यहां हम आपको बताएंगे की लकवा होने के कारण क्या होता हैं, इसके पीछे कौन-कौन सी वजह होती हैं. यह एक ऐसा रोग अथवा बीमारी हैं जो की किसी भी मनुष्य को हो सकती हैं.
कई लोगों को तो जिंदगी भर का लकवा लग जाता हैं, ऐसी स्थिति में वह अपनी पूरी जिंदगी लकवा ग्रस्त हालत में ही बिताते हैं. चलिए आगे इसी विषय में जानते हैं की लकवे की बीमारी लगने के कारण क्या क्या होते हैं.
Quick Info : लकवा यानी शरीर के किसी हिस्से पर मस्तिष्क का नियंत्रण नहीं हो पाना, ऐसा तब होता हैं जब शरीर के किसी अंग की नसों में खून नहीं पहुँच पाता. इस तरह जब शरीर के किसी अंग में खून नहीं पहुँच पाता हैं तो वह धीरे-धीरे निर्जीव होने लगता हैं, फिर समय के साथ वह एक दिन पूरी तरह काम करना बंद कर देता हैं. क्योंकि अंग में खून न पहुंच पाने से वह निर्जीव हो जाता हैं, और जब मस्तिष्क उसे काम करने का सन्देश भेजता हैं तो वह उस सन्देश को ग्रहण नहीं कर पाता, यानी उसमे इतनी क्षमता ही नहीं रहती की वह मस्तिष्क का सन्देश ग्रहण कर लें .
इसी स्थिति को लकवा लगना कहते हैं. वैसे तो यह ज्यादातर बड़ी उम्र यानी वृद्ध लोगों को होता हैं, लेकिन कई बार किसी ख़ास कारणवश कई लोगों को कम उम्र में भी लकवा लग जाता हैं, जैसे एक्सीडेंट होना, गिर जाना आदि.
- पोस्ट पूरा निचे तक पड़ें
लकवा होने के कारण क्यों कैसे लगता है
Lakwa Lagne ke karan kya hai
धमनियों में खराबी के कारण भी होता हैं पैरालिसिस
- सबसे पहले लकवा लगने के कारण में बात करेंगे : धमनियां हमारे खून के प्रवाह के नियंत्रण का काम करती हैं, जब किसी भी वजह से इन धमनियों के कार्य पर किसी तरह का असर पढता हैं, तो यह किसी अंग को खून देने में समर्थ नहीं हो पाती इस वजह से शरीर के किसी अंग को खून नहीं मिल पाता इस वजह से लकवा लग जाता हैं.
मस्तिष्क की नसों के फटने के कारण
- कई रोगियों के साथ ऐसा होता हैं की उनके मस्तिष्क की नसे फट जाती हैं, इस वजह से खून किसी अंग तक नहीं पहुंच पाता और वह अंग लकवा ग्रस्त हो जाता हैं. उदहारण के लिए हमारे हाथ के अंगूठे की नसें कहीं से फट जाए तो वह खून वही निकल जाएगा, यानी वह खून अंगूठे तक नहीं पहुंच पायेगा, इस कारण अंगूठे में लकवा लग जाएगा. ऐसा ही मस्तिष्क की नसों में होता हैं.
मस्तिष्क में रक्तसिर होने के कारण
- किसी मानसिक तनाव के वजह से या मस्तिष्क की नसों की कमजोरी की वजह से कई बार लकवे के रोगियों के साथ ऐसा होता हैं की उनके मस्तिष्क में अचानक रक्तस्राव होने लगता हैं. इस वजह से कई बार रोगी के हाथ पैर सुन्न होकर काम करना बंद कर देते हैं.
ब्रेन टुमेयर और कैंसर के होने के कारण
- मस्तिष्क में ब्रेन टूमओर रोग होने के वजह से भी लकवा लगने की सम्भावना होती हैं. साथ ही अगर किसी रोगी को किसी भी तरह का कैंसर हैं तो उसे भी लकवा लगने की सम्भावना होती हैं.
[the_ad id=”5774″]
चोट के कारण
- अधिकतर कम उम्र में लकवा का कारण यही होता हैं की व्यक्ति को किसी दुर्घटना में कोई लग जाती हैं और फिर उसे लकवा भी लग जाता हैं. ऐसा कम उम्र के लोगों के साथ ज्यादा होता हैं. जरुरी नहीं की एक्सीडेंट होने पर ही आपको लकवा लगे, यह किसी सामान्य चोंट से भी लग सकता हैं. जैसे की सिर के बल गिर जाना, रीढ़ की हड्डी में चोंट आना आदि.
- दुर्घटना होने पर होता यह हैं की शरीर के किसी भी अंग की नसें चोंट के कारण सिकुड़ जाती हैं, यानी की चोंट की वजह से कुछ देर तक वह बंद हो जाती हैं. जब नसें वापस सामान्य स्थिति में आती हैं तो फिर चोंट के वजह से वह वापस पहले की तरह काम नहीं कर पाती इसे वजह से चोंट लगाने से लकवा लगता हैं.
शरीर में खून की कमी होने के कारण
- जब हमारे शरीर में खून कम मात्रा में होता हैं तो यह खून शरीर के सभी अंगों में भरपूर मात्रा में नहीं पहुंच पाता हैं. इस तरह लगातार कई दिनों तक जब किसी अंग को कम मात्रा में खून मिलता हैं तो वह धीरे-धीरे निष्क्रिय होने लगता. यह एक सामान्य सी सब को समझ आने वाली प्रक्रिया हैं. इसके लिए शरीर में खून की मात्रा पर्याप्त रखना चाहिए. शरीर के अंगों में खून न पहुंचना है लकवा होने की वजह बनती है.
मेरुदंड रीढ़ की हड्डी में जब किसी अकड़न की वजह से मांसपेशियों में कोई गति नहीं हो पाती तो इस कारण से भी लकवा की बीमारी होने की सम्भावना रहती हैं.
विषैला तत्व (poisonous materials)
- इन सभी कारणों के साथ ही विषैले तत्वों का भी लकवा पर असर पढता हैं. विषैले तत्व में वह सब आता हैं जो की हमारी धमिनयों, तंतुओं और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता हैं, जिससे मस्तिष्क की नसें व धमनिया ठीक से काम करना बंद कर देती है. हमने ऐसे कई मरीज देखे हैं जो की किसी कारण वश जहर पि जाते हैं, इस वजह से जहर पिने वाले रोगी को कुछ समय बाद लकवा लग जाता हैं, यह लकवा कुछ दिनों का ही होता हैं.
अचानक ख़ुशी या गम की खबर सुनना
- लकवा लगने की यह सबसे आम वजह हैं. कई व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनका हृदय दिल काफी कमजोर होता हैं, ऐसे लोगों को जब भी ज्यादा ख़ुशी की बात एक दम मालुम हो जाए या फिर किसी हादसे या गम की बात जैसे की किसी की अपने व्यक्ति की मौत की खबर, घर में चोरी हो जाना आदि ऐसी बात सुनकर भी कई लोगों को लकवा लग जाता हैं. (आपको इस बात पर विश्वाश नहीं हो रहा होगा लेकिन यह बिलकुल सही हैं)
High Blood Pressure से होता हैं लकवा
- HBP कारण : हमारे एक परिजन जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थी, उन्हें भी इसी वजह से लकवा लग गया था. ऐसा अक्सर होता हैं, जिन व्यक्तियों को भी हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती हैं उन्हें लकवा लगने की बहुत सम्भावना होती हैं. इसलिए अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हैं तो सबसे पहले इसका उपचार करे ताकि आपको भविष्य में कभी लकवा न हो.
[the_ad id=”5776″]
मानसिक तनाव (Anxiety & Stress)
- लकवा होने के कारण में तनाव भी आता है. ज्यादा मानसिक तनाव भी लकवा जैसे अन्य कई रोगों को जन्म देता हैं. क्योंकि मानसिक तनाव मस्तिष्क की नसों पर दबाव डालता हैं, जिससे वह नसीन प्रभावित होती हैं. उनमे तेज गति से खून बहने लगता हैं, ऐसी हालत में कई बार व्यक्ति की मस्तिष्क की नसें भी फट जाती हैं.
लकवा के लिए कुछ सरल से उपाय
- लकवे के रोगी को आयुर्वेदिक स्नान करने चाहिए, आयुर्वेदा में ऐसा कई स्नान हैं जो की नसों की सिकुड़न को खोलते हैं, जैसे भाप स्नान, धुप स्नान आदि.
- शरीर में खून की गति को बनाये रखने के लिए रोगी को रोजाना हल्का फुल्का व्यायाम जरूर करना चाहिए. जैसे पैदल चलना, योग करना आदि. अगर आप लकवे के रोगी नहीं हैं तो आपको थोड़ा ज्यादा व्यायाम करना चाहिए.
- ऐसा भोजन करे जिससे आपकी नसे, धमनियां आदि पुष्ट हो जाए. ऐसा आहार करे जिससे इनकी कमजोरी ख़त्म हो जाये, भरपूर मात्रा में विटामिन्स, मिनरल्स का सेवन जरूर करें.
- अगर आपके शरीर में खून की कमी हैं तो उन सभी तरह के फलों व भोजन का सेवन करे जिनसे शरीर का खून बढ़ता हो.
- सुबह जल्दी उठकर खुली हवा मे टहले, व सुबह 8 बजे के पहले की धुप को ग्रहण करे. यानी सुबह 8 बजे की धुप में सभी कपडे निकल कर 15 मिनट तक बैठ जाए, इससे आपके शरीर के कई रोग दूर होंगे, खून की गति, विटामिन्स की कमियां भी दूर होंगी.
- सरसों का तेल, तिल्ली का तेल आदि से लकवा ग्रस्त अंग पर रोजाना मालिश करे, हमने पिछले लेख में कई आयुर्वेदिक नुस्खे व मालिश करने का तेल कैसे बनाये आदि के बारे में बताया हैं आप उसे निचे रिलेटेड पोस्ट में जाकर पढ़ सकते हैं.
- लकवा लगने पर रोगी को किसी भी तरह का मानसिक तनाव नहीं पालना चाहिए, उसे हमेशा खुश महसूस करना चाहिए.
- रोजाना शीर्षासन योग जरूर करे, यह शरीर में खून की गति बढ़ाता हैं व शरीर के सभी अंगों में पर्याप्त मात्रा में खून पहुंचाता हैं.
- जब तक लकवा पूरी तरह ठीक न हो जाए रोगी को ताम्बे के बर्तन का पानी पीते रहना चाहिए, और बताये गए कारण से सचेत रहे.
- आदि लकवे के उपचार के बारे में अधिक पढ़ने के लिए हमने ऊपर जो लिंक दी हैं उसपर क्लिक कर के वह भी पढ़ें उसमे हमने कई आयुर्वेदिक नुस्खे व उपाय दिए हैं.
- यह सभी भी जरूर पड़ें :
- लकवा के 10 लक्षण
- लकवा से कैसे बचे
- लकवा को कैसे ठीक करे – बाबा रामदेव
- मुंह का लकवा
- लकवा का आयुर्वेदिक उपचार
ऊपर के पोस्ट्स भी पड़ीं, इनमे और भी जानकारी दी गई है जो की लकवा के रोगी को जरूर पता होना चाहिए.
[the_ad id=”5775″]
तो बताये की आपको लकवा के कारण, lakwa lagne ke karan btaye के बारे में जानकर आपको कैसा लगा, साथ ही बताई गई बातों पर खास ध्यान दें यह सभी कारण होते है जिससे लकवे लगने के चान्सेस बहुत बढ़ जाते है.
I HAVE ATTACKED PARALYSIS ON 1March2010.my left hand not working.i have no moneyfor treatment. QYA DUNIA MAI KO KIND MAN OR DR.Hai.jo mujhe free of cost medicine send kr sake.RECOVER HONE PAR MONEY USKE A/C MAI SEND KR DUNGA.
Visitor Rating: 3 Stars