लकवा का आयुर्वेदिक उपचार, पैरालिसिस का इलाज, lakwa ka ilaj, paralysis treatment in hindi, लकवे का उपचार

लकवा लगने का असली इलाज प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय

लकवा का इलाज बताओ क्या है कैसे लकवा को ठीक कर सकते है, किन आयुर्वेदिक उपचार या पद्धति से इसका जल्दी से जल्दी पक्का इलाज किया जा सकता है. पक्षाघात (paralysis) एक बहुत भयानक बीमारी / रोग हैं जो की हस्ती खेलती जिंदगी में रोड़ा बन जाती हैं. हमारा मत हैं की अगर रोगी एक सही जीवनचर्या जिए तो वह लकवा बीमारी रोग को मिटा सकता हैं वह भी रामबाण उपचार कर के जो की हम यहां बताने वाले हैं.

आज के समय में यह शिकायत बहुत बढ़ती जा रही है, जिसके वजह से कई लोग परेशान है. और सभी बीमारियां सही जा सकती है लेकिन इसमें व्यक्ति जिन्दा होकर भी मरा हुआ होता है. वह बोल नहीं पाता, चल नहीं पाता, कुछ कह नहीं पाता आदि.

यहां हम आपको प्राकृतिक व आयुर्वेदिक देसी इलाज, साथ ही लकवा की जानकारी को पूरी डिटेल में बताएंगे इसलिए यह लेख थोड़ा बड़ा हैं, इसलिए आप आराम से व ध्यान से आयुर्वेदिक व प्राकृतिक उपाय का यह जानकारी paralysis attack treatment in Hindi पढ़ें.

  • दोस्तों, इस पोस्ट को पूरा पड़े, यह बहुत लंबा है लेकिन आपको लिए यह अमृत सामान है. जल्दबाजी न करे और पूरा पड़ें. आखिर निचे तक पड़ें. बताये गए उपाय आप करेंगे तो आपको बहुत-बहुत लाभ होगा, विश्वाश करे.

[wps_box title=”लकवा कैसे लगता है ” title_color=”#FFFFFF” box_color=”#333333″ radius=”0″]हमारे शरीर का नियंत्रण मस्तिष्क के हाथों में होता हैं, जब मस्तिष्क की धमनी में किसी भी रुकावट के वजह से शरीर के किसी भी हिस्से या अंग तक खून नहीं पहुंच पाता हैं तो शरीर का वह अंग निष्क्रिय हो जाता हैं, यानी फिर वह कोई गतिविधि नहीं कर पाता, इस स्थिति में जब मस्तिष्क उस अंग को कोई सन्देश भेजता हैं तो वह अंग उसे receive नहीं कर पाता. इस अवस्था को ही लकवा मारना पैरालिसिस कहते हैं. इसमें रोगी के जिस अंग पर लकवा हुआ हो वह अंग लटक जाता हैं, मानो जैसे की रोगी का वह अंग मर गया हो.[/wps_box]

लकवा का आयुर्वेदिक उपचार, पैरालिसिस का इलाज, lakwa ka ilaj, paralysis treatment in hindi, लकवे का उपचार

लकवा का इलाज बताओ क्या है

Lakwa Ka ilaj btaye kya hai

 

इन वजहों से लगता हैं लकवा

  • मिर्गी का रोग होने से भी लकवा हो जाता हैं
  • हिस्टेरिया रोग से भी पैरालिसिस हो सकता हैं
  • मूत्रपिंड के रोग से
  • बुढापे में, यानी शरीर के कमजोर होने से भी इसकी आशंका होती हैं
  • किसी भी आकस्मिक घटना के होने से
  • एक दम ज्यादा खुश होने से या एक दम कोई बड़ा दुःख होने से
  • अत्यधिक मानसिक श्रम, जैसे ज्यादा सोच विचार चिंतन करना
  • धातुक्षीणता
  • रक्ताल्पता (खून की कमी)
  • मस्तिष्क में किसी तरह की घातक चोट लगने से
  • सिर में अधिकतर दर्द बने रहने से
  • रक्त-वाहिनियों (खून की नसें) और स्नायुन के दूषित हो जाने से
  • विष प्रकोप अथवा विषैले तत्वों का शरीर में प्रवेश हो जाने से
  • जरुरत से ज्यादा व्यायाम करने से
  • रक्तचाप की अधिकता (Blood pressure)
  • अपनी शारीरिक सामर्थ्य से अधिक परिश्रम करना
  • स्नायु रोग या धमनी में कोई रोग होने से
  • गठिया रोग
  • स्नायु संस्थान की विकृति होने से
  • रात में ज्यादा देर तक जागने से
  • सीधे ठण्ड सहने से या बारिश के पानी में ज्यादा रहने से

यह रहे सभी कारण जिनकी वजह से पक्षाघात की घटना घटती हैं. इसमें सबसे सामान्य हैं ब्लड प्रेशर, अभी के समय में ज्यादातर रोगियों को इसी वजह से लकवा मारता हैं.

अब जानिये लकवा लगने से पहले व्यक्ति में क्या क्यां लक्षण नजर आने लगते हैं. (इन लक्षणों को पढ़कर आप किसी भी व्यक्ति को लकवा पैरालिसिस रोग होने से बचा सकते हैं). इसे आप फर्स्ट ऐड भी कह सकते हैं, यह सभी निशानियां आम लकवा ग्रस्त व्यक्ति को लकवा होने से पहले देखने को मिलते हैं.

लकवा लगने से पहले व्यक्ति में दिखाई देने लगती हैं यह हरकते

  • जिस अंग पर लकवा लगने को होता हैं, उस अंग के स्नायु शिथिल पड़ जाते हैं.
  • मन में उत्साह नहीं रहता. काम करने की रूचि भी नहीं होती
  • सीढ़ी चढ़ने में परेशानी और कष्ट होता हैं
  • दिमाग की गर्मी से परेशानी होती हैं
  • रक्तचाप में वृद्धि हो जाती हैं
  • जिद्दीपन, झक्की स्वाभाव और उदासी आ जाती हैं
  • भूख, नींद और काम शक्ति घट जाती हैं
  • शरीर में कोई भाग झनझनाने लगता हैं. उसमें खुजलाहट होने लगती हैं
  • जिस और लकवा मारने वाला होता हैं, उस और की नाक विशेष रूप से खुजलाती हैं
  • जिस और लकवा मारने को होता है, उस और की स्पर्श शक्ति कम पड़ जाती है या एक दम बढ़ जाती हैं
  • कब्ज हो जाता हैं
  • गठिया, वात-विकार अपना अड्डा जमा लेते हैं
  • स्नायुवात एवं सुषुन्मा विकार बढ़ जाता हैं
  • अंग में शून्यता, अचलता में आ जाती है

आदि यह सभी निशानिया व रोग उस व्यक्ति में दिखने लगते हैं जिसको भविष्य में लकवा रोग होने वाला हो. अतः आप इन्हें पहचान कर अपनी और दुसरो की मदद कर सकते हैं इसके बाद रामबाण आयुर्वेदिक इलाज का सहारे भी ले सकते है. अब हम बात करते हैं लकवा कितने तरह के होते हैं ? इस बारे में.

  • कृपया : पोस्ट को पूरा निचे तक ध्यान से पड़ें.

पूछे खुद से मुझे लकवा किस वजह से हुआ ??

  • किसी भी स्नायु रोग, विशेषतः लकवा का आयुर्वेदिक उपचार आरम्भ करने से पहले लकवा क्यों हुआ, इसके कारणों को ढूंढ निकालना चाहिए. आधुनिक विज्ञानं के आधार पर रक्त की जांच करनी चाहिए तथा रोग परीक्षा के सम्बन्ध में और भी जरुरी चीजें जाननी हों, जान लेनी चाहिए. इन सब बातों की जानकारी प्राप्त कर पैरालिसिस का इलाज  करने में आसानी होती हैं .
  • उदाहरण के लिए जैसे – लकवा में यदि मूर्छा के साथ रक्चाप में वृध्दि है तो रक्तचाप को कम करने का उपाय करने से रोगी को लाभ होगा. रक्तचाप के कम होते ही रोगी की मूर्छा दूर हो जायेगी. अगर मूत्र में शर्करा आती हैं तो उसे दूर करने से रोगी का भला होगा और तुरंत इलाज होगा यानी जल्दी से लकवा में सुधार नजर आएगा. इसलिए किसी भी रोग का ट्रीटमेंट करने से पहले वह किस वजह से हुआ हैं उस बारे में जरूर जानलेना चाहिए.

Hint : 1 अगर चींटी के काटने या सामान्य चुटकी काटने से ही लकवा के रोगी को बोध हो जाय, तो उसे मामूली इलाज से ही लाभ हो जायेगा, ऐसा समझना चाहिए.

Hint : 2 लकवा लगते ही रोगी को सब काम धाम छोड़कर पूर्ण मानसिक एवं शारीरिक विश्राम हेतु चारपाई पर आराम से लेट जाना चाहिए और कुशल चिकित्सक को भार सौंप देना चाहिए.

Hint : 3 बोलने का काम करने वाले की जबान जब बोलते समय लड़खड़ाने लगे तो उसे फ़ौरन बोलना बंद कर देना चाहिए और एक गिलास ठंडा पानी पि लेना चाहिए. केवल इतना ही करने से वह मुँह के लकवा से बच सकता हैं.Tips for face paralysis treatment in Hindi में.

Hint : 4 पैरालिसिस का इलाज में रोगी की अंगुलियां को चटकाने से अगर वे आसानी से चटक जाए तो समझना चाहिए की ऐसा रोगी शीघ्र ही ठीक हो जाएगा. अगर अंगुलियों के पूर्वे भी चटक जाए तो रोगी केवल मालिश से ही निश्चित रूप से ठीक हो जाएगा.

lakwe ka ilaj, lakwe ka upchar

51+ Home Remedies 

वृहत वात चिंतामणि का रस 

  • लकवा शरीर का कोई भाग या दायी तरफ से लकवा मार गया हो तो, ऐसे रोगी को “वृहत वात चिंतामणि” का रस लेना चाहिए. इसमें बहुत ही छोटी-छोटी गोलियां होती हैं. इन गोलियों को लकवाग्रस्त व्यक्ति सुबह व शाम एक गोली शुद्ध शहद के साथ लें, यह दायी तरफ के अंग के लकवा का आयुर्वेदिक उपाय हैं. इस गोली को एक चम्मच में रखकर हाथ से या किसी ठोस चीज से इसे बारीक कर दें, इसके बाद इसी चम्मच में शहद मिलाकर, अच्छे से घोलकर छाट लें. यह लकवा का इलाज में रामबाण होता है. यह जानकारी लकवा के सभी रोगियों तक पहुंचाए.

वीर योगेंद्र रस

  • और अगर किसी व्यक्ति को बायीं तरफ से लकवा मार गया हो तो उसे वीर योगेंद्र रस का सेवन करना चाहिए. इसमें भी छोटी-छोटी गोलियां निकलती हैं, जिसको सुबह व शाम दोनों समय शुद्ध शहद के साथ लेना होता हैं. इस गोली को भी चम्मच में रखकर बारीक कर लें व शहद डालकर चाटें तो लकवा में बहुत आराम मिलेगा.

[the_ad id=”5776″]

शहद, अकरकरा और राई 

  • शहद, अकरकरा और राई इन तीनो को 6-7 ग्राम की मात्रा में लेवे, अब राइ और अकरकरा इन दोनों को अच्छे से कूट पीस लें व इसके बाद इन्हें कपडे से छान लें (कपड़छान). अब इसमें शहद भी मिला दें. इस आयुर्वेदिक नुस्खे का दिन में करीबन चार बार उपयोग करना हैं. लकवाग्रस्त रोगी की जीभ पर इसे मलते रहिये, जल्द ही आपको लाभ होता दिखाई देने लगेगा.

सिर्फ यह तीन फल खाने से ही हो जाता हैं लकवे का उपचार

lakwe ka ayurvedic upchar, lakwa ka ilaj in hindi

  • आगरा के एक वैध का कहना है की लकवा का इलाज के उपाय में तीन फलों से किया जा सकता हैं. वे हैं सेब, अंगूर और नासपाती. लन्दन के उपनगर में रहने वाली कुमारी विर्क नामक उक्त वैद्य की एक रोगिणी को 7 वर्ष की उम्र में ही लकवा लग गया था. उसके दोनों पैर बेकार हो गए थे. उसके पिता ने जो देश के बंटवारे के पहले भारत के एक जिले में डिप्टी कलेक्टर थे, एक पत्र में उस वैध को लिखा –
  • “विर्क का सभी तरह का इलाज किया गया, लेकिन वह चलने फिरने के लायक न हो सकी! चूंकि आपमें मेरा पूरा विश्वाश है, इसलिए आप ही उसके लिए कोई आयुर्वेदिक उपचार दवा बता दीजिये.”
  • वैध ने उनकी बेटी को यह तीन फल सेब, अंगूर, नासपाती का रस पिने को बताया. इन तीनो फलों के रस ने अपना चमत्कार दिखलाया. तीन महीने बाद विर्क ने चलना फिरना शुरू कर दिया. उसके पिता ने वैध को लिखा की इस आयुर्वेदक इलाज पर बड़ा आश्चर्य हुआ हैं. फिर इसके बाद लकवा के कई मरीजों को इस प्रयोग से लाभ मिला.

फलों का रस और विटामिन बी

  • लकवा के घरेलु नुस्खे में यह अचूक है जरूर करे. वैध ने इस लड़की पर हुए इन तीन फलों के आश्चर्यजनक प्रभाव के बारे में संवादाता को बताया की लकवा की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए सेब, अंगूर और नासपाती के रसों को बराबर मात्रा में मिलाकर पीना चाहिए.

  • लकवा के रोगी को विटामिन्स बी वाले खाद्य पदार्थ दूध, दही, मट्ठा, मक्खन, लहसुन, परवल, पेठा, बेंगन, केले का फूल, करेला, जमींकन्द, अदरक, पक्का आम, पक्का पपीता, शरीफा, कच्चा नारियल, सूखे मेवे, मधु, मेथी का साग, बथुआ, प्याज, तुरई, लौकी, टिंडा, शलजम, फालसा, अंजीर, गरम पानी पुराने चावलों का मांड, आलुकुलथी को उबालकर उसका पानी, खजूर, मूंग की दाल का सुप आदि विशेष रूप से लाभदायक होते हैं.

लकवा में लहसुन 

  • मोटी गांठेवाला रस से भरपूर एक पोटवाला ताज़ा लहसुन लें. उसमें 3-7 कलियाँ हो और उसका वजन 3-7 माशा तक हो. उसका छिलका उतार दें. फिर उसके गुदा को खरल में डालकर महीन चटनी की तरह पीस लें. उसके बाद गाय का दूध लेकर थोड़ा गरम कर लें. दो तोला दूध अलग निकालकर उसमें मधु मिला दें. जब दूध थोड़ा ठंडा हो जाए तो उसमें पिसा हुआ लहसुन मिला दें और चम्मच से हिलाकर रोगी पि जाए. उसके बाद इच्छानुसार दूध पिए.

lahsun se lakwa ka ilaj, garlic uses in paralysis in hindi

  • ध्यान रखे पैरालिसिस का इलाज में खोलते दूध में लहसुन या मधु कभी न मिलाया जाये. दिन में दो बार सुबह और शाम उपयुक्त प्रयोग करें. तीन दिन बाद मात्रा आधा तोला तक कर दें. एक सप्ताह बाद पौन तोला से एक तोला कर दें. आगे इस तरह मात्रा बढ़ाकर ढाई तोला तक कर सकते हैं. फिर इसी प्रकार धीरे-धीरे घटाते जाए. इससे लकवा का प्रभाव धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा.
  • जिस लकवा में रक्तचाप अधिक हो, उसमें यह प्रयोग लकवा का रामबाण इलाज सिद्ध होता हैं. इसका प्रयोग एक महीने से 6 महीने तक किया जा सकता हैं. पित्त-प्रकृतिवाले लहसुन की मात्रा थोड़ी कम करके लें. इसके प्रयोग से लाभ ही लाभ होगा. इस तरह लकवा के घरेलु उपाय में लहसुन रामबाण होता है.

दूध और लहसुन का प्रयोग

गाय का शुद्ध घी का उपयोग

लकवा के इलाज में गाय का शुद्ध घी भी बहुत ही उपयोगी होता हैं. लकवा के रोगी को शुद्ध गाय के घी की 2-3 बूंदे अपनी नाक में डालना चाहिए. यह किसी भी तरह से हानिकारक नहीं हैं. बल्कि इस उपाय को आजमाने से और भी कई रोग ख़त्म हो जाते हैं. इसका रोजाना प्रयोग करिये.

लकवा का आयुर्वेदिक इलाज बताएं

उड़द और सोंठ का सरल प्रयोग

  • अब जो नुस्खा हम बताने वाले हैं, यह कई लकवा से पीड़ित मरीजों द्वारा आजमाया जाता हैं. उड़द और सोंठ को किसी बर्तन में डालकर इसमें पानी मिला दें, व अब थोड़ी देर तक इसे अच्छे से उबाले. फिर बाद में इसका पानी पीना चाहिए. इसका लगातार प्रयोग करते रहने से लकवा में लाभ होता हैं.
  • जिन व्यक्तियों को लकवा की बीमारी होने का डर हैं, वह सभी तुलसी के पत्तों की माला बनाकर कमर में बांध लें, ऐसा करने से पक्षाघात लकवा होने की सम्भावना कम हो जाती हैं.

आयुर्वेदिक काढ़ा पिए

  • अब हम आपको paralysis ayurvedic treatment पैरालिसिस का इलाज में काढ़ा के बारे में बताने वाले हैं. कौंच के बिजे लें, उड़द लें, बला, हींग, सेंधा नमक और अरंड की जड़ लें. इन सभी को सामान्य मात्रा में लेकर काढ़ा बनाये व फिर लकवाग्रस्त व्यक्ति को इसका सेवन करवाए पक्षाघात का इलाज इस काढ़े से बहुत अच्छे से होता हैं, ऐसा माना जाता हैं की इस उपाय से रोगी के हाथ पैर काम करने लग जाते हैं.

घरेलु नुस्खे की गोली बनाये

  • गंधा, बहेड़ा, हरड़, अरंड का तेल और शुद्ध गुग्गुल इन सभी को सामान्य मात्रा में लेकर अच्छे से बारीक कूट पीस लें. कूटपीसकट इनकी बारीक गोलियां बनाये व दिन में तीन बार रोगी को एक गोली गरम पानी के साथ दें. पक्षाघात में यह आयुर्वेदिक उपचार बड़ा लाभ देगा.

दूध, दालचीनी, सोंठ का उपयोग

  • दूध, दालचीनी, सोंठ – सबसे पहले दूध में करीबन एक चम्मच सोंठ मिलाये इसके बाद इसमें थोड़ी सी दालचीनी भी मिलाये. अब इसे आग पर अच्छे से उबाल लें. अच्छे से उबल जाने के बाद इसे कपडे से छान लें व फिर इसमें शुद्ध शहद मिलाकर पिए, लकवा की बीमारी में आराम मिलेगा.

मालिश के लिए तेल (Paralysis Oil)

  • अब हम आपको लकवा ग्रस्त अंग पर मालिश करने के लिए उपाय बता रहे हैं. तिल्ली का जो तेल होता हैं वह लीजिये और उसमे थोड़ी सी मात्रा में कालीमिर्च पीसकर लकवाग्रस्त अंग पर मालिश करे. इसके साथ ही आप सरसों का तेल लें व इसमें धतूरे का बीज पकाकर लकवा ग्रस्त अंग पर मालिश करने से भी आराम मिलता हैं. इन दोनों उपाय में से जो आपको आसान लगे उसका प्रयोग कर सकते हैं.
  • लकवा के लिए मालिश – 11 ग्राम उड़द की दाल, 5 ग्राम अदरक (पीसी हुई) और 50 ग्राम सरसों का तेल इन सभी को मिलाकर एक बर्तन में डाल दें व आग पर रख कर गरम कीजिये. जब यह अच्छे से गरम हो जाए तो इसमें दो ग्राम कपूर का चुरा भी डालिये. अब लकवा की मालिश के लिए तेल तैय्यार हो चूका हैं. इस तेल को गुन-गुना होने पर शरीर में जहाँ कहीं भी लकवा लगा हो उस अंग पर इसकी मालिश करनी चाहिए.

  • सरसों का तेल और धतूरे के बीज दोनों को लेकर कम आंच में अच्छे से पका लें. व बाद में इसे छानकर शरीर में जिस अंग पर paralysis का अटैक हुआ हो उस अंग पर मालिश करे. इसके साथ ही बादाम का तेल, निर्गुन्डी का तेल आदि से भी लकवाग्रस्त अंग पर मालिश करना चाहिए.

लकवा के लिए लेप ऐसे बनाये

  • लकवा के लिए लैप – कड़वा तेल लें करीबन 250 ग्राम, अब इसमें करीबन 50 ग्राम कालीमिर्च डाले व अच्छे से पकाये. जब यह अच्छे से पक जाए तो इस तेल को लकवाग्रस्त अंग पर लगातार 30 दिनों तक मालिश करना हैं.

तांबे के बर्तन का पानी पिए

  • रोजाना रात को सोने से पहले एक तांबे के बर्तन या तांबे के जग में पानी भरकर रखे व सुबह उठने के तुरंत बाद ही इस पानी को पिले. इस तरह नियमित रूप से लकवाग्रस्त रोगी को तांबे के बर्तन का पानी पीते रहने से पैरालिसिस लकवा में बहुत लाभ होता हैं. साथ ही रोगी की पाचन शक्ति, ब्लड प्रेशर आदि संतुलित होते हैं.

तुलसी के पत्तों का प्रयोग करे 

  • तुलसी  ayurvedic treatment in Hindi के लिए बहुत ही प्रसिद्द औषधि हैं. लकवा की बीमारी में तुलसी की भांप देने से बहुत लाभ होता हैं. भांप के लिए सबसे पहले एक बर्तन में पानी डाले व उसमे तुलसी के पत्ते भी डालें. इसके बाद इस लम्बे समय तक अच्छे से उबाल दें. जब यह अच्छे से उबल जाए तो रोगी को इस पानी की लकवाग्रस्त अंग पर भांप देना चाहिए.

लकवा की कमजोरी को दूर करने के लिए

  • लकवा की बीमारी में मरीज की हालत काफी कमजोर हो जाती हैं, इसलिए लकवा के दिनों में मरीज को रोजाना शुद्ध शहद का सेवन करना चाहिए. इसके लिए करीबन 55 ग्राम शहद रोजाना दो महीने तक खाये. मरीज की हालत अच्छी होगी, कमजोरियां दूर होंगी.

पैरालिसिस का इलाज हैं कलोंजी

  • कलोंजी के तेल को lakwe ke ilaj में रामबाण माना जाता है. प्रयोग के लिए आप सबसे पहले कलोंजी के तेल को हल्का सा गर्म कर लें व फिर लकवाग्रस्त अंग पर इस तेल से मालिश कीजिये. इस मालिश को आप दिन में तीन बार कीजियेगा एक महीने के अंदर आपको परिणाम दिखाई देने लगेंगे.

करेले का सेवन देगा बहुत लाभ

  • रोगी को करेला का रस, करेला की सब्जी आदि का नित्य सेवन करना चाहिए. क्योंकि करेला में ऐसे कई गुण होते हैं जो की लकवे के उपचार में बहुत ही लाभ देते हैं. इसके साथ ही रोगी को प्याज भी खाते रहना चाहिए.

लकवा का घरेलू इलाज बताएं

  • अब हम आपको लकवा का प्राथमिक उपचार के लिए उपाय बता रहे हैं (Paralysis attack first aid treatment). जैसे ही किसी व्यक्ति को (पैरालिसिस) लकवा लगे तो जल्द ही 50 ग्राम तिल का तेल पि लेना चाहिए व इसके साथ ही कच्चे लहसुन को दांतों से चबाकर खाना चाहिए. व पैरालिसिस अटैक आने के बाद ही जिस अंग पर प्रभाव हुआ हो उसकी सिंकाई करिये व अपने सिर की सिंकाई भी करिये.
  • लकवा लगने के बाद ही 6 कली लहसुन की अच्छे से बारीक पीसकर शहद के साथ चाटने से भी आराम मिलता हैं. इस प्रयोग को लकवा लगने के 30 दिन बाद तक करते रहना चाहिए.

लकवा में इस तरह करे मालिश

  • लहसुन के तेल से लकवा के रोगी के शरीर की मालिश करनी चाहिए यह पैरालिसिस के घरेलु इलाज में बहुत लाभदायक भूमिका निभाती हैं. मालिश धीरे-धीरे करनी चाहिए, जोर से नहीं. जोर से मालिश करना इसे रोग में हानिप्रद होता हैं. रोगी की हड्डियों पर मालिश नहीं करना चाहिए. स्नायुओं पर हलके हाथ से पर्याप्त समय तक मालिश करनी चाहिए, इससे लकवा की बीमारी में बहुत लाभ होगा. (नोट: लकवा में किसी भी तेल से मालिश करो बस एक बाद का ध्यान रखे की मालिश को मुलायम हाथों से ही करना हैं, ज्यादा रगड़कर मालिश न करे)

एक तरफ का लकवा (one sided paralysis cure)

one sided paralysis treatment in hindi, one sided paralysis in hindi

  • शरीर के एक तरफ के अंग में लकवा लग जाने पर रोगी को रोजाना एक से दो घंटे तक अनुम विलोम प्राणायाम करना चाहिए. अनुम विलोम प्राणायाम एक तरफ का रामबाण इलाज हैं. इससे प्राणायाम से शरीर की नाड़ियां शुद्ध होती हैं, व दोनों मस्तिष्क सही तरीके से काम करने लगते हैं. जिससे जल्द ही शरीर के सारे स्नायुतंत्र फिर से अच्छे से काम करने लगते हैं.

मित्रों यह रहे आयुर्वेदिक उपचार के लिए लकवा का उपाय व नुस्खे, अब हम आपको लकवा के लिए प्राकृतिक इलाज के बारे में बताएंगे. इसे भी ध्यान से पड़ें, क्योंकि सिर्फ आयुर्वेदिक इलाज ही आपको राहत नहीं दे सकता, इसके लिए आपको सभी तरह के ट्रीटमेंट करने होंगे. इसलिए जरुरी हैं की एक लकवा ग्रस्त रोगी को इस रोग के बारे में पूर्ण जानकारी हो.

लकवा में इन चीजों से बचकर ही रहे

  • इस रोग में नमक बहुत कम या बिलकुल न लेना अच्छा होता हैं. आरम्भ में भोजन में अन्न लेना भी ठीक नहीं. लकवा के रोगी को चाय, चीनी, तालीभुनि चीजें, नशे की चीजें, मसाले आदि उत्तेजक खाद्य से परहेज करना चाहिए. उसे ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
  • मानसिक उद्वेगों चिंता क्रोध तथा भय से बचना चाहिए. उसे न तो ठंडा पानी पीना चाहिए और न ठन्डे पानी से स्नान ही करना चाहिए. नया चावल, कुम्हड़ा, गूढ़, भैंस का दूध, उड़द की दाल, घुइया, भिंडी, रतालू, तरबूज, बासी ठंडी, चीजें, रात्रि जागरण, पाखाना-पेशाब रोकना, बर्फ का सेवन आदि इस रोग में वर्जित हैं.

lakwa ka ilaj in hindi, paralysis treatment in hindi, lakwa ka ayurvedic upchar

  • बाबा रामदेव ने भी लकवा के बारे में पतंजलि के उपाय बताये है, जो की इस पोस्ट के पिछले पेज में है उन्हें भी जरूर पड़ें : PREVIOUS PAGE

ऊपर दिए गए पोस्ट आप जरूर पड़ें, उन सभी को एक-एक बार जरूर पड़ें. इससे आपको लकवा के बारे में पूरी जानकारी हो जाएगी जिससे इस का इलाज और भी आसान हो जायेगा.

मित्रों उम्मीद करते हैं आपको लकवा का इलाज के आयुर्वेदिक नुस्खे attack of paralysis treatment in Hindi अच्छा लगा होगा, साथ ही वह सारी जानकारी दी हैं जो की आपको नेट पर और कहीं नहीं मिलेगी. पक्षाघात का घरेलु उपचार अब आप इस लेख को Facebook पर ज्यादा से ज्यादा SHARE करे, ताकि यह सभी जरूरतमंद लोगों तक आसानी से पहुंच सके.

Share करने के लिए निचे दिए गए SHARING BUTTONS पर Click करें. (जरूर शेयर करे ताकि जिसे इसकी जरूर हो उसको भी फायदा हो सके)
आयुर्वेद एक असरकारी तरीका है, जिससे आप बिना किसी नुकसान के बीमारी को ख़त्म कर सकते है। इसके लिए बस जरुरी है की आप आयुर्वेदिक नुस्खे का सही से उपयोग करे। हम ऐसे ही नुस्खों को लेकर आप तक पहुंचाने का प्रयास करते है - धन्यवाद.

38 Comments

  1. Sir mujhe 10 years se mere left side kalakba he mai Puri Sarah se thik nhi ho paya hu mere hath air pair ko ungliyo thik se ma’am nhi karti he aur hardpan rahta he .to kya wo thik ho sakta he. Please provide me proper detail for finger movement.

  2. HI rui, aap humne paraylsis attack se bachne ke jo tarike aur ilaj ke gharelu upay ek post me bataye hai aap unhe bhi padein to aapko bahut labh hoga.

  3. Hello sir…mujhe paralysis attack nhi hua hai abhi but apne paralysis hone se pehle k jo symptoms btaye hai, usme se maximum symptoms mujhme najar aa rhe hai like jhunjhunahat, khujli etc…..to sir mujhe ab kya krna chahiye jisase mujhe paralysis na ho…plz reply soon sir, its my humble request.. I’m very tensed

  4. aap yah upay kariye iske alawa hmne dusre posts me lakwa ke mandir ke baare me btaya hai use jarur padein wahan aapko samadhan mil jayega or achha

  5. Sir mere papa ko 1year ho gya h paralysis mare hua Thik bhi h but achi trah nahi h kya kare pls help me..right side pure body me h

  6. Dear Team
    Wow! It is really a great blog. I would like to say that This blog gives a lot of knowledge and provide a proper information about paralysis Deseases. You are properly elaborate your blog as the requirement of user.

  7. Hi hmne yahan is baare me dheron upay diye hai aap related post section me jaakar sbhi posts ko padein mandir etc sabhi post ko.

  8. Sir mujhe 5years phele left side facial pralysis hua tha. . Delivery k tym. . Ab mein kya karu jis se face thik ho sake. . Aur jo apne upaya likhe h woh breastfees mein kar sakte h kga

  9. hmne yahan upay diye hai, aap pranayama karne ko kahe unse aur saath hi yahan diye gaye upay ko achhe se or jankari ko padein. Iske alawa hmne lakwa par or bhi kai posts kiye hai aap unhein bhi padein.

  10. Hlo sir meri mummi ko b lakwe ki shikayat h unke brain me ek clot b h or BP sugar high rehta h pls aap clot ko kam krne ki koi Jankari de hum bhut paresan h pls

  11. hi hmne yahan par kai upay diye hai unse aapko bilkul labh hoga, munh ke lakwa ke baare me bhi hmne alag se jankari di hai aap use bhi padein related post section me jaakar.

  12. Namaskar
    Sar meri mami ko lakva mouth ka ho gya hai muha tedha hogya hai kuch bhi kaya piya ulti as jati hai please help sar

  13. Hello pankaj aap thoda clearly language me bole taaki hme achhe se samjh aa sake

  14. Meray papa key koly me haddy may fakcher ho gaya that to docter nay bed rest batay that haddy to Josh gaye par unka par gotany par say thada ho gaya hay gessay that unkay par ceda karny Kay let ko upay batey pleze

  15. upay btaye gaye hain wah kare or jo mandiro ke baare me btaya hai wah bhi kare

  16. meri mama ko 4 din phle hi LAKWA mara h wo v chehre pr plz kuch upaye bataye ki jld se jald thik ho jaye

  17. Hello Hmne facial paralysis par ek lekh bhi diya hai aap use padein OR yahan hmne ek or lekh diya hai usme Temples mandiro ke baare me btaya hai jahan par ek baar jaane matra se sabhi tarah ke lakwa me aaram milta hai aap use bhi padiye.

  18. फेशियल पैरालाइसिस चोट लगने की वजह से हुआ है इसके लिए कृपा मार्गदर्शक करे

  19. Haa woh thik ho skte hain, hmne yahan par lakwa thik karne wale mandiro ke me bhi ek post likhaa hai aap use related post section me jaakar dekh skte hain, un mandiro me se aap kisi bhi mandir par jaaye aapka 100% lakwa thik hoga.

  20. Hy sir mere papa 10 saal se lakwa hai kya with thik ho sakte hai humne unhe thik karne ke liye jyada se jyda hospital gaye par nai huwa plz replay me

  21. Haa lakwa ke har tarah ke marij thik ho skte hain aap Upay ke saath saath yahan jo mandiro ke baare me hmne btaya hai usko bhi padiye

  22. left side ka face me paralysis ho gya he aank jor se band nhi Kr pata hu aur jada kuch nhi Kr pata hu kia me thik ho jaunga.pls rlpy dijiye

  23. दोस्त हमने एक लेख और लिखा हैं उसमे हमने लकवे को ठीक करने वाले मंदिरो के बारे में बताया हैं आप उस लेख को जरूर पड़ें व समय से उनमे से किसी एक मंदिर पर जाए उनमे से एक मंदिर बताती धाम हैं जो की राजस्थान में हैं इस लेख को आप निचे Related Post Section में पढ़ सकते हैं.

  24. Mere papa ko left side paralise hua hai unka right brain Nikal kar pet me rakha hai taki brain me sujan na badhe par dr baar baar dara rahe hai ki jaan ka khatra hai kya Karun?

Leave a Comment

Your email address will not be published.

Congratulations !SignUp & Win the Giveaways

We conduct monthly Giveaways.

SignUp here & Get a Chance to win NepalGuru's Gift

We will email you soon. Stay Tuned.

error: Please Don\\\'t Try To Copy & Paste. Just Click On Share Buttons To Share This.