पेट के रोग का कारण और उपचार इन हिंदी में यहां आपको बताएंगे के पेट की सभी समस्याओं के बारे में. पेट की छोटी सी समस्या बड़े रोगों को जन्म देती है, इसलिए पेट से जुडी तकलीफों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए व इसका जल्द से जल्द इलाज ढूँढना चाहिए. कई लोग कब्ज, एसिडिटी, जी मचलना, दस्त, उलटी होना, अपच, पेप्टिक अल्सर आदि होने पर दवा खाते है, लेकिन इनको रोजाना खाने से कई नुकसान होते है.और जब तक इन्हें खाओ तब तक आराम रहता है और ज्यादा गोली दवाइयों का सेवन हमारे पेट के लिए बहुत नुकसानदायक होता है.
इसके बजाए आप आयुर्वेदिक नुस्खे व उपाय का प्रयोग कर सकते है. इनको रोजाना करने से आपको कोई नुकसान भी नहीं होगा और अगर आप इन्हे कुछ दिन रोजाना करेंगे तो आपकी समस्या जड़ से ख़त्म हो जाएगी व फिर इनका प्रयोग करने की भी जरूरत नहीं लगेगी तो आइये अब आगे इसी के बारे में जानते है, कब्ज, एसिडिटी, अपच, लूस मोशन, उलटी जी मचलना आदि.
कारण
- पेट की समस्या का मुख्य कारण है, कुछ भी खाना, ज्यादा मसालेदार भोजन करना, तीखा खाना, शारीरिक परिश्रम नहीं करना, पानी भरपूर नहीं पीना, पेट ठीक से साफ़ नहीं होना और देर रात में भोजन करना आदि यह आम कारण है.
पेट के रोग का कारण और उपचार
Pet Ke Rog Ka ilaj in Hindi
कब्ज रोग के कारण
- कब्ज सबसे आम रोग है, जब भोजन ठीक से पच नहीं पाता, पेट साफ़ नहीं हो पाता तो उसे हम कब्ज कहते है.
- इसके लिए रोजाना रात को सोने से पहले गर्म पानी में त्रिफला चूर्ण मिलाकर खाये, रात को भोजन करने के बाद 15-20 ml अलोएवेरा रस पिए तो तुरंत लाभ होगा इसके अलावा सुबह के भोजन में एक कप दही ले और सुबह खाली पेट नींबू पानी भी पि सकते है. (और पड़ें : कब्ज का इलाज)
एसिडिटी रोग
- एसिडिटी रोग में पेट व सीने में जलन होती है, यह जलन दर्द सी मालूम होती है जिससे रोगी परेशान हो जाता है. यह पेट में भोजन को पचाने वाले पदार्थ की मात्रा बढ़ जाने के कारण होता है.
- एसिडिटी का उपचार – इसके लिए रोजाना सुबह उठने के बाद तुरंत 2-3 गिलास पानी पिए, रात को भोजन के बाद 15-20 ML अलोएवेरा रस पिए, नींबू पानी पिए, दिन के भोजन में एक कप दही लें और मट्ठा भी पि सकते है साथ ही भोजन के बाद 2 लौंग मुंह में रखकर चूसें. (और पड़ें : एसिडिटी के लिए घरेलु नुस्खे ) भोजन के बाद प्यास लगने पर पानी नहीं पीना पेट में रोग का कारण बनता है.
गैस की समस्या
- ज्यादा भूखा रहने से व अत्यधिक गरिष्ठ आहार लेने से जन्म लेती है, इसके अलावा यह शरीर के दूसरे अंग में भी बनना शुरू हो जाती है जो की बहुत ही घातक साबित होती है.
- गैस का उपचार – इसके लिए योग में पवनमुक्तासन करे, ज्यादा पानी पिए, सुबह खली पेट गौ मूत्र पिए, दिन में 3 बार हींग को गर्म पानी में मिलाकर पिए, pet ke rog me ilaj भोजन के बाद एक लौंग खाये, दही मट्ठे का भी सेवन करे. यह उपाय खुद बाबा रामदेव पतंजलि में बताते है. (और पड़ें : गैस का इलाज )
जी मिचलाना और उल्टी
- उलटी और जी मिचलना की समस्या ज्यादातर यात्रा के समय तकलीफ देती हैं, इसके अलावा जब हम बिना भूख के व भूख से ज्यादा भोजन कर लेते है तो भी यह समस्या जन्म लेती हैं.
- जी मिचलना और उलटी का इलाज – दिन के भोजन के साथ दही जरूर लें, मट्ठा पिए, भोजन के बाद 1-2 लौंग चूसें, नींबू पानी पिए, अलोएवेरा का रस भी पि सकते हैं. आधे चम्मच जीरे को बारीक पीसकर आधे एक कप पानी में मिलाकर पिए तो उलटी नहीं आएगी. अगर सफर में उलटी जैसा हो रहा है तो लम्बी और गहरी सांस लें. (और पड़ें : उलटी रोकने के उपाय )
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अपच के कारण
- अपच यानी भोजन ठीक तरह से नहीं पचना, इसके पीछे कई कारण हो सकते है जैसे तीखा, मसालेदार भोजन, गरिष्ठ भोजन, शारीरिक श्रम की कमी और पाचन शक्ति का कमजोर होना.
- अपच का इलाज में धनिये के बीजों को एक गिलास में मिलाकर पिए, खट्टे फल खाये, पुदीना के रस की 4-5 बूंदे पानी में मिलाकर पिए, शारीरिक श्रम करे, सुबह खली पेट आधा कप गौ मूत्र पिए, अलोएवेरा रस दोनों समय लें.
लूज मोशन कारण और इलाज
- लूसे मोशन गलत आहार के लेने से होता है, ज्यादा तीखा, मसालेदार और गरिष्ट आहार लेने से पाचन बिगड़ जाता है और दस्त की शिकायत पैदा हो जाती हैं.
- Loose motion में हल्का आहार लें, ज्यादा से ज्यादा तरल चीजों का सेवन करे, दही बिना नमक मिलाये पिए, आधे कप चाय में थोड़ा पानी डालकर उस कप को पूरा भर कर पिए, 7 ग्राम जीरे को भूनकर दही में मिलाकर पिए. (और पड़ें : दस्त का इलाज )
अल्सर की समस्या
- पेट या छोटी आंत की परत में जब घाव बन जाते है तो ऐसे में अल्सर की समस्या पैदा होती हैं.
- इसके इलाज में चाय, धूम्रपान, शराब का सेवन बंद का दें. पानी ज्यादा पिए, दही मट्ठा का सेवन बढ़ा दें. रोजाना शारीरिक श्रम करे, पैदल टहले, खाली पेट गौ मूत्र पिए और योग का सहारा लें.
पेट के रोग से बचने के लिए उपाय
इसके अलावा बचने के लिए में आप निचे दिए जा रहे उपाय को रोजाना करे, यह पेट के सभी रोगों का उपचार करते है, कब्ज, एसिडिटी, अपच, अल्सर, दस्त, उलटी, गैस आदि सभी रोगों में यह रामबाण काम करेंगे.
- रोजाना सुबह उठने के बाद तुरंत ही 2-3 गिलास ताम्बे के बर्तन में रखा हुआ पानी पिए. कब्ज, एसिडिटी, गैस आदि सभी में लाभ करेगा.
- रोजाना सुबह खाली पेट और रात को भोजन के बाद 15-20 ML अलोएवेरा रस पिए और ऊपर से आधा गिलास पानी पि लें.
दिन में जब भी भोजन करे तो एक कप दही जरूर पिए - एसिडिटी कब्ज आदि बढ़ जाने पर 200 ML दही, मट्ठा बिना नमक मिलाये पिए. इसमें आप जीरे को भूनकर या धनिये के बीज पीसकर मिलाकर भी पि सकते हैं.
- रोजाना भोजन करने के बाद एक पान का पत्ता खाये, इसे पेट के सभी रोगों शांत रहेंगे.
- भोजन के साथ पुदीना का सेवन बढ़ा दें, पुदीना की चटनी रोजाना भोजन में खाये और इसकी पत्तियों को सब्जी में भी मिला सकते हैं.
बाबा रामदेव पतंजलि आदि तो यह रहे पेट के रोग कारण और इलाज की दवा pet me rog treatment in Hindi के बारे में जानकारी. यह अंग्रेजी की दवा की तरह तेज और स्पष्ट काम करेंगे, यहां जो भी घरेलु उपाय दिए है वह किसी भी तरह का नुकसान नहीं करते है और ना ही इनका प्रयोग करने में आपको कोई खर्चा लगेगा.