डेंगू का इलाज क्या है बताये और साथ ही इसके आयुर्वेदिक उपाय भी बताइये इस बीमारी के लिए एलॉपथी में भी कोई दवा नहीं होती हैं इसलिए आयुर्वेदिक नुस्खों का ही सहारा लेना होता हैं.
इस बात से तो हम सभी परिचित हैं की डेंगू बुखार एक जानलेवा बुखार हैं, इस रोग में खून की प्लेटलेट्स बड़ी तेजी से कम होती जाती हैं जिससे (dengue) ट्रीटमेंट समय पर न करवाने पर यह और गंभीर बनता जाता है आगे पढ़िए पूरी जानकारी.
- डेंगू बुखार को अन्य नाम से भी जाना जाता हैं जो की इस तरह हैं – हड्डी तोड़ बुखार, Break bone fever
- इसमें बुखार तेज आता हैं हैं, और यह एक दिन में करीबन पांच से छह बार तक आता हैं.
- यह दो तरह के होते हैं एक तरह के डेंगू में आपको उसके लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं वहीं दूसरे तरह के डेंगू में शरीर पर किसी भी तरह का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता हैं, देखने में आया हैं की ऐसा बुखार अपने आप ठीक हो जाता हैं.
- अपनी नाक और मसूड़ों में खून निकले या उलटी और मल में खून निकलने लगे तो यह डेंगू बुखार के गंभीर लक्षण माने जाते हैं, ऐसे में
- बिना वक्त गवाए डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंच जाना चाहिए ताकि समय से इस-का उपचार हो जाये.
हम यहां आपको डेंगू बुखार के विषय में सारी जानकारी देंगे आयुर्वेदिक उपचार व उपाय आदि सब कुछ यहां बताएंगे आप इस लेख को पूरा व ध्यान से पड़ें ताकि आप इस बुखार से अच्छे से परिचित हो जाए dengue treatment in Hindi व प्लेटलेट्स बढ़ाने के सभी उपाय बताये जायेंगे.
- इस पोस्ट में सटीक इलाज बताया गया है, आप इसे पुरे ध्यान से और निचे एन्ड तक पड़ें.
डेंगू बुखार क्या है –
- Dengue fever एक viral infection हैं जो की dengue virus के कारण होता हैं, जो की संक्रमित Aedes mosquito (डेंगू का मच्छर, सफ़ेद धारियों वाला) के काटने से किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को हो सकता हैं. उदाहरण – मान लीजिए किसी व्यक्ति को डेंगू वायरस के वजह से डेंगू बुखार हुआ हैं और अगर ऐसे में कोई मच्छर ऐसे व्यक्ति को काट ले तो उस मच्छर के खून में भी डेंगू वायरस पहुंच जाता हैं और वह भी डेंगू से संक्रमित हो जाता हैं और इस संक्रमित स्थिति में वह मच्छर अगर किसी व्यक्ति को काट ले तो उस व्यक्ति को भी डेंगू बुखार हो जाता हैं. (सीधी भाषा में कहां जाए तो डेंगू संक्रमित मच्छरों के काटने से होता हैं).
डेंगू के मच्छर के बारे में – Mosquitoes of dengue
- डेंगू के मच्छर के शरीर पर लाल काली धारियां होती हैं, ठीक ज़ेबरा व चीते जानवर की तरह
- यह मच्छर दिन के समय अधिक सक्रीय रहता हैं
- August-October के महीनो में डेंगू के मच्छर प्रजनन करते हैं व इस समय यह ज्यादा सक्रीय होते हैं
- डेंगू बुखार के मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम नहीं होते हैं
- यह मच्छर ठंडी और छायादार जगह पर रहना पसंद करते हैं
- यह साफ़ पानी के मच्छर होते हैं और साफ़ पानी पर ही अंडे छोड़ते हैं, इसलिए कूलर आदि किसी भी जगह पर ज्यादा दिन तक पानी को न रहने दें इस बदलते रहे.
- जिस पानी में डेंगू का मच्छर अंडे देता हैं वह पानी अगर सुख भी जाए तो भी इसके अंडे अगले 12 महीनो तक जिन्दा रहते हैं.
डेंगू बुखार में खून की प्लेटलेट बनना कम हो जाती हैं, साथ ही प्लेटलेट तेजी से कम होने लगती हैं जिससे डेंगू और गंभीर स्थिति में बदलता जाता हैं. ऐसे में रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी पीते रहना चाहिए ऐसा करने से पानी की सप्लाई चलती रहती हैं. निचे दिए जा रहे डेंगू को ठीक करने वाले यानि प्लेटलेट्स को घटने से रोकने वाले और प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय में अचूक है.
- यह सभी भी एक बार जरूर पड़ें :
- डेंगू में क्या खाये और परहेज
- डेंगू बुखार से बचने के 11 उपाय
- डेंगू के लक्षण क्या हैं
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डेंगू का इलाज क्या है बताएं
Dengue Ka ilaj btaye Kya hai
डेंगू में पानी ज्यादा पिए यही है
- डेंगू में पानी का भरपूर मात्रा में सेवन करना बेहद जरुरी होता हैं. ऐसा करने से शरीर की प्रक्रिया अच्छी बनी रहती हैं. पानी के अलावा आप फलों के रस का सेवन भी कर सकते हैं जैसे नारियल पानी, गन्ने का रस, गेहूं की घास का रस, अनार का रस, चुकुन्दर का रस आदि. बेहतर तो यही होगा की आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिए.
बकरी का दूध हैं प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय में से एक
- डेंगू का घरेलु उपचार में बकरी का दूध : डेंगू फीवर में प्लेटलेट्स बहुत तेजी से घटती हैं ऐसे में इनकी भरपाई बकरी का दूध कर सकता हैं. जी हाँ दोस्तों बकरी के दूध से डेंगू बुखार का जड़ से आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता हैं, यह बहुत ही आसान नुस्खे में से एक हैं.
- बकरी के दूध में ऐसे गुण होते हैं जो की सर्दी, खांसी, बुखार आदि को आसानी से दूर कर सके. इसके दूध में बहुत से विटामिन्स होते हैं, यह पचने में भी समय नहीं लगाता, यह सिर्फ 25 मिनट्स में ही हजम हो जाता हैं इतने जल्दी तो भैंस का दूध भी हजम नहीं होता. इस उपाय को कम उम्र के बच्चों पर नहीं आजमाए.
बाबा रामदेव ने बताया इलाज (Dengue Treatment)
- पतंजलि में डेंगू का घरेलु उपचार बाबा रामदेव ने बताया हैं, उनके अनुसार डेंगू में तेजी से कम होती प्लेटलेट्स को रोकने में यह उपाय रामबाण साबित होता हैं. यह उन्होंने दिल्ली में फेल रहे डेंगू के दौरान बताया था. उनके द्वारा बताया गया यह उपाय रामबाण साबित होता जा रहा हैं. आइये जाने इस आयुर्वेदिक घरेलु उपाय के बारे में.
- इसके लिए आपको जरूरत लगेगी पपीते के पत्ते, अलोएवेरा, गिलोय, एवं ताज़ा अनार का रस. बाबा रामदेव ने बताया था की अगर 55-55 ग्राम इन सभी चीजों का रस लेकर पिया जाए तो इससे डेंगू से राहत मिलती हैं. इन चारों चीजों का रस एक दिन में 4 बार करना होता हैं यानी 3-4 घंटे की गैप में यह चारों चीजों का रस पीना चाहिए.
इसके अलावा अन्य उपाय इस तरह हैं :
- डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए गिलोय रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए अचूक उपाय हैं, यह डेंगू के मरीजे के लिए तो रामबाण होती हैं क्योंकि यह शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए मजबूत बनाता हैं और साथ ही प्लेटलेट्स की संख्या को भी बढ़ाता हैं. जरा सी गिलोय लें और 8-9 तुलसी के पत्ते 1/2 glass पानी में डालकर इसका काढ़ा बनाये. यह काढ़ा बहुत ही अचूक इलाज की तरह काम करता हैं यह उपाय भी बाबा रामदेव ने ही प्रेस में बताया था.
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पपीता के पत्ते
- जब डेंगू दिल्ली में फेल रहा था तब पपीते के पत्तों के रस पर एक शोध हुआ था उसमे कई लोगों को पपीते के पत्तों का रस दिया गया और आधे मरीजों को दूसरा डेंगू का ट्रीटमेंट दिया गया, आखिरी परिणाम में जिन लोगों को पपीते के पत्तों का रस दिया गया था उनकी प्लेटलेट्स डेंगू के सामान्य ट्रीटमेंट से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रही थी. इसलिए पपीते के पत्तों का रस जरूर पीना चाहिए.
ऐसे करे इस्तेमाल – आप अपने घर के नजदीक कहीं से ताज़ा पपीते के पत्ते तोड़कर लाये और इन्हें अच्छे से साफ़ पानी से धोकर प्रयोग में लाये. आप इन पत्तों का रस निकालने के लिए मिक्सर का प्रयोग भी कर सकते हैं व इन पत्तों को उबालकर इनका रस भी पि सकते हैं. डेंगू का घरेलु उपचार में यह अभूत ही अहम् उपाय है.
ऐसे उबाले – 4-5 पपीतों के पत्ते लें और इन्हें दो गिलास पानी में डाल दे, अब इन तेज आंच पर उबाले तक तक उबालते रहे जब तक की इसमें रखा हुआ दो गिलास पानी उबालकर आधा न हो जाए यानी दो गिलास से उबलकर एक गिलास पानी हो जाना. अब आप इसको प्रयोग में ला सकते हैं, अच्छे परिणाम के लिए दिन में हर 3-4 घंटे के बिच खाली पेट की अवस्था में पीते रहे.
मिक्सर से – 2-3 पत्तों को लेकर मिक्सर में डालदे और ऊपर से थोड़ा पानी मिलकर इसको पीस लें. इसके बाद रस निकलकर पि जाए. इसे भी आप 3-4 घंटे के अंतराल में पीते रहे व खाली पेट होने पर पिएंगे तो ज्यादा बेहतर होगा.
डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए इसके अलावा पपीते के पत्तों का रस का सेवन डेंगू में करने से पहले आप अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह में ले सकते हैं, ऐसा करने से आपके मन में उठ रहे सवालों के उत्तर भी मिल जायेंगे और आपको पूरी संतुष्टि भी महसूस होगी.
अगर आप घर पर पपीते के पत्तों का रस नहीं बना सकते थे तो आप इसके रस को नजदीकी दवाइयों की दुकान से भी खरीद सकते हैं. अब यह मेडिकल्स स्टोर्स पर भी मिलने लगा हैं.
गिलोय है आयुर्वेदिक इलाज बेहतरीन उपाय
- गिलोय का आयुर्वेदिक इलाज में उच्च स्थान हैं, यह शरीर में मेटाबोलिज्म को तेजी से बढ़ाता हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता हैं और शरीर को सभी तरह के संक्रमण से भी बचा कर रखता हैं. इसके अलावा गिलोय के रस को पपीते का पत्तों के रस, अलोएवेरा का रस और अनार का रस इनके साथ पिने से रामबाण इलाज होता हैं, ऐसी कोई दवा नहीं हैं जो की इतनी तेजी से प्लेटलेट्स को बढ़ा सके जितनी तेजी से यह बढ़ाती हैं. (गिलोय+पपीता+अलोएवेरा+अनार= इनका सेवन कैसे करे यह हमने ऊपर बताया हैं)
- गिलोय का सेवन – गिलोय के तनो को लाये और इन्हें अच्छे से साफ़ करके थोड़े पानी में अच्छे से उबालकर पिए इसमें आप तुलसी के पत्ते (Basil leaves) भी मिला सकते हैं. (इसमें आप गिलोय की गोली भी ले सकते हैं).
- गिलोय की बेल की डंडी – गिलोय के बेल की डंडी लाये और इसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें अब करीबन 2 glass पानी एक बर्तन में डाले और उस बर्तन में गिलोय के छोटे-छोटे टुकड़े भी डाल दें. अब इसे तेज आंच पर तब तक उबाले जब तक की यह 2 glass पानी उबलकर एक गिलास पानी यानी आधा न रह जाए. इसके बाद इसे आग से निचे उतार ले व ठंडा होने के लिए छोड़ दें और सेवन कर लें. पपीता के पत्तो का रस, बकरी का दूध और गिलोय यह तीनो रामबाण डेंगू का घरेलु उपचार है इनका सेवन बहुत ही जरुरी है.
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डेंगू के बुखार में मेथी के पत्ते का उपयोग
- मेथी में बुखार को दूर करने की अद्भुत क्षमता होती हैं, डेंगू जैसे बुखार के इलाज में तो यह अचूक उपाय हैं. मेथी की पत्तियों के सेवन से रोगी का बुखार और बदन दर्द दूर होता हैं उसे अच्छी नींद आती हैं आदि. इसका सेवन करने में कोई कठिनाई नहीं आती यह स्वादिष्ट होती हैं.
- ताज़ा मेथी की पत्तियां लें व इन्हें अच्छे से साफ़ पानी में डाल दें, इस पानी को अच्छे से उबालकर भी पि सकते हैं. इसके अलावा आप मेथी का पाउडर लेकर उसे पानी में डालकर भी पि सकते हैं, मेथी की सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं, मेथी के पत्तों को ऐसे ही चबाकर भी खा सकते हैं.
रामबाण हैं अनार का रस
- हम सब जानते हैं की अनार का रस खून बढ़ाने का काम करता हैं लेकिन इसके साथ ही अनार का रस खून में मौजूद प्लेटलेट्स को भी बढ़ाता हैं जिससे डेंगू में मदद मिलती हैं. इसका सेवन पाचन संसथान के लिए बहुत सेहतमंद होता हैं. रोगी को दिन में दो बार तक अनार का रस करीबन 1 glass की मात्रा में जरूर पीना चाहिए.
Goldenseal
- अब हम आपको सबसे तेज आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नामा हैं “गोल्डनसील”. यह अमेरिका में पाई जाने वाली एक जड़ी-बूटी हैं जो की डेंगू में रामबाण होती हैं. इसका कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में उपयोग भी किया जाता हैं.
ऐसा देखा गया हैं की इस जड़ी बूटी के सेवन से डेंगू का बुखार जल्दी से ठीक हो जाता हैं. यह भी बाबा रामदेव द्वारा बताये गए डेंगू के नुस्खे जिसमे पपीता, गिलोय आदि हैं उसके जैसे हैं तेज व असरकारी हैं. इसका सेवन भी आप निसंकोच होकर कर सकते हैं. इस सामान्य सी दिखने वाली जड़ी बूटी में डेंगू वायरस को शरीर से खदेड़ देने की क्षमता होती हैं.
गोल्डनसील का डेंगू में प्रयोग – आप इसके पत्तों का रस निकालकर सेवन कर सकते हैं व इनके पत्तों को सीधे दांतों से चबाकर भी खास सकते हैं.
डेंगू के लिए होमियोपैथी की दवा
- डेंगू का होमियोपैथी की दवा से भी उपचार किया जा सकता हैं, इसके लिए आप यहां निचे दी जा रही दवाइयों का सेवन कर सकते हैं. Arsenicum, Aconite, Dulcamara, Bryonia और Rhus Tox इन सभी को आप 200 में लें यानी Arsenicum – 200, Aconite – 200 इस तरह आप इन दवाओं की किसी भी होमियोपैथी की दुकान से खरीद कर प्रयोग में ला सकते हैं.
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए डेंगू में होमियोपैथी की यह दवा भी ले सकते हैं – 30 C (Eupatorium Perfoliatum) इस दवा के नियमित सेवन से इम्युनिटी बढ़ती हैं. रोजाना बच्चों को यह गोली सिर्फ 2 ही दें और बड़ों को आप 5 गोलिया तक दे सकते हैं इसको 4-5 दिन तक रोजाना खाली पेट लें.
तुलसी करेगी संक्रमण को दूर
- तुलसी हर प्रकार के रोग में अपनी अहम् भूमिका निभाती हैं. तुलसी के पत्तों में सभी तरह के संक्रमण से लड़ने की अद्भुत क्षमता होती हैं फिर चाहे वह सामान्य बुखार हो, मलेरिया हो, डेंगू हो आदि कोई सी भी बीमारी हो सभी में तुलसी बहुत काम देती हैं.
- Dengue fever treatment at home – आप तुलसी के पत्तों का रस पि सकते हैं, तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर पि सकते हैं व रोजाना सुबह के समय तुलसी के 6 से 8 पत्तों को चबाकर खा सकते हैं ऐसा रोजाना करने से आपको आसानी से किसी भी तरह का बुखार नहीं आएगा और न ही कोई संक्रमण आपको बीमार कर पायेगा.
कालीमिर्च और तुलसी
- करीबन 2 ग्राम कालीमिर्च लें और इसमें 5-6 तुलसी के पत्ते भी मिला दें अब इन दोनों को एक या डेढ़ गिलास पानी में डालकर अच्छे से उबाले, अच्छे से उबल जाने के बाद इसके ठंडा होने के लिए छोड़ दें व ठंडा होने पर इसको पि जाए. इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं व डेंगू के संक्रमण का प्रभाव कम होता हैं.
हल्दी भी है बेहतरीन
- हल्दी का भी आयुर्वेद में उच्च स्थान हैं यह शरीर को हर प्रकार के संक्रमण से बचाती है और शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर करने में मदद करती हैं. डेंगू में आप हल्दी को दूध में मिलाकर पि सकते हैं, यानी हल्दी के दूध का सेवन करना हैं.
गेहूं की घास का रस
- डेंगू का इलाज में गेहूं की घांस का रस Wheat grass Juice रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए रामबाण होता हैं. और डेंगू में हमे ऐसी ही चीजों की जरूरत होती हैं जो की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढाए. इसलिए आप रोजाना सुबह के समय गेहूं की घास का रस बनाकर पिए. इस प्रयोग को करने से पाचन शक्ति, लिवर की कमजोरी आदि में अत्यंत लाभ होता हैं.
इस तरह रखें मरीज का ध्यान
- डेंगू बुखार को उतारने के लिए आप पैरासिटामाल की गोली दे सकते हैं और इसके साथ ही एस्पिरिन दवा का सेवन भी कर सकते हैं यह डेंगू बुखार से हो रहे दर्द, सर्दी थकान आदि से dengue ka ilaj राहत दिलाने में मदद करेगा.
- यह भी ले सकते हैं – Crocin, Calpol. बुखार का तापमान 102 से अधिक बढ़ जाने पर मरीज के सिर पर ठन्डे पानी की पत्तियों का प्रयोग करे
- डेंगू के पेशेंट को आरामदायक व खुली साफ़ जगह पर आराम करवाए इस बिच अगर पेशेंट नाहना चाहे तो हलके गर्म पानी में डेटोल डालकर नहलाये व नीम के पत्तों को पानी में डालकर उबाले व फिर उस पानी से मरीज को नहलाये तो इससे शरीर के कीटाणु मर जायेंगे.
- इस बिच रोगी को तरल चीजें ज्यादा दें, खासकर पानी तो ज्यादा से ज्यादा पिलाये अगर मरीज पानी पिने से कतराता हो तो उसे अनार का रस, चुकुन्दर का रस, सेब का रस, नीबू पानी, छाछ, नारियल पानी आदि रस पिलाये.
- भरपूर पानी पिलाने के बाद भी अगर डेंगू के पेशेंट को 3-4 घंटों के अंतराल में खुलकर पेशाब आती रहे तो समझ लेना चाहिए की वह पेशेंट खतरे से बाहर हैं और अगर ऐसा न होता हो तो आप पेशेंट को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाये. समय समय पर नजदीकी डॉक्टर से चेकउप करवाते रहे
डेंगू बुखार में दें इन बातों पर विशेष ध्यान
- घर पर किसी भी कोने में या किसी भी जगह पर ज्यादा दिनों तक पानी न भरकर रखें
- कूलर का पानी ज्यादा दिनों तक भरा न रहने दें उसे बदलते रहे
- बारिश के समय पर बर्तनो में भर जाने वाले पानी को निकालते रहे
- अपने घर पर बने हुए पानी के टैंक में कीटाणुओं को मारने की दवा डालकर रखें
- भोजन व रसोई घर में साफ़ सफाई का ध्यान रखे
- किसी भी बर्तन को उपयोग में लाने से पहले एक बार उसे साफ पानी से धोये जरूर
- डेंगू का घरेलु उपचार में जरुरी है की आप अपने घर के आस पास की जगह को साफ़ रखे व कीटनाशक दवाई का छिडकाऊ करवाए
- घर की खिड़कियों पर मच्छर को घर के अंदर आने से रोकने वाली जाली लगवाए
- रात को बिस्तर पर मच्छर दानी का उपयोग करे
- डेंगू जैसी घातक व जानलेवा बिमारियों से बचे रहने के लिए रोजाना तुलसी के पत्तों का सेवन जरूर करे
दोस्तों हमने यहां आपको डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय, डेंगू का इलाज बताएं क्या है के बारे में सारी जानकारी दे दी हैं, अब आप इन आयुर्वेदिक उपचार में उपयोग में लाये. इसमें खासकर आप बाबा रामदेव का जो उपाय है पपीते के पत्तों व अन्य चार चीजों के रस का उसका सेवन आप जरूर करे.