निमोनिया का इलाज करने के उपाय यह रोग ज्यादातर छोटे बच्चों व वृद्ध बूढ़े व्यक्तियों को होता हैं. यह उन लोगों को बड़ी आसानी से हो जाता हैं जिनकी पाचन प्रणाली कमजोर होती हैं, इसलिए इस रोग से बचने के लिए इम्युनिटी पाचन प्रणाली को मजबूत रखना बेहद जरुरी होता हैं.
निमोनिया के वजह से हर साल ढेरों लोगों की मौत होती आ रही हैं, यह भयानक बीमारी हैं, इसे इंग्लिश में pneumonia भी कहते हैं आइये जाने इसका घरेलु उपचार और देसी उपाय के बारे में.
निमोनिया क्या है
- यह फेंफड़ों का एक संक्रमण होता हैं, यह कई तरह का होता हैं लेकिन ज्यादातर लोगों को वायरल और बैक्टीरियल निमोनिया होता हैं. जब हम स्वांस लेते हैं तो हवा में मौजूद कीटाणु स्वांस के जरिये फेंफड़ो में पहुंच जाते हैं व इसमें फेंफड़ों में सूजन व अन्य तरल पदार्थ भर जाता हैं.
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निमोनिया के लक्षण और उपाय
वायरल निमोनिया –
- 101.5 डिग्री का बुखार
- लगातार खांसी बढ़ते जाना
- सांस तेजी से चलना
- उल्टी होना
- दस्त (डायरिया)
- सांस लेते वक्त घरघराहट की आवाज आना
- वायरल निमोनिया आमतौर पर बैक्टीरियल निमोनिया से कम खतरनाक होता है.
बैक्टीरियल निमोनिया
- इसमें अचानक से लक्षण दिखाई देते हैं
- 103 डिग्री तक बुखार
- सांसों का तेज चलना
- खांसी होना
- नाखूनों और होठों का रंग नीला पढ़ जाता हैं
- भूख नहीं लगती हैं
- दस्त (डायरिया) होने लगता है
- शरीर में पानी की कमी
गंभीर लक्षण
- सांसे तेजी से चलने लगती हैं
- रक्तचाप कम हो जाता हैं
- खांसी में खून आने लगता हैं
- दिल की धड़कन तेज हो जाती है
- उल्टिया होती है
- निमोनिया के कारण – यह ज्यादातर वायरल व बैक्टीरियल कीटाणुओं के वजह से होता हैं और जिन लोगों की इम्युनिटी ज्यादा कमजोर हैं उन्हें छोटे से संक्रमण से भी यह रोग होने का खतरा रहता हैं. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और संक्रमण यह दोनों ही इसके कारण हैं.
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निमोनिया का इलाज क्या है बताएं
Nimoniya ka ilaj btao kya hai
- अदरक व तुलसी के पत्तों का रस निकाल कर शहद के साथ बच्चों को चटाये, यह निमोनिया बच्चों के इलाज में भी काम करेगा. इसका प्रयोग वृद्ध व्यक्ति भी कर सकते हैं.
- बच्चों को सर्दी, जुकाम व निमोनिया हो जाने पर आधा-आधा ग्राम सितोपलादि चूर्ण लेकर चटाएं.
- निमोनिया ज्यादा हो जाने पर 25 ग्राम सितोपलादि चूर्ण, 20 ग्राम श्वसारी रस, 20 ग्राम त्रिकुटा चूर्ण, 5 ग्राम अभ्रकभस्म, 5 ग्राम परवलपिस्ती, 10 ग्राम अमृतासतु और 1-2 ग्राम स्वर्ण वसन्तमालती रस मिलाकर शहद में मिलाकर चटाये. इस आयुर्वेदिक उपाय से जबरदस्त फर्क पड़ता हैं यह बहुत तेजी से काम करता हैं.
- यूकेलिपटिस का तेल और 1-2 ग्राम लौंग का तेल मिलाकर छाती पर लगाए, बेहतरीन घरेलु उपाय . सिरदर्द है तो सर में भी लगाए तुरंत लाभ होगा. इससे निमोनिया से होने वाली छाती की सूजन व छाती के दर्द में रामबाण लाभ होता हैं.
- गाय के पुराने घी को हलका गर्म करके छाती पर मसाज करे. सरसों का तेल है तो उससे भी मसाज कर सकते हैं, बहुत आराम मिलेगा.
- जिन बच्चों को निमोनिया हैं और बुखार आता है तो गिलोय घावटी दें, छोटे बच्चों को आधी गोली व बड़ों को 1-1 गोली दें. इससे किसी भी तरह का बुखार जुकाम हो निमोनिया हो तुरंत ठीक हो जाता हैं, यह बाबा रामदेव का उपचार है.
- निमोनिया में क्या खाये – कालीमिर्च, मेथी, हल्दी और अदरक इन सभी को रोगी को रोजाना उपयोग करना चाहिए, भोजन, चाय, नाश्ता आदि इन सभी इन चीजों को मिलाकर खाना चाहिए इनसे फेंफड़े को ताकत मिलती हैं.
- अदरक का रस पीते रहने से भी लाभ होता हैं, मुंह में अदरक का टुकड़ा डालकर चूसते रहने से भी खांसी आदि में बहुत लाभ होता हैं.
- एक चम्मच शहद को एक कप गुन-गुने पानी में मिलाकर पिए. इससे भी आराम मिलता है.
- वायरल व बैक्टीरियल निमोनिया में तुलसी का सेवन बहुत लाभदायक होता हैं, तुलसी की चाय, तुलसी का काढ़ा पिए. दिन में तुलसी के पत्ते चबाते रहे खांसी आदि में आराम मिलेगा.
- अगर इसमें में सांस लेने में दिक्क्त आने पर 1 जग में 300 मल पानी डालकर थोड़ी सी लाल मिर्च व 1-2 नींबू का रस मिलाकर अच्छे से घोलकर एक दिन में करीबन पांच बार तक पिए. इससे फेंफड़ों में जमा बलगम पस शरीर से बाहर निकल जाता हैं व सांस लेने में दिक्क्त नहीं आती.
- गाजर का रस बनाकर उसमे लालमिर्च मिलाकर पिने से भी इस रोग के लक्षण में आराम मिलता हैं, सांसे लेने में दिक्क्त नहीं आती.
- 550ML पानी में 1-2 चम्मच मेथी के बीज डालकर अच्छे से तेज उबाल लें व फिर आखिर में 1-2 चम्मच नींबू का रस मिलाकर दिन में 4-5 बार इसका सेवन करे. यह निमोनिया का आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट हैं, बंद छाती खोलता हैं, कफ बलगम पस को शरीर से बाहर करता हैं व खांसी आदि का घरेलु इलाज करता हैं.
- एक जग पानी ले और एक बर्तन में डालकर उसे उबाले उबाल जाने पर इसमें 1-2 चम्मच तिल डालिये और तब तक उबले दें जब तक तिल मुलायम न हो जाए फिर तिल के मुलायम हो जाने पर इसमें ऊपर से एक चम्मच अलसी के बीज भी डाल दें और फिर 6-7 मिनट तक उबालिये आखिर में इस पानी को छानकर इसमें नमक शहद मिलाकर रोजाना सुबह खाली पेट पिए निमोनिया के उपचार में बहुत लाभ होगा, ये सभी नुस्खे निमोनिया की दवा की तरह उपयोगी है.
निमोनिया से बचने के लिए घरेलु उपाय
- जब निमोनिया में खांसी चले तो खांसी को न रोके बल्कि आराम से खांसी को आने दे.
- 1-2 गिलास पानी को गन-गुना कर उसमे एक चम्मच नमक डालकर गरारे करे, इससे छाती में जमा कफ व छाती की जलन शांत होती हैं.
- तेज खांसी से बचने के लिए पोदीना की चाय पिए, इसको आप एक दिन में 3-4 तक पि सकते हैं.
- एक कप पानी में एक चम्मच तील का तेल और एक चम्मच अलसी के बीज डालकर अच्छे से उबाले फिर आखिर में इस पानी को छानकर नमक व शहद मिलाकर पिए.
- निमोनिया में ठण्ड लगने पर गर्म पानी पिए व सूप का सेवन करे गर्म चीजे खाये फिर निमोनिया में ठण्ड नहीं लगेगी.
- निमोनिया में छाती में दर्द होने पर हल्दी की चाय बनाकर पिए या हल्दी को सेंक कर खाये.
- छाती में दर्द होने पर अदरक की चाय बनाकर पिने से भी दर्द से राहत मिलती हैं.
- तारपीन के तेल को छाती पर लगाकर मसाज करने से छाती का दर्द दूर हो जाता हैं.
- बलगम व कफ ख़त्म करने के लिए निम्बू व लाल मिर्च दोनों को एक कप पानी में मिलाकर पिए.
तो दोस्तों इस तरह निमोनिया का इलाज की दवा, nimoniya ka ilaj kya hai करने से आप कई हद तक इसे ख़त्म कर सकते है. जिन रोगियों में निमोनिया काफी समय से हो रहा हो, यानी पुराने निमोनिया के रोगियों को अपने नजदीकी डॉक्टर को भी दिखाते रहना चाहिए। दूसरी बात इन उपायों का प्रयोग करे तो फिर नियम से करे अगर आपको आराम नहीं लगे तो नजदीकी डॉक्टर से check-up जरूर करवाए।
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