दालचीनी के फायदे और नुकसान बताये : ज्यादातर दालचीनी का उपयोग सब्जियों को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन कई लोगों को इसके गुणों के बारे में जरा भी जानकारी नहीं, यह रसोई घर में रखे जाने वाली चीज एक औषधि की तरह काम करती है. दालचीनी में सुंगंध होती है. कुछ लोग इस सुगंध के लिए सब्जियों में इसका ज्यादा उपयोग करते है.
दालचीनी क्या होती है, कहां से आती है
- दालचीनी के पेड़ ज्यादा ऊँचे नहीं होते है. हिमालय पर्वत की ऊंचाई पर दालचीनी के पेड़ अपने आप उग आते है. जब पेड़ तीन साल का हो जाता है तो उसकी छल को उतारकर सुखाकर दालचीनी के रूप में उपयोग किया जाता है. दूसरे शब्दों में हम कह सकते है की दालचीनी पेड़ की छल होती है. दालचीनी के पेड़ों के पत्ते चिकने और सुगन्धित होते है. चीन से अधिक मात्रा में आयत किये जाने के कारण जनसाधारण में इसको दालचीनी के नाम से ज्यादा जाना जाता है.
- दालचीनी कैसी दिखती व होती है : दालचीनी का रंग धुंधला, सफ़ेद, कुछ-कुछ पीलापन लिए होता है. छाल पतली, कोमल और सुगन्धित होती है. दालचीनी से सुगन्धित तैल भी निकाला जाता है. दालचीनी के पत्तों और जड़ों से भी तैल निकला जाता है, लेकिन छाल से निकाला गया तैल ज्यादा गुणकारी होता है. आयुर्वेद के अनुसार तैल गरिष्ट होता है, शूल, वरन और शोथ को नष्ट करता है.
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आयुर्वेद में दालचीनी के गुण और आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जानकारी
आयुर्वेद चिकित्सा ग्रंथों के अनुसार, दालचीनी कषाय, तीक्ष्ण (तेज) कृमिनाशक और सुगन्धित होती है. पौष्टिक होने के साथ साथ दालचीनी कामोत्तेजक भी होती है. चिकित्सकों ने शुक्र (वीर्य) वर्धक और शरीर के वर्ण को निखारने वाला भी बताया है. वायु, पित्त और कफ नाशक होती है. हृदय रोगों में बहुत लाभ पहुंचाती है.
मूत्राशय, मलद्वार के रोगों को नष्ट करती है. प्रतिशय में सबसे गुणकारी वनौषधि है. अरुचि और वमन में दालचीनी बहुत लाभ पहुंचाती है. अतिसार का अवरोध करती है. खुजली की विकृत भी दालचीनी नष्ट करती है. आयुर्वेद के अनुसार दालचीनी में यह गुण और विशेषता होती है.
दालचीनी के फायदे और नुकसान
Dalchini Ke Fayde in Hindi
- बवासीर में : दालचीनी को पानी में उबालकर बनाये क्वाथ को पिने से अर्श बवासीर रोग में खून बहना बंद हो जाता है.
- सिरशूल में : दालचीनी के तैल को सर और कनपटी पर लगाने से सिरशूल ख़त्म हो जाता है.
- मानसिक क्षमता के लिए : दालचीनी में मानसिक क्षमता बढ़ाने वाले गुण होते है, दालचीनी की सुगंध सूंघने मात्रा से भी मस्तिष्क पर सकारात्मक असर पड़ता है और दिमाग तेज सक्रीय बनता है. यह दैनिक कामो में और जिन की आदत बार बार भूलने की आदत होती है वह खत्म होती है. तो आप इसका लाभ लेने के लिए दालचीनी की सुगंध को सूंघे और इसका सेवन करते रहे.
- चिंता घबराहट : चिंता और घबराहट मन की शांति को मिटाने के लिए दालचीनी की चाय पीना चाहिए इसमें यह बहुत फायदा करती है. इसकी चाय पिने मात्र से चिंता जड़ से ख़त्म हो जाती है और अंदर से आनंद प्रसन्नता होने लगती है. इसके अलावा दिमागी शक्ति को बढ़ाने के लिए भी दालचीनी की चाय पि सकते है यह दो गुना लाभ करेगी.
- हृदय रोगों में : दालचीनी में कई तरह के एंटी इन्फ्लैमटेरी गुण होते है, यह दिल और उसकी धमनियों को नुकसान होने और किसी भी तरह के संक्रमण से बचाने में बहुत फायदा करती है. इसमें जो गुण होते है वह आतंरिक उत्तकों में सूजन को ठीक करने और दिल के दौरे जैसी अन्य बीमारी के जोखिम को कम करते है. इसके लिए आप दालचीनी के पाउडर और शहद दोनों को आपस में मिलाकर रोजाना लें, रोजाना इसको लेने से दिल के दौरे के खतरे खत्म हो जायेंगे आप इसको जैम की जगह पर ले सकते है.
- गठिया रोग में : दालचीनी गठिया के रोग में दर्द को कम करने में बहुत मददगार होती है. इसके लिए सुबह और शाम को 1 चम्मच शहद के साथ में आधी चम्मच दालचीनी के पाउडर को मिलाकर ले. रोजाना इसका सेवन करने से सिर्फ सप्ताह भर में ही दर्द से राहत मिल जाती है.
मुंहासे के लिए : चहरे पर मुंहासों को हटाने के लिए दालचीनी के प्रयोग किये जा सकते है, यह बहुत ही असरकारी होती है. त्वचा का सूखापन, रूखापन और त्वचा के रोम छिद्रों को खोलने में मदद करता है साथ ही उसमे ऑक्सीजन पहुंचाता है. इसके साथ त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है. तीन चम्मच शहद ले और एक चम्मच दालचीनी पाउडर में मिलाकर अच्छे से पेस्ट बनाये और फिर चहरे पर जहाँ मुंहासे हो वहां पर लगाए. इसको 20-25 मिनट तक चहरे पर लगा रहने दे बाद में साफ़ पानी से चहरे को साफ़ कर ले. - बालों के लिए : दालचीनी बालों की सुंदरता और सेहत के लिए बहुत लाभ करती है. एक चम्मच दालचीनी, 1 चम्मच शहद, एक चम्मच जैतून का तेल और एक अंडा मिलाकर पेस्ट बनाये फिर इसे बालों पर लगाए और करीबन 25 मिनट तक बालों पर लगा रहने दे फिर बालों को साफ़ पानी से धो ले. ऐसा सप्ताह में 2-3 बार कर सकते है.
- अर्जुन की छाल और दालचीनी दोनों में बहुत फर्क होता है, यह दोनों ही पेड़ की छाल से बनती है लेकिन इनके गुणों में बहुत फर्क होता है.
- शहद, दालचीनी और नीबू : नीबू के बारे में आप जानते ही है यह वजन कम करने में बहुत मदद करता है. इसके अलावा अगर नीबू के साथ दालचीनी और शहद भी मिलाकर ली जाए तो दोगुना, तिगुना लाभ मिलता है. इसके लिए आधा चम्मच दालचीनी एक चम्मच शहद और एक नीबू का रस लें और मिलाकर पिए. इसमें कई अदरक भी मिलाते है लेकिन यह ऐसे ही असरकारी होता है इसलिए अदरक न मिलाये.
दालचीनी के नुकसान क्या होते है
- Side Effects : वैसे तो दालचीनी फायदे ही करती है लेकिन जब इसका गलत तरीके से और जरुरत से ज्यादा उपयोग किया जाए तो यह भी नुकसान दे सकती है. इसके लिए आप बताये गए तरीको से उपयोग करेंगे तो कोई नुकसान नहीं होगा बाकी हम निचे आपको बताते है की इसके नुकसान में क्या क्या होते है.
- दालचीनी का उपयोग उन महिलाओ को नहीं करना चाहिए जो गर्भवती हो और उनका छोटा बच्चा हो जिसे वह स्तनपान कराती हो.
- ज्यादा मात्रा में दालचीनी खाने से लिवर को नुकसान पहुंचता है.
- इसका ज्यादा सेवन गर्भाशय को छोटा करता है
- कई लोगों में देखा गया है की उन्हें दालचीनी खाने से एलर्जी हो जाती है, ऐसे में अगर आपको भी एलर्जी होती है तो इसका उपयोग न करे.
- दालचीनी के नुकसान से बचने के लिए इसका उपयोग तुरंत बंद कर दें, और पानी ज्यादा पिए जैसे जैसे शरीर से दालचीनी मल-मूत्र के जरिये बाहर हो जाएगी वैसे वैसे इसका असर भी कम होते हुए ख़त्म हो जायेगा.
तो यह थे दालचीनी के फायदे और नुकसान इसके सेवन से और भी कई अन्य लाभ होते है. इसलिए कई सालों से दालचीनी का रसोई में उपयोग किया जाता आ रहा है.
राजीव दीक्षित जी के अनुसार भी दालचीनी बहुत फायदेमंद होती है. इसका भोजन में अलग ही स्थान होता है अगर हम सही से नियमित रूप से इसका सेवन करे तो यह त्रिदोषों को होने से भी रोकती है एसिडिटी कब्ज आदि में भी लाभ करती है.
Aapki jankari ke liya aapka bahut shukriya. Aapne bahut acha blog likha ha, isey mujhay kafi madad mili. Maine apni gathiya ke rog se mufti mili. aapka bahut dhanyabad
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