जानिये सबसे बेस्ट सरल खूनी बादी बवासीर की दवा बताएं आयुर्वेदिक अचूक जो की 100% रामबाण हैं, इनको आप घरेलु दवाई भी कह सकते हैं, क्योंकि हम यहां आपको बवासीर पाइल्स (बवासीर ) के मस्से सूखने की दवा जिसे आसानी से घर पर ही बनाया जा सकता हैं उसके बारे में बताएंगे.
यह बिलकुल 101% आपको राहत देंगी व बवासीर के दर्द को दूर करेंगी, जो की सभी तरह के पाइल्स बवासीर में प्रयोग की जा सकती हैं. यह पूरी दुनिया में कई और नहीं मिलेगा इसलिए इस पुरे ध्यान से पढ़िए.
बवासीर की दवा बताएं क्या है
इस पूरी जानकारी को ध्यान से पड़ें, क्योंकि यहां अब तक की सबसे बेहतरीन औषधि के प्रयोग के बारे में बताया गया हैं, जो की घरेलु दवा के रूप में काम करेंगी. यह सभी एक दिन में ही असर दिखाने लगेंगी व कई लोगों को थोड़ा समय ले सकती हैं लेकिन 1 से 7 दिन के भीतर आपको पूरा आराम मिल जाएगा. इसके साथ ही इस जानकारी को पढ़ने का इसे Facebook, Whatsapp, Google Plus आदि पर SHARE जरूर करें ताकि जरुरतमंदो तक यह जानकारी पहुँच सके bawaseer ki dawa btaye patanjali ayurvedic cream.
Patanjali bawaseer Ki Dawa Btaye
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#1.
नारियल की जटा एक दिन में फर्क देखे
- नारियल की जटा में ऐसे चमत्कारी गुण हैं जो की बवासीर को कुछ ही दिनों में ठीक कर सकते हैं. खासकर यह नारियल जटा खुनी बवासीर दूर करने के लिए अचूक दवा हैं, साथ ही कैसा भी खून बहने वाला रोग हो उसमे यह 100% रामबाण साबित होगा जैसे की महिलाओ के मासिक धर्म के समय खून बहना, चोंट में खून बहना आदि हर तरह के खुनी रोग में यह रामबाण काम करता हैं, यह बेहतरीन घरेलु अचूक इलाज हैं, ऐसा नहीं की यह badi बादी बवासीर में लाभ नहीं देगा लाभ यह दोनों तरह के बवासीर में देगा लेकिन खुनी में ज्यादा देता हैं.
- बवासीर के लिए सबसे पहले 1-2 नारियल लीजिये, फिर उनकी जटा यानी नारियल के ऊपरी क्षेत्र पर जो उगे हुए रहते हैं, जटा के जैसे उन्हें निकाल ले. अच्छे से पूरी नारियल की जटा को निकाल लें. इसके बाद निकाली हुई इस जटा को एक साफ़ जगह पर रख दें व माचिस की मदद से इसमें आग लगा दें. इसको पूरी तरह से जल जाने दें. जब यह अच्छे से जल चुकी होगी तो भस्म के जैसे दिखाई देने लगेगी. (यह पुरानी से पुराने बवासीर के लिए बेस्ट दवा हैं)

- फिर इस भस्म को एक कांच की शीशी या डिब्बी में भरले. अब इसे दिन में तीन बार सुबह, दुपहर, शाम को तीन ग्राम की मात्रा में नारियल की जटा की भस्म को लेकर एक कप दूध या छाछ में मिलाकर पिए, ऐसा रोगी को सिर्फ एक ही दिन करना होगा, अब बवासीर में इसका प्रयोग एक ही दिन में तीन बार करना हैं.
- बवासीर के लिए यह एक आयुर्वेदिक प्रयोग हैं जो किसी भी बाजार की खुनी पाइल्स की दवा से ज्यादा असरकारी हैं, भारत में व आयुर्वदा में आज भी ऐसे कई नुस्खे हैं जिनसे भयानक से भयानक रोग भी दूर किये जा सकते हैं, लेकिन इनके बारे में बहुत कम ही लोगों को पता हैं, उन्ही में से यह एक नुस्खा हैं जो की अचूक इलाज का काम करता हैं. इसके साथ ही हैजा (Cholera), वमन (Vomiting) या हिचकी (Hiccups) आदि में इस भस्म को एक गिलास पानी में डालकर रोगी को पिलाये तुरंत ही इलाज हो जायेगा.
- इस नारियल की जटा की आयुर्वेदिक दवा का उपयोग करने से 60 minute पहले और 60 minute बाद तक कुछ भी न खाये पिए. कई रोगियों का बवासीर, बवासीर बहुत पुराना होता हैं, जिससे उनको एक दिन प्रयोग करने से कोई लाभ नजर नहीं आता तो ऐसे में पुराना खुनी बवासीर के रोगियों को इसका तीन दिन तक नियमित रूप से प्रयोग करना चाहिए.
#2.
बवासीर की दवा पतंजलि
बवासीर की पतंजलि मस्से सूखने की दवा भी बहुत मदद करती है. बाबा रामदेव ने पतंजलि में ऐसी ही कुछ आयुर्वेदिक दवाई बनाई है जिनके बारे में हम निचे आपको बता रहे है. इनका सेवन अंग्रेजी दवा से भी ज्यादा लाभ करता है ऐसा हमने कई मरीजों से जाना है.
- Divya Arshkalp Vati – दो गोली सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ दिन में एक बार ली जाती हैं. इसका सेवन खुनी बवासीर और बादी दोनों में लाभ करता है. नोट : इसका सेवन लम्बे समय तक करते रहने से लाभ प्राप्त होता है, इसलिए इसका सेवन बिच में ही बंद न कर दें. Patanjali piles tablets name creams में यह सबसे ज्यादा प्रभावी बताई गई है.
- Divya Kayakalp Vati – दो टेबलेट सुबह खाली पेट गर्म दूध या गुनगुने गर्म पानी के साथ ली जाती है, इसे दिव्य अर्शकल्प वटी के साथ ले सकते है. यह यह दवा खासकर त्वचा सम्बन्धी रोगों में दी जाती है, यह बवासीर में भी लाभ करती है क्योंकि मस्से भी गुदाद्वार की त्वचा में ही बने होते है. यह खून को साफ़ करती है, शरीर की गंदगी को ख़त्म करती है.
- पतंजलि अलोएवेरा जेल – इस जेल को दिन में तीन बार मस्से की जगह पर लगाए यह मस्से सूखने में मदद करेगा और साथ ही बवासीर की खुजली और दर्द से भी राहत दिलाएगा.
- Divya Churna और Divya Triphala Churna – बवासीर कब्ज से ही जन्म लेता है, इसलिए कब्ज को पहले ख़त्म करना जरुरी होता है. इसके लिए आप रोजाना यह पतंजलि चूर्ण जरूर लें. रोजाना रात को सोने से पहले इन दोनों चूर्ण को 5 या 10 ग्राम की मात्रा में लेकर गर्म गुनगुने पानी के साथ खाये तो सुबह खुलका पेट साफ़ होगा और कब्जियत नहीं बनेगी. यह बवासीर की अचूक दवा पतंजलि अंग्रेजी में बहुत लाभकारी है.
#3.
आक के पत्ते से बादी बवासीर में प्रयोग
- आंक के पत्तों के दूध की तीन बूंद को राइ पर डाले व इसी पर बारीक कुटा हुआ जवाखार बुरक कर बताशें में रखकर सीधा मुंह के जरिये निगल जाने से बवासीर के मस्से जड़ से ख़त्म होते हैं.
- बवासीर में हल्दी का चूर्ण लें व इसे आंकड़े के दूध में भिगो दें, फिर जब यह सुख जाए तो इसे दुबारा आक के पत्तो का दूध डालें. बवासीर में ऐसा करीबन 7 बार करे. जैसे ही यह हल्दी का चूर्ण सुख जाए फिर इसमें आंकड़े के पत्तों का दूध डाल दें इसके बाद वापस आंकड़े के दूध में इस हल्दी के चूर्ण को भिगोकर छोटी-छोटी गोलियां बना लीजिये, व इनको सूखने के लिए छोड़ दीजिये ताकि बवासीर में इनका प्रयोग किया जा सके..
- अब सुबह शाम दोनों समय शौच करने के बाद इन छोटी छोटी गोलियों को अपने खुद के थूंक या साफ़ पानी में अच्छे से घिसकर बवासीर के मास्सा (मस्से) पर लगाए. इसके नियमित प्रयोग से चंद दिनों में ही मस्से गिर जाते हैं. यह अचूक रामबाण प्रयोग हैं जो की सभी खुनी बवासीर और बादी बवासीर में लाभकारी होता हैं.
- अब हम आपको आक के पत्तों का सबसे आसान व सरल सा प्रयोग बताने जा रहे हैं, इसे आप बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं. रोजाना सुबह शाम मल त्याग करने के तुरंत बाद ही थोड़े 6-7 आंक के पत्ते ले लीजिये व गुदाद्वार पर इन पत्तों को रगड़े, इन पत्तों को इस तरह रगड़े की मस्सों पर पत्तो का दूध न लगे. रोजाना के प्रयोग से आपको कुछ ही दिनों में लाभ दिखने लगेगा (Ark leaves for badi bawaseer).
#4.
बवासीर में नीबू का प्रयोग
- यह प्राकृतिक दवा हैं, बहुत ही सरल व आसान और असर में रामबाण. अगर आप यहां बताये किन्हीं आयुर्वेदिक नुस्खे से इलाज करने में हिचकिचाते हैं तो यह जरूर आजमाए क्योंकि यह बहुत आसान हैं. बवासीर के रोगी को रोजाना सुबह खाली पेट एक नीबू को धारोष्ण दूध यानी ताज़ा दूध, इसे गर्म नहीं करना हैं सामान्य ठंडा ही पीना हैं, ना इसे गर्म करना है और ना ही फ्रिज में रखना हैं.
- जैसे ही दूध आये वैसे ही उसमे एक नीबू डालिये और पीजिये. बवासीर में इस प्रयोग को 7 दिनों तक करना हैं , 7 दिनों में आपका इलाज हो जायेगा. वैसे अगर आपका रोग नया व कमजोर होगा तो 1 दिन में ही आराम हो जायेगा. इस तरह नीबू और दूध बवासीर का छुटकारा करते है.
#5.
केला और कपूरऔर बवासीर
- बवासीर से छुटकारा पाने के लिए एक केला लीजिये और उसमे खाने वाली कपूर मिला दीजिये. जी कपूर दो तरह की होती हैं एक जलाने वाली और एक खाने वाली तो आपको खाने वाली कपूर की जरूरत हैं तो आप इसे लाइए और चने की मात्रा में लेकर एक केले को बिच में से काटकर उस पर लगा दीजिये.
- इसके बाद इस केले को सीधा ही निगल जाइये. ऐसा रोजाना सुबह खाली पेट करे, 5-7 दिन में आपको ढेर सारा लाभ हो जाएगा. यह बहुत ही पूर्ण और रामबाण दवा का उपाय हैं, खुनी बवासीर व बादी बवासीर दोनों तरह के बवासीर से मुक्ति दिलाता है.
#6.
नाग दोन और खुनी बवासीर

- खुनी बवासीर की दवा के लिए आप नाग दोन नामक एक पौधा होता हैं, जो की घर में कई लोग गमलो में लगाकर रखते हैं. इस पौधे में ऐसे गुण होते हैं की अगर कोई रोगी जिसके शरीर में किसी भी अंग में से खून बह रहा हो तो इसके 4-5 पत्तों को चबाकर खाये तुरंत ही खून बहना बंद हो जायेगा. यह खुनी बवासीर का तुरंत खून बंद कर देता हैं. इसलिए आप इसे जरूर आजमाइएगा. करना कुछ नहीं है, बवासीर के लिए इस पौधे के पत्ते तोड़कर चबाकर खाना है बस खुनी बवासीर में बह रहा खून इससे तुरंत ही रुक जायेगा. ये भी एक Bawasir ki dawa patanjali की तरह असर करती है, आप इसका प्रयोग कर सकते है.
#7.
कुकरौंधा भी हैं बवासीर के मस्से सूखने की दवा
- कुकरोंधा बवासीर के मस्से की अचूक दवा का काम करता हैं, इसमें भी ऐसे ही चमत्कारी गुण हैं जो की बवासीर का तुरंत कुछ ही दिनों में अचूक इलाज कर सकते हैं. कुकरोंधा के पत्ते बिलकुल तम्बाकू के पत्ते के जैसे लंबे व थोड़े गहरे रंग में पाए जाते हैं. जब यह पत्ते छोटे होते हैं यानी शुरुआत में मूली के सामान होते हैं. इन पत्तों में बेहद बदबूदार बू आती हैं, इसका स्वाद थोड़ा कड़वा जरूर होता हैं लेकिन यह हर प्रकार से सेहत के लिए और खुनी बवासीर व बादी बवासीर दोनों तरह के बवासीर के लिए लाभकारी होता हैं.
- बवासीर की घरेलु दवाई रामबाण – अगर किसी व्यक्ति को किसी तरह का खुनी रोग हैं या खून का दोष हैं तो उस रोगी को इसके पत्तों का 20 ग्राम रस पिलाने से व शरीर में जहां खून निकल रहा हो वहां पर लगाने से यानी मलने से बहुत लाभ होता हैं. कुकरोंधा के पत्तों (leaves) को बवासीर में मस्से पर लगाने से भी बहुत फायदे होते हैं, यह खुनी बवासीर एवं badi bawaseer ki dawa bataye की तरह काम करता हैं. इसलिए बवासीर के रोगी को इसका सेवन जरूर करना चाहिए.
- बवासीर में 2 ग्राम कुकरौंधा के पत्ते लें व इतनी ही मात्रा में काली मिर्च और गेंदा के पत्ते भी लें. अब इन सभी को आपस में मिलाकर साफ़ पिने के पानी के साथ मिलाकर अच्छे से घोलकर पिने से मास्सा का अचूक रामबाण इलाज होता हैं.
- प्राकृतिक सबसे अच्छी खुनी बवासीर की दवा आयुर्वेदिक – खून निकलने वाले मस्से के लिए कुकरौंधा का रस 5 मिलीलीटर की मात्रा में लें, इसके बाद कालीमरिच का चूर्ण 500 ग्राम की मात्रा में लेवे. अब इन दोनों को आपस में मिलाकर खाने से खुनी बवासीर रक्तसिर मस्से में अचूक लाभ होता हैं. (खुनी बवासीर में इसे आधा ग्राम की मात्रा में भी किया जा सकता हैं).
- इसके साथ ही खुनी बवासीर में रोगी को कुकरौंधा के 6-11 पत्तो के रस में मिश्री घोलकर व अच्छे से मिक्स कर के रोगी को पिलाने से मस्से में खून आना बंद हो जाता हैं. यह सभी बवासीर को जड़ से मिटाने का इलाज की दवा हैं. इनका प्रयोग एक दिन करे फिर और भी आपको फर्क मालुम न हो तो इनका प्रयोग तीन दिन तक नियमित करे. इस बिच अगर आपको इससे कोई साइड इफ़ेक्ट मालूम हो तो प्रयोग को बिच में ही रोक दें, वैसे यह साइड इफेक्ट्स न के बराबर ही देता हैं.
- बवासीर की लिए 6-7 साथ माशे यानी चिमटी भर मिश्री लें और 10 ग्राम कुकरौंधा के पत्तों का रस लें, इन दोनों को आपस में मिलाकर पिने से खासकर खुनी बवासीर का जड़ से रामबाण उपचार होता हैं.
- यह खुनी बवासीर की दवा के तरह काम करता है, इसलिए जिनको भी खून वाला bawaseer है वह इसका उपयोग जरूर करे.
#8.
आकड़े के पत्ते हैं (Badi Bawaseer Ki Dawa) के लिए
- आकड़े जिसे अन्य नामो से भी जाना जाता हैं जैसे आक, आंकड़ा आदि. इस पेड़ के फूल व पत्ते शिव भगवान् को चढ़ाये जाते हैं. यह पौधा बड़ी ही आसानी से कहीं भी मिल जाता हैं. इसके पत्ते व डालियां तोड़ने पर इसमें से सफ़ेद दूध के जैसा पदार्थ निकलता हैं, तो यह तो रही आक के पौधे की पहचान अब हम बवासीर में इसके महत्त्व के बारे में बताते हैं.
- आयुर्वेदा में आंकड़े के पौधे के कई उपयोग हैं, यह एक रामबाण दवा के रूप में कई रोगों को जड़ से मिटाने की क्षमता रखता हैं. आज यहां आपको आंकड़े का ऐसा ही प्रयोग बताने जा रहे हैं जो की बादी बवासीर का अचूक इलाज करने में रामबाण साबित होगा. इस आयुर्वेदिक दवा के उपाय से आप 3 से 5 दिनों के भीतर से बादी बवासीर का जड़ से खात्मा कर सकते हैं.
- इस दवाई को बनाने के लिए सबसे पहले पांचो तरह के नमक लाने होंगे यानी सेंधा नमक (Halite), सौंचर सुर्वचल नमक (Suncr Surwcl salt), काला नमक (black salt), सेंधा नामक, बिड नमक (Bid salt), समुद्री नमक (sea salt), सांभर नमक (Sambar Salt) इन पांचो तरह के नमक को आप किसी किराना की दुकान से आसानी से खरीद सकते हैं. यह आम सामान्य दुकान पर आसानी से उपलब्ध होते हैं.
- नमक ले आने के बाद सभी पांचों तरह के नमक में से 11-11 ग्राम नमक अलग निकाल लें. अब इसी अनुपात में आक के पत्ते ले लीजिये. यानी 55 ग्राम आक के पत्ते लीजिये. अब नमक और आक के पत्तों के वजन के चौथाई हिस्से के बराबर की मात्रा में तिल का तेल और निम्बू का रस लीजिये. अब इन सभी को आपस में मिला लें. इसके बाद एक मिटटी का मटका लें और उसमें इन सभी चीजों को डाल दें. (बवासीर की लिए मिटटी के मटके को उपयोग में लाने से पहले उससे अच्छे से साफ़ कर लें) .
- इन सभी चीजों को मिटटी के मटके में डालने के बाद मटके का मुंह सूती कपडे से बंद कर दें. (यानी सूती कपडे को मटके के मुंह पर बांध दें, इसको बांधने में आप रस्सी का उपयोग कर सकते हैं. कपडे को बांधने के बाद उस पर गीली मिटटी लगा दें, ताकि कोई भी कीड़ा इस मटके के अंदर प्रवेश न कर सके पुरे कपडे पर मिटटी लगा दीजिये).
- इस सब के बाद गोबर के कंडे लाये, व गोबर के कंडो पर मटके को रख दें. यानी गोबर के कंडो पर इस मटके को सेंकना हैं. इसके लिए आप घर पर ही छोटा सा चूल्हा बना सकते हैं. तीन चार इंट आस पास रख कर बिच में कंडे रख दें व ईंटों के ऊपर मटके को रख दें.
- इसके बाद आपको यह खास ध्यान रहे की मटके को तेज आंच में नहीं सेंकना हैं, क्योंकि तेज आंच में सेंकने से मटका टूट सकता हैं. इसलिए कम कंडे रखे व जैसे ही कांडा जल जाए तो दूसरे कंडो के टुकड़ों को उस आग में डालते जाए. इस मटके को गोबर के कंडो पर करीबन 1 घंटे तक सेंकना हैं. इसलिए पहले से ही इतने कंडो की व्यवस्था कर लें की यह एक घंटे तक कम न पड़ें. फिर एक घंटे बाद इस मटके को आग से उतार लें.
- एक घंटे तक आग में सिंकने के बाद आकंड़े के पत्ते(leaves) जल चुके होंगे, अब आप इन सभी चीजों को मटके में से बाहर निकाल लें, व इन सभी को आपस में मिलाकर अच्छे से पीस लें. पीसने के बाद इस सुरक्षित स्थान पर रखलें.
- 1 ग्राम से 2-3 की मात्रा में जितनी रोगी की उम्र हो उस हिसाब से ले लीजिये. अब इस चूर्ण को गरम पानी, पिने की छाछ, कांजी आदि के साथ इसको ले सकते हैं. यह रामबाण देसी दवाई हैं, इसीलिए इसको बादी बवासीर दूर करने की अचूक दवा मानी जाती हैं. आपको रोज रोज इस दवा को बनाने की कोई जरूरत नहीं हैं, एक बार में ही यह काफी बन चुकी होगी, इसी का उपयोग करते रहिये. बड़ी बवासीर के अलावा इसे खुनी बवासीर में भी प्रयोग में लाया जा सकता है.
#9.
अखरोट बवासीर के दर्द को दूर करने की दवा
- अखरोट भी बवासीर के लिए एक रामबाण औषधि के सामान हैं. यह भी बवासीर में कई तरह से लाभ देता हैं जैसे बवासीर का दर्द, बवासीर के मस्से में दर्द, बवासीर के मस्से में खून निकलना आदि. खासकर अखरोट खुनी बवासीर के लिए बहुत ही असरकारी हैं. इसके साथ ही बवासीर के लिए बहुत ही उपयोगी हैं. तो चलिए आगे इसके आयुर्वेदिक प्रयोग के बारे में जानने की कोशिश करते हैं.
- कई बार बवासीर के रोगी को मस्सों में तेज दर्द होता हैं जो की असहनीय होता हैं. इससे घर पर बवासीर का दर्द दूर करने के लिए आप अखरोट के इस प्रयोग को आजमा सकते हैं, यह बहुत ही आसान सरल सा प्रयोग हैं. जब भी आपको दर्द होने लगे तो अखरोट के तेल को लेकर एक पिचकारी या इंजेक्शन सिरिंज में लेकर अपने गुदा द्वार पर तेल की धार लगाए. यानी बवासीर के लिए अखरोट के तेल की पिचकारी मलद्वार पर लगाए.
- जब भी बवासीर में खून निकलने लगे तो आप अखरोट के इस प्रयोग को जरूर आजमाए. अखरोट लीजिये व उसके ऊपर की छाल को अलग निकाल लीजिये. ध्यान रहे हमे सिर्फ अखरोट की छाल का उपयोग करना हैं अखरोट की गिरी का नहीं इसलिए अखरोट की गिरी को अलग निकाल दीजिये व इसे प्रयोग में मत लाइए.
- हाँ तो अखरोट की छाल को निकालने के बाद इसको जला दीजिये. इसे तब तक जलने दें जब तक यह जलकर भस्म न हो जाए. इसके बाद रोजाना सुबह के समय मट्ठे, छाछ के साथ और सांयकाल ताजा पानी के साथ इस भस्म को लीजिये. इसके एक दो दिन के प्रयोग से ही आपको कई लाभ नजर आने लगेंगे. मस्से में से खून निकलना बंद हो जाने के बाद इस प्रयोग को बंद कर दें, इस बिच कोई साइड इफेक्ट्स हो तो प्रयोग को बिच में ही रोक दें.
#10.
गौ मूत्र और छोटी हरड़ : बवासीर का चूरन
- आप बवासीर के लिए छोटी हरड़ 25 ग्राम की मात्रा में लीजिये, इसके बाद 1-2 गिलास देसी गाय का मूत्र लीजिये. इन दोनों को लाने के बाद एक कांच के गिलास में यह गौमूत्र डाल दीजिये, फिर इसमें छोटी हरड़ को डाल दीजिये. इसको डालने के बाद अगले दो दिन छोटी हरड़ को इस गौमूत्र में पड़ी रहने दीजिये. फिर दो दिन बाद इस छोटी हरड़ को गौमूत्र में से निकालकर दो तीन दिन के लिए छाया में सूखने के लिए छोड़ दीजिये. (खुनी बवासीर एवं बादी बवासीर दोनों तरहे के बवासीर में अत्यंत लाभ देंगे)
- जब तीन दिन हो जाए तो उसके बाद इस छोटी हरड़ को अच्छे से बारीक पीसकर चूर्ण बना लीजिये. अब इस चूर्ण को रोजाना सूर्योदय के बाद खाली पेट और रात्रि को सोते समय आधा चम्मच की मात्रा में गुड़ लीजिये और इस गुड़ को चूर्ण के साथ मिलाकर खा लीजिये. बवासीर के इस प्रयोग को करने के बाद 16-17 मिनट के बाद गुन-गुना पानी न ज्यादा गर्म और न ज्यादा ठंडा को पिलीजिए. जल्दी ही आपको बवासीर रोग में आराम होने लगेगा.
#11.
अंजीर का इस्तेमाल बवासीर
- बवासीर से छुटकारा पाने के लिए बाजार से थोड़े अंजीर ले आये व इस तरह प्रयोग करिये घरेलु दवा (बवासीर _क्योर) बादी बवासीर में काम करेगी. रोजाना नियमित रूप से दो अंजीर शाम के समय एक गिलास पानी में भिगोकर रख दीजिये, फिर अगली सुबह भोजन करने के करीबन 1 घंटे यानी 60 मिनट के बाद इन अंजीर को ख़ालिजिये.
- यह तो रहा एक समय का प्रयोग अब शाम को अंजीर का सेवन करने के लिए रोजाना सुबह के समय दो अंजीर एक गिलास पानी में भिगोकर रख दीजिये फिर रोजाना शाम को करीबन 4-5 बजे के लगभग इनका सेवन करिये. अंजीर को खाने के 45-60 मिनट तक कुछ भी न खाये पिए, बस इस दवा में यही परहेज हैं.
#12.
बार बार बवासीर पुराने बवासीर के लिए
- पुराने बवासीर के लिए ऐसे कई रोगी हमने देखें हैं जिनका एक बार बवासीर ठीक हो जाए तो कुछ समय बाद फिर से उन्हें बवासीर हो जाता हैं. यानी उन्हें बार-बार बवासीर होने की शिकायत हो जाती हैं. तो इसके लिए भी हम आपको पुराने से पुराना बवासीर की लिए असरकारी दवा जो की बवासीर का जड़ से छुटकारा दिलवाएगी उसके बारे में बताएंगे यह बहुत ही सरल हैं.
- कब्ज, मस्से, अपचन आदि सभी तरह के पेट के रोगो के लिए छाछ सबसे अच्छी होती हैं, यही बवासीर में भी लाभ देती हैं. रोजाना दुपहर का खाना खाने के बाद करीबन डेढ़ ग्राम की मात्रा में अजवाइन जो की पीसी हुई होनी चाहिए, को मिलाये व इसमें 1 ग्राम सेंधा नमक भी मिलाइये.
- इन सभी को बवासीर के लिए छाछ में मिलाकर अच्छे से मिक्स कर लें और पि जाए. रोजाना इस प्रयोग को करने से पुराने से पुराना बवासीर भी नष्ट हो जाता हैं. यह आयुर्वेदिक दवा के रूप में बहुत ही असरकारी प्रयोग हैं. इसके साथ ही बवासीर के रोगी को बोले की वह भोजन के साथ मूली के पत्ते भी खाये, हो सके तो रोगी को एक समय मूली के पत्तों की ही सब्जी खिलाये इससे बवासीर में अत्यंत लाभ होगा, दुहरा उपचार होगा.
#13.
अन्य प्राकृतिक व अचूक आयुर्वेदिक दवा
- बवासीर में कड़वी तोरई का रस लें और इस रस में हल्दी में मिला दें, अच्छे से मिक्स कर लेप बना लें व फिर इस लेप को बवासीर के मस्से पर लगाए इससे पाइल्स का अचूक इलाज होगा मस्से दूर हो जायेगे. इसके साथ ही अगर रोगी नीम तेल को भी इसमें मिलाकर मस्सों पर लगाए तो और कई ज्यादा लाभ होंगे.
- बवासीर रोग में आंकड़े के पत्ते सहजन के पत्ते दोनों को मिलाकर इनका लेप बना लें व इनको मस्सों पर लगाए यह लेप बवासीर की घरेलु दवाई की तरह काम करेगा बवासीर के मस्सों में बहुत आराम मिलेगा.
- थोड़ा जीरा लें व इसे अच्छे से भून लें और इसमें अपने स्वाद के मुताबिक मिश्री मिला दें, अब इसे चूसें. जीरे जो की बिना भुने हुए हो, ऐसे जीरे को लेकर साफ़ अच्छे पानी के साथ लेकर पीस लें, इसके बाद मस्सो पर लेप करे. यह दोनों प्रयोग करने से बवासीर का दोहरा अचूक इलाज होगा जो की किसी भी मेडिकल की अंग्रेजी दवा से ज्यादा लाभकारी हैं देसी दवा.
- रोजाना सुबह और शाम दोनों समय आंवले का चूर्ण शहद के साथ ले, इससे खून बवासीर एवं बादी बवासीर दोनों तरह के बवासीर में बहुत फायदा होता है.
- हरड़ और गूढ़ दोनों को साथ में मिलाकर खाने से बवासीर के मस्से जल्दी ख़त्म होते हैं.
- मूली का किसी भी रूप में बवासीर पाइल्स के रोग को सेवन करते रहना चाहिए, जितना ज्यादा मूली के पत्तों व मूली का सेवन होगा उतना ही बवासीर में लाभ भी होगा.
- बकरी के दूध का सुबह के समय सेवन करने से खुनी बवासीर अत्यंत लाभ होता हैं, यह देसी दवा से कम नहीं. अगर आप ग्रामीण क्षेत्र या ऐसे क्षेत्र के हैं जहाँ बकरी का दूध आसानी से मिल जाता हैं तो इस उपाय को जरूर करे.
- छाछ, मट्ठे, दही आदि का भोजन के बाद सेवन जरूर करें
- कमल के हरे पत्ते को अच्छे से पीसलें व इसमें थोड़ी मिश्री मिला लें, इसके सेवन से बवासीर में खून बहना तत्का बंद हो जाता हैं.
- काले तिल लें एक ग्राम और शुद्ध एवं ताज़ा मक्खन भी एक ग्राम की मात्रा में ले, दोनों को अच्छे से मिलाकर खाये, इसको रोजाना 8-10 दिनों तक रोजाना सुबह के समय नियमित रूप से आजमाए.
- 55 ग्राम बड़ी इलाइची लें और इसे तवे पर रख कर जला दें, जब यह ठंडी हो जाए तो तवे पर से उतार कर इसे बारीक पीस लें. अब यह आयुर्वेदिक दवा बन गई हैं. इसको सुबह के समय तीन ग्राम की मात्रा में 15 दिनों तक शुद्ध एवं ताज़ा पानी के साथ लें बहुत लाभ होगा.
- बवासीर के रोगी को प्याज का सेवन भी अधिक करना चाहिए, प्याज की चटनी भी अधिक खाना चाहिए.
उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको यह सालों साल पुराने आयुर्वेदा के रामबाण नुस्खे जिससे आप खुनी व बादी बवासीर की दवा पतंजलि बताये, bawaseer ki dawa ayurvedic btaye के इस लेख में दी गई विधि से दवा बनाकर प्रयोग कर सकते हैं, सही तरीके से प्रयोग करने पर यह पतंजलि और अंग्रेजी दवाइयों से भी ज्यादा फायदा करेंगी. इनके जरिये आप बिना किसी ऑपरेशन के ही घर पर इन्हे ख़त्म कर सकते है.
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Mere blood bahut aata hai bawaseer se plz upay btayiye
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मेरा पेट साफ नही रहता और लैट्रिंग के रस्ते में बहुत दर्द होता है और कुछ मस्से भी है लेकिन ब्लड नही आता है क्या उपाय करें की मेरा पेट साफ रहे मस्से सुख जाय लैट्रिंग के समय बहुत दर्द होता है इसका उपाय बताएं,
Maximum wrong information h,
take painkillers
Sir mere mal k arne vali jagha par chamdi Nikli he jo din rat bahut dard karti he upaye bataiye dard bardash ke bahar ho jata he
Upay diye gaye hai, aap yahan diye gaye sabhi posts padein to aapko puri info mil jayegi
Sir mere mummy KO letrin k sahare khun girtey h sir bahut purara baba sir iska upaay kya h
Iske liye aap apni lifestyle me changes laaye rojana sharir se pasina bahaye or bhojan chabakar kare aap yah post padein dubara bawasir nhi hoga >>>
babasir ko jar se khatm karne ka upay mujhe batai mujhe sahi ho jata hai or Phir se kuch dino ke bad ho jata hai karpur or kela ka upyog kar sakte hai? mujhe sirf blood ata hai dard mujhe nahi hota hai
babasir ko jar se khatm karne ka upay mujhe batai mujhe sahi ho jata hai or Phir se kuch dino ke bad ho jata hai sirf mujhe blood ata hai dard mujhe nahi hota hai kela or karpur ka upay kar sakte hai? – plzz answer
Jis upay se aapko jyada labh hua hai usko thode lambe samay tk kare or apni lifestyle me changes laaye
Mene bhot upay kiye phir bhi khun ata hai 70% thik ho gaya par 30% thik hone ka nam nahi le raha kya karu
Aap is post ka pichla page padein
Sir mujhe 8 saal se khuni wawasir hai kafi dr.se dikhya hun dawa khata hun to khun nahi girta ta dava chod de n ke baad khun girtaa hai mai kya karu dard nahi ho ta hai
Vidhi btai hai dekho
Sir Mera name arslan Khan h nariyal ke jata ke sath dudh garam lege ya thandha Sir please bataiye
upay diye gaye hai. sabse pahle karan ko khoje.
Aap kabj ko hone se roke, rojana exercise kare aur kapalbhati pranayama 15 minute daily kare. Aapka rog hmesha ke liye chla jayega.
Depression me rhne ki jarurt nahi hai, dost hmne kai upay diye hai aap inko karke dekheiye.
Sir jaldi hi upay bataye is wajah se mai dipretion me rahne laga hu
Sir mujhe mousam badalta hai jaise sardi jane ke baad garmi aani shuru hoti hai ti kabhi kabhaar blood aajata hai to ye kis wazah se hai kafi doctors ko dikhaya to badi aant me infection batate hai aur dawa khane se thek ho jata hai.piles ke doctor ko dikhaya to wo mana karte hai ke piles nahi hai kabhi shadi me ya party me khana khane se masoos marti hai aur gas banti hai jor lagane pe blood aajata hai upchaar bbataye dard nahi hota chubhan v nahi hoti kharish b nahi ati ye kya rog hai dil karta ke suside kar lu.
bawaseer hai thik nahi raha hai kay kare bataiye hame
Dawai btai hai
my name Pradeep Kumar sir mujhe bawaseer hai 10 saal ho gaye hain sir bahut takleef Hoti Hai Koi Dawa Bataye
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Sir बवासीर के लिए कोई अच्छा नुस्खा बताये
Aap upay ko vidhivat kariye or agar fir bhi aapko labh na hota dikhai deto aap najdiki chikitsak ko dikhaye.
Mera bawasir thik nahi hora mujhe Maytag karte smay blood aata hai aur din bhar dard rehta hai plz bataye main kya karoon
Upay diye hai hai, Aap sabhi lekh ko padein jo yahan diye gaye hain.
Sir mujhe 3 din se mal tyagte samay mal daur me dard ho raha hai aur uthte baithte samay bhi dard ho raha hai .Mujhe sukha bavasir lag rha hai plz. Mujhe koi achha upay bataye jisse ki meri problem jaldi thik ho sake .
Nhi ek ek karke aajmao jaldi kya hai
Kya ek sath do teen nukse apna sakte hai
देखिये पहले यह जांच करे की क्या आपको बवासीर ही है, इसके लिए ऊपर रिलेटेड पोस्ट सेक्शन में बवासीर के लक्षण का लेख पड़ें.
mera name anil hai mujhe guda ke pas soojan bani rahti hai mujhe samajh nahi aa raha kya karoon plz meri madad karo
Upay kijiye btaye gaye
1 years se Babsir hai bahut blood ata hai
Kya karu baba thek nahi ho raha hai please help me
Mai upaye nhi pd pa Raha hu..link bhej skte Hain Kya aap
THanks sir
Babasir ki problem 2006 se hai, blood bhut ata Hai lettering ke sath, or baad me kabhi-kabhi lettering se pahele ab Mase bhi nikal Gaye Hai. Dr. Operation ke liy kah rahe Hai. 2015 me operation karaya Tha . Par blood band nahi hu or phir wahi problem bani hui Hai….
आप बताये गए निम्न उपाय करिये, घबराइए मत. आज के युग में हर बीमारी का इलाज संभव हैं.
mera naam raj kumar hai aur mughe 27 saal se bawasir hai bahut dawa kara chake hai thik nahi app ke kai nukse bhi use kar chuke hai par koi rahat nahi hai kya karu humko batya jaye, sir,, mo 9910764236
Sr mera piles thik ni ho rha hh koi upay batao .mi dard k mare mr jaunga pls mujhe bacha lo pls .meri rakcha rko 8545897044 my contact no..
sir apne bahut hi behtar jaankari share ki thanks..sir aap ki site mujhe bahut pasand aayi