[wps_note size=”21″ background=”#000000″ color=”#ffffff” radius=”3″]सफ़ेद दाग के इस पोस्ट को आप पूरा और निचे तक ध्यान से पड़ें, यहाँ बहुत ही असरकारी इलाज व उपाय दिए है जल्दबाजी न करे।[/wps_note]
सफ़ेद दाग का इलाज बताये क्या है और इस के उपाय बताओ यह बीमारी रोगी का जीवन बरबाद कर देती है, अगर शुरुआत में ही उपचार न शुरू किया जाए तो यह लाइलाज रोग बन जाता हैं.
इसे कोढ़, leucoderma, white spots भी कहा जाता है, और इससे पीड़ित रोगी को समाज में गलत नजर से देखा जाता है. कोढ़ यानी सफ़ेद दाग को छुआछूत का रोग समझकर लोग उससे घृणा करने लगते है, उससे दूर रहना चाहते है.
लोगों के ऐसे व्यवहार से रोगी के मस्तिष्क में हीनभावना भर जाती है और वह अपने को सबसे अलग रखने की कोशिश करता है. पर अब घबराइए नहीं हम आपको कुछ ख़ास बताने जा रहे है.
सफ़ेद दाग को ठीक करने के उपायों के जरिये आप इस बुरे रोग से आसानी से छुटकारा पा सकेंगे, आप इस पोस्ट को पूरा ध्यान से एन्ड तक पड़ें safed daag treatment in Hindi doctor specialists.
कारण :
- यह एक ऐसा रोग है जो की रोग-प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने से पैदा होता है, जब हमारी रोगप्रतिरोधक की स्किन का रंग बनाने वाली कोशिकाएं कार्य करना बंद कर देती है या मरने लगती है तो शरीर पर शुरुआत में सफ़ेद धब्बे बनने लगते है. इसी तरह धीरे-धीरे यह बढ़कर पुरे शरीर पर फेल जाते है.
- दूसरे रूप में कहा जाए तो हमारे शरीर की कोशिकाएं आपस में लड़ने लगती है, वह एक दूसरे को पहचान नहीं पाती इस वजह से शरीर को रंग देने वाली कोशिका ख़त्म होती जाती है और शरीर पर सफ़ेद धब्बे होना शुरू हो जाते है.
- कई लोग इस रोग से परेशान हो कर आत्महत्या (Suicide) भी कर लेते है. हमने ऐसे कई रोगी देखे जिन्होंने आत्म हत्या की है. सफ़ेद दाग सबसे ज्यादा महिलाओ को होता है और सबसे ज्यादा सुसाइड भी महिलाये ही करती है. लेकिन अब चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि हम यहां पर पक्का सफल अचूक रामबाण इलाज इसके बारे में उपाय बताएंगे यह राजीव दीक्षित जी व बाबा रामदेव पतंजलि के इलाज से जुड़े हुए है आपको शत प्रतिशक आराम मिलेगा.
मछली खाकर दूध पिने से व मछली से बने हुए पदार्थ को दूध के साथ सेवन करने से सफ़ेद दाग की बीमारी होती है. दूध दही और नामक को साथ में लेने से भी सफ़ेद दाग की शिकायत होती है. रात को दही न खाये. दूध के साथ पपीता, खरबूज आदि भी न ले.
- एक बार यह सभी भी पड़ें :
- सफेद दाग के शुरुआती लक्षण – क्यों और कैसे होता है **
- 4-6 महीने तक सफ़ेद दाग में यह खाये **
- महिलाओं के कमर दर्द के कारण और इलाज
- मुँह से बदबू आना का इलाज के उपाय
- याददाश्त तेज शार्प करने व बढ़ाने के आसान उपाय
- पेट में गैस बनने का जड़ से इलाज
- इस पोस्ट को पूरा निचे, आखिर एन्ड तक पड़ें, ध्यान से जल्दबाजी न करे.
सफेद दाग का इलाज बताएं
Safed Daag Ka ilaj Batao in Hindi
- बाबा रामदेव पक्का इलाज सफ़ेद दाग की बीमारी दुनिया के 1-2% लोग ग्रस्त है, यह कोई मामूली रोग नहीं. पुरे जीवन को हीन व बेरंग कर देने वाला रोग है सफ़ेद दाग. इसलिए आप जितने जल्दी इसका उपचार करते है उतना ही फायदेमंद होता है. हमने आश्रम में कई लोगों को इस बीमारी से छुटकारा दिलाया है इसमें सबसे ज्यादा प्रभावकारी प्राणायाम सिद्धि हुए हैं.
- अगर आप रोजाना एक डेढ़ घंटा प्राणायाम को देते हैं तो तीन से छह महीनो में हर तरह के सफ़ेद दाग मिट जाते हैं. अगर आपको 5 साल से सफ़ेद दाग है तो आपको 5 महीने तक प्राणायाम करने से यह मिट जायेंगे, इस तरह जितने पुराने दाग होंगे उतने ही महीने उसको ठीक होने में लगते हैं. तो थोड़ी सब्र तो आपको रखनी ही होगी.
- इसके लिए आप रोजाना सुबह के समय सभी तरह के प्राणायाम 7-8 मिनट तक करे. इसमें विशेषकर कपालभाति और अनुम-विलोमा प्राणायाम को करे. इन 20 मिनट कपालभाती और 20 मिनट अनुम विलोमा प्राणायाम इस तरह 40-45 मिनट इन दोनों प्राणायाम को अवश्य करे. तो कुछ ही महीनो में आपको असर दिखना शुरू हो जायेगा. यह guaranteed उपाय है. इसलिए निचे दिए जा रहे घरेलु उपचार करे या न करे लेकिन यह प्राणायाम जरूर करें.
- इसके अलावा में एक घरेलु उपचार बता रहा हु उसे भी आप करियेगा. एक तो 100 ग्राम देसी घाय का मूत्र, 100 ग्राम देसी गाय के गोबर का रस और 100 ग्राम नीम की पत्तियों का रस. देसी गाय के गोबर को कपडे से छान ले तो उसमे से जो पानी जैसा निकलेगा वही गोबर का रस होता है. (देसी गाय का मूत्र और नीम के पत्तों का रस पतंजलि स्टोर्स से भी प्राप्त कर सकते है). तो इस तरह इन तीनो चीजों का रस निकाल लें व एक बोटल (शीशी) में तीनो के रस को मिलाकर के रख लें. (इसे फ्रिज में रख दे ताकि यह ख़राब न हो)
- अब आप बावची के बीज लाये और इन्हें सात दिनों तक देसी गाय के मूत्र में भिगो कर रखें. रोजाना सातों दिनों तक मूत्र को बदलते रहे. तो इस तरह सात दिन तक बावची को भिगोकर रखने के बाद आठवे दिन इसे छायादार जगह पर सुखाने के लिए रख दें. जब यह सुख जाए तो इसे बारीक़ पीस ले और चूर्ण बना लें.
- अब बावची के चूर्ण को गाय के मूत्र, गोबर और नीम के पत्तों के रस इनमे मिलाकर के त्वचा पर जहां भी दाग हो रहे हो वहां पर लगाए, मालिश करे. होठ पर, हथेली पर, पांव पर, पलक पर, गुप्त अंग पर आदि सभी जगह पर लगा सकते हैं. (इस प्रयोग को करने पर छाले हो तो घबराये नहीं प्रयोग करते रहे)

- एक ग्राम बावची का चूर्ण, एक चम्मच नीम के पत्तों का रस, 3-4 चम्मच गौ मूत्र और एक चम्मच देसी गाय के गोबर का रस इन सभी को मिलाकर के रोजाना सुबह व शाम को खाली पेट सेवन करे तो यह और भी ज्यादा लाभकारी रहेगी.
- शुरुआत में आप थोड़ा-थोड़ा कर के प्रारम्भ कर सकते है. तो यह उपाय है जो हम आश्रम में करवाते है, आप भी इनका सेवन कर सकते हैं. बाकी निचे भी सफ़ेद दाग हटाने उपाय दिए गए है आप अपने चिकित्सक की परामर्श अनुसार इनका भी प्रयोग कर सकते है.
सफ़ेद दाग का इलाज बाबा रामदेव
NOTE : इन सभी घरेलु उपचार में प्राणायाम करना अति आवश्यक है.
- इस प्रयोग को और असरदार बनाने के लिए रोजाना लोकि का रस भी पिए.
सिर्फ 7 खुराक और 14 दिन में पाए 100% आराम
#1.
55 ग्राम बावची (बकुची) , 30 ग्राम फिटकरी और 115 ग्राम नारियल का तेल लें. बावची को कूटकर उसका चूर्ण बनाये. फिटकरी को नारियल के तेल में डाल दें. अब पहले 7 दिन तक रोजाना सोते समय रात को बावची के दो ग्राम चूर्ण को पानी में भिगोकर रख दें व अगली सुबह ब्रेकफास्ट कर लेने के एक डेढ़ घंटे बाद इस चूर्ण को पानी के साथ फांक लें, खाले.
अब फिटकरी जिसे हमने नारियल तेल मिलाया था उसको अब शरीर में जहां भी सफ़ेद दाग हो रहे हो वहां पर लगाए और रात को बावची चूर्ण सफ़ेद दागो पर लगाए. इस तरह सुबह बावची चूर्ण का सेवन व फिर फिटकरी नारियल तेल मिला हुआ और रात को बावची का चूर्ण सफ़ेद दाग पर लगाए ऐसा पहले सात दिन तक करे.
दूसरा सप्ताह:-
फिर सात दिन बाद बावची चूर्ण को सुबह और शाम दोनों समय पर खाना शुरू कर दें. यानी आज रात को 4 ग्राम बावची जिसका हमने बारीक़ पीसकर चूर्ण बनाया था उसको रात में भिगोकर रख दें व अगली सुबह नाश्ते के बाद पानी के साथ 2 ग्राम चूर्ण को फांक जाए और फिर शाम को दो ग्राम चूर्ण फांक लें इस तरह प्रथम सप्ताह सुबह के समय व दूसरे सप्ताह दोनों टाइम पर इस चूर्ण के सेवन से सफ़ेद दाग का घरेलु उपचार होता है.
इस तरह दो सप्ताह में यह प्रयोग आपके सफ़ेद दाग धब्बों का पक्का इलाज कर देगा. मात्र 14 दिन में ही सफ़ेद दाग को बहुत कम कर देगा. नोट : जिनको होंठों पर, गुप्त अंग पर, हथेली पर, पलक पर आदि जगह पर सफ़ेद दाग हो तो उन्हें यह दवा असर नहीं करती है.
सफेद दाग का आयुर्वेदिक इलाज क्या है
#2.
55 ग्राम बावची के बीजों को तीन दिनों तक पानी में भिगोकर रखे (उसका पानी रोजाना बदलते रहे). फिर तीन दिन के बाद बीज को अच्छे से मसल ले और उनके छिलकों को उतार कर किसी छायादार स्थान पर सूखने के लिए रख दें.
जब यह सुख जाए तो इन्हें पीस ले व पाउडर बना लें. रोजाना नियमित रूप से इस पाउडर को गाय या बकरी के दूध के जरिये पिए व इस पाउडर को पानी में मिलाका हाथ, पैर, पलक, होंठों के सफ़ेद दाग पर लगाए. इसका प्रयोग लम्बे समय तक करना होगा दो से चार महीनो तक यह करना होगा.
#3.
इमली और बावची के बीज लें और इन्हें 4-5 दिनों तक पानी में भिगोकर रखे. फिर बीज को अच्छी मसल लें और इनका छिलका उतार ले और उसे सूखने के लिए रख दें. सूखने पर उसे पीसकर पाउडर जैसा बना दें. अब रोजाना इस पाउडर को थोड़ा-थोड़ा लेकर पानी डालकर पेस्ट बना ले और सफ़ेद दाग पर लगाए. इस तरह सप्ताह भर के प्रयोग से सफ़ेद दाग ठीक हो जाते है, आराम दिखने लगता है.
इन प्रयोगो में सात्विक आहार लेवे, ज्यादा मिर्च, तेज मसाला, ज्यादा तेल आदि से बचे व साधारण सात्विक आहार ही लेवै. इस सफल इलाज को करते समय अगर दागो पर कोई तकलीफ होने लगे तो प्रयोग को बंद कर दें फिर कुछ दिनों बाद वापस कर सकते है.
हल्दी, पानी और सरसों का तेल रामबाण प्रयोग
8-9 लीटर पानी ले और 500 ग्राम हल्दी का पाउडर भी ले. अब गैस पर एक बर्तन रखे और उसमे यह सारा पानी और आधा किलो हल्दी डाले, इसे खूब तेज आंच पर उबलने दें. इस तरह उबलते हुए जब पानी आधा रह जाए 4 लीटर तक तब गैस को बंद कर दें और उसमे आधे लीटर यानी 500 ग्राम सरसो का तेल डाल दें और फिर से गैस पर रख कर उबालना शुरू करे. इसे भी तब तक उबाले जब तक की उस बर्तन में सिर्फ तेलीय पदार्थ ही न रह जाए यानी सारा पानी भांप बनकर उड़ जाए तब तक.
अब आखिर में जब तेल ही बचे तब गैस को बंद कर के कांच के डिब्बे में यह रख लें. अब इसका इस्तेमाल करने के लिए रोजाना नियमित रूप से सुबह व शाम के समय इस तेल को सफ़ेद दाग धब्बो पर लगाए. इस प्रयोग को 4-6 month’s महीने तक करना है चमत्कारी परिणाम मिलेंगे.
- यह भी देखें
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स्वमूत्र खुद का पेशाब है अमृत – रामबाण उपाय
यह प्रयोग आपको घिन्न सा लगता हो लेकिन यह बहुत ही चमत्कारी प्रयोग है, इसलिए आप इसे अवश्य ही करे. इसको करने में आपका कोई खर्च नहीं लग रहा बिना किसी पैसे के यह आपका घरेलु इलाज करता है.
जिसको सफ़ेद दाग हो उसे अपना सुबह का पहला मूत्र (मूत्र की अगली धार और अंत की धार छोड़कर बिच का मूत्र) लेकर एक साफ़ शीशी में भर लेना चाहिए. यह पेशाब मूत्र जितना ही पुराना होता जायेगा, उसकी उपयोगिता बढ़ती जाएगी.
उसी मूत्र को रुई फाहा से जहां-जहां दाग है वहां पर धुप में बैठकर पांच-दस मिनट लगातार मूत्र मालिश करे तो एक आह के अंदर ही लाभ प्रतीत होगा. अगर शरीर में कागि सफ़ेद दाग है तो इसे लगतात एक साल तक करने से सारे दाग ख़त्म हो जाते है.
इसके अलावा रोजाना सुबह खाली पेट खुद का 6-7 दिन पुराना मूत्र पिने से अत्यंत लाभ होता है. देखिये मित्र आप जितने जल्दी इस बीमारी का इलाज कर लेंगे उतना ही लाभ होगा. समय निकल जाने पर यह पुरे शरीर में फेल जायेगा फिर इसका उपचार असंभव सा हो जायेगा, सफ़ेद दाग का इलाज में खुद का पेशाब बहुत चमत्कारी सिद्ध होता है – वेद सुशिल).
NOTE : ध्यान रहे जब तक इस मूत्र की मालिश करे तब तक किसी तरह का नमक न खाये.
सिर्फ 7 खुराक में पाए सफ़ेद दाग से छुटकारा
26 ग्राम बबूल के सूखे हुए पत्ते (देसी कीकर), 26 ग्राम कबाली हरड़ के छिलके कर 26 ग्राम ही बड़े आकार वाली पान की सुपारी लें. सबसे पहले बबूल के पत्तों को लाकर सूखा लें फिर पान की सुपारी को बारीक़ पीसकर पाउडर जैसा बना लें और कबाली हरड़ को भी अच्छे से कूट-पीस लें.
अब इन सभी को इस तरह कूट पीस लेने के बाद 550 ML पानी में डालकर उबाले. इस तब तक उबालते रहे जब तक की यह आधा लीटर पानी उबलकर 130 ग्राम न हो जाए. जब यह इतना रह जाए तो गैस को बंद कर दें व ठंडा होने के लिए रख दें. पिने लायक होने पर इस 130 ग्राम पानी को पिले.
आपको यह प्रयोग एक दिन छोड़कर करना है, जैसे आज यह प्रयोग किया तो अब आप कल को छोड़कर अगले दिन इस प्रयोग को करेंगे. इस तरह 14 दिनों में 7 बार इस प्रयोग से सफ़ेद दाग का घरेलु इलाज करने से रामबाण लाभ होता है. सिर्फ 14 दिनों में आप चमत्कारी लाभ देख सकेंगे.
NOTE : इस प्रयोग को आपको सुबह-सुबह करना है, यानी सुबह पहली बिना कुछ खाये इस उपाय को करे. और इस उपाय को करने के बाद दो घंटे तक कुछ भी न खाये. अगर आपको यह कड़वी या बेस्वादु लगती है तो आप इसमें 8 ग्राम मिश्री मिला सकते है. प्रयोग के दौरान अगर उलटी दस्त हो तो घबराइए नहीं, और इस प्रयोग को जारी रखे.
इस सफल इलाज के साथ आप नीबू, अनार और सेब का रस भी पिए. इन तीनो फलों का रस निकालकर एक-एक कप तीन फलों का रस दिन में दो बार तीन महीने तक पिए. अगर आप ऊपर दिया गया प्रयोग करते है तो यह फलों के रस का प्रयोग आपको अवश्य ही करना होगा.
NOTE : मक्खन व घी ज्यादा खाये. इस दवा के प्रयोग करने के बाद आपको करीबन 2-3 महीने बाद दाग हटने लगते है. इस प्रयोग को साल में एक बार ही किया जा सकता है, इसलिए एक बार करने के बाद दुबारा न करे. इस रामबाण प्रयोग से 92% लोगों को लाभ हुआ है इसलिए यह आपको निराश नहीं करेगा.
लाल मिटटी और अदरक का प्रयोग करे
लाल मिटटी भी सफ़ेद दाग में आयुर्वेदिक इलाज करती है, इसमें ऐसे गुण होते है जो की त्वचा के रंग को वापस लोटा देते हैं. तो आप कहीं से भी लाल मिटटी लाये और रोजाना उसमे से थोड़ी लाल मिटटी ले और उसमे उतना ही अदरक का रस मिला दें.
यानी जितनी लाल मिटटी उतना ही अदरक का रस इस तरह दोनों को मिलाकर पेस्ट बना लें, अच्छे से मिला लें और त्वचा पर जहां सफ़ेद दाग हो रहे हो वहां पर लगाए तो आश्चचर्यजनक लाभ मिलते है.
24 घंटे सिर्फ तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पिए
तांबे में ऐसे गुण होते है जो की त्वचा का रस वापस लाने में मदद करते है, यह समस्त चार्म रोगो में लाभकारी होता हैं. इसके लिए आप सिर्फ तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी ही पिए. यानी बाजार से एक बड़ा तांबे का बर्तन लाये और उसमे पानी भरे.
अब आप इस तांबे के बर्तन के पानी सुबह, शाम, दुपहर हर समय सिर्फ इसी का पानी पिए. यह छोटा सा प्रयोग आपको कई हद तक लाभ करेगा. इसलिए आप इस घरेलु इलाज को नजरअंदाज न करे.
ट्रीटमेंट – इसके अलावा सुबह उठने के तुरंत बाद ही करीबन 3 गिलास यानी पेट भरकर तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी अवश्य ही पिए. तांबे के बर्तन में त्वचा का खोया हुआ रंग लौटने की क्षमता होती है, यह दाद, खाज खुजली आदि सभी चर्म रोग में रामबाण होता है.
नीम का प्रयोग भी है बहुत पक्का असरदार
नीम समस्त चर्म रोगो में रामबाण होती है. इसका पहला प्रयोग आप इस तरह करे – नीम की पत्तियों को, नीम के फूलों को और नीम की निबोली इन सभी को धुप में सुखाकर बारीक़ पीसकर पाउडर बना लें और रोजाना नियमित रूप से खाये.
इसके अलावा एक बर्तन में निम्मे के पत्तों को डालकर अच्छा उबाल लें और फिर उस उबले हुए पानी को अपने नाहने के पानी में डालकर नाहये, रोजाना इस तरह नीम के पत्तों के पानी से नहाने त्वचा के सफ़ेद दाग नहीं फैलते व फैले हुए भी ठीक होते है. इसके अलावा नीम की पत्तियों का रस भी पिए और नीम के पत्तों को जमीन पर बिछाकर भी सोये.
नीम की पत्तियों जला लें और अब इसकी राख को नीम के ही तेल में मिलाकर शरीर में जहां भी सफ़ेद दाग धब्बे हो रहे हो वहां पर लगाए. इसके अलावा नीम की निबोली, पत्ते, और फूल इन सभी को बारीक पीसकर रोजाना पिए तो भी सफ़ेद दाग का उपचार हो जाता है. इस प्रयोग को आप 45 दिनों तक अवश्य ही करे.
Patanjali safed daag ka ilaj (Ayurvedic ilaj)
बाबा रामदेव के उत्पादों द्वारा भी किया जा सकता हैं. इसके लिए हम यहां निचे आपको Patanjali products के बारे में बता रहे हैं. इनका सेवन आप कर सकते हैं.
- दिव्य बकुची चूर्ण (यह सफ़ेद दाग में सबसे ज्यादा प्रभावकारी होता है)
- दिव्य गिलोय सत (यह रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है जिससे मर्त कोशिकाएं वापस जीवित होने लगती है व सफ़ेद दाग दूर होते है)अन्य लाभकारी उत्पाद
- दिव्य कायाकल्प तेल (पतंजलि)
- दिव्य कायाकल्प वटी (पतंजलि)
- आरोग्यवर्धिनी वटी (पतंजलि)
कैसे आहार हो
- इस बीमारी में परहेज का विशेष महत्त्व होता है, इसलिए ज्यादा तीखी, मिर्च मसाला, ज्यादा तेल आदि से बनी चीजे बिलकुल न खाये. अल्कोहल, सिगरेट्स आदि भी न करे.
- सिर्फ सात्विक भोजन करे, लोकि, टमाटर, अनार, सेब, अंगूर, पपीता, नारियल आदि फलों का रस पिए. सभी तरह की पत्तेदार हरी सब्जियां खा सकते है, इसमें ज्यादा लोकि की सब्जी खाये.
क्या करे क्या न करे
- सफ़ेद दागो में खुजली होने पर नाख़ून का प्रयोग न करे
- सोने से 4 घंटे पहले ही भोजन कर लें
- रोजाना नीम के पत्तों के पानी से स्नान करे
- तांबे के बर्तन में रखा पानी पिए
- साबुन शैम्पू अन्य सुंदरता बढ़ाने वाले उतपादों का प्रयोग बंद करे
- सुबह शाम टहलने जाए
- अनुम विलोमा, कपालभाति प्राणायाम अवश्य करे.
- इस पोस्ट का अगला पेज भी जरूर पड़ें, उसमे हमने इस रोग को ठीक करने की दवा के बारे में बताया है. इसलिए आपको वह पोस्ट एक बार जरूर पड़ना चाहिए :- NEXT PAGE
दोस्तों safed daag ka ilaj in Hindi, पतंजलि में सफ़ेद दाग का इलाज क्या है की जानकारी में यह बहुत ही असरकारी, चमत्कारी है. इनसे हजारों लोगों को लाभ हुआ है फिर आपको क्यों नहीं हो सकता. दोस्तों इसको ज्यादा से ज्यादा SHARE करे ताकि किसी इस बीमारी के रोगी की जिंदगी बचाई जा सके.

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Safed daag me khatti chije ni khate h or aap seb nimbu or anar ka ras pine ki bol rhe h ese to daag or fail jayenge ye kya bta rahe hai aap
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