piles homopathic treatment in hindi, बवासीर का होम्योपैथिक इलाज, bawaseer ka homeopathic ilaj, piles homeopathic medicine in hindi

बवासीर का होम्योपैथिक इलाज करने की दवा अभी पड़ें

बवासीर और कुछ नहीं सिर्फ कब्ज का ही एक गंभीर रूप हैं. इसी के बारे में हम यहां आज आपको बवासीर का होम्योपैथिक इलाज इसके आलावा हमने पाइल्स के ढेरों उपाय भी बताये हैं, आप उन देसी उपायों को भी पड़े.

Quick Info : पाइल्स, जिसे हिंदी भाषा में बवासीर भी कहते हैं, यह दो तरह का होता हैं, एक होता हैं “खुनी (bloody piles) इसमें रोगी के मास्सा में से खून बहता हैं, इसे रक्तसिर भी कहते हैं. दूसरा बवासीर होता हैं “बादी” इसमें खून नहीं बहता बल्कि मस्से ही रहते हैं, यह खुनी बवासीर से ज्यादा दर्द देता हैं.

यह बवासीर के मस्से भी दो तरह के होते हैं आतंरिक व बाहरी (internal and external piles) शुरुआत में यह गुदाद्वार के अंदर ही रहते हैं लेकिन अगर समय पर इनका उपचार नहीं किया जाये तो यह मलद्वार के बाहर निकल आते हैं, इसे बाहरी बवासीर कहते हैं.

  • पोस्ट को पूरा व निचे आखिरी तक पड़ें, इसका दूसरा पेज भी जरूर पड़ें.

बवासीर का होम्योपैथिक इलाज बताएं

Bawaseer ka Homeopathic ilaj kya hai

  • यह दर्दनिय रोग पेट में कब्ज लम्बे समय तक बनी रहने पर होता हैं, कई लोगों को यह जेनेटिक्स के वजह से भी होता हैं, लेकिन बवासीर रोग का मुख्य कारण कब्ज, अपचन, मल को रोकना, समय पर शौच न करना आदि ही होते हैं. इस बात को एक शब्द में कहां जाए तो वह है “अनियमित जीवन-शैली ” यानी अप्राकृतिक जीवन. चलिए अब आगे पाइल्स खुनी व बादी बवासीर के लिए होम्योपैथिक दवा medicines के बारे में पढ़ते हैं.

piles homopathic treatment in hindi, बवासीर का होम्योपैथिक इलाज, bawaseer ka homeopathic ilaj

Reckeweg R13 (Homeopathy Treatment)

कब्जियत होने पर, पेट भारी-भारी सा लगने पर, खुनी बवासीर में, गुदाद्वार में खुजली व जलन होने पर, मल का कठोर होने पर, अपचन होने पर, मल त्याग करने के बाद भी दर्द होना आदि इन सभी लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जा सकता हैं.

homeopathic medicine for piles in hindi

  • यह डॉक्टर रेचकेवेग की दवा हैं, इससेउपचार बड़ी आसानी से किया जा सकता हैं. हमने जितने भी लक्षण आपको बताये हैं उन सभी लक्षणों में यह औषधि रामबाण होती हैं. इस दवा को आप दिन में 3 बार 10-15 बून्द एक चौथाई कप पानी के साथ लें. शुरुआत में 10-15 बून्द दिन में 4-6 बार लें, जब आपका बवासीर रोग, पाइल्स पूरी तरह से अच्छा हो जाए तो थोड़े ज्यादा समय तक इसी अनुपात में दिन में दो या तीन बार लेते रहे.
  • खुनी बवासीर (blooding piles) में अगर R31 के साथ में R13 भी ली जाए तो इससे रक्तसिर खून बहने वाले बवासीर में अति लाभ होता हैं. काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं.

  • (1). एकोनाइट 30

बवासीर में एकोनाइट 30 : अगर किसी बवासीर पाइल्स के रोगी को गुदा द्वार में से चमकीले लाल रंग का खून आये तो उसे इस दवा का दिन में 2 बार सेवन करना चाहिए. इसके सेवन से खुनी बवासीर में अति लाभ होता हैं.

  • (2). हैमामेलिस Q 

बवासीर में हैमामेलिस Q : किसी भी पाइल्स के रोगी के गुदाद्वार में से अगर काले रंग का खून निकले तो उसे इस होम्योपैथिक दवा से इलाज करना चाहिए. इस दवा को 10-10 बून्द की मात्रा में दिन में 2 बार सेवन करना चाहिए, ऐसा करने से मलद्वार से काल खून निकलना बंद हो जाता हैं, यह काले रंग का रक्तस्राव का होम्योपैथिक उपाय हैं.

  • (3). डोलिकोस Q 

बवासीर रोग में डोलिकोस Q : खुनी बवासीर (blood piles) में यह homeopathic treatment की दवा बहुत ही लाभदायक होती हैं. इसके मूल आरक की एक एक बून्द दिन में तीन बार लेना चाहिए (बवासीर में खून बहने पर क्या करे).

  • (4) नक्सवोमिका 30 और सुलह 1 एम

बवासीर में नक्सवोमिका 30 और सुलह 1 एम : Homeopathic treatment की यह दवा (medicine) सभी तरह के बवासीर (piles) में लाभप्रद होती हैं. “सल्फर 1M” की एक मात्रा 15 दिन में एक बार सुबह के समय शौच स्नान आदि दैनिक क्रिया करने के बाद खाली पेट “नक्सवोमिका 30” की रोजाना 3 मात्राएं सेवन करनी चाहिए.

विशेष : जब सल्फर 1M दवा का सेवन किया जाए, तो उसके 1 दिन पहले तथा 2 दिन बाद तक कोई अन्य औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसे में यह दवा आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए इस दवा के प्रयोग के एक दिन पहले व दवा लेने के दो दिन बाद तक किसी औषधि का सेवन न करे.

नोट : कई सूर्यास्त के समय नक्सवोमिका 30 तथा सुबह के समय सूर्योदयः से पहले सल्फर 30 देकर भी इस बवासीर रोग का होम्योपैथिक उपचार करते हैं.

  • (5). एसक्यूलस 3 

बवासीर में एसक्यूलस 3 : अगर आप होम्योपैथिक में बादी बवासीर का इलाज खोज रहे हैं, तो आपको बादी बवासीर के लिए इस औषधि से बेहतरीन औषधि मिलना मुश्किल हैं. यह badi piles के लिए सर्वोत्तम हैं. इस दवा का रोगी को दिन में 3 बार सेवन करना चाहिए.

  • (6). म्यूरियटिक एसिड 3 

बवासीर में म्यूरियटिक एसिड 3 : कई बार कम उम्र यानी बच्चों को भी बवासीर रोग हो जाता हैं, ऐसे में छोटे बच्चों के बवासीर पाइल्स का इलाज करने के लिए इस होम्योपैथिक दवा का सेवन करना चाहिए. वयस्कों बड़ी उम्र के व्यक्तियों को नील रंग के मस्से, जिमें स्पर्श असहिष्णुता हो इस लक्षण में दिन में तीन बार इस दवा का सेवन करना चाहिए.

  • (7). इग्नेशिया 200 

बवासीर रोग में इग्नेशिया 200 : कई रोगियों को मल त्याग करते समय जरा सा जोर लगाने पर ही कांच निकल आते हैं और गुदा पर बोझ, दबाव, जलन व दर्द आदि के लक्षणों में रोगी को इस होम्योपैथिक दवा का दिन में एक बार सेवन करना चाहिए.

  • (8).रसटाक्स 30

बवासीर रोग में रसटाक्स 30 : बवासीर में शौच मल टीगा करते समय मस्सों का बाहर निकलना गुदा पर बोझ बने रहने का अनुभव आदि इन लक्षणों में इस दवा को दिन में तीन बार लेना चाहिए. इन लक्षणों में में यह दवा श्रेष्ट मानी जाती हैं.

  • (9). इस्क्युलस 200 

बवासीर रोग में इस्क्युलस 200 : अगर किसी पाइल्स के रोगी को मलद्वार में सुई की चुभन से महसूस होती हो, जलन महसूस होती हो तो रोगी को इस होम्योपैथिक दवा का सेवन करना चाहिए. इसकी विधि आप जहां से यह दवा ख़रीदे वहीं से पता कर सकते हैं.

  • (10). कालिकार्ब 

कालिकार्ब : खुनी बवासीर में (bloody piles), मलद्वार में दर्द होने पर, मलद्वार के चारों तरफ जलन आदि के लक्षणों में कालिकार्ब को लगाना चाहिए. इसके प्रयोग से इन सभी लक्षणों में लाभ होता हैं. बेहतरीन खुनी मस्से का होम्योपैथिक इलाज हैं.

  • (11). मूलेन आयल 

मूलेन आयल : अगर किसी व्यक्ति या बवासीर के रोगी को मलद्वार में खुजली होती हो, यह खुजली चाहे हलकी सी हो या तेज, इसके होने पर रोगी को मूलेन आयल नमक इस दवा का प्रयोग करना चाहिए. यह आसान साधारण सा पर्यायोग आपको अति राहत देगा.

  • (12). रेडियम 12 या फिर 30

बवासीर रोग में रेडियम 12 या फिर 30 : रोगी अथवा किसी भी व्यक्ति को मलद्वार में बवासीर के मास्सा में लगातार खुजली होती हैं तो इस स्थिति में रेडियम 12 या फिर 30 का सेवन करना चाहिए, जलन में जल्द ही आपको रहत महसूस होने लगेगी.

  • (13). आडोरेटा मूलार्क 

आडोरेटा मूलार्क : अगर किसी व्यक्ति को अभी अभी बवासीर (पाइल्स मास्सा) का रोग हुआ हैं तो ऐसे रोगी को इस दवा का सेवन जरूर करना चाहिए. इसकी तीन चार बूंदो के प्रयोग से रोगी को बहुत राहत मिलेगी.

  • (14). एमोनम्यूर 6,30 या 200 

एमोनम्यूर 6,30 या 200 : महिलाओ में मासिक धर्म के समय का बवासीर, मल त्याग के बार मस्सों का बाहर निकलना, कष्टपूर्ण खुजली, खुनी बवासीर (bloody piles), बवासीर के मास्सा का दर्द, गांठ के रूप में कड़ा मल त्याग होना आदि लक्षणों में इस औषधि का प्रयोग लाभदायक होता हैं. मासिक धर्म में बवासीर, पाइल्स होम्योपैथिक ट्रीटमेंट की औषधि इन हिंदी में.

  • (15). लाइकोपोडियम 3,6,30 या 200 

लाइकोपोडियम 3,6,30 या 200 : अगर किसी व्यक्ति को यकृत के रोग के साथ-साथ बवासीर (piles), रक्तस्राव खून बहना या मलद्वार में ज्यादा दर्द हो तो इन लक्षणों में इस औषधि का प्रयोग लाभप्रद होता हैं.

  • (16). सल्फर 3, 4 या 200 

सल्फर 3, 4 या 200 : पुरानी से पुरानी बवासीर, बवासीर में खून बंद हो जाने पर सर दर्द (headache in piles), मलद्वार में डांक मारने जैसी पीड़ा, ज्यादा दर्द होना आदि यह लक्षण हो तो इस होम्योपैथिक इलाज की औषधि का प्रयोग लाभप्रद रहता हैं.

  • (17). हैमामेलिस मूलार्क 

हैमामेलिस मूलार्क : मलद्वार में दर्द, कमर में दर्द, खुनी बवासीर आदि इन लक्षण में इस औषधि के 1 ड्राम मूलार्क को या 2 अथवा 6 पोटेंसी को 8 ड्राम जैतून के तेल (ओलिव आयल) में मलहम बनाकर स्थानीय गुदा में प्रयोग करना चाहिए. इसके प्रयोग से उपयुक्त लक्षण ख़त्म हो जाते हैं.

  • हाइड्रैस्टिस मूलार्क 3 या 200 : पुराने आमवात से पीड़ित रोगी को बवासीर होने की शिकायत में यह औषधि अति उपयोगी होती हैं.
  • हिपर सल्फ 3 या 200 : ज्वर में शीतावस्था तथा उससे पहले पित्ती निकलने तथा बवासीर के तीव्र कष्ट में लाभदायक होती हैं.
  • कॉलिफ्लोर 6 या 30 : गुदा के भीतर मास्सा होना, कांच निकलने का भय तथा कब्ज आदि के लक्षणों में यह कॉलिफ्लोर अति फायदेमंद होती हैं.
  • पालिगोनम मूलार्क : पाखाना पतला, बवासीर में दर्द होना आदि इन लक्षण में दवा के मूलार्क की 5-7 बूंदें दिन में 2 बार सेवन करना चाहिए.
  • आर्सेनिक एल्ब से C.M तक की शक्ति पोटेंसी में : मल द्वार गुदा द्वार में जलन होना, गर्मी तथा मल त्याग के समय कष्ट होने पर इस औषधि का प्रयोग हितकर होता हैं.

दूसरा पेज भी पड़ें :

  • इस पोस्ट का दूसरा पेज भी पड़ें वहां पर आयुर्वेदिक दवाई के बारे में बताया गया है जिन्हे आप घर पर ही बनाकर कुछ ही दिनों में इस रोग से मुक्ति पा सकते है. जरूर पड़ेंNEXT PAGE

हमने यहाँ पाइल्स के बारे में बहुत साड़ी जानकारी दी है, आप उन सभी का भरपूर लाभ उठाये, इसके लिए उन सभी को पूरी तरह अच्छे से पड़ें.

[the_ad id=”5775″]

तो दोस्तों क्या आपको बादी खुनी बवासीर का होम्योपैथिक उपचार medicine & piles homeopathic treatment in Hindi के बारे में पढ़कर कैसा लगा, ध्यान दें : इन दवाओं को किसी भी स्थान से लेते वक्त वहां पर दुकानदार को अपने रोग के बारे में भी बता दें, व एक बार यह भी पूछे की इसे किस तरह से लेना हैं, ऐसा करने से आपको और मदद होगी.

Share करने के लिए निचे दिए गए SHARING BUTTONS पर Click करें. (जरूर शेयर करे ताकि जिसे इसकी जरूर हो उसको भी फायदा हो सके)
आयुर्वेद एक असरकारी तरीका है, जिससे आप बिना किसी नुकसान के बीमारी को ख़त्म कर सकते है। इसके लिए बस जरुरी है की आप आयुर्वेदिक नुस्खे का सही से उपयोग करे। हम ऐसे ही नुस्खों को लेकर आप तक पहुंचाने का प्रयास करते है - धन्यवाद.

23 Comments

  1. Bawaseer kya hota hai ye aapne bahut aache se detail mai samjhaya or bawaseer ke homeopathic treatment batane ke liye Thanks.

  2. सर ऐ दावा कहा मिलेगा मेरे को बवासीर है जो गुदा बाहर निकल रहा है खून नही निकलता है प्लीईस हेल्प कीजिये

  3. Bawasir hai. Dawa ke liye humne kai upay btaye hai aap iske liye bawasir se jude sabhi posts padein jo ki humne yahan par daale hai aapko puri info ho jayegi

  4. sir bht dard krta h aur massa bhr aa gya h kbhi kbhi blood bhi aata h aur uske gol bankr bhr nikla gya h sir mujhe bataiye ye konsa laxan h uska yelaj kaise kru sir aapke pass koi dawa plzz help sir bht dard hota h plzz sir

  5. Haa hmne pichle posts me sab kuch btaya hai aap bawasir piles se related posts padein upar related posts section me jaakar.

  6. Piles internal Hai aur bahut dard bhi Hai. Takleef badhti he jaa rahi Hai. Blood nahi aata Hai. Sulpher leni chahiye ya nahi. Ya Sulpher ke alawa kuchh aur bhi le saktey Hai. Plz reply soon.

  7. Maine piles ka operation karane ke baad blood aarha hai oppression ko one month hua hai iska upchar bataye thanks

  8. Bawasir ke liye kai upay hmne diye hain aap related post section me jakar padh skte hain.

  9. मेरे गुदा द्वार पर मस्से है खुजली और चुभन भी रहती है सुबह को सोच करते समय और बाद में बहुत दर्द होता है। खून कभी कभी आता है। काफी इलाज कराने के बाद भी ये बीमारी दूर नही हो रही है। क्या आपके पास इसका कोई परमानेंट इलाज है। ताकि ये तकलीफ दुवारा न हो

  10. यह बवासीर के ही लक्षण हैं, इसके उपचार के लिए हमने कई घरेलु उपाय दिए हैं आप उन्हें ऊपर Related Post Section और Piles Category Section में जाकर पढ़ सकते हैं.

  11. Sir mujhe guda dwar me khujli hoti h or souch karne k baad bhi aisa lagta h ki pet saaf nahi huwa or souch karte samay guda dwar se gath si nakalti he jise haath se dabakar ander dalna padta he mere pet me kabaj rehti he kya yeh babaseer he yadi h to please koi medition bataye

  12. हमने मस्से बवासीर के लिए घरेलु नुस्खे दिए हैं आप यहां Related Post Section में जाकर बवासीर से सम्बंधित अन्य लेख जरूर पड़ें वहीँ आपको अपनी समस्या का समाधान मिल जायेगा.

  13. मेरे को मसा की बीमारी 10 दिन से है इसका खुब इलाज लिया पर कोई आराम नही आया मेरा पुरा गुदा बाहर आता है और दर्द बहुत है सुजन भी है कर्पया इलाज बताईए

Leave a Comment

Your email address will not be published.

Congratulations !SignUp & Win the Giveaways

We conduct monthly Giveaways.

SignUp here & Get a Chance to win NepalGuru's Gift

We will email you soon. Stay Tuned.

error: Please Don\\\'t Try To Copy & Paste. Just Click On Share Buttons To Share This.