चिकनगुनिया के लक्षण बताये और कारण क्या है चिकनगुन्या जिसे आप एक महामारी कह सकते हैं. जब यह भारत में पहली बार आया तो इसने भूचाल मचा दिया था.
क्योंकि कई लोगों को इसके बारे में कोई खबर नहीं थी, ऐसे में रोगी को चिकनगुनिया होने पर भी वह उसे सामान्य बुखार समझ कर सामान्य इलाज करते रहे. इसी वजह से कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी. आज भी ऐसे कई व्यक्ति हैं जिन्हें इसकी रोकथाम उपचार के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं.
इसी मकसद से हम यहां आपकोइस रोग के लक्षणों के बारे में डिटेल में बता रहे हैं. ताकि सभी सामान्य-जन को भी इसके बारे में अच्छे से मालुम हो जाए. हमने ऐसे कई लोग देखें हैं जिन्हे बुखार आने पर वह गोली खाकर उसे टालते रहते हैं, और फिर होता यह हैं की एक दिन उनकी तबियत अचानक इतनी बिगड़ जाती हैं की उन्हें उठाकर हॉस्पिटल ले जाना पड़ता हैं.
- अचानक तेज बुखार आना
- जोड़ों में दर्द होना
- शरीर पर रेशेज लाल चकत्ते पढ़ना
- मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द होना
- चक्कर आना
- उलटी आना
- सर में तेज दर्द होना
- यह पोस्ट्स जरुरी है, इसे एन्ड तक निचे आखिर तक पूरा ध्यान से पड़ें.
चिकनगुनिया के लक्षण क्या है
Chikungunya Ke Lakshan Btaye Kya hai
जब चिकनगुनिया वायरस से संक्रमित मच्छर किसी व्यक्ति को काट लेता हैं तो वह वायरस उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता हैं, ऐसे में मच्छर के काटने के बाद 3-4 दिन से लेकर 7वे दिन के अंदर लक्षण symptoms नजर आने लगते हैं. यह symptoms क्या होते हैं, कैसे दिखाई पड़ते आदि के बारे में हमने निचे बताया हैं आप इनको पढ़िए.
अचानक तेज बुखार आना
- चिकनगुनिया होने पर सबसे पहले व्यक्ति में जो पहला symptoms नजर आता हैं वह हैं “तेज़ बुखार”. आपको अचानक तेज बुखार आएगा जिसका तापमान 102 डिग्री से 104 डिग्री तक हो सकता हैं. यह चिकनगुनिया का बुखार अचानक आता हैं, तो अगर किसी भी व्यक्ति को ऐसे अचानक तेज बुखार आये तो आप उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाए. ऐसे अचानक तेज बुखार आना डेंगू, चिकनगुनिया आदि महामारी जैसे रोगों की और इशारा करता है.
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जोड़ों में दर्द होने लगता हैं
- चिकनगुनिया बुखार का यह एक ऐसा लक्षण हैं जो किसी और रोग में नजर नहीं आता हैं. चिकनगुनिया बुखार में शरीर के सभी जोड़ों में दर्द होने लगता हैं. यह दर्द धीरे-धीरे बहुत तेज हो जाता हैं, शरीर के सभी जोड़ों में फेल जाता हैं. इसके अलावा चिकनगुनिया में जब हम हाथ पैर को मोड़ते हैं यानी मूवमेंट करते हैं तो भी दर्द होता हैं. तो अगर आपके तेज बुखार के साथ आपके जोड़ों में दर्द होने लगे तो तुरंत समझ जाए की आपको चिकनगुनिया बुखार ही हैं.
क्यों होता हैं जोड़ों में दर्द
- जब चिकनगुनिया वायरस जोड़ों को प्रभावित करता हैं और जब यह वायरस पुरे शरीर में फेल जाता हैं तो शरीर इस वायरस को ख़त्म करने के लिए जवाबी प्रतिक्रिया करता हैं जिसके वजह से जोड़ों में दर्द महसूस होता हैं. जोड़ों का यह दर्द चिकनगुनिया बुखार के ख़त्म हो जाने के बाद भी कई महीनो तक बना रहता हैं, ऐसे कई घरेलु उपाय हैं जिनके जरिये आप घर पर ही इस दर्द से छुटकारा पा सकते हैं.
रेशेज होना
- ज्यादातर चिकनगुनिया के रोगियों को शरीर पर चकत्ते पड़ने लग जाते हैं ऐसा सभी रोगियों के साथ नहीं होता लेकिन ज्यादातर रोगियों के शरीर पर चकत्ते निकल आते हैं. यह चक्क्ते रोगी के चहरे, हाथों की हथेली, जांघो आदि पर दिखाई देने लगते हैं.
- ठीक ऐसे ही चकत्ते डेंगू बुखार में भी होते हैं लेकिन डेंगू में यह चकत्ते सिर्फ चहरे पर ही होते हैं. अगर आपको चकत्ते के सहित तेज बुखार और जोड़ों में दर्द हो रहा हो तो तुरंत ही डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि यह चिकनगुनिया के लछण हैं.
- संक्रमण के कारण सर में तेज दर्द होने लगता हैं
- चिकनगुनिया में जोड़ों के दर्द के साथ मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द भी होने लगता हैं
- रोगी को चक्कर भी आने लगते हैं, ऐसे में रोगी को कोई भी मेहनत का काम नहीं करना चाहिए
- उलटी आने जैसा मन होना या उलटी हो जाना भी इसी के लक्षण हैं
बताये गए ‘lakshan’ अगर किसी भी व्यक्ति में नजर आने लगे तो उसे चिकनगुनिया बुखार हैं ऐसा समझ लेना चाहिए, इसके बाद उसे तुरंत ही नजदीक डॉक्टर के पास जाकर ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए और प्राथमिक उपचार करना चाहिए. इस रोग में जितनी देर इलाज के लिए की जायेगी उतना ही आपको नुकसान उठाना पड़ेगा, शरीर उतना ही क्षीण होता जायेगा. बच्चों में भी यह लक्षण इसी तरह दिखाई पड़ते हैं, उन्हें भी इन सभी तकलीफों से गुजरना पढता हैं.
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चिकनगुनिया होने का कारण
- चिकनगुनिया का कारण एक ही हैं और वह हैं “मच्छर”. मच्छर ही इस रोग की वजह हैं. इसलिए आपको मच्छरों से बचाव करना चाहिए वह सभी उपाय करने चाहिए जिनसे आपके घर के बाहर और घर के अंदर मच्छरों का प्रकोप न रहे.
- घर में किसी भी बर्तन में पानी जमा हुआ न रखे
- गमलों की रोज सफाई करे
- घर एक आसपास सफाई रखे
- घर के नजदीक पानी के गड्ढों में मच्छर कीटनाशक दवाई डेल
- घर की खिड़कियों में मच्छरदानी का प्रयोग करे
- छोटे बच्चों के हाथ पैर पर निम् तेल य लौंग के तेल की मालिश करे ताकि उन्हें मच्छर न काटे
आयुर्वेदिक उपचार करे
- जैसे की आप भी जानते होंगे की चिकनगुनिया बुखार को दूर करने की कोई दवा अभी तक डॉक्टर्स भी नहीं खोज पाए हैं ऐसे में डॉक्टर भी चिकनगुनिया वायरस से पैदा हुए लक्षण को ख़त्म करने की दवा देते हैं इस तरह वह लक्षण को ख़त्म करते हुए चिकनगुनिया को दूर करने की कोशिश करते हैं.
- तो ऐसे में आप आयुर्वेदिक नुस्खों का उपयोग भी कर सकते हैं, राजीव दीक्षित ने आयुर्वेदिक चिकित्सा के जरिये कई लाखों लोगों का इलाज किया हैं. राजीव दीक्षित जी ने आयुर्वेद में ऐसा उपाय भी बताया हैं जिसकी मात्रा तीन खुराक लेने से ही चिकनगुनिया छूमंतर हो जाता हैं. हमने चिकनगुनिया के इन सभी आयुर्वेदिक उपायों को एक लेख में बताया हैं आप उस लेख को यहां पर पढ़ सकते हैं >> चिकनगुनिया का इलाज उपचार एक बार जरूर पड़ें.
चिकनगुनिया के लिए रोकथाम
अक्सर देखा जाता हैं की चिकनगुनिया के रोगी को ग्लूकोस की कमी हो जाती और उसे डिहाइड्रेशन का खतरा भी बना रहता हैं तो ऐसे में आप उन सभी पदार्थों का सेवन करे जिनमे विटामिन C और विटामिन D मिलता हो जैसे नारियल पानी, कच्ची गाजर का रस, पालक की सब्जी, सब्जियों का सूप, टमाटर का रस, पपीता के पत्तों का रस आदि चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए लाभप्रद होते हैं.
- रोजाना दिन में तीन से चार बार तक एक-एक गिलास नारियल पानी पीते रहे
- पपीता के पत्तों का रस भी पिए (ऊपर आयुर्वेदिक उपचार के बारे जो लेख दिया उसी में पपीता के पत्तों के रस की सेवन विधि बताई गई हैं)
- टमाटर का सेवन करे, इसका रस पिए और सलाद भी लें
- कच्ची गाजर खाये
- लोकि की सब्जी और लोकि का रस पिए
यह सभी पोस्ट्स पड़ें
- इसके लक्षणों के बारे में जान लेने के बाद अब आप इस पोस्ट का दूसरा पेज भी पड़ें, वहां पर इस रोग के इलाज के बारे जरुरी उपाय बताये गए है, इसे आप जरूर पड़ें : NEXT PAGE
इसके अलावा इस बुखार की पहचान कर समय पर इससे ठीक होने के लिए उपाय करना शुरू कर दें, सबसे पहले खून की जांच करवाए उसके बाद बिना समय गवाए आगे कदम बढ़ाये.
तो दोस्तों यह रहे चिकनगुनिया के लक्षण क्या है बताएं, chikungunya ke lakshan batao इनके जरिये आप इस महामारी रोग की आसानी से पहचान कर सकते हैं। साथ ही पानी ज्यादा से ज्यादा पीते रहे तो आपको इससे खतरा कम रहेगा। इसके अलावा अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बाकी उपाय भी करते रहे।