ब्रोंकाइटिस का इलाज और नुस्खे इस रोग में मुंह से लेकर फेंफड़ों तक की सांस लेने की नली में सूजन आ जाती हैं, इसके वजह रोगी के फेंफड़ों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती जिससे शारीरिक समस्या दिन बा दिन बढ़ती जाती है.
इसका उपचार समय पर करवा लेना चाहिए ताकि यह रोग गंभीर न हो जाये. इसके लिए कई व्यक्ति अंग्रेजी दवा मेडिसिन आदि भी लेते है लेकिन कई को उनसे ज्यादा लाभ नहीं होता ऐसे में आपको आयुर्वेदिक नुस्खे का प्रयोग जरूर करना चाहिए आइये आगे इसी बारे में जानते हैं.
ब्रोंकाइटिस में जो फेफड़ों में सूजन आती है वह बैक्टीरिया, धूम्रपान, धूल में सांस लेना, प्रदुषण आदि के कारण पैदा होती हैं. फेंफड़ों की सांस लेने की नली में प्रदूषित पदार्थ को रोकने का काम सिलिया करती है लेकिन यह इस तरह से कोई बैक्टीरिया फेफड़ों में प्रवेश का जाता है तो यह काम करना बंद कर देती है, जिससे सांस लेने की नलियों में बलगम भर जाता है और सूजन, खांसी आदि तकलीफे शुरू होने लगती हैं remedies for bronchitis treatment in Hindi at home.
ब्रोंकाइटिस दो तरह के होते है, पहला एक्यूट ब्रोंकाइटिस होता है जो की सामान्य होता है व यह 10 दिनों के भीतर इलाज करवाने पर ठीक हो जाता हैं. दूसरे प्रकार का क्रोनिक ब्रोंकाइटिस गंभीर होता है यह ठीक होने में महीने अथवा साल लगा देता हैं.
इस प्रकार में ब्रोंकाइटिस के रोगी को सांसे लेने में दिक्क्त होती है आगा इस क्रोनिक स्थिति में Treatment नहीं करवाया जाए तो स्थितियां अत्यधिक कमजोर हो सकती हैं.
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ब्रोंकाइटिस के लक्षण
- गले में खराश होना
- शारीरिक थकान
- नाक बहना
- नाक में जमावट सा महसूस होना
- सर्दी जुकाम व बुखार
- दर्द होना
- दस्त और उल्टिया होना
गंभीर लक्षण
- खासी में खून आना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- खरखराहट की आवाज़ आना
- अत्यधिक थकान होना
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ब्रोंकाइटिस का इलाज के आयुर्वेदिक उपाय
Bronchitis Ka Ayurvedic Ilaj Bataye
ब्रोंकाइटिस के लिए मेथी के दाने 10 ग्राम, बादाम की गिरी 100 ग्राम, कालीमिर्च 15 ग्राम, शक्कर बुरा 50 ग्रामइन सभी चीजों को पीसकर एक साह मिला ले और रोजा रात को सोने से पहले ताज़ा दूध को गर्म करके यह मिश्रण एक चम्मच की मात्रा में मिलाकर दूध पिए. हो सके तो देसी गाय का दूध प्रयोग में लाये.
इसके प्रयोग से कई रोगों का नाश होता हैं. ब्रोंकाइटिस के आयुर्वेदिक इलाज में इसका प्रयोग आपको 1-2 महीने तक अवश्य करा चाहिए सामान्य ब्रोंकाइटिस में एक सप्ताह ही इसका प्रयोग काफी रहता है. यह एक साधारण व असरकारी ब्रोंकाइटिस का घरेलु उपाय हैं.
- सोंठ, कालीमिर्च और हल्दी तीनो वस्तुओं का अलग-अलग चूर्ण बना लें. इन सभी का चार-चार चम्मच चूर्ण लेकर मिला लें और कारक या कांच की शीशी में भरकर अच्छे से ढक्कन लगा कर रख दें. दो ग्राम आधा चम्मच चूर्ण गर्म पानी के साथ दिन में दो बार ब्रोंकाइटिस के रोगी को दें तो घरेलु उपचार में बहुत लाभ होगा.
- ब्रोंकाइटिस के अलावा खांसी, जोड़ों में दर्द, कमरदर्द, हिपशूल में यह घरेलु उपाय लाभदायक रहता हैं. जरूरत के मुताबिक तीन दिन से सात दिन तक लें. पूरा लाभ न हो तो चार-पांच दिन और ले सकते हैं.
- श्वास खास, चिन्तामणिरस, शृंगारस, चंदामृत का रस, सितोपलादि चूर्ण आदि अदरक का रस या शहद से 5 ग्राम की मात्रा में दें. ब्रोंकाइटिस के रोगी को लाभ होगा.
- कफ न निकलने पर छाती पर स्निग्ध, तीक्ष्ण द्रव्यों का गर्म लेप करे. सेहुंड थूहर का पत्ता अथवा आक मदार का पत्ता तेल लगाकर गर्म करके रोगी की छाती पर बांध दें. इन प्रयोगों से पीड़ा कम हो जाती है. यह ब्रोंकाइटिस की दवा की तरह काम करता हैं.
- वासावलेह और च्यवप्राश बकरी के दूध से सेवन कराये और ऐलादी वटी चूसने को दें.
- प्याज के रस में सामान मात्रा में शहद मिलाकर अंगुली से दिन में 4-5 बार चाटें और ताजे प्याज को कूटकर तेज-तेज सांस लेटे हुए सूंघने से शीघ्र आराम होता है.
- अगर सांस लेने में कठिनाई का अनुभव हो तो प्याज के टुकड़ों पर नीबू का रस निचोड़कर खाने से भी तुरंत लाभ होता है. ब्रोंकाइटिस में बाबा रामदेव का इलाज सबसे आसान नुस्खे.
- हल्दी को कूट पीसकर तवे पर भूनकर एक ग्राम हल्दी का चूर्ण अदरक और मधु मिलाकर दी में दो तीन बार चटाने से खासी का प्रकोप शांत होता हैं, व ब्रोंकाइटिस में सुधार होता है.
- हल्दी को थोड़ा सा कूटकर सरसों के तेल में पकाये इसमें लहसुन की कुछ कलियां भी डाल दें. जब हल्दी और लहसुन जल जाए तो तेल को आग से उतारकर, कपडे से छानकर रखें. अब हलका गर्म तेल रोगी की छाती, पसलियों और कमर की मालिश करे. इससे श्वसनिका शोथ ब्रोंकाइटिस का प्रकोप कम होता है, खांसी में बहुत आराम मिलता हैं.
- हल्दी का तीन ग्राम चूर्ण फांककर ऊपर से गर्म दूध पिने से कफ का निवारण होता हैं.
- हल्दी के बारीक़ चूर्ण को वसा और यवक्षार में मिलाकर रखे. तीन ग्राम चूर्ण में शहद मिलाकर चाटने से कफ का सरलता से निष्कासन हो जाता हैं.
- हल्दी को सरसो के तेल में पकाकर बनाये तेल को छाती पर मलने से कफ विकृति नष्ट होती है. श्वास में कठिन नहीं होती.
- कफ की अधिकता से नाक बंद हो जाने पर हल्दी के बारीक टुकड़ों को उपले कंडे पर जलाकर उसके धुएं को नाक द्वारा भीतर ले जाए. ब्रोंकाइटिस में बंद नाक जल्दी ही खुल जाएगी. नाक से स्वास लेने में कोई कठिनाई नहीं होगी.
- दूध में शहद मिलाकर पिए यह जमी हुई कफ को निकालने में मदद करता हैं.
- दिन में तीन बार एक गिलास ताज़ा दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर अच्छे से उबाल लें और फिर एक डेढ़ चम्मच देसी घी के साथ इस दूध को पी जाये. रोजाना के प्रयोग से ब्रोंकाइटिस का सफल उपचार होता हैं.
- 6 ग्राम सोंठ और 16 ग्राम गुड़ इन दोनों को मिलाकर 5-6 सप्ताह तक खाये तो ब्रोंकाइटिस में बहुत लाभ होता हैं.
- रोजाना रात को सोने से पहले लहसुन की कलियों को कुचलकर दूध में डाल दें और इसे अच्छा उबाल लें और पि जाए. इस तरह रोजाना यह प्रयोग करे तो फेफड़ों में मौजूद वायरस बैक्टीरिया जड़ से ख़त्म हो जाते हैं व जिससे ब्रोंकाइटिस अति शीघ्र ही ठीक हो जाता हैं.
बाबा रामदेव पतंजलि की दवा दिव्यधारा
- भांप लेना ब्रोंकाइटिस रोग में बहुत मददगार होती हैं, इसमें दिव्यधारा से अगर भांप ली जाये तो रामबाण लाभ देती हैं. इसके लिए आप पतंजलि स्टोर से “दिव्यधारा” खरीद लाये 30-40 रुपए की मिलेगी. इसके बाद एक बर्तन तपेली में 4-5 गिलास पाने डालकर उसे उबाल लें जब यह अच्छे से तेज उबल जाए तो गैस से उतारकर जमीं पर रख लें अब आप कंबल ओढ़कर बैठ जाए और अंदर ही दिव्यधारा की शीशी को खोलकर उसके रस की 1-2 बून्द उस गर्म पानी में डाल दें.
- अब आपको 10-15 मिनट तक यही बैठे रहना है. शुरुआत के 50 सेकण्ड्स में ऐसी हालत होगी की आपका जी चाहेगा की उठ जाओ लेकिन याद रखे भूलकर भी एक बार जरा सी भांप लेने पर न उठे, बल्कि कंबल के अंदर और गहरी गहरी साँसे ले. यह प्रयोग फेफड़ों में जमे सारे कफ व बंद नाक को एक मिनट में पिघला देगा आप एक बार इसका प्रयोग करके देख सकते हैं.
ब्रोंकाइटिस में क्या खाना चाहिए सफल इलाज के लिए
- ब्रोंकाइटिस में कद्दू की सब्जी ज्यादा खाये
- हरी पत्तेदार सब्जियों का ज्यादा सेवन करे
- शहद पिए यह कफ को पिघलने का काम करता हैं
- गाजर का हलवा व गाजर का अन्य तरह से सेवन भी लाभप्रद रहता है
- ब्रोंकाइटिस में मछली की सब्जी खाये यह फेंफड़ों की सूजन को कम करती हैं
- विटामिन C से भरपूर आहार लेवे
- धूम्रपान बिलकुल भी न करे
- ब्रोंकाइटिस में मूलिं की चाय ब्रोंकाइटिस में बहुत लाभ करती हैं
बचाव
- धूम्रपान करने से बचे
- प्रदूषित जगहों पर न जाए
- पानी ज्यादा पिए
- खुली हवा में ज्यादा सांस ले जैसे बगीचे में, सुबह की हवा
- रोजाना गुब्बार फुलाने चाहिए इससे फेफड़े ठीक होते हैं
- लाल मिर्च, करी का पत्ता और प्याज आदि का उपयोग करे इनके प्रयोग से नाक से पानी व आँख से आंसू निकलते है जिससे फेफड़ों में
- जमा बलगम आदि पिघल कर बाहर निकलता हैं.
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इस तरह आप इन ब्रोंकाइटिस का आयुर्वेदिक इलाज करने के उपाय ayurvedic treatment of bronchitis in Hindi को अपनाये. बताये गए नुस्खों के नियमित प्रयोग से अत्यंत लाभ होता हैं. इस लेख में हमने सभी महत्वपूर्ण जानकारी दे दी हैं. इसके अलावा आप रोजाना सुबह अनुम-विलोमा प्राणायाम भी अवश्य ही करे.
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Asthma>
Sir namste sir hame 1 sal se sas fulti ha aur khabhi khashi bhi ati ha dr . Se ealaze chal rha hai ko zyda aram nahi hai sir batay kya chiz hai sir bronchitis hai ya asthma
Bronchitis ho skta hai mitra
नमस्ते सर मुझे भी सुबह में खांसी बहुत आती हैं तरह भी फूलती है
गले में खराश हमेशा बनी रहती है हालांकि एक आयुर्वैदिक से इलाज हो रहा है लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है मुझे कृपया बताएं कि
यह अस्थमा है या बोर्नकायटिस है और यह बीमारी टी वी के ठीक होने के बाद शुरू हुई है कृपा करके कोई अच्छा सा सुझाव दें