फफोले का उपचार और प्राथमिक उपाय – हम बताएंगे कैसे घर पर ही इससे छुटकारा पाया जा सकता है, त्वचा पर फफोला होने एक आम समस्या है यह दो तीन कारणों से होता है एक तो त्वचा पर घर्षण होने से, त्वचा जलने से, किसी बीमारी बैक्टीरिया आदि से.
अधिकतर किसी चीज को ज्यादा देर तक व कस के पकडे रहने से, टाइट जूते पहनने से आदि स्किन पर किसी भी चीज का रगड़ होने से फफोले पैदा हो जाते है. यह त्वचा पर एक बुलबुले की भांति प्रकट होता है.
कारण :
- किसी औजार को ज्यादा देर तक पकड़ कर रखना
- रस्सी को लम्बे समय तक पकड़ने से
- त्वचा किसी मशीन आदि में चिमटा जाने से
- चेचक जैसे बिमारियों से
- आग के जलने से
- आदि शरीर पर फफोले होने के कारण बनते है.
फफोले वैसे तीन तरह के होते है :-
- पानी का फफोला – इसमें त्वचा में सफ़ेद तरल पदार्थ भर जाता है, यह घर्षण आदि के कारण होता है.
- खून का फफोला – रक्तवाहिनियों के ख़त्म हो जाने से त्वचा के अंदर बुलबुला सा उत्पन्न होता है, यह लाल रंग का होता है दर्द देता है व यह अपने आप सुख भी जाता है. यह बहुत कम देखने को मिलता है.
- जलने से – आग, गरम पानी, दूध आदि से जलने पर जो फफोले होते है वह त्वचा की पहली दो परतों के नष्ट होने से होता है. यह दर्द बहुत करते है और ठीक होने में समय भी लगाते है.
- काफी अच्छे सरल उपाय बताये है, पोस्ट को पूरा एन्ड निचे तक पड़ें.
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फफोले का उपचार के उपाय
Fafole Ka ilaj Bataye
अगर आपका फफोला पानी का है, यानी पहले प्रकार का फफोला है व उसमे सफ़ेद तरल पदार्थ भरा हुआ है तो इसे आप अच्छे से पक जाने के बाद किसी नुकीली वस्तु के मदद से फोड़ भी सकते है.
इसमें आपको सिर्फ फफोले की ऊपरी परत में छेड़ करना होता है वह भी तब जब फफोला थोड़ा नरम हो गया हो, यानी उसे उतपन्न हुए कई घंटे हो गए हो. (आपातकालीन में आप फफोले को तुरंत भी फोड़ सकते है, हम देर से फोड़ने का इसलिए कह रहे है ताकि ज्यादा दर्द व नुकसान न हो)
इसके लिए आप पेड़ के कांटो का प्रयोग कर सकते है, अगर सुई का प्रयोग कर रहे है तो ध्यान रहे की सुई पूरी तरह से साफ़ सुथरी हो. सुई अगर साफ़ न हो तो ऐसे में संक्रमण के फैलने का खतरा ज्यादा होता है.
फफोले में छेद करने के बाद अपने हाथ या रुई के जरिये हल्का सा आराम आराम से दबाते हुए उसका पदार्थ बाहर निकाल दें और हाइड्रोजन या साफ़ पानी से धो लें.
कई बार फफोले को जल्दी बिना साफ़ की हुई सुई आदि से उसमे संक्रमण भी फेल जाता है, इसलिए बेहतर होगा आप उसे थोड़ा पक जाने दें व अन्य निचे दिए जा रहे मूत्र, अलोएवेरा, अरंडी के तेल के प्रयोग करते रहे.
NOTE : अगर आपको किसी बीमारी या संक्रमण के वजह से फफोले हुए है तो आप उन्हें अपने हाथो से न फोड़े. चेचक आदि जैसी बीमारी के फफोलो में यह सावधानी ज्यादा बरतनी चाहिए.
FIRST AID : फफोले के प्राथमिक उपचार का उपाय – जब भी फफोला उतपन्न हो तो आप तुरंत ही उस फफोले को अपने ही मूत्र में भिगो दें, अगर फफोला ऐसी जगह पर हुआ है जहां पर उसे भिगोया नहीं जा सकता तो रुई कॉटन को अपने मूत्र में भिगोकर फफोले पर रख दें. इससे फफोले के दर्द में आराम मिलेगा व फफोला ज्यादा फैलेगा भी नहीं. यह एक प्राचीन चिकित्सा है, इसे आप किसी भी तरह की चोंट में आजमा सकते है यह सर्वोत्तम है यह फफोले वाली खुजली को भी रोकता है.
फफोले ठीक करने के लिए एक ग्रीन टी के बेग को पानी में डालकर अच्छे से उबाले व इसमें 1 चम्मच बेकिंग सोडा भी डाल दें. इसे अच्छे से उबलने दें व फिर थोड़ी देर बाद गैस बंद कर के इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें.
अब रुई को इसमें भिगोकर फफोले पर रखे, फिर एक चम्मच की मदद से उस रुई पर बून्द-बून्द यह पानी डालते रहे इससे फफोला नाजुक हो जायेगा व थोड़े समय में अपने आप फुट जायेगा. यह उपाय बहुत ही आसान और कारगर है.
अलोएवेरा तीन प्रकार के फफोलो में रामबाण होता है, यह दर्द से राहत दिलाता है व त्वचा को मुलायम बनाये रखता है. अध्यनो में इसे फफोले की दवा भी माना जाता है.
अलोएवेरा के पत्ते के गूदे को निकालकर उसे फफोले पर लगाए, इसे दिन में बार-बार लगाते रहे तो और भी अच्छे परिणाम मिलते है, आप इस आसान से अलोएवेरा के प्रयोग को फफोले ठीक करने के उपाय में आजमा सकते है.
अरंडी के तेल को फफोलो पर लगाना एक पुराना इलाज है, जो की फफोले फोड़ने के लिए किया जाता है यह आज भी असरकारी है. इसके लिए रात को सोते समय अरंडी के तेल में रुई के फोहे को भिगोकर फफोले पर रख दें व ऊपर से पट्टी कर दें. यह फफोले को सुखाने में बहुत मदद करता है. (fafole ka ilaj)अरंडी का तेल फफोले वाली खुजली को ख़त्म करने में भी सहायता करता है.
विटामिन E त्वचा के लिए एक रिपेयरिंग का काम करता है, त्वचा को हुए नुकसान की यह भरपाई करता है. इसके प्रयोग से मृत कोशिकाएं पुनः: जीवित हो जाती है, फफोले के जो निशान त्वचा पर रह जाते है वह विटामिन E के कैप्सूल को फोड़कर लगाने से ख़त्म हो जाते है. अगर फफोले के निशान आपकी त्वचा पर रह गए हो तो आप इस प्रयोग को अवश्य ही करे.
एप्पल साइडर विनेगर सेब के सिरके का यह प्रयोग थोड़ा दर्द देता है लेकिन इसमें जो एंटीबैक्टीरियल गुण होते है व फफोले के हानिकारक तत्वों का नाश करते है व इन्फेक्शन होने से भी बचाते है.
इसके लिए आप सेब के सिरके को रुई की मदद से फफोले पर लगाए तो इसको लगाने से तेज दर्द भी हो सकता है लेकिन तेज दर्द होना एक अच्छा संकेत माना जाता है. इसलिए आप घबराये नहीं.
इलाज में ध्यान देने योग्य बाते
- फफोले का इलाज में आप अलोएवेरा जेल जो की पतंजलि स्टोर पर मिल जाता है वहां से भी खरीद कर इसका प्रयोग कर सकते है
- फफोले होने पर उसकी सफाई हाइड्रोजन से भी करना चाहिए
- फफोले को फोड़ने या उसके अपने आप फुट जाने पर उसे हाइड्रोजन से जरूर धोये
- अगर फफोला खून का हो तो उसे अपने आप ही फूटने दें
- जब फफोला पूरी तरह से पक जाए, फूल जाये सिर्फ तब ही उसे फोड़े
[wps_note size=”21″ background=”#fae588″ color=”#333333″ radius=”3″]फफोले को फोड़ने में जल्दी न करे, पहले फफोले को पक जाने दें वह फिर अपने आप ही फैट जायेगा, अगर आप जल्दबाजी में फफोले को फोड़ने की कोशिश करेंगे तो वह नुकसान करेगा और हो सकता है की आपको दुबारा फफोला बन जाए.[/wps_note]
इस तरह आप हर तरह के फफोले को ठीक कर सकते है. प्राथमिक उपचार में फोड़ा हो या फुंसी सबसे जैसे ही वह बने आप उस पर पेशाब कर दें, खुद का पेशाब बहुत असरकारी होता है यह कई तरह के जख्मो से बचाता है.
दोस्तों इस तरह आप बताये गए हाथ पैर में फफोले का उपचार के उपाय और दवा कर सकते है, इसमें आपको किसी भी डॉक्टर को दिखाने की जरूरत नहीं पड़ती. केवल खुद के मूत्र में ही फफोले को दिन में 3-4 बार थोड़ी देर तक भिगो दिया जाए तो इसे छोटे से फफोले ठीक करने के नुस्खे से ही काफी आराम हो जाता है यह किसी आयुर्वेदिक दवा से कम नहीं होता.