पागलपन का इलाज के उपाय और दवा यह एक मानसिक बीमारी होती है, जिसमे रोगी मतिभ्र्रम, कुछ भी बोलना, चेतना क्षीण होना, उलटी सीधी हरकते करना आदि शामिल होते है.
इसमें रोगी को पता ही नहीं होता और वह कुछ भी बोलता रहता है, कैसी भी हरकत कर देता है. अगर घरेलु नुस्खे उपाय का सही से प्रयोग किया जाए तो इस रोग से काफी जल्दी छुटकारा पाया जा सकता है.
इसके लिए रोगी को योग प्राणायाम का सहारा भी लेना चाहिए, मानसिक रोग में योग ध्यान से बड़ी कोई दवा नहीं होती, इसके साथ ही प्राकृतिक जीवनशैली भी इसमें बहुत लाभ करती है. चलिए आगे जानते है madness treatment ayurvedic in Hindi language.
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पागलपन के कारण
- किसी हादसे के होने से
- दिल या दिमाग पर चोंट लगने से
- कोई बुरी खबर सुनने से
- सदमे में रहने के कारण
- ख़राब भोजन के कारण
- जहरीली चीजों के सेवन से
- विपरीत और अप्राकृतिक भोजन करने से
- ज्यादा डरने से
- ज्यादा दुःख होने के कारण
- ज्यादा सोच विचार करने से
- चिंता और मानसिक तनाव ज्यादा होने के कारण
- ज्यादा सम्भोग के कारण
पागलपन के लक्षण
- मतिभ्रम होना
- मुंह से लार आते रहना लक्षण है
- साफ़ सफाई न रखना
- सोचने समझने की शक्ति ख़त्म होना
- डर लगना लक्षण
- कुछ भी बोलते रहना
- बिना वजह रोना और हंसना
- नंगे होकर घूमना
- उलटी सीधी हरकते करना
- बच्चों जैसे हरकते करना लक्षण
- आंखों का इधर उधर घूमना
- आदि ऐसे में रोगी का मस्तिष्क नष्ट हो जाता है जिस वजह से उसकी बुद्धि ठीक से काम नहीं करती और वह बच्चों जैसी, उलटी सीधी, आदि बताई गई हरकरते करने लगता है. इन लक्षण को देख कर आप पागलपन की पहचान कर सकते है.
पागलपन की दवा और इलाज
Pagalpan Ka ilaj in Hindi
- सारस्वतारिष्ट (Saraswatarishta) – इस पागलपन को दूर करने की दवा को 20 ML की मात्रा में खाना खाने के बाद 1 दिन में 2 बार सुबह और शाम पानी के साथ अथवा पानी में मिलाकर लें.
- Rajat Bhasma, Chandravaleha – पागलपन में 75 ML रजत भस्मा और 10 ग्राम चादर्वलेह दोनों को गाय के दूध के साथ 1 दिन में 2 बार सेवन कराये.
- Lashunadya Ghrita – इस दवा को रोगी के भोजन में मिलाकर दी जाती है.
- Praval Pishti, Shankhapushpi Churna, Chaturbhuja Rasa – पागलपन में 250 ML प्रवाल पिष्टी, 1gm शंखपुष्पी चूर्ण और 125mg चतुरभुजा रस इन सभी को शहद के साथ मिलाकर 1 दिन में 2 बार सुबह शाम ली जाती है.
- यह भी देखें :
- तुतलाना और हकलाने को जड़ से ख़त्म करने का इलाज
- अस्थमा का जड़ से इलाज बाबा रामदेव के उपाय
- Unmadagajakesari – दूध के साथ 250 ML की मात्रा में दें.
- Unmadabhanjana – शहद के साथ 250 ML की मात्रा में दें.
- पागलपन का होम्योपैथिक इलाज में बेलाडोना, हायोसायमस, स्ट्रामोनियम व काली फॉस इन दवाइयों का सेवन किया जाता है.
पागलपन ख़त्म करने के लिए अब हम आपको कुछ ऐसे घरेलु इलाज बताएंगे जिनकी मदद से आपको कई लाभ होंगे. अगर आप इन के घरेलु नुस्खे का सही इस्तेमाल करते है तो यह अन्य बताई गई दवाइयों से भी ज्यादा असर करेंगे.
जरुरी उपाय
- रोगी को सप्ताह में 2-3 बार अरंडी का तेल पिलाये, ताकि उसकी आते साफ़ होती रहे और उसे कब्ज न हो.
- पागलपन के रोगी को बकरी के दूध में भांग को मिलाये और रोजाना दिन में और रात को सोने से पहले रोगी के पैरों के तलवों पर इसकी मालिश मसाज करे.
- रोगी को सात्विक भोजन दें, मिर्च मसालों आदि चीजों से परहेज करवाए.
- रोजाना सुबह पेट खाली होने पर अमरुद को खूब चबाकर खाये तो इससे मानसिक तनाव नष्ट होता है और पागलपन के लक्षण ख़त्म होने लगते है.
- रोजाना सीताफल की जड़ का चूर्ण रोगी को दें अत्यंत लाभ होगा.
- पागलपन के रोगी को रोजाना सुबह 210ML गाय का मूत्र लेकर पिए तो एक महीने में ही पागलपन जड़ से ख़त्म हो जायेगा.
- पागलपन का दौरा पढ़ने पर रोगी की नाक में होम्योपैथिक दवा कैप्सिकम मदर टिंचर की 1-2 बून्द डाले तो तुरंत उसे होश आजायेगा.
- रोगी को नीबू पानी ज्यादा पिलाये, पानी ज्यादा से ज्यादा पिलाये.
पागलपन के घरेलु इलाज में योग बहुत जरुरी है, इसके लिए प्राणायाम जरूर कराये, सुबह खुली हवा में उसे टहलने दें, दौड़ने के लिए कहे ताकि उसके शरीर में ताज़ा हवा पहुंचे. इस तरह पागलपन की दवा के साथ साथ यह करते रहने से बहुत लाभ होगा.
असरकारी अचूक घरेलु उपाय
- 17 ग्राम की मात्रा में ताज़ा अनार के पत्ते और इतने ही गुलाब के फूल लें. इन्हें 500ML पानी में डालकर खूब उबाले, जब पानी चौथाई मात्रा में बाकी रह जाए तो इसे छान लें अब देसी घी को इसमें मिलाकर 22 ग्राम की मात्रा में पेशेंट को रोजाना सेवन करवाए. यह एक बेहतरीन इलाज है.
- 300 ग्राम अमरुद, नमक, नीबू, कालीमिर्च मिलाकर रोजाना खाये तो इससे दिमाग को ताकत मिलेगी जिससे दिमागी गर्मी ख़त्म होगी और पागलपन में आराम मिलेगा.
- पुराना पागलपन भी दूर करेगा यह उपाय, ब्राह्मी रस 8ML, शहद 7 ग्राम, कुठ चूर्ण 3 ग्राम इन तीनो चीजों को आपस में अच्छे से मिलाकर 1 दिन में 3-4 बार पिए.
- पागलपन में रोगी की भूलने की आदत दूर करने के लिए 4 ग्राम ब्राह्मी और 3 कालीमिर्च को आपस में मिलाकर बारीक़ कर ले और रोगी को एक दिन में 4 बार पिलाये तो भूलने की शिकायत समाप्त हो जाएगी.
- आधी से थोड़ी सी ज्यादा चम्मच अजवाइन ले इसे 5 मुनक्का में मिला ले और आधे कप पानी में अच्छे से घोल लें. इस तरह घोलकर 1 दिन में 2 बार इसका सेवन करे तो यह दौरे का इलाज भी करेगा और अन्य लाभ देगा.
- पागलपन का इलाज में 13 कालीमिर्च और 4 ग्राम ब्राह्मी की पत्ती इन दोनों को आपस में पीसकर एक कप पानी में डालकर अच्छे से हिला लें और फिर छान लें. इस तरह एक दिन में 2 बार सुबह शाम रोगी को इसका सेवन करवाए तो पागलपन दूर हो जायेगा.
- इलाज में रोजाना ताज़े शंकपुष्पी के 22ML पंचांग रस को 4-5 चम्मच लेकर खाये, चाटें तो पागलपन के दौरा बहुत जल्दी ख़त्म होता है, बहुत फायदे होते है.
- इमली 25 ग्राम लें इस पानी में पीस लें, अच्छे से पानी में मिलाकर छान लें और फिर रोगी को यह पानी पीला दें. तो इससे पागलपन में बहुत फायदा होता है.
- 600ML पानी ले और इसमें 12-13 ग्राम सौंफ मिलाकर अच्छे से तेज उबाले जब पानी उबलकर आधा रह जाए तो इसे छान लें और इसमें से 15ML काढ़ा लेकर उसमे मिश्री मिला दें और फिर रोगी को पिलाये.
- बादाम को रात को पानी में डुबो दें और सुबह इसके छिलके निकालकर पानी के जरिये पीस कर पेस्ट बना लें और फिर ताज़ा दूध में मिलाकर सेवन कराये तो उसका दिमाग मजबूत होगा.
- पागलपन पूरी तरह हावी न हो इससे पहले रोजाना कपालभाति, अनुम विलोमा, ब्रहमारी प्राणायाम करना शुरू कर दें तो इससे मानसिक तकलीफे सभी ख़त्म हो जाएंगी.
इस तरह आप पागलपन की दवा और उपाय pagalpan ka ilaj in Hindi के जरिये बड़ी आसानी से इस भयानक रोग से बच सकते है. प्राणायाम रोजाना करे, गौमूत्र भी पिए और अमरुद का सेवन भी अवश्य ही करे. नियमित रूप से इनके प्रयोग से जल्द ही जड़ से रामबाण छुटकारा मिलेगा. बताये गए उपायों को अगर आप नियमित रूप से करते है तो मानिसक कमजोरियों से आपको निजात मिलेगी और पागलपन कम होगा.
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