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99% बांझपन का चमत्कारी इलाज और आयुर्वेदिक उपाय : देसी नुस्खे

बांझपन का इलाज बाबा रामदेव द्वारा बताया गए आयुर्वेद के नुस्खे यह ऐसा रोग है जो की स्त्री के ऊपर दाग सा बन जाता हैं. अगर शादी के बाद 6-7 महीने तक स्त्री गर्भधारण नहीं करती तो उसे बांझपन से ग्रसित समझना चाहिए. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं.

साथ ही महिला के साथ-साथ उसके पति के शुक्राणुओं की भी जांच करवाना चाहिए, क्योकि जरुरी नहीं की बांझपन महिला में ही हो कभी कभी यह रोग पुरुष में भी हो जाता हैं. तो आइये जाने आयुर्वेदिक उपचार देसी उपाय के बारे में जिसके जरिये आप घर पर ही इससे छुटकारा पा सकती हैं मां बनने के लिए यह करे.

लक्षण और कारण :

  • अनियमित मासिक धारण होना
  • 22 दिनों से कम वक्त में पीरियड्स का आना
  • मासिक धर्म में दो दिन तक ब्लीडिंग होना
  • 35 दिनों से ज्यादा दिनों बाद मासिक धर्म पीरियड्स आना
  • मासिक धर्म में ज्यादा ब्लीडिंग होना
  • महिला में गर्भाशय का ठीक से विकसित नहीं हो पाना
  • हार्मोन्स में परिवर्तन आने से
  • ठुड्डी पर बाल आना
  • वजन बढ़ना
  • सम्भोग के दौरान दर्द
  • असामान्य पीरियड्स (मासिक धर्म) आना
  • फैलोपियन ट्यूब्स के ठीक से काम नहीं करने से
  • पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

कुछ महिलाओ के शरीर में गर्भाशय का निर्माण बचपन से ही ठीक तरह से नहीं हो पाता इस वजह से इस तरह की महिलाये कभी मां नहीं बन पाती है. लेकिन जिन महिलाओ को बताये गए इन कारणों के वजह से गर्भधारण नहीं हो रहा हो तो उसका उपचार ट्रीटमेंट किया जा सकता हैं. इसके लिए आप बताये जा रहे पतंजलि का इलाज  का नियमित प्रयोग करियेगा remedies for infertility treatment ayurveda tips in Hindi.

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बांझपन का इलाज बताये

Banjhpan Ka ilaj Bataye Kya Hai

  • बांझपन में 100-100 ग्राम शिवलिंग के बीज व पुत्रजीवक गिरी को पाउडर कर रखें, 1-1 ग्राम सुबह शाम दूध के साथ सेवन करे.
  • 1-1 चमच फलघृत को सुबह शाम दूध के साथ सेवन करे. अगर मासिक धर्म की समस्या है तो दशमूल क्वाथ (काढ़ा) व दशमूलारिष्ट को नियमित रूप से प्रयोग करें.
  • इसके साथ ही महिलाये जहाँ पर चूड़ियां पहनती हैं उसे हिस्से को भी दबाना चाहिए, यह प्रजनन की समस्याओं को दूर करने में मदद करता हैं.
  • अगर किसी महिला को पीरियड्स कम होते हैं और अगर पीरियड्स बहुत ज्यादा होते हैं तो ऐसे में पतंजलि की दवा “दशमूल क्वाथ” का प्रयोग अवश्य ही करना चाहिए, बांझपन में यह बाबा रामदेव का इलाज हैं. जिस भी महिला को मासिक धर्म की शिकायत से बांझपन पैदा हुआ होगा वह इससे 101% मिट जायेगा.

लोकि का रस और उसमे 5-7 पत्ते शीशम के डाल लें, शीशम के पत्तो को बारीक़ पीसकर ही लोकि के रस में मिलाये. अब इस तरह रोजाना बनाकर सुबह खाली पेट पिए तो इससे वरब्लीडिंग, अनियमित मासिक धर्म, अत्यधिक मासिक धर्म होना बंद हो जाता है व बांझपन में लाभ होता हैं.

राजीव दीक्षित जी – जिन माताओ को बांझपन की शिकायत है तो उनको कैल्शियम का अत्यधिक सेवन करना चाहिए, इसके लिए आप रोजाना एक कप अंगूर के रस में गेहूं के दाने के बराबर चुने (पत्थर वाला चुना) को मिलाकर के पिए. इस प्रयोग से जिनको बच्चा नहीं हो रहा है उनको भी लाभ होगा व जो पहले से गर्भधारण कर चुकी है उनको भी लाभ होगा. यह उपाय राजीव दीक्षित जी ने खुद ही बताया था.

  • बांझपन में गाजर के बीजों की धुनि इस प्रकार दें की धुंआ बच्चेदानी तक चला जाए. जलते हुए कोयलों पर गाजर के बीज डालें. इससे धुआँ होगा. इसी धुए की धुनि दें तथा रोजाना गाजर का रस पिए.
  • सुबह के समय 5 कली लहसुन की चबाकर दूध पिए. यह घरेलु उपाय पुरे सर्दी के मौसम भर नियम से करेंगे तो बिलकुल पक्का बांझपन दूर हो जायेगा.
  • बांझपन में केसर और नागकेसर को 4-4 माशा मिलाकर चूर्ण बना लें. इसकी 3 पुड़िया मासिक धर्म के तुरंत बाद खाये तो गर्भधान होता हैं.

बाबा रामदेव आयुर्वेदिक नुस्खे

#1.

आधा कप गेहूं को 12 घंटे पानी में भिगोये. फिर गीले मोटे कपडे में बांध कर 24 घंटे रखें. इस तरह इस गेहूं में 36 घंटे में अंकुर निकल आएंगे. इस अंकुरित गेहूं को बिना पकाये ही खाये. हां स्वाद के लिए गुड़ अथवा किशमिश मिलाकर खाया जा सकता हैं. यह प्रयोग पुरुषों की नपुंसकता और स्त्रियों बांझपन से रामबाण छुटकारा दिलाता है.

केवल संतान प्राप्ति के लिए 25 ग्राम अंकुरित गेहूं तीन दिन और फिर इतनी ही मात्रा में तीन दिन अंकुरित उड़द क्रम से खाने से कुछ ही महीनो के प्रयोग से इच्छापूर्ण होती हैं. गेहूं के अंकुर अमृत के समान है. यह विटामिन E से भरपूर स्वास्थ्य एवं शक्ति का प्राकृतिक भंडार है.

इसमें शरीर की रक्षार्थ समस्य आवश्यक विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इस गेहूं के अंकुर खाने से समस्त रोग दूर होते हैं, बांझपन दूर करने के उपाय में इसका प्रयोग जरूर करे.

#2.

मासिक धर्म में कोई भी शिकायत न होने पर भी यदि गर्भधारण न होता हो, तो साफ़ स्वच्छ रुई के फोहे में पीसी हुई फिटकरी लपेटकर पानी में भिगोकर रात के समय (सोते समय) योनि में रखें.

सुबह जब आप इस फोड़े को बाहर निकालेंगी, तो रुई पर चारों और दूध जैसी खुर्चन जमी हुई होगी. फोहा तब तक लगातार रखते रहे, जब तक की दूध जैसी खुरचन आना बंद न हो जाए. जब खुरचन न आये तो समझे की बांझपन रोग दूर हो गया है, banjhpan ka ayurvedic ilaj में यह भी बेहतरीन नुस्खे में से एक हैं.

पियाबासा का पौधा ऐसा दीखता है

बांझपन का आयुर्वेदिक उपचार

#3.

बांझपन के उपचार में पियाबासा का प्रयोग – पियाबासा पुरुष व महिला के बांझपन के लिए रामबाण है, जो महिलाये गर्भधारण नहीं कर पा रही है, जो पुरुष संतान सुख से वंचित है उनके लिए पियाबासा बहुत ही लाभकारी है. इसके लिए पियाबासा के पंचांग यानी इसके पत्ते, फूल, जड़ आदि सभी को कूटकर रख लें.

10 ग्राम पंचांग को 400 ग्राम पानी में पकाये. जब 100 ग्राम बच जाए तो उसे छानकर पिएं. ऐसा तीन महीने तक करे इस दौरान संयम बरते. इससे जल्द ही उनकी मुरादे पूरी होंगी और वे संतान सुख पाएंगे.

#4.

बांझपन से ग्रसित महिला अगर 6 ग्राम सौंफ का चूर्ण घी के साथ तीन महीने तक सेवन करे, तो निश्चित रूप में गर्भधारण करने के योग्य हो जाती हैं. यह कल्प मोटी महिलाओं के लिए खासकर फायदेमंद होता हैं.

अगर महिला दुबली पतली हो, तो उसमे शतावरी चूर्ण मिलाकर देना चाहिए. 6 ग्राम शतावरी मूल का चूर्ण 12 ग्राम घी और दूध के साथ खाने से गर्भाशय की समस्य विकृतियों दूर होती हैं और गर्भ स्थापित होता हैं. ऐसा आयुर्वेदीय पुस्तकों में अनेक स्थानों पर लिखा हैं.

मां बनने के आयुर्वेदिक उपचार

#5.

इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट मासिक धर्म की शुरुआत से 8 दिन तक रोजाना अजवाइन और मिश्री 25-25 ग्राम लेकर 124 ग्राम पानी में रात को मिटटी के बर्तन में भिगो दें और सुबह ठंडाई की तरह पीसकर पिए. क्या खाये – मूंग की डाल और रोटी बिना नमक की खाये.

इस प्रयोग से गर्भधारण होता हैं. प्रसुतावस्था में गुड़ और अजवाइन देने से कमर का दर्द मिटता हैं. गर्भाशय की शुद्धि होती हैं. रक्त साफ़ आता है. भूख लगती है तथा बल बढ़ता हैं. दर्द रुक कर आने वाले मासिक धर्म में भी इससे लाभ होता हैं.

  • असगंध का चूर्ण 3 से 6 माशा तक मासिक धर्म के प्रारम्भ में खाने से गर्भधारण होता है.
  • असगंध के काढ़े में दूध और घी मिलाकर सात दिन पिने वाली स्त्री को अवश्य ही गर्भधारण होता हैं.

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इस तरह बताये गए इन आयुर्वेदि तरीको का अगर आप सही तरीके से नियमित रूप से रोजाना सेवन करते है, तो आपके शरीर में जिन खनिज पदार्थों की कमी होगी उनकी पूर्ति होगी और बांझपन ख़त्म होगा. बस आपको अपनी तरफ से लापरवाही नहीं करना है और इन सभी बातों पर ध्यान देना है तो आप मां का सुख जरूर प्राप्त करेंगी.

बाप अथवा मां बनने के लिए आप इन बताये बांझपन का आयुर्वेदिक इलाज के उपाय, infertility in Hindi को कर सकते हैं. यह असरदार हैं व अगर आपको जन्मजात बांझपन नहीं होगा तो यह घरेलु नुस्खे आपको जरुरी ही लाभ देंगे. इनका बताये गए अनुपात में नियमित रूप से प्रयोग करे.

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आयुर्वेद एक असरकारी तरीका है, जिससे आप बिना किसी नुकसान के बीमारी को ख़त्म कर सकते है। इसके लिए बस जरुरी है की आप आयुर्वेदिक नुस्खे का सही से उपयोग करे। हम ऐसे ही नुस्खों को लेकर आप तक पहुंचाने का प्रयास करते है - धन्यवाद.

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