हल्दी से बवासीर के मस्से का इलाज करने का तरीका अर्श रोग अर्थात बवासीर में मलद्वार से रक्त स्त्राव होने से रोगी कुछ ही दिनों में बहुत कमजोर हो जाता है. बहुत अधिक रक्तस्राव होने से रोगी की मृत्यु की संभावना भी बन सकती है.
इस रोग के कारण रोगी को बहुत पीड़ा होती है. रोगी को कुर्सी व सोफे पर बैठने में भी बहुत कठिनाई होती है स्कूटर व कार में यात्रा करना तो बहुत मुश्किल हो जाता है. बवासीर रोग में ज्यादा दर्द के कारण रोगी रात को सो भी नहीं पाता है. इस रोग में हल्दी का उपाय बहुत फायदेमंद होता है.
यहां जानिये घर पर ही सिर्फ हल्दी के जरिये बवासीर रोग का देसी उपचार कैसे करे.
बवासीर कैसे होता हैं
- अर्श रोग यानी बवासीर कब्ज और पेट की खराबी के कारण होता है. पाचन क्रिया ख़राब होने बा बिगड़ जाने पर सबसे पहले कब्ज होती है और जब हम उस कब्ज को नजरअंदाज करते रहते है व उसको ठीक करने का लम्बे समय तक कोई उपाय नहीं करते तो धीरे-धीरे मल के ज्यादा शुष्क (गाढ़ा-ठोस) और कठोर होने लगता है जिससे बवासीर के मस्से पैदा होते है. इसलिए कब्ज को रोगो का महारोग कहा जाता है क्योंकि यह कई तरह की बिमारियों को जन्म देती है.
- चिकित्सकों के अनुसार ऊंट और घोड़े पर अधिक सवारी करने साइकिल चलाने से भी बवासीर रोग हो सकता है. आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार कटु, अम्ल, लवण, विदाही, उष्ण खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से पाचन क्रिया विकृत होने पर भी बवासीर रोग की उत्पत्ति हो सकती है. वायु मल मूत्र आदि वेगों को अधिक समय तक रोके रखने से भी बवासीर रोग हो सकता हैं.
इसके सामान्य लक्षण कौन से होते हैं
- बवासीर में जब मल बहुत ज्यादा कठोर और शुष्क हो जाता है तो उसको निकालने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता है और जोर लगाने के वजह से कठोर मल होने के कारण में गुदा में व्रण जख्म बन जाते हैं. मलद्वार पर मांसकरों (मस्से) की पैदा होने लगते है, फिर उन मस्सो में से खून आने लगता है. मस्सो में शोथ सूजन होने से रोगी को बहुत दर्द होता है. ज्यादा रक्त स्त्राव होने से रोगी बहुत कमजोर हो जाता है. रोगी के शरीर में रक्त की अत्यधिक कमी हो जाती है. शारीरिक क्षीणता के कारण रोगी का चलना फिरना मुश्किल हो जाता है.
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हल्दी से बवासीर का इलाज
Haldi Se Bawaseer Ka ilaj in Hindi
- बवासीर के रोग में कब्ज के कारण रोगी को बहुत पीड़ा व जलन होती है. इसलिए सबसे पहले रोगी को कब्ज ख़त्म करने के उपाय करना चाहिए.
- हल्दी से बवासीर ठीक करने के उपाय में सबसे पहले हल्दी को थोड़ा सा कूटकर पानी में देर तक उबाल कर काढ़ा बनाएं. फिर आप इसे उतार कर, ठंडा हो जाने पर छान लें. इसमें मधु (शहद) मिलाकर बोतल में भरकर रखें. रोजाना रात को सोते समय 5 ग्राम काढ़ा पीने से बवासीर रोग खत्म होता है.
- घृत कुमारी यानी ग्वारपाठे के पौधे के साथ हल्दी को पीसकर बवासीर रोग में मस्सों पर लेप करने से शीघ्र लाभ होता है. मस्सों के नष्ट होने से तीव्र जलन व पीड़ा नष्ट होती है. हल्दी से बवासीर के मस्से ठीक करने व मस्सों की सूजन और जलन में यह बहुत उपयोगी होता है.
- आमा हल्दी, लाल चंदन और नागकेशर प्रत्येक को समान मात्रा में लेकर विधिवत कूट-पीसकर कर कपडे से छान कर सुरक्षित रख लें. इस चूर्ण को 3 ग्राम आधा चम्मच की मात्रा में रोजाना दो बार 10 – 12 घंटे के अंतराल से चीनी युक्त गुन-गुने गाय के दूध के साथ सेवन करने से खुनी बवासीर व बादी बवासीर दोनों प्रकार की बवासीर में असरकारी लाभ होता है. प्रयोग पूरा लाभ होने तक जारी रखें.
- इन उपायों को करते वक्त हल्का सुपाच्य भोजन करें तले-भुने बासी गरिष्ठ खटाई मिर्च मसाले युक्त भोज्य पदार्थों से परहेज करें, कब्ज ना होने दें. शारीरिक शक्ति के अनुसार परिश्रम करने की आदत डालें.
- मूली को साफ स्वच्छ करके तथा छीलकर उस पर हल्दी चूर्ण छिड़ककर दिन में 1-2 बार खाने से भी बवासीर रोग में इलाज होता है.
- काला नमक और हल्दी चूर्ण आधा आधा चम्मच मिलाकर ताजा पानी अथवा बकरी के दूध के साथ लस्सी बनाकर सेवन करने से मात्र 15 से 20 दिनों में बवासीर रोग में लाभ हो जाता है. प्रयोग आवश्यकता अनुसार अधिक दिनों तक भी किया जा सकता है.
देसी उपचार के लिए हल्दी के आयुर्वेदिक नुस्खे
- हल्दी से बवासीर का उपाय में गोभी का प्रयोग : बंद गोभी की सब्जी बनाते समय उसमें हल्दी काली मिर्च और काला नमक मिलाकर घी में भून लें. इस सब्जी में पानी बिल्कुल ना डालें. गोभी के निकले पानी के साथ पकाकर खाने से बवासीर के रोग में बहुत फायदा होता है. 2 सप्ताह तक बंद गोभी की सब्जी का सेवन करें.
- किसी बड़े टब में जल भरकर उसमें 10 – 15 ग्राम हल्दी का चूर्ण मिलाकर उस टब में नंगे होकर बैठने से बवासीर रोग में बहुत लाभ होता है. रोगी को 15-20 मिनट जरूर बैठना चाहिए. मूली के छोटे-छोटे टुकडे करके, उस पर हल्दी का बारीक चूर्ण छिड़ककर खाने से बवासीर रोग में बहुत फायदा होता है.
- पीसी हुई हल्दी को घी के साथ मिलाकर मस्सों पर लेप करने से मस्से शीघ्र नष्ट होते हैं. रात्रि को लेप करके सोने से ज्यादा फायदा होता है.
- हल्दी, आक का दूध और शिरीष के बीजों को कूट-पीसकर बवासीर के मस्सों पर लगाने से मस्से जल्दी ही नष्ट होते हैं जलन और पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
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Sir AP ye btaye ki mene haldi or Desi ghi ka lep maso pr lagay he or sote time pr ab use jalan ho rhi lep lagane see to koi problem to nhi hogi na infection bagera hoga ye btaye
Sir mene Jo haldi or Desi ghi ka lep ki apne bola tha to use masso pr lgane se jalan nhi hogi Kya
Or hamne bo lep maso pr lgya some time or jalan huyi to koi problem to nhi hogi hamko sir ji infection bagera to nhi hoga na
etne jaldi koi bimari thik nahi hoti, haan uske dard se chutkara paaya ja skta hai uske liye upay bataye hai.
Nice but agar kisi ko 1- 2 hour main aram chaiye to koi ilaj btao
Good
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