बवासीर से बचने के 10 उपाय – बवासीर से कैसे बचे ?

बवासीर जी हां यहां आप मस्से बवासीर होने से बचने के उपाय के बारे में जानेंगे हम यहां आपको बवासीर से बचाओ के बारे में तरीके टिप्स के बारे में पूरी जानकारी देंगे.

यह रोग जब बढ़ जाता हैं तो बड़ा भयानक लगता हैं लेकिन इसकी शुरुआत भी छोटी ही होती हैं, और अगर कोई व्यक्ति बवासीर को जन्म देने वाली छोटी-छोटी आदतों को बदल लें तो उसे यह रोग कभी हो ही नहीं सकता हैं मस्से होने से कैसे रोके आदि निचे पढ़िए पूरी जानकारी.

जो व्यक्ति अपने पुरे जीवन में बवासीर रोग से बचे रहना चाहता हैं, वह इस रोग के कारणों को मनोयोग से पड़ें और उनसे बचे तो बवासीर रोग उसे कभी भी नहीं होगा. यह याद रखना चाहिए की पुराने मल से आधी या पूरी भरी हुई आंत ही सारे शरीर की विषमता का मूल कारण होती हैं.

मल आंत में जितने अधिक दिनों तक रहता हैं, उतना ही वह सूखा और कड़ा हो जाता हैं और उसका रंग मटमैला हो जाता हैं. फिर धीरे-धीरे इसकी वृद्धि होने लगती इसी से जीर्ण, कब्ज की स्तिथि बनने लगती हैं, जो बवासीर का कारण बनती हैं.

इसलिए अगर कोई बवासीर रोग से बचना चाहता हैं तो वह अपने शरीर में यह स्थिति उत्पन्न न होने दे. इसके लिए निचे के प्रयोगो द्वारा लाभ उठाया जा सकता हैं.

  • पोस्ट को पूरा जरूर पड़ें, जल्दबाजी न करे, निचे तक पूरा पड़ें. जरुरी जानकारी दी गई है.

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बवासीर से बचने के उपाय और तरीके

Bawasir se bachne ka upay btaye

क्या आप बवासीर के आकर प्रकार के बारे में जानते हैं, यह किस तरह के होते हैं आदि, अगर नहीं जानते तो अभी यह जानकारी पड़ें – बवासीर के प्रकार कितने होते हैं ? यहां बताई जा रही यह सभी बाते बवासीर के साथ-साथ कई रोगों को रोकने के उपाय की तरह काम आएंगी. अगर आप इनको अपनाते हैं तो आपको जीवन में कभी गंभीर रोग नहीं होगा.

भोजन में सावधानिया, बवासीर से बचाओ

  1. शौच समय पर हो, इसके लिए समय पर भोजन करना जरुरी हैं. बवासीर से बचने के लिए यह बेहद जरुरी हैं, हर शारीरिक क्रिया को एक समय पर ही करे.
  2. भोजन करने में काफी समय लगाइये. भोजन के समय की चर्वण क्रिया बड़ी आंत के मल को आगे धकेलने में मदद करती हैं.
  3. मैदे की रोटी या पूड़ी भूलकर भी मत खाइये. मसाले से परहेज कीजिये. केवल प्राकृतिक सादा भोजन कीजिये, जिसमें फल सलाद, उबली सब्जी की मात्रा अधिक हो.
  4. मेज की दो चम्मच के बराबर गेहूं का चोकर हर भोजन के वक्त अवश्य लीजिये. ऐसा करने से कब्ज कभी नहीं होगी और अगर होगी भी तो टूट जायेगी.
  5. कब्ज ख़त्म करने वाली दवाइयों का सेवन कभी न करे. जुलाबवली सभी दवाइयां बेहद खतरनाक होती हैं. वे कब्ज को और आगे बढ़ा देती हैं. गेहूं का चोकर और इसबगोल की भूसी आदि निर्दोष दस्त साफ़ लाने वाली वस्तुए हैं. इनका प्रयोग किया जा सकता हैं. ये खाध पदार्थ हैं, दवाये नहीं.
  6. सुबह के समय नाश्ते में नियम से एक सेब या संतरा या अमरुद जरूर लीजिये.
  7. रात को सोने से पहले एक ग्लास गरम पानी एक या आधा कागजी नीबू का रस निचोड़कर पीजिये और फिर सुबह सोकर उठने पर हर समय जब पेट खाली हो तो ठन्डे पानी में नीबू लीजिये.

Quick helpful tips

  • समय पर शौच जाए
  • शौच करते वक्त दबाव न डाले
  • फाइबर का सेवन अधिक करे
  • पानी भरपूर पिए
  • व्यायाम भी करे
  • प्राणायाम करे
  • भोजन चबाकर करे
  • घरेलु नुस्खे आजमाए
  • प्राकृतिक जीवन जिए (रोकने मिटाने)

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Good Bowel Habits and Prevention Of Piles

  • जब शोचकी हाजत महसूस करे तो सारा काम छोड़कर शौचालय फ़ौरन जाए. शोचकी हाजत को हरगिज न दबाये, क्योंकि जब शोचकी हाजत एक बार दबा दी जाती हैं तो फिर वापस बड़ी मुश्किल से होती हैं. इसीलिए व्यक्ति को हमेशा इस बात का विशेष ध्यान होना चाहिए. और हो सके तो आप दोनों समय मल त्याग के लिए जाए, सुबह उठने के बाद व रात को भोजन करने से पहले.
  • ऐसा करने से आपका पेट अच्छे से व पूरी तरह से साफ़ होता रहेगा. अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपको पाइल्स होने से बचने का उपाय, खुनी बादी पाइल्स से कैसे बचे आदि के बारे में सोचने या चिंतन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि यह छोटी सी आदत कई भयंकर बिमारियों से बचाएगी.
  • अगर आपको शौच कम आता हैं तो चौबीस घंटे में तीन बार शौच जाने की आदत डाले – सुबह नाश्ते के बाद, रात में सोने से पहले, सुबह उठने के बाद. इन्हीं तीन समयों पर आंतों का मल शरीर से बाहर निकलने के लिए तैयार रहता हैं. इसीलिए इन समय पर मल त्याग करना आसान और फायदेमंद होता हैं.

शौच का एक फिक्स टाइम

  • बवासीर से बचने के लिए शौचालय रोजाना एक बंधे समय पर जाए और अगर किसी समय शौच की हाजत न भी हो, तब भी शौचालय जाए. यानी रोजाना एक समय पक्का कर ले की मुझे सुबह के इतने बजे शौच जाना हैं, तो रोजाना सुबह उसी समय पर शौच जाए, ऐसा ही दुपहर व रात को भी करे. यह आदत सिर्फ शौच पर ही लागू नहीं होती हैं, बल्कि हर काम पर होती हैं. ऐसा करने से शरीर की आदत बन जाती हैं फिर वह रोजाना उसी समय पर उस क्रिया को करने के लिए तैयार रहता हैं. जिससे शरीर का कार्य अच्छे से हो पाता हैं.

क्या आप शौच में ज्यादा देर नहीं बैठेते

  • अगर आपको मल ठीक से न आये तो शौचालय में देर तक बैठे, कई बार व्यक्ति को बैठने के बाद तुरंत मल आ जाता हैं तो वह कुछ ही देर में शौच से उठ जाता हैं, ऐसी आदत बिलकुल भी सही नहीं होती, क्योंकि पेट में कई सारा मल इकट्ठा रहता हैं लेकिन उसे मल द्वारा तक आने में समय लगता हैं इसलिए शौच में हमे थोड़ा समय तो बैठे ही रहना चाहिए.
  • अगर ज्यादा देर बैठने में मन न लगे तो आप शौचालय में अख़बार पढ़ सकते हैं, मोबाइल चला सकते हैं. याद रखिये, शौच के समय जल्दबाजी ठीक नहीं होती, क्योंकि निष्क्रिय आते बहुत धीरे-धीरे सक्रीय होती हैं. यदि पहली बार शौच न हो तो फिर से शौचालय जाए, बवासीर से कैसे बचे.

शौच में बैठने का ढंग

  • शौचालय बैठक पर शौच करने बैठिये, तब आरामदेह आसान से बैठिये. अगर अंग्रेजी के कामोड़पर बैठकर शौच करना हो तो आलथी पालथी मारे हुए शौच करना ठीक रहता हैं. शौच में बैठने का ढंग अहम् भूमिका निभाता हैं, इसलिए शौचालय में बैठने पर ध्यान दें.

Prevention tips for piles – शौच के वक्त पेडू की बायीं तरफ निचे की और बंधी मुट्ठी से दबाव डालने से शौच अक्सर आसानी से हो जाता हैं.

शौच करते समय दबाव Avoid straining

  • शौच करते समय मल को बाहर निकालने के लिए अतिरिक्त जोर लगाने की आदत भी बवासीर रोग को जन्म देती हैं. इसलिए बवासीर से बचने के लिए यह बात खासकर ध्यान में रखे की शौच करते समय किसी भी तरह का दबाव न डाले, इस क्रिया को प्राकृतिक रूप से ही होने दें.

फाइबर का सेवन ज्यादा करे

फाइबर शरीर में मल क्रिया को सरल बनाता हैं, यह पाचन तंत्र के अंगों में ऑइल की तरह काम करता हैं, जिससे शरीर के अंग तेजी से व अच्छे से काम करते हैं. शरीर में फाइबर पदार्थ की कमी होने पर ही व्यक्ति को कब्ज, अपचन आदि रोग होते हैं. अगर आप रोजाना भरपूर मात्रा में फाइबर का सेवन करेंगे तो कब्ज, अपचन, मल न आने की परेशानी, पेट साफ़ न होने की परेशानी आदि सभी दूर हो जायेंगे.

फाइबर खासकर मल को शरीर से पूरी तरह बाहर करने में बड़ी अहम् भूमिका निभाता हैं. इसीलिए इसका सेवन कब्ज, बवासीर, एसिडिटी, अपचन आदि के रीजों के लिए बहुत जरुरी होता हैं. एक आम व्यक्ति को रोजाना कम से कम 25 से 30 ग्राम फाइबर जरूर लेना चाहिए. रोजाना पर्याप्त मात्रा में फाइबर लेने के लिए कौन-कौन से फल सब्जियां आदि लेना चाहिए इसके बारे में निचे देखिये.

  • Fruits – Apples, Bananas, Guava, Kiwis, Mangoes, Oranges, Papaya, Peaches, Pear, Strawberries etc.
  • Vegetables – Avocado, Beets, Broccoli, Corn, Carrots, Green Cabbage, Spinach, Sweet potatoes, Tomatoes etc.
  • Beans & Peas – Black beans, Black eyed peas, green beans, green peas, lentils, lima beans, navy beans, peas, pinto beans etc.
  • Grains – Brown rice, Buckwheat groats, Millet, Oats, Pearl Barley, Quinoa, Rye flakes, Wheat, Whole Grain, Wild rice etc.
  • Nuts & Seeds – Almonds, Brazil nuts, Chia seeds, Flaxseeds, Peanuts, Pecans, Pumpkin seeds, Sunflower seeds, Walnuts etc.

व्यायाम कीजिये एक्सरसाइज

  • एक्सरसाइज से शरीर की मांसपेशियों पर जो खिंचाव पढता हैं, वह हर तरह से शरीर को स्वस्थ्य बनाये रखने में बहुत मददगार होता हैं. इसीलिए ऐसा कहा जाता हैं की अगर “आप सेहत बनाये रखना चाहते हैं तो रोजाना शारीरिक श्रम करिये”. इसके लिए GYM भी Join कर सकते हैं, weight lifting भी सेहत के लिए बहुत अच्छी होती हैं, इससे शरीर में जो ख़राब पदार्थ होते हैं, वह पसीने के जरिये बाहर निकल जाता हैं.
  • प्राचीन ग्रंथों व आयुर्वेद शास्त्रों में भी बताया गया हैं की हमे रोजाना इतना श्रम करना चाहिए की हमारा पूरा शरीर पसीने से भीग जाए. जब शरीर के सभी अंगों से पसीना निकल जाता हैं तो आपको तुरंत शरीर हल्का मालुम होने लगेगा.

यह व्यायाम भी कजिये – जमीन पर चित्त लेट जाइये. दोनों एड़ियों को मिला लीजिये. दोनों बांहो को लम्बा करके बदन से सटा लीजिये. अब दोनों पैर बिना मोड उठाकर सिरकी और जितनी दूर ले जा सकें, ले जाइये. इस क्रिया को रोज सुबह शाम 10-20 बार कीजिये. 3-4 मिल रोज टहलिए या बागवानी आदि और कोई व्यायाम या श्रम का काम कीजिये.

सांस की कसरते प्राणायाम

Kapalbhati Pranayama
  • रोज कई बार सांस की कसरते करने की आदत डालिये. इन कसरतों से उदार प्राहिरापर एक प्रकारका दबाव पड़ता हैं. जो आंतों के मल को धकेलकर आगे बढ़ाता हैं. इसमें बवासीर से बचने के लिए आप कपालभाति प्राणायाम व बाह्मी प्राणायाम यह दोनों कर सकते हैं. अगर आप बवासीर के गंभीर रोगी हैं तो कपालभाति को रोजाना 30 मिनट्स तक कीजिये, सप्ताह भर में ही आपको ढेर सारा आराम महसूस हो जाएगा.

स्नान मालिश (Morning Bath)

  • सबेरे सूर्योदयः पहले ही ठन्डे जल से रोज स्नान करे और उसके पहले और बाद में शरीर की सुखी मालिश करे. इसके साथ ही हमने बवासीर के लिए प्राकृतिक तरीके बताये हैं आप इन्हें भी पड़ें. यहां हमने बवासीर से बचने के तरीके जो की 100% प्राकृतिक हैं, इनके बारे में बताया हैं. इन उपायों से आप घर पर ही बवासीर पाइल्स के रोग से छुटकारा पा सकते हैं. आप इस जानकारी को एक बार जरूर पढियेगा, क्योंकि यह बहुत ही सरल चिकित्सा हैं.

चिंता त्याग – बचने के लिए मानसिक शांति भी बनाये

  • किसी भी तरह की चिंता आदि को अपने मस्तिष्क में स्थान मत दीजिये. क्योंकि परेशानी, डर, क्रोध, अनिद्रा, नाड़ी दौर्बल्य आदि ऐसे मानसिक उद्वेग हैं जो मल को आंतो द्वारा निचे उतरने नहीं देते. अगर आपको कोई चिंता घेरती हैं तो आप एकांत में जाकर ब्रह्मारी प्राणायाम कर सकते हैं यह प्राणायाम आपको तुरंत मानसिक शांति देगा. इसके साथ ही अपने आपको शांत बनाये रखने की कोशिश भी करे. इसके साथ ही रोजाना सुबह 10 मिनट के लिए ध्यान भी करे, किसी भी स्थिति में बैठकर अपनी आती जाती स्वांस को देखे, बस यह छोटा सा प्रयोग धीरे-धीरे आपको पूरी तरह शांत कर देगा, फिर धीरे-धीरे आप दिन में भी शांत रहने लगेंगे.

पानी भरपूर मात्रा में पिए (कैसे दूर करे बचे)

  • बवासीर का बचाव एक तरह से बहुत ही आसान हैं, अगर आप छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखे तो आपको यह रोग हो ही नहीं सकता. अब बात आती हैं पानी की, पानी एक ऐसा पदार्थ हैं जिसकी हमे जीने के लिए सख्त जरूरत होती हैं, फिर चाहे आप बीमार हो या स्वस्थ पानी तो पीना ही होगा.
  • आप बवासीर रोग में जितना ज्यादा पानी पिएंगे, और अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखेंगे उतनी ही कम परेशानी आपको शौच के समय होगी. इससे शरीर का पाचन भी सही बना रहेगा, और मल त्याग के समय किसी भी तरह का ज्यादा कष्ट नहीं होगा. कई बार बवासीर के साथ-साथ रोगी को पथरी भी हो जाती हैं, और बवासीर में पथरी होने से बचने के लिए पानी एक बेहतरीन उपाय हैं. यह किसी भी खराब पदार्थ को शरीर में नहीं रुकने देता व तुरंत मल मूत्र के जरिये उन्हें बाहर निकाल देता हैं.

उष्ण पान कीजिये – दिन भर पिए जाने वाला पानी उतना लाभ नहीं देता जितना की सुबह उठने के तुरंत बाद पिया गया पानी. यानी सुबह उठने के बाद पिए गए पानी से शरीर की सेहत बहुत अच्छी रहती हैं, यह शरीर के मेटाबोलिज्म को बूस्ट करता हैं. ऐसा दिन के समय पिया गया पानी नहीं करता, वह सिर्फ शरीर की प्यास बुझाता हैं. इसलिए आप एक आदत डालिये की रोजाना सुबह उठने के तुरंत बाद पेट भरकर पानी पीजिये, अगर आपको कब्ज भी होगा तो इस क्रिया से कुछ ही सप्ताह में आपको फर्क दिखने लगेगा.

भोजन चबाकर कीजिये (Chew Food Properly)

  • मांस खाने से बचे व जो भी भोजन आप ग्रहण करते हो उसे अच्छे से बारीक-बारीक चबाकर खाये, ताकि शरीर को उसे पचाने में ज्यादा परेशानी न उठाना पड़ें. ऐसा माना जाता हैं की बवासीर के रोगी को भोजन के दौरान घूंट-घूंट पानी पिटे रहना चाहिए, क्योंकि बवासीर का रोग मल का कड़ा होने से होता हैं इसीलिए बवासीर के रोगी को भोजन के समय भी पानी पीते रहना चाहिए ताकि उसका भोजन पेट में जाकर ठोस न बने.

उम्मीद हैं दोस्तों आपको बवासीर से बचने के तरीके, bawasir se bachne ka upay btaye kya hai को पढ़कर अच्छा लगा होगा. इसके साथ-साथ हमने पाइल्स पर जो अन्य जानकारियां दी हैं उन्हें भी पड़ें. अगर आप बताये गए bawaseer se bachao यानी छोटी-छोटी आदतों का ध्यान रखेंगे तो आपको जीवन में कभी गंभीर रोग नहीं होगा.

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21 Comments

  1. Sir jyada khoon aata ha gada pehle kam tha ab jyada Ane lag Gaya aaj hi Aya ha plz kuch batao

  2. Sir mere letring bali jagah par khujli hoti h or ye raat ko jyada hoti h kya ye babaseer ke lakhad h

  3. Upay humne dusre post me diye hai aap related post section me jaakar us post ko padein.

  4. Good information for constipation,cause of piles it is very helpful for the community to prevent the deasese

  5. very very thank you sir aapki btai gai in baayo ko agar hr vykti follow kre to use kbhi koi bimari hi na ho god bless u sir

  6. Aapne step-by-step krke bahut achha explain kiya. So thanks and keep up the good work.

  7. बहुत अच्छा पोस्ट लिखा आपने. इसी तरह से अच्छे-अच्छे पोस्ट लिख कर सहायता करतें रहिये, धन्यवाद सर.

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