles) और मल द्वार के भीतर जो मस्से होते हैं, उनको भीतरी मस्से (internal piles) कहते हैं.
इन मस्सों की संख्या कोई निश्चित निर्देश नहीं किया जा सकता हैं. ये मस्से 2 से लेकर 8-10 के गुच्छे के सामान हो सकते हैं. मस्से बिना मुंह फोड़ों या छोटी-छोटी गांठ के रूप में होते हैं.

- पाइल्स के मस्से भिन्न-भिन्न आकर प्रकार के होते हैं. जैसे,
1. छोटे-छोटे सख्त मसूर के या चने के दाने जैसे
2. लम्बे, नरम, ऊपर लाल छपते और निचे बारीक सूत जैसे
3. मामूल सख्त
4. अलग-अलग लम्बे अंगूर की तरह
5. थोड़े सख्त, लम्बे खजूर की तरह
6. सफ़ेद दर्द रहित
7. गोल और चपटे अंजीर की तरह
8. खुरदरे कदंब के फूल के जैसे
9. जोंक के मुख के सामान आदि
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अगर आप पाइल्स के प्रकार के बारे में डिटेल में जानना चाहते है तो यहां क्लिक करे >> Piles Types Information
Piles Treatment in Hindi At Home
पाइल्स का इलाज बताये
शुरूआती स्थिति Starting Stage of Piles
- (पाइल्स ट्रीटमेंट) – तकलीफ की शुरुआत स्थिति में पाइल्स के मस्सों में खुजली और जलन मामूली तौर पर होती हैं. फिर आगे चलकर मस्से बढ़कर मसूर के दानों, जौ के दानों, मटर के दानो या मुनक्कों के बराबर हो जाते हैं.
- ये मस्से जब पहात जाते हैं तो इनसे खून निकलने लगता हैं. तब इसे खुनी बवासीर कहते हैं और जिस पाइल्स में खून नहीं निकलता हैं उसे वादी या बादी पाइल्स (badi piles) कहते हैं. इस प्रकार की पाइल्स से खून तो नहीं गिरता, लेकिन दर्द बहुत ज्यादा होता हैं. यह खुनी पाइल्स से भी ज्यादा दर्द देता हैं.
पाइल्स से होने वाले रोग
- पाइल्स स्वयं तो एक भयंकर रोग हैं ही, साथ ही यह कितने ही अन्य भयंकर रोगों को पैदा करने वाला भी हैं. इस रोग से गुदाभ्रंश, भगन्दर, बढ्दोदर, यकृतवृद्धि, कामला (पीलिया) रक्तक्षय और हाथ पांव में शोथ आदि रोग उत्पन्न हो जाते हैं. आखिर में निद्रानाश होकर मस्तिष्क विकृति की भी सम्भावना हो जाती हैं.
- यानी पाइल्स का ट्रीटमेंट अगर समय पर नहीं किया जाए तो यह मनुष्य का जीवन बर्बाद कर देता हैं. वृद्धावस्था में खुनी पाइल्स की शिकायत जब अधिक दिनों तक ठहर जाती हैं, तो अक्सर वह कैंसर का रूप धारण कर लेती हैं.
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पाइल्स के रोग को दबाना नहीं चाहिए
- अधिकतर ऐसा होता हैं की पाइल्स के रोगी पाइल्स (मस्से) को दबा देते हैं, यानि piles का temporary treatment कर लेते हैं, और सोचते हैं की उनका रोग ठीक हो गया. लेकिन यह एक भयंकर भूल होती हैं.
- क्योंकि विभिन्न औषधियों के प्रयोग द्वारा रोग को दबा देने पर अधिकतर ऐसा ही देखा गया हैं की कुछ समय बाद रोग फिर से उत्पन्न हो जाता हैं, जो की विकराल और भयंकर रूप में उपस्थित हो जाता हैं या इसी रोग से सम्बंधित रोगी को अन्य रोग हो जाते हैं, जो जीवन के लिए बहुत ही दुखदाई और कष्टकारक होते हैं.
- ऐसे में यह रोग कई बार रोगियों की जान भी ले लेते हैं. इसलिए हमेशा किसी भी रोग का हमेशा के लिए व जड़ से ख़त्म करने का प्रयास करना चाहिए.
- शुरुआत में पाइल्स से बहने वाला खून प्रवाह को औषधियों द्वारा कभी न रोके, इसके बदले उपवास के जरिये इस रक्तस्राव को रोकने की कोशिश करना चाहिए.
- जो मुर्ख चिकित्सक पाइल्स के रक्त-स्राव को पहले ही रोक देते हैं, वे रोगी का अहित (नुकसान) ही करते हैं, क्योंकि ऐसा करने से बाद के अन्य रोग उतपन्न हो जाते हैं. क्योंकि वह तो ख़राब खून हैं, और उसे बाहर निकलना ही होगा अगर इसे रोका गया तो यह खून शरीर में कही और जाकर रोग पैदा करेगा ही.
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शल्य चिकित्सा Surgery Treatment for piles
- हमारी नजर में शल्य चिकित्सा के जरिये पाइल्स के मस्सों को काटकर अलग कर देना भी रोग की सही चिकित्सा नहीं हैं. इसका कारण यह हैं – इस चिकित्सा से रोग का कारण तो ज्यों का त्यों ही बना रहता हैं, मात्र उसका बाहरी लक्षण दूर हो जाता हैं, जिससे रोग फिर से उपस्थित हो सकता हैं. पाइल्स के मस्सों की शल्य चिकित्सा जीवन के लिए खतरनाक भी हो सकती हैं (Dangerous side effects).
- शल्य चिकित्सा (surgery treatment) के द्वारा कटे हुए मस्से पुनः उग सकते हैं (जैसे की किसी पेड़ की डालियों या तने को को काट देने पर वह पेड़ फिर से फुट जाता हैं, यानी उसमे फिर से नई डालियां उगने लगती हैं ठीक इसी तरह शल्य चिकित्सा करने पर होता हैं piles treatment with surgery. इसलिए जो पाइल्स के रोगी पाइल्स के मस्सों को कटवाकर राहत की सांस लेते हैं और यह समझते हैं की उनका रोग दूर हो गया, तो वे भूल में हैं.
- हमारी नजर में इलाज करने के लिए रोगी को न तो शल्य चिकित्सा का सहारा लेना चाहिए और ना ही औषधियों के सहारे बैठे रहना चाहिए, हां आप पाइल्स दूर करने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे का उपयोग कर सकते हैं लेकिन इनके ही सहारे बैठे रहना भी ठीक नहीं होता.
डॉक्टर को कब दिखाए
अगर आपको लगता हैं की आपकी तबियत कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गई हैं तो आपको तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए. डॉक्टर आपका इस तरह से मेडिकल यानी हॉस्पिटल ट्रीटमेंट करेंगे – निचे देखें और अगर आप पाइल्स का आयुर्वेदिक इलाज खोज रहे हैं तो और निचे जाए, हमने कई तरह के आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे निचे दिए हैं.
Medicine treatment – जब पाइल्स शुरूआती स्थिति में होता हैं तो उसे डॉक्टर दवाइयों के जरिये ख़त्म करने की कोशिश करता हैं. इससे कई लोगों का पाइल्स ठीक भी हो जाता हैं.
Treatment with Injection – अगर रोगी को दवा के माध्यम से भी फायदा न हो तो फिर डॉक्टर उसे अस्पताल में बिना भर्ती किये ही इंजेक्शन देकर इलाज करने की कोशिश करता हैं.
रबरबैंड ट्रीटमेंट (piles ka ilaj)- खुनी पाइल्स में डॉक्टर मस्सों में रबरबैंड लगा देते हैं, जिससे मस्सों से खून बहना बंद हो जाता हैं और कुछ दिनों में मस्से सुख जाते हैं. यह इलाज डॉक्टर अस्पताल में बिना भर्ती किये ही करते हैं.
फोटोओगुलशन थेरेपी – यह थेरेपी पाइल्स के शुरूआती रोगी के लिए रामबाण होती हैं. इस थेरेपी में किरणों के जरिये मस्सों को सुखाया जाता हैं जिससे बादी और खुनी मस्से ख़त्म होने लगते हैं.
आखिर में अगर रोगी को इन सभी उपचार से कोई फायदा नहीं होता हैं तो डॉक्टर रोगी पर शल्य क्रिया करते हैं. शल्य किर्या में डॉक्टर मस्सों का ऑपरेशन कर उन्हें काट देते हैं.
स्टाप्ल्ड हेमरॉयडेक्सि – इस ऑपरेशन में रोगी को दर्द कम होता हैं, क्योंकि डॉक्टर मस्सों के ऊपरी हिस्सों को काटते हैं. इसके लिए करीबन 1-2 दिन रोगी को अस्पताल में ही रहना पड़ता हैं.
हेमरॉयडेक्सि – इस ऑपरेशन में रोगी को 4-5 दिन अस्पताल में ही रहना पड़ता हैं, यहीं पर डॉक्टर मस्सों का ऑपरेशन कर उन्हें काट देते हैं. (इस ऑपरेशन में रोगी को बेहोश कर दिया जाता हैं).
यह तो रही पाइल्स के बारे में जानकारी अब हम आपको इसका उपचार करने के लिए उपाय बताएंगे. यह उपाय प्राकृतिक व आयुर्वेदिक होंगे. आपसे विनती हैं की आप इस लेख को पूरा पड़ें ताकि आपको पाइल्स के बारे में पूरा ज्ञान हो जाए.
उपवास – Fasting For Piles
- एकत्र दोष और जीर्ण कब्ज चूंकि पाइल्स रोग के मुख्य करा हैं, इसलिए रोग निवारण के लिए पहले पाचन-अंगों को आराम देकर उनकी क्रियाशीलता (भोजन पचाने की क्षमता) बढ़ाना और शुद्ध प्राकृतिक भोजन द्वारा शरीर की विषमता को दूर करना बहुत जरुरी हैं.
- (मात्र उपवास करने से ही कई भयानक रोग भी दूर हो जाते हैं, यह पेट में मौजूद सभी बैक्टीरिया और पाचन-अंगों की कमजोरी को दूर कर उन्हें मजबूती देता हैं).
- मैकफ़ेडन के अनुसार इस रोग में सबसे पहले 5 से लेकर 20 दिनों तक का उपवास करना चाहिए. उपवास की यह अवधि रोगी की शक्ति और सामर्थ्य पर निर्भर करता हैं. लेकिन हमारे अनुसार छोटे उपवास यानी 3 से 6 दिनों के उपवास भी विशेष प्रभावी होते हैं.
- तीन दिनों के उपवास के बाद दूसरा उपवास महीने भर बाद करना ठीक होगा. उपवास के दिनों में रोग 2-3 सेर पानी पीना लाभदायक होता हैं. यह सर्वोत्तम व प्राकृतिक पाइल्स के घरेलु उपाय हैं.
उपवास कैसे तोड़े
- उपवास तोड़ने के लिए पहले दिन किसी सब्जी या फल का रस दिन में तीन बार पांव-पांव भर-की मात्रा में लें. दूसरे दिन कोई रसीला फल या तरकारी लें. तीसरे दिन एक बार मट्ठा, एक बार थोड़ा सा दलिया, थोड़ी सी तरकारी और दही लें. तीसरी बार दलीय और तरकारी लें. फिर धीरे-धीरे सादे भोजन पर आ जाए. सादा भोजन इस तरह हो की पेट साफ़ रहे और मल कड़ा पड़ने न पाए.
- भोजन में सिर्फ फलों का रस, पके फल, उबली सब्जी, सुप, सलाद दही, मट्ठा आदि रहना चाहिए. सुबह : निहार मुंह मलि का रस आधी छटांक लेने के आधा घंटा बाद रात भर पानी में भीगे हुए चार आलूबोखारों को मलकर छानकर लेना चाहिए और जिस पानी में आलू बोखारे भिगोये गए हैं, उसे भी पि लेना चाहिए. इसके अलावा दिन में कई बार दो भाग गाजर का रस तथा एक भाग मूली का रस मिलाकर पीना भी बड़ा गुणकारी होता हैं.
- रात को सोने के पहले एक पांव गरम पानी में एक कागजी नीबू का रस मिलाकर पीना बहुत लाभदायक होता हैं. नमक का प्रयोग पाइल्स के रोगी को कुछ दिनों के लिए छोड़ देना चाहिए. इसके साथ ही piles patient को जमीकंद की तरकारी इस रोग में लेना चाहिए बहुत फायदेमंद होती हैं.
- बादी पाइल्स में गाय के दही का बना ताज़ा मट्ठा अमृत के सामान लाभकारी सिद्ध होता हैं यह पाइल्स की नेचुरल रेमेडीज में से एक हैं. ऐसा देखा गया हैं की तक्र यानी मट्ठा के प्रयोग से नष्ट हुए पाइल्स मस्से फिर कभी नहीं निकलते.
- इस छोटे से प्रयोग से बहुत लाभ होता हैं. जिस रोगी को मंदाग्नि हो, उसे केवल मक्खन निकाले हुए मट्ठे का प्रयोग करना चाहिए. उसे अन्य भोजन नहीं करना चाहिए.
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व्यायाम
- पाइल्स के रोगी को कठिन व्यायाम नहीं करना चाहिए (exercise for piles patients), तथा भरी बोझ आदि उठाने से भी पाइल्स के पेशेंट्स को परहेज करना चाहिए. फिर भी उसे हल्का व्यायाम तो करना ही चाहिए. थोड़ा बहुत टहलने का व्यायाम रोगी के लिए बहुत जरुरी होता हैं. महाप्राचीर और उदर की पेशियों की गति और शक्ति बढ़ाने के लिए सांस की कसरते भी करनी चाहिए.
- व्यायाम के बाद लेट कर कम से कम 10-15 मिनट पूरी तरह से विश्राम या श्वसन द्वारा शिथिलीकरण करना चाहिए. यदि शिथिलीकरण करने का आसान या तख़्त पैर के की तरफ 16 इंच ऊंचा रखा जाय तो और भी अधिक प्रभावकारी होता हैं.
- खुनी पाइल्स में हरी बोतल के सूर्यतप्त जल की 4 खुराकें और बादी पाइल्स में नारंगी रंग की बॉटल के पानी की उतनी ही खुराकें आधी-आधी छटांक की मात्रा में पीना चाहिए.
पाइल्स में गणेश क्रिया
पाइल्स का इलाज में में गणेश क्रिया से बड़ा लाभ होता हैं. उसकी विधि यह हैं सुबह के समय शौच जाए तो साथ में पानी ले जाए. पाखाना हो चुकने के बाद गुदा साफ़ करते समय बाए हाथ की मध्यमा अंगुली पर सरसों का तेल लगाकर गुदा के भीतर घुमाये (मल द्वार में सरसों के तेल से भीगी उंगली डालकर उसे चारों ओर घुमाये).
इसके बाद अंगुली और गुदा को पानी से साफ़ कर लें. अगर गुदा के भीतरी भाग में चिपका हुआ मल रह गया हो तो दूसरी बार भी यह क्रिया की जा सकती. हानि – यह ध्यान रखना जरुरी हैं की गुदा के भीतर चिपका हुआ मल न रह जाय. (इस क्रिया को करने से पहले अपनी उंगली का नाख़ून काट लें, व उसे नेल कटर से घीस कर चिकना कर लें. नाख़ून का छोटा होना बेहद जरुरी हैं)
मस्से के सूजन में रोगी को चारपाई को पांवो की ओर से ऊँचा करके रखना चाहिए. उस काल में गुदा पर ठंडी पट्टी के प्रयोग तथा कटिस्नान से बड़ा लाभ होता हैं. यदि दर्द अधिक हो तो हल्का गरम सेंक के तुरंत बाद गुदा तथा सीवन पर ठंडी पट्टियों का प्रयोग करना चाहिए.
खुनी पाइल्स में जब रक्तस्राव (bleeding in piles) हो रहा हो और पीड़ा सता रही हो तो एक से दो घंटे तक लगातार बर्फ की थैली रखनी चाहिए या गीली मिटटी की ठंडी पट्टी बराबर रखनी चाहिए. उस मिटटी में नीबू का रस मिला लेने से अधिक लाभ होता हैं.
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- कुछ आयुर्वेदिक प्रयोग
- रीठे का छिलका एक पाव सूखा कर चूर्ण तैयार करे. फिर पानी में मिलाकर उसकी गोलियां बनाये. बादी पाइल्स में मट्ठे के साथ दोनों समय एक एक गोली सेवन करें. खुनी पाइल्स (bloody piles) में ताजे पानी के साथ इसका सेवन करे.
- हरीतकी एक तोला, दूध एक पाव, जल एक पांव तीनो का काढ़ा बनाकर रोजाना शाम के समय पिने से खुनी पाइल्स में आश्चर्यजनक लाभ होता हैं.
- नीबू को काटकर आधा आधा कर दें. इसमें असली लाल कत्था भरकर रात को ओसमें रख दें. रोजाना सुबह के समाय इसे चूसें. पहले दिन ही खुनी पाइल्स से खून बहना बंद हो जाएगा.
- नारियल की जटाये जलाकर कपड़छान कर शीशी में रखें. एक माशा यह चूर्ण और दो माशा देशी शक्कर मिलाकर दिन में दो बार ठन्डे जल से लें तो खुनी पाइल्स में बहुत लाभ होगा.
- गेंद के हरे पत्तों को कालीमिर्च के साथ पानी के साथ मिलाकर व पीसकर एक छटांक रस बनाये और सुबह शाम ताजा-ताजा पिए तो 20 से 30 दिन में पाइल्स में लाभ होगा.
- अब पढ़िए खुनी और बादी पाइल्स के घरेलु नुस्खे उपाय के बारे में, हम यहां आपको बारी-बारी से दोनों तरह के पाइल्स के आयुर्वेदिक नुस्खे बता रहे हैं. पहले बादी पाइल्स और उसके बाद खुनी के बताएंगे.
Piles fast & quick Home Treatment in 1 to 3 days
- नारियल की जटा से पाइल्स रोग का तुरंत उपचार किया जा सकता हैं वह भी सिर्फ 1 से 3 दिनों के भीतर. इसके लिए आपको कुछ नहीं करना हैं, बस थोड़ी नारियल की जटाओ को इकट्ठा करना हैं और उनको जलाकर राख बनानी हैं.
- इसके बाद जब यह राख तैयार हो जाए तो इसे तीन ग्राम की मात्रा में एक या फिर डेढ़ कप की मात्रा में ताज़ा दही यह छाछ के साथ ली जा सकती हैं. यह बहुत जरुरी हैं की दही या छाछ ताज़ा हो, व पहले दिन इसे दिन में तीन बार लें अगर ज्यादा लाभ न नजर आये तो लगातार तीन दिन तक दिन में तीन बार लें.
Badi Piles Home Remedies Ayurvedic & Natural
- (1) आंवला और मेहंदी के पत्ते 15-15 माशा लेकर डेढ़ पाव पानी में रात भर भीगने दें. फिर सुबह के समय उसका पानी पिने से बादी पाइल्स का इलाज होता हैं.
- (2) मीठा अमरस आधा कप, मीठा दही 24 ग्राम और अदरक का रस 1 चम्मच (यह एक मात्रा हैं). यह सब मिलाकर दिन में रोजाना तीन बार पिए इस प्रयोग से पुराने दस्त, दस्तों में अपच के कण निकलना बंद हो जाते हैं और पाइल्स में भी लाभ होता हैं.
- (3) अगर किसी रोगी को पाइल्स के साथ-साथ कब्ज भी हो रही हो तो पाइल्स में कब्ज को दूर करने के लिए सुबह के समय भूखे पेट अमरुद खाना उपयोगी हैं. शौच करते समय बाए पैर पर जोर देकर बैठें. इस प्रयोग से पाइल्स के मस्से नहीं होते हैं और मल साफ़ आता हैं यह पाइल्स से बचने के उपाय में से एक हैं जो की इस रोग को होने से रोकता हैं.
- (4) बाजार से 10 जायफल लाकर देसी घी में इतना सेंके की वह सुर्ख हो जाए. फिर इन जयफलों को पीसकर चलनी से छान लें. इनमें दो कप गेहूं का आटा मिलाकर घी डालकर पुनः सेंकें. सेंकने के बाद अपने स्वादानुसार देसी बुरा शक्कर मिला लें. इसे एक चम्मच रोजाना सुबह भूखे पेट खाये. पाइल्स में लाभ होता हैं.
- (5) जिमीकंद का बरता बनाकर रोजाना खाने से पाइल्स ठीक हो जाता हैं.
(1) जिमीकंद के टुकड़े छाया में सुखाकर चूर्ण बनाकर 10 माशा रोजाना सुबह 20 दिन तक लेने से पाइल्स दूर हो जाता हैं.
(2) जिमीकंद के ऊपर मिटटी लगाकर कपडा लगा दें और उसे आड़ में दाल दें, जब मिटटी लाल हो जाए, तब उसे मिटटी से अलग कर के नमक और तेल मिलाकर खाने से पाइल्स में बहुत लाभ होता हैं. - (6) 30 ग्राम हुलहुल के पत्ते पीसकर टिकिया बनाकर पाइल्स के मस्सों पर रखकर ऊपर से लंगोट पहनें.
इस तरह 3 दिन यह प्रयोग करने से मस्से ठीक हो जायेंगे. यह तीन दिन में तुरंत इलाज करने का उपाय हैं, fastest home remedies for piles.
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(7) नागकेसर और सफ़ेद सुरमा बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें. इसे आधा ग्राम की मात्रा में लेकर 6 गफराम शहद में मिलाकर चाटने से सभी तरह के पाइल्स में लाभ होता हैं.
- (8) 10 साल पुराना घी लगाने से भी मस्से का रामबाण इलाज होता हैं. वैसे इतने पुराने घी का मिलना बहुत मुश्किल हैं, लेकिन कोशिश करने पर हो सकता हैं की आपको दस साल पुराना घी मिल जाए. piles treatment in ayurveda यह बहुत ही आसान घरेलु उपाय हैं.
- (9) सूर्योदय से पहले आर्क, आकड़ा या अकौए का तीन बून्द दूध बताशे में डालकर खाने से पाइल्स में फायदा होता हैं. आर्क बड़ी ही आसानी से कहीं भी मिल जाता हैं, यह एक छोटा पौधा होता हैं जिसमे सफ़ेद रंग के फूल पाए जाते हैं. इसके पत्ते व फूल तोड़ने पर इसमें से सफ़ेद-सफ़ेद बूंदें निकलती हैं उन्हीं को प्रयोग में लाना हैं.
- 10 नीम की निबोली की गिरी सेंधा नमक, गुड़, शक्कर या मिश्री के साथ ठन्डे पानी से सुबह-शाम फांकी लेने से लाभ होता हैं. 4 दिन के प्रयोग से लाभ मिलने लगेगा. यह पाइल्स का घरेलु उपाय प्रयोग कम से कम 7 दिनों तक रोजाना करे.
- छाछ के जरिये ऐसे पाए पाइल्स से छुटकारा वह भी हमेशा के लिए – 1 ग्लास छाछ में एक चम्मच पीसी हुई अजवाइन और आवश्यकतानुसार नमक मिलाकर पिने से पाइल्स में लाभ होता है. आयुर्वेद शास्त्र का अकाट्य कथन हैं की छाछ के सेवन से नष्ट हुए पाइल्स के मस्से फिर कभी उतपन्न नहीं होते. ) इसमें सेंधा नमक ज्यादा लाभ करता हैं.)
- ज्वार की रोटियां – हम साधारणतः गेहूं के आटे की रोटी खाते हैं, लेकिन पाइल्स के रोगी को ज्वार के आटे की रोटी खाना चाहिए. क्योंकि ज्वार का गुण ठंडा हैं, यह पेट में जाकर ठंडक करती हैं. पचाने में भी आसान होती हैं और मल त्याग करते समय ज्यादा तकलीफ भी नहीं देती.
- गर्म दूध के साथ इसबगोल की भूसी या गुलाब का गुलकंद लेने से पाखाना खुलकर आता हैं. पाइल्स के पेशेंट्स को इसका सेवन करना चाहिए. इसबगोल कब्ज के रोग में भी बहुत लाभदायक सिद्ध होती हैं.
- Aloevera जिसे हम हिंदी भाषा में ग्वारपाठा कहते हैं, यह मनुष्य के सभी रोगों में बहुत काम आता हैं, खूबसूरत, मोटापा, कैंसर आदि कई रोगों को दूर करने में मदद करता हैं. अलोएवेरा पाइल्स में भी उतना ही रामबाण होता हैं जितना किसी और रोग में होता हैं.
- ग्वारपाठे के पौधे के हरे पत्ते और कालीमिर्च 11-11 लेकर पीसकर 62 ग्राम पानी में मिलाकर सुबह एक बार एक दिन पिने से बादी पाइल्स (वह पाइल्स जिसमे खून नहीं गिरता हों) ठीक हो जाता हैं. बादी पाइल्स का घरेलु उपाय श्रेष्ठ.
- पाइल्स के मस्से चुकंदर खाते रहने से झड़ जाते हैं.
- पाइल्स व बलगम, गर्मी के दुष्प्रभाव, रक्तचाप चौलाई की सब्जी नित्य खाते रहने से लाभ होता हैं.
- तोरई पाइल्स को ठीक करती हैं. तोरई की सब्जी कब्ज के रोग को भी दूर करती हैं. अगर किसी पाइल्स के पेशेंट को कब्ज आदि भी हैं तो उसे इस आयुर्वेदिक नुस्खे का उपयोग जरूर करना चाहिए.
- गाय का ताजा दूध पैर के तलवों पर मलने व रगड़ते रहने से पाइल्स में बहुत लाभ होता हैं.
- छाछ में सिका हुआ जीरा मिलाकर पीना भी लाभकारी हैं.
- 12 ग्राम सोंठ गुड़ के साथ लेने से पाइल्स , सूजन और पीलिया में लाभ होता हैं.
- पाइल्स पर तुलसी के पत्तों को पीसकर लेप करने अथवा रस लगाने से लाभ होता हैं. तुलसी के पत्तों का सेवन भी रोजाना करना उपयोगी हैं.
- रसौत का चूर्ण 12 रत्ती और कालीमिर्च 1 नग दही या मट्ठे के साथ दिन में 1 बार खाने से पाइल्स मिट जाती हैं.
- 2 माशे हरड़ का चूर्ण इसबगोल की भूसी के साथ रात में खाने से पाइल्स के मस्से नष्ट होते हैं. पाइल्स के मस्से का इलाज यानी उन्हें ख़त्म करने के लिए यह उपाय हैं.
- कालीमिर्च 2 माशा, जीरा 1 माशा और शक्कर 7/1-2 माशा मिलाकर एक चम्मच पानी के साथ लेने से पाइल्स मिट जाती हैं.
- सुबह पहली 3 बजे से 5 बजे के बिच में उठकर शृंगभस्म अथवा लोह भस्म मक्खन के साथ खाकर पुनः सो जाने से पाइल्स में अच्छा लाभ होता हैं.
- जायफल और सोंठ 1/1-2 -1/1-2 तोला और अनार का छिलका 5 तोला लेकर व पीसकर दही के साथ खाने से पाइल्स में लाभ होता हैं.
- त्रिफला और मिश्री बराबर मात्रा में लेकर गुलाब जल में घोटकर 7 माशे की मात्रा में नित्य खाने से अर्श रोग का इलाज होता हैं.
- जंगली कबूतर की बिट और बाबुल के फूल 1-1 माशा लेकर 4 तोला गुलाब जल के साथ मिलाकर सुबह-शाम पिने से पाइल्स दूर होता हैं.
- 10 ग्राम फिटकरी को बारीक पीसकर 20 ग्राम मक्खन में मिलाकर लगाने से पाइल्स के मस्से का उपचार होता हैं, सारे मस्से गिर जाते हैं.
- कच्चे काले तिल ताजे पानी के साथ खाने से अर्श रोग मस्सों में लाभ होता हैं.
- 10 ग्राम भांग के हरे पत्ते और एक ग्राम अफीम घोटकर एक टिकिया बना लें और तवे पर गर्म करके गुदा पर बांधें. इस प्रयोग से पाइल्स के मस्से ख़त्म हो जाते हैं.
- अडूसे के पत्ते पीसकर नमक मिलाकर बांधने से पाइल्स और भगन्दर रोग में लाभ होता हैं.
- गर्म-गर्म कांडों (उपलों) की राख लगाने से पाइल्स के मस्से मिट जाते हैं.
- अखरोट के तेल में कपड़ा भिगोकर बांधने से पाइल्स के मस्सों में अत्यंत लाभ होता हैं.
- काले जीरे की पुल्टिस बांधने से बाहर लख्ते हुए मस्से बैठ जाते हैं.
- सूरजमुखी के पत्तों का साग दही के साथ खाने से पाइल्स के मस्से मिट जाते हैं.
- थूहर का दूध लगाने से मस्से और त्वचा के फोड़ों में बहुत लाभ होता हैं.
- काले सर्प की केंचुली जलाकर सरसों के तेल में मिलाकर गुदा पर चुपड़ने से मस्से कट जाते हैं.
- अजवाइन और रसोत 3-3 माशा खाने से अर्श रोग में लाभ होता हैं.
- लवण भास्कर चूर्ण भोजन करने के बाद 1 से 3 तक खाने से दस्त लगकर पाइल्स ठीक हो जाती हैं.
- नीम और पीपल के पत्ते और 5 ग्राम काली मिर्च को ठाडै की तरह घोटकर पिने से अर्श पाइल्स रोग में फायदा होता हैं.
- 3 ग्राम कच्चे अनार के छिलके के चूर्ण से 100 ग्राम दही मिलाकर खाने से बादी पाइल्स मिट जाता हैं.
- 6 ग्राम चिरचिटा के पत्ते और 5 ग्राम कालीमिर्च को ठंडाई की तरह घोंटकर पिने से बादी पाइल्स के मस्सों में लाभ होता हैं.
- 2-3 बिच्छू पकड़कर स्प्रीट में दाल दें. 15-20 दिनों के बाद छानकर स्प्रीट दूसरी बोतल में भर लें. इसे पाइल्स के मस्सों पर लगाए. (बिच्छुदंश यानी बिच्छू के काटने में भी यह स्प्रीट लाभ करती हैं).
- 5 ग्राम कचूर का चूर्ण सुबह के समय रोजाना 2 सप्ताह तक पानी के साथ खाने से पाइल्स ठीक हो जाती हैं.
- मूली का रस 125 ग्राम और जलेबी 100 ग्राम लें. जलेबी को मूली के रस में 1 घंटे तक भीगने दें. इसके बाद जलेबी खाकर रस पिले. एक सप्ताह यह प्रयोग करने से बादी पाइल्स मिट जाती हैं.
- ताजा आम के पत्तों का रस पाइल्स के मस्सों पर लगाने से सारे मस्से सूखने लगते हैं. यह प्रयोग बहुत ही आसान और सरल हैं.
बादी पाइल्स का दर्द दूर करने के लिए – Remedies for piles pain relief At Home
- नीबू के रस को स्वच्छ महीन कपडे से छानकर उसमें जैतून का तेल सामान मात्रा में मिलाकर 2 ग्राम की मात्रा में ग्लिसरीन सिरिंग (Injection) स्वरा रात को गुदा में प्रवेश करते रहने से पाइल्स की जलन व पाइल्स का दर्द दूर होता हैं इससे पाइल्स के मस्से छोटे हो जाते हैं. पाखाना बिना कष्ट आने लगता हैं.
- खुनी और बादी पाइल्स में तेज दर्द और रक्तस्राव होने पर उपवास रखें और ताजे पानी में बार-बार नीबू निचोड़कर पिए. 4 कप अलग-अलग धारोष्ण गाय के दूध से भर लें और इनमें क्रमश: आधा-आधा नीबू निचोड़कर तुरंत पिया जाए. अगर धारोष्ण दूध उपलब्ध न हो, तो गर्म दूध 250 ग्राम में आधा नीबू निचोड़कर पिए. एक सप्ताह तक इस प्रयोग को करने से हर प्रकार की पाइल्स ख़त्म हो जाती हैं.
- जब तक मौसम में बथुए का साग बाजार या खेत में उपलब्ध रहे, पेट के रोगों को नष्ट करने के लिए इसकी नित्य सब्जी खाये. बथुए का रस व उबला हुआ पानी पिए. इससे पेट के हर तरह के रोग यकृत, तिल्ली , अजीर्ण, गैस, कृमि, दर्द, अर्श, पथरी आदि सभी ठीक हो जाते हैं. यह पेट के रोगों का और रामबाण इलाज हैं. (पथरी हो, तो 1 गिलास कच्चे बथुए के रस में शक्कर मिलाकर रोजाना पिने से पथरी बाहर निकल जाती हैं)
- बेंगन का दांड (वह हिस्सा जिससे बेंगन जुड़ा रहता हैं) को पीसकर पाइल्स पर लेप करने से दर्द और जलन में आराम मिलता हैं. बेंगन का दांड और छिलका सूखा लें और फिर इनको कूट लें. जलते हुए कोयलों पर डालकर मस्से को धुनि दें. बेंगन को जला लें. इसकी राख शहद में मिलाकर मरहम बना लें. इसे मस्सों पर लगाए. मस्से सुख कर गिर जायेंगे.
Caution : किसी भी तरह के बुखार के समय बेंगन को न खाये. बेंगन गर्म होता हैं, इसलिए पाइल्स के रोगी बेंगन न खाये. और बेंगन का लम्बे समय तक सेवन भी न करे. - पाइल्स के अर्श मस्से बाहर निकले हुए होने पर रोजाना एरंड का तेल लगाने से वह सुख जाते हैं, दर्द दूर होता हैं. पिचकारी से अथवा किसी तरह भी यह कस्टोर आयल गुदा पर भी लगाए.
- जीरा और मिश्री सामान मात्रा में पीसकर एक चम्मच भर दिन में तीन बार पानी से सेवन करे तथा जीरा पानी में पीसकर गुदा पर लेप करें. इससे पाइल्स की सूजन और दर्द में बहुत लाभ होता हैं. यह आयुर्वेदिक घरेलु उपाय नुस्खे में पाइल्स की सूजन के लिए बहुत सही हैं.
- एक ग्लास जीरा और चौथाई चम्मच कालीमिर्च पीसकर एक ओंस शहद में मिला लें. इसका एक चम्मच रोजाना तीन बार चाटने से दर्द भरे पाइल्स में लाभ होता हैं.
- चाय की पत्तियों को पानी में पीसकर गर्म करे, फिर गर्म-गर्म पीसी हुई चाय का पाइल्स वाली जगह पर लेप करने से मस्से का दर्द दूर हो जाता हैं.
- अनार के पत्तों को पीसकर टिकिया बना लें. इसे घी में भूनकर गुदा पर बांधने से पाइल्स के मस्सों की जलन, दर्द और पाइल्स की सूजन आदि सभी मिट जाती हैं. यह पाइल्स की सूजन को दूर करने का सरल उपाय व उपचार हैं.
खुनी पाइल्स के घरेलु नुस्खे – Remedies For Bleeding Piles Treatment in Hindi
- पाइल्स में से अगर खून निकलता हो, तो गर्म दूध में आधे नीबू का रस डालकर रोगी को 3-3 घंटे के अंतराल पर सेवन करना चाहिए अथवा नीबू काटकर दोनों फांको में पिसा हुआ कत्था भरें, फिर दोनों टुकड़ों को ओस में रख दें और सुबह के समय दोनों टुकड़ों को चूस लें. इस प्रयोग से भी रक्त गिरना बंद हो जाता हैं.
- आधा कप प्याज का रस 1 चम्मच घी और 3 चम्मच चीनी मिलाकर अर्श में लाभ होता हैं. वाग्भट के अनुसार प्याज खुनी पाइल्स और बादी पाइल्स दोनों प्रकार के पाइल्स को ठीक करती हैं. इसलिए पाइल्स के पेशेंट्स को रोजाना एक गांठ कच्चा प्याज खाना चाहिए.
- गुदा स्थान की जगह के मस्से फूल गए हो, तेज दर्द हो, तो 2 प्याज गर्म राख में भूनकर पीस लें और फिर उन्हें घी में सेंक कर गर्म लुगदी सी बनाकर उसमें मस्सों की जगह सेंक करें और इसे बांध दें. मस्सों का दर्द दूर हो जायेगा.
- एक सफ़ेद मूली को काटकर नमक लगाकर रात के समय ओस में रख दें. इसे सुबह निहार मुंह (खाली पेट) खाए तथा मल त्याग/ शौच करने के बाद गुदा भी मूली के पानी से धोये. यह बहुत ही लाभदायक हैं, खुनी पाइल्स का उपाय घरेलु. 125 ग्राम मूली के रस में 100 ग्राम देसी घी से निर्मित जलेबी 1 घंटे तक भिगोकर रखें, फिर इस जलेबी को खाकर रस पानी पि जाये. एक सप्ताह यह प्रयोग करने से हर प्रकार का पाइल्स की बीमारी में लाभ नजर आने लगता हैं.
- काली हरड़ 200 ग्राम को 20 ग्राम घी में डालकर भून लें, फिर इसमें 10 ग्राम आंवला सार-गंधक मिलाकर घोट लें. रात को सोते समय 6 ग्राम दवा खाकर ऊपर से गर्म दूध पिने और पाइल्स के मस्सों पर नीमa का तेल लगाने से रक्तार्श से रक्त आना बंद हो जाता हैं.
- सोंठ, सेंधा नमक, सोनपाठा की छल, इंद्रा जाऊ, चित्रकमूल, करंज की छल, इन सभी औषधियों को सामान मात्रा में लेकर अच्छी तरह कपड़छान कर चूर्ण तैयार कर के शीशी में सुरक्षित रख लें. 1-1 चम्मच की मात्रा में सुबह व शाम मट्ठे के साथ सेवन करने से पाइल्स जड़ से ख़त्म हो जाती हैं.
- एक हरा करेला, पीपल की 2 पत्ति 250 ग्राम पानी में पीसकर सुबह के समय खाली पेट सेवन करें. पाखाना जाने से पहले स्वमूत्र (यानी खुद की टॉयलेट) से पाइल्स की धुलाई करे. 15-20 दिन के इस प्रयोग से खुनी और बादी पाइल्स दोनों तरह के पाइल्स में लाभ होता हैं.

- तुरंत खुनी पाइल्स का इलाज करने के लिए उपाय – पत्ते वाला तम्बाकू और ताज़ा मक्क्खन 20-20 ग्राम लें. पत्ते वाले तम्बाकू को बारीक कूट-पीसकर कपड़छान कर लें. इस चूर्ण में मक्खन मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें. गाढ़ा मलहम तैयार हो जाने पर किसी साफ़ स्वच्छ शीशी में सुरक्षित रख लें. तैयार किए गए मलहम को रात में सुखी पाइल्स पर लगाए.
- सफ़ेद कत्था और रीठे का जलाया हुआ छिलका समान मात्रा में लेकर पीसकर रख लें. 3 ग्राम चूर्ण को 30 ग्राम मक्खन या मलाई में मिलाकर शाम को खाने से रक्तार्श में रक्त गिरना बंद हो जाता हैं.
- इसबगोल का प्रयोग अतिसार, रक्तातिसार, आम रक्तिसार व खुनी पाइल्स में बहुत उपयोग हैं. (दस्तों में इसबगोल दही के साथ मिलाकर खाये).
- एक ग्लास पानी में पीसी हुई फिटकरी मिलाकर, रोजाना गुदा को धोएं और साफ़ स्वच्छ कपडा फिटकरी के पानी में भिगोकर गुदा पर रखें. यह बहुत ही गुणकारी easy and most effective home remedies का प्रयोग हैं.
- 50 ग्राम काले तिल इतने पानी में भिगोये की उस पानी को तिल ही सोख लें. फिर आधा घंटा भिगोकर पीसलें. इनमें 1 चम्मच मक्खन और 2 चम्मच पीसी हुई मिश्री मिलाकर सुबह व शाम दिन में 2 बार खाने से पाइल्स से खून गिरना बंद हो जाता हैं. (60 ग्राम काले तिल खाकर ऊपर से ठंडा पानी पिने से बादी पाइल्स ठीक हो जाती हैं.)
- दही के साथ सेवन करने से खून भी बंद हो जाता हैं. नियमित रूप से तिल का तेल मस्से पर लगाने से बहुत लाभ होता हैं. पाइल्स के रोगी को कब्ज के लिए सुबह काले तिल, मक्खन, मिश्री, सभी 1-1 चम्मच, एक साथ मिलाकर रोजाना खाना चाहिए. अगर पाइल्स से खून गिरता हो तो यह रोजाना दिन में 3 बार खाने से लाभ होता हैं.
- खुनी पाइल्स खून बहने वाली पाइल्स में अगर गुदा बाहर आती हैं, तो फिटकरी को पानी में घोलकर गुदा में पिचकारी देने से अत्यंत लाभ होता हैं. यह बहुत ही सरल ट्रीटमेंट हैं.
- खुनी पाइल्स में 1 चम्मच करेले का रस शक्कर मिलाकर पिने से भी अत्यंत लाभ होता हैं. पाइल्स के लिए यह भी आयुर्वेदिक नुस्खे में से एक हैं जिससे इलाज किया जा सकता हैं, यह रस पाचन को दुरुस्त भी करता हैं.
- Hemorrhoids how to stop piles bleeding at home – 4 चम्मच दाना मेथी और 1 ग्लास पानी का काढ़ा बनाकर पिने अथवा इसे दूध में उबालकर पिने से पाइल्स में खून आना बंद हो जाता हैं.
- घी, तिल और मिश्री सभी 1-1 चम्मच लेकर व मिलाकर, रोजाना 3 बार खाने से पाइल्स में खून गिरना बंद हो जाता हैं.
- जीरा और मिश्री बारबार की मात्रा में लेकर व पीसकर 1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 ताजे पानी से सेवन करे तथा जीरा पानी में पीसकर गुदा पर लेप करें. इससे खुनी पाइल्स, पाइल्स की सूजन, पाइल्स का दर्द आदि सभी में बहुत आराम मिलता हैं.
- Stop piles bleeding at home natural remedy – जब तक पाइल्स में खून आता रहे, तब तक केवल दही ही खाते रहने तथा कोई अन्य चीज न खाने से खून बंद हो जाता हैं. यह प्राकृतिक इलाज व उपाय हैं जो की पाइल्स का खून रोकने के लिए बहुत ही कारगर हैं.
- अनार के छिलके का चूर्ण 8-8 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम ताजे पानी के साथ सेवन करने से रक्त गिरने की शिकायत दूर हो जाती हैं.
- खुनी पाइल्स, अजीर्ण और कब्ज में पका हुआ पपीता खाना परम लाभकारी हैं.
- Blood piles remedy – रक्तस्रावी खुनी पाइल्स में इमली के पत्तों का रस पीना अति लाभकारी होता हैं.
- Coconut remedy for blood piles नारियल की जटा जलाकर पीसकर बुरा मिलाकर 10-10 ग्राम की फांकी पानी के साथ लेना खुनी पाइल्स में फायदेमंद होता हैं.
- फूलगोभी का सेवन खुनी और बादी पाइल्स दोनों तरह के पाइल्स में फायदेमंद होता हैं.
- चावल और इमली के पत्तों के साथ जिमीकंद की सब्जी बनाकर खाने से खुनी पाइल्स में बहुत लाभ होता हैं. (बादी पाइल्स में जिमीकंद की सब्जी में कम मसाले डालकर खाने से भी लाभ होता हैं).
- Sugar in bloody piles – 100 ग्राम प्याज के रस में 50 ग्राम शक्कर मिलाकर पिने से भी खुनी पाइल्स में लाभ होता हैं.
- पाइल्स के पेशेंट्स को कच्ची मूली खाना चाहिए अथवा इसके पत्तों की सब्जी बनाकर भी खाना चाहिए. यह सभी प्रकार के पाइल्स (all types of piles) में लाभदायक हैं. कच्ची मूली खाने से पाइल्स से गिरने वाला रक्त बंद हो जाता हैं home remedy to stop hemorrhoid piles bleeding.
- खुनी पाइल्स हो या बिना खून गिरने वाला, 1 कप मूली का रस लें. इसमें 1 चम्मच देसी घी मिलाये और हिलाकर रोजाना सुबह शाम दिन में 2 बार पिए. लाभ जरूर होगा.
- मूली के टुकड़ों को घी में तलकर चीनी के साथ खाये. मूली काटकर उस पर शक्कर डालकर रोजाना 2 महीने तक खाने से पाइल्स पूरी तरह ठीक हो जाती हैं.
- पाइल्स पर लौकी के पत्तों को पीसकर लेप करने से कुछ ही दिनों में पाइल्स नष्ट हो जाती हैं.
- चमेली की पत्तियों को तिल के तेल में जलाकर व पीसकर मरहम बना लें और इस मरहम को गुदा पर रोजाना लगाए. इससे खुनी पाइल्स (bloody piles) ठीक हो जाता हैं.
- सूखे आंवले को पीसकर 1 चाय का चम्मच भर, सुबह शाम 2 बार छाछ या गाय के दूध से लेने से खुनी पाइल्स में लाभ होता हैं.
- खुनी पाइल्स में भुने हुए गरमा-गर्म चने खाना लाभकारी होता हैं.
- रोजाना सुबह भोजन के साथ मसूर की दाल खाने और एक ग्लास छाछ पिने से खुनी पाइल्स में बहुत लाभ होता हैं.
- राल 30 ग्राम को महीन पीसकर छान लें. रोजाना सुबह और शाम 6 ग्राम को 100 ग्राम दही में शक्कर मिलाकर खाने से 3 दिन में ही रक्त आना बंद हो जाता हैं.
- 1 ग्राम फिटकरी, 100 ग्राम दही और 200 ग्राम पानी मिलाकर पिने से समस्त अंगों का रक्त गिरना बंद हो जाता हैं.
- खजूर के पेड़ के पत्ते जलाकर राख कर लें. 2 ग्राम की प्रतिमात्र में यह राख दिन में 3-4 बार ताजे पानी के साथ खाने से खून गिरना रूक जाता हैं.
पाइल्स का इलाज – Piles Treatment At Home in Hindi
- सौंफ, जीरा, धनिया 1-1 चम्मच लेकर 2 कप पानी में उबालें. आधा पानी बाकी रहने पर इसे छानकर इसमें 1 चम्मच दही मिलाकर सेवन करने से खुनी पाइल्स bloody piles में बहुत लाभ होता हैं.
- खुनी पाइल्स में मिश्री मिलाकर धनिया का रस पिने से जल्द ही लाभ होता हैं, बेहतरीन उपाय हैं.
- 6 माशे नागकेसर का चूर्ण, 9 माशा मक्खन और 6 माशा मिश्री मिलाकर 7 दिन तक चाटने से खुनी पाइल्स में बहुत लाभ होता हैं.
- 50 ग्राम दुब के रस में चीनी मिलाकर पिने से पाइल्स में रक्त आना बंद हो जाता हैं.
- स्वमूत्र द्वारा गुदा को धोने से मस्से रोग का रक्त आना रुक जाता हैं.
- इसबगोल को ठन्डे पानी में भिगोकर उसका लुआब निकालें, इसे छानकर पिलाने से रक्तार्श में बहुत लाभ होता हैं.
- इमली के बीजों की 1 माशा से 2 माशा तक भस्म को दही के साथ चाटने से खुनी पाइल्स का घरेलु इलाज होता हैं.
- रसौत 5 से 15 रत्ती देने से खुनी पाइल्स दूर हो जाती हैं.
- जामुन की कोपलों के 20 ग्राम रस में थोड़ा बुरा मिलाकर पिलाने से खुनी पाइल्स में बहुत लाभ होता हैं.
पाइल्स से बचने के टिप्स – How to avoid piles in Hindi
- मल त्याग करते समय जोर देना
यह पाइल्स होने की वजहों में से एक हैं, मलत्याग करते समय गुदा द्वार पर जोर लगाने से गुदा की मांसपेशियों पर नकारात्मक असर पड़ता हैं. ऐसा करने से गुदा द्वार की तीन बालियान कमजोर पड़ती हैं, जिससे उनमे मस्से होने की शिकायत हो जाती हैं. इसलिए पाइल्स को अवॉयड करने के लिए आपको इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए “कभी भी सोच मल त्याग करते समय गुदा द्वार पर जोर नहीं लगाना चाहिए, मल त्यागने की क्रिया को प्राकृतिक रूप से ही होने दें आप इसमें हस्तपेक्ष न करे.
- पूरी नींद लें
हमारी सेहत पूरी तरह तब ही ठीक रह पाती हैं, जब हम पूरी नींद ले पाते हैं. अगर हम कम सोते हैं तो इससे हमारे स्वास्थ्य पर कई तरह के नकारात्मक असर पड़ते हैं, जैसे – पाचन शक्ति कमजोर पढ़ना, भूख कम लग्न, शारीरिक थकन, मानसिक थकान आदि. नींद हमारे शरीर को नई ऊर्जा देती हैं, यह पुरे शरीर को रिचार्ज करती हैं जिससे शरीर के सभी अंग स्वस्थ रहते हैं. इसलिए पाइल्स को दूर करने व बचने के लिए पूरी नींद जरूर लें. (8 घंटे की नींद सभी को लेना चाहिए) सिर्फ पाइल्स ही नहीं बल्ली हमेशा पूरी नींद लेना चाहिए.
- फाइबर खाये – Add Fiber in Your Diet
फाइबर भोजन को पचाने व मल त्याग को सरल बनाने में बहुत मदद करता हैं. रोजाना भरपूर मात्रा में फाइबर लेने से मल त्याग करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आती. क्योंकि फाइबर भोजन में ठीक उस तरह से काम करता हैं जैसे की बाइक के इंजन में आयल काम करता हैं. यह भोजन के वर्थ हिस्से यानी मल को शरीर से बाहर निकालने में बहुत मदद करता हैं.
- पानी भरपूर मात्रा में पिए
पानी हमारे शरीर को तरल बनाये रखने में बहुत मदद करता हैं. अगर कुछ दिनों तक पानी कम पिया जाए तो जल्द ही अनेकों रोग व्यक्ति को घेर लेते हैं. इसलिए रोजाना पानी भरपूर मात्रा में पीना चाहिए. यह भोजन को पचाने व भोजन को तरल बनाये रखने में लाभदायक होता हैं. इसलिए रोजाना भोजन करने के बाद 2-3 घूंट पानी पिए, और भोजन कर लेने के 45 मिनट बाद तक पानी बिलकुल न पिए फिर 45 मिनट हो जाने के बाद पेट भरकर पानी पिए. इसके साथ ही रोजान सुबह उष्ण पान भी करना चाहिए, यह भी कब्ज रोग को दूर करने में मदद करता हैं जिससे पाइल्स रोग में भी लाभ होता हैं.
- पसीना बहाये
Best Tips to avoid Piles and other disease – आज के युवा की आदत हो गई हैं की वह शारीरिक श्रम करना भूल ही गया हैं. हर काम मशीन से किया जाने लगा हैं, इसी वजह से मानव का शारीरिक श्रम नहीं हो पाटा जिससे उसके शरीर में ख़राब पदार्थ व बैक्टीरिया बाहर नहीं निकल पाते, जिससे कई तरह के रोग हो जाते हैं. शारीरिक शर्म करते रहने से शरीर में मौजूद ख़राब व व्यर्थ की चीजें जल जाती हैं, जिससे शरीर स्वस्थ रहता हैं. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को मॉर्निंग वाक या इवनिंग वाक या फिर कोई स्पोर्ट्स शाम को जरूर खेलना चाहिए, यानी कोई भी ऐसा काम करना चाहिए जिससे उसके शरीर से पसीना निकलने लगे, इसके लिए आप GYM भी ज्वाइन कर सकते हैं.
क्या करे क्या न करे – विशेष (What to do in piles in Hindi)
- शौच करते समय ज्यादा जौर न लगाए
- ज्यादा देर तक मल त्याग करे की पोजीशन में नहीं बैठना चाहिए
- Toilets में किताब न पड़ें व मोबाइल का उपयोग न करे
- शरीर का अतिरिक्त वजन कम करे
- ज्यादा भारी सामान उठाने से बचे
- भोजन में हल्का सात्विक आहार लें
- फाइबर युक्त भोजन करे
- किसी भी एक ही पोजीशन में ज्यादा देर तक बैठने से बचे
- जिन चीजों में ज्यादा नमक हो उनका सेवन न करे
- मांसाहारी भोजन करने से बचे
- मसालेदार व फ़ास्ट फूड्स के सेवन से बचे
- पाइल्स का रोग जब ज्यादा तकलीफ देने लगे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए
- पानी ज्यादा पिए
- मल को ज्यादा देर तक न रोके, समय पर मल त्याग करे
- शराब या किसी भी नशीली चीज का सेवन बंद कर दे
- मट्ठा दही का ज्यादा से ज्यादा सेवन करे
- दिन और रात दोनों समय का भोजन करने के बाद 2 घंटे तक न सोये
- दोपहर के भोजन में 1 गिलास या 1 कटोरी दही का सेवन भी करे
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उम्मीद करते हैं दोस्तों आप यह पाइल्स का इलाज बताएं, Piles treatment in Hindi and remedies व सरल घरेलु उपाय, आयुर्वेदिक नुस्खे के बारे में पढ़कर अच्छा लगा हो, इनकी मदद से आप पाइल्स का उपचार कर सकते हैं. (permanent) आप बताई गई बातों का पूरा ध्यान रखे, अपनी जीवनचर्या बदले व ईनको पढ़कर भी अच्छा लगा हो तो इसे फेसबुक पर शेयर जरूर करे. इसके साथ ही पाइल्स के ट्रीटमेंट से जुड़े सभी लेख पड़ें.
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Dr.ji masse achanak gend ki tarah bahar aa gaye he andar jate nahi aur dard ho raha he operation ka kaha he ki yeh masse andar nahi jayga.garam pani ka sek din me tin bar karta hu.koi upchar he massi ko ander dalne ka
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