तुरंत पेट दर्द का इलाज बताएं पेट दुखना असहनीय रोग होता है, यह रोगी का कुछ ही देर में मुंह लटका देता है. यह कई वजहों से हो सकता है, वैसे आज के समय में हमारे जीवनशैली बहुत बिगड़ गई है जिस वजह से कब्ज, गैस, एसिडिटी, नाभि खिसकना आदि होते ही रहते है.
हम यहां आपको इस दर्द से घर पर ही आसानी से तुरंत छुटकारा दिलाने वाले आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे बताएंगे जिनके जरिये आप बड़ी आसानी से घरेलु उपचार का सकेंगे. पेट के ऊपरी हिस्से निचले भाग नाभि के पास पेट के दाहिने बाईं ओर पेट के निचले हिस्से में दर्द आदि सभी के बारे में पूरी डिटेल से बताएंगे.
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इस पोस्ट को पूरा निचे तक व ध्यान से पड़ें, जल्दबाजी न करे.
- सामान्य कारण
- अमाशय में ज्यादा अम्ल बनना, पेट में बैक्टीरिया का फैलाव होना, कीड़े होना, जिगर का बढ़ जाना आदि इन कारणों से सामान्यतः: पेट में दर्द होता हैं.
- नाभि में दर्द होने का कारण
- आंतों में कीड़ें लगने की वजह से
- नाभि के ऊपर का दर्द
- गैस बनने की वजह से
- ऊपरी हिस्से व दाई तरफ
- यह दर्द जिगर में तकलीफ होने के वजह से होता है
- नाभि में दाई तरफ
- यह किडनी में दर्द होने के वजह से होता है
पेट दर्द के प्रकार –
यह दर्द करीबन आठ प्रकार का होता हैं जो की निम्न हैं –
- वातोदर – पेट में गैस के वजह से होता हैं
- जलोदर – पेट में अत्यधिक पानी भरने की वजह से
- पित्तोदर- पित्त के वजह होता है
- कफ़ोदर – कफ के वजह से होता है
- सन्निपतोदर – यह भी सन्निपात के वजह से होता है
- प्लीहोदर – प्लीहा से होता है
- कब्ज – यह कब्ज, अपचन, मलावरोध से होता है
- घाव – पेट में घाव से होने वाला दर्द
- इन सब के पीछे सिर्फ एक ही कारण और वह हैं “अनियमित जीवन शैली” देखिये अगर समय समय पर मशीनों की भी देखभाल न की जाए तो वह भी ख़राब हो जाती हैं तो फिर हम तो इंसान हैं हमे तो और भी नियमित ढंग से जीना चाहिए. लेकिन इस आधुनिक सदी में प्रत्येक मानव ने अपना जीवन बिगाड़ रखा हैं जिसके चलते यह रोग होने लगे हैं.
- पेट के रोगों से बचने के लिए ज्यादा पानी क्यों पीना चाहिए जब हम भोजन करते हैं तो हमारे शरीर अच्छे बुरे दोनों तरह के पदार्थ पहुंचते हैं, ऐसे में अगर व्यक्ति भरपूर पानी न पिए तो यह पदार्थ पेट में ही रह जाते हैं. और धीरे-धीरे पेट में तकलीफ पैदा शुरू कर देते हैं. अगर भरपूर पानी पिया जाये, शरीर को तरल बना कर रखा जाए तो समय-समय पर पानी से पेट की सफाई होती रहती हैं जिससे पेट में से ऐसे ख़राब पदार्थ बाहर निकल जाते हैं.
- यानी पानी पेट को साफ़ रखता हैं इसलिए हमे पानी ज्यादा पीना चाहिए) पानी ही पेट दुखने की समस्या का सही समाधान हैं. आपको पेट दर्द का घरेलू उपचार में ज्यादा पानी पिने का महत्त्व समझना ही होगा नहीं तो आपको बार बार पेट दुखने की समस्या होती रहेगी.
- इस पोस्ट को पूरा पड़ लेने के बाद यह भी जरूर पड़ें :
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कारण – पेट दर्द क्या और क्यों होता हैं
- इसके पीछे ज्यादातर 2 बातें होती हैं 1. बिना साफ़ सफाई का भोजन खाना जैसे – गन्दा भोजन, कई बार हम बाजार की चीजों का सेवन कर लेते हैं, उन पर धूल उड़ रही होती हैं और वही धूल उस आहार पर आकर जम जाती हैं और उसी का हम सेवन कर लेते हैं. मधुमक्खियों का भोजन पर बैठना आदि.
- तो धुल और मधुमक्खी आदि यह जब आहार पर आती हैं तो यहां आकर बैक्टीरिया को जन्म देती हैं. और जब हम ऐसे भोजन का सेवन करते हैं तो यह पेट दर्द की वजह बन जाता हैं. इस वजह से पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेट के बिच में दर्द व दाई-बाई तरफ दर्द भी हो सकता हैं.
- इसके साथ ही बिना हाथ धोये किसी भी चीज का सेवन करना भी पेट के रोगो को जन्म देता हैं. कई लोगों की आदत होती हैं की वह कुछ खाने के पहले आलस्य के वजह से हाथ भी नहीं धोते. हम आपको बता दें की ऐसी आदत सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाती हैं. जितनी गंदगी से भरा जीवन आप जियेंगे आपकी चेतना उतनी ही कमजोर होती जाएगी. आप का दिमाग तेज नहीं हो पायेगा.
- गन्दा पानी पीना, कई दिनों की रखी बोतल का पानी
- ज्यादा कोल्ड ड्रिंक्स पिने से भी पेट के ऊपरी हिस्से आदि कई भी दर्द बन जाता हैं
- भोजन को ठीक से न पचाने से भी यह शिकायत होती हैं
- भोजन करने के तुरंत बाद ज्यादा पानी पिने से
- कच्ची रोटी व सब्जी खाने से भी पेट में गंभीर रोग हो जाता है
- किसी भी तरह के कच्चे भोजन का सेवन करना
- पूरी तरह से पेट साफ़ नहीं होने की वजह से
- भोजन करते समय बार-बार पानी पिने से भी पेट के बीच मे दर्द बनता है
- कब्ज, अजीर्ण, अपचन, बदहजमी आदि रोग के वजह से
- पेट की अंतड़ियो (आंतो) के कमजोर होने से
- पेट में गैस बनने के वजह से
- शरीर में पानी की कमी के कारण
- ठंडा दूध पिने से भी पेट में दर्द जैसी शिकायत होने लगती हैं
- ठीक तरह से मल निष्कासन नहीं करना (समय पर लेटरिंग नहीं जाना)
- पाचन तंत्र की कमजोरी व गड़बड़ी
- पेट में सूजन, छोटी बड़ी आंतों की सूजन
- पेट में पथरी की शिकायत होने से भी दर्द होता है
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जितने हमने पेट दर्द के रोगियों को देखा हैं उनमे से 80% रोगियों को दर्द सिर्फ इसलिए होता था क्योंकि वह पानी कम पीते थे, भोजन करते वक्त हर कौर के बाद पानी पीते थे, भोजन को ठीक से चबाकर नहीं खाते थे, समय पर शौच नहीं करते थे और कुछ की पाचन शक्ति कमजोर थी इसलिए उन्हें यह शिकायत होती थी और बाकी कुछ ऐसे भी थे जिन्हें पेट में सूजन आदि के वजह से दर्द होता था.
पेट दर्द का इलाज बताएं क्या है
Pet Dard Ka ilaj bataye kya hai
- अदरक के एक छोटे टुकड़े को मुंह में रख कर चूसे
- अदरक के रस की पेट पर दर्द वाली जगह पर मालिश करे
- दो चम्मच नीबू रस, एक चम्मच अदरक का रस, 1 चम्मच शहद तीनो को मिलाकर पिए.
- मूली को काटकर उसमें नमक और कालीमिर्च मिलाकर उसे खाये तो पेट से जल्द राहत मिलेगी.
- चार ग्राम जीरे को रोटी बनाने के तवे पर गर्म कर के भून लें फिर इसे गुनगुने पानी में डालकर पिए, ऐसा तीन बार करे.
- एक दो चम्ममच इसबगोल को गुनगुने पानी के साथ ले, इसे दूध के साथ भी ले सकते है.
2-5 मिनट में छुटकारा
- घरेलु त्रि चूर्ण
- घरेलु उपचार में आधा चम्मच अजवाइन, जरा सा नमक, जरा सी चीनी इन तीनो को अच्छे से मिलाकर एक गिलास पानी में मिलाये व ऊपर से इस पानी में एक ताजा नीबू निचोड़ दें. अच्छे से घोलकर इस नुस्खे का सेवन करने से पेट दुखना बंद हो जाता है..
कालीमिर्च, अजवाइन और हींग
- 1 चुटकी हींग, 2 चुटकी कालीमिर्च और जरा सी अजवाइन. इन तीनो का चूर्ण को अदरक के रस में मिलाकर शहद के साथ चाटने से पेट दर्द का घरेलु उपचार होता हैं. जल्दी आराम पाने के लिए इस उपचार का प्रयोग जरूर करें घरेलु इलाज में यह बहुत असर करता है.
नीम की छाल
पेट के घरेलु नुस्खे में नीम की छाल 20 ग्राम को 250 ग्राम पानी में ओटाए. जब 60 ग्राम पानी बाकि रह जाए तब उसमें आधी रत्ती हींग और 10 ग्राम शुद्ध देसी शराब डालकर रोगी को पीला दें. इससे चाहे कैसा भी दर्द हो इसके सेवन से तुरंत राहत मिलेगी.
- (2) नीम के पैड की छाल उतारकर इसकी सफ़ेद रंग की अन्तरछाल लगभग 50 ग्राम लेकर 500 ग्राम पानी में डालकर उसमें खाने वाला नमक 10 ग्राम डाल दें और जब उबाल आ-आकर आधा बाकी रह जाए तो उसे छानकर चाय की भांति रोगी को गर्म-गर्म पिलाये. यह काढ़ा रोगी के पेट में पहुंचते ही दर्द रफूचक्कर हो जाता हैं. इसीलिए इस घरेलु नुस्खे को पेट दर्द ठीक करने का इलाज में बहुत असरकारी माना जाता है.
कंबल का टुकड़ा
- घरेलु उपचार में कंबल का एक टुकड़ा लेकर आग लगा दें. जब कम्बल बिलकुल जल जाए तो बारीक पीसकर रख लें. जब रोगी अत्यंत पीड़ित हो तो इसे 6 ग्राम की मात्रा में ताज़ा पानी में घोलकर पीला देने से तुरंत लाभ होता हैं. सावधानी :- कम्बल जलाते समय उससे दूर रहे क्योंकि इसमें से बहुत बुरी बदबू आती हैं जो की हमारे लिए हानिकारक होती हैं.
अमृतधारा
- अमृतधारा 4 बून्द बताशे (बताशे न हो तो मीठी मिश्री में डालकर खा सकते है) में डालकर खाने से पेट दर्द से तुरंत राहत मिलती हैं. इसे आप घर पर भी बना सकते हैं – (अजवाइन सात, कपूर और पिपरमेन्ट सभी को 25-25 ग्राम, छोटी इलाइची का तेल, दालचीनी का तेल, लौंग का तेल इन सभी को 10-10 ग्राम लें, या सभी दवाई साफ़ स्वच्छ शीशी में डालकर 10-15 मिनट तक अच्छे से हिलाये. यह सभी वस्तुए मिलकर ‘अमृतधारा’ बन जाएंगी. यह पेट दर्द के चूर्ण का रूप ले लेंगी. खांसी, जुकाम, बदहजमी,पेट में होने वाला दर्द, दर्द, हैजा, दांत दर्द, बिच्छू दंश आदि इन सभी रोगों में रामबाण इलाज के भांति काम करेगी)
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मदार से करे समाधान
- आक के फूल 100 ग्राम और आक की जड़ की छाल 50 ग्राम इन दोनों को खूब महीन यानी बारीक़ पीसकर और आक पत्र के स्वरस के साथ घोंटकर आधा-आधा रत्ती वजन की गोलियां बनाकर सुरक्षित रख लें. यह 1 से 4 गोली तक गर्म पानी व सौंफ के अर्क के साथ सेवन करने से इस घरेलु इलाज से लाभ होता हैं.
- पेट में जहां भी तेज दर्द होता हैं, उस जगह पर आक (मदार) के पत्ते पर पुराना घी चुपड़कर और उसे गर्म करके रख दें. फिर ऊपर से गर्म किया हुआ रुई का नामा या फलालेन के टुकड़े द्वारा पत्ते का ऊपरी भाग कसकर दबाकर कुछ समय तक सेंक कर सेवन करने से पेट दर्द का तुरंत इलाज होता हैं.
- घरेलु उपचार में आक (मदार) की जड़ की छाल को चाय में शुष्क कर उसमें सामान मात्रा में सौंफ मिलाकर महीन चूर्ण तैयार कर लें. इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में 2-3 बार सेवन करने से (उदर शूल) उदर में हो रहे दर्द में आराम मिलता हैं.
अश्वगंधा चूर्ण
- केवल अश्वगंधा चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में गुन-गुने पानी के साथ खाने से दर्द दूर हो जाता हैं. अनुभूत प्रयोग हैं. यह प्रयोग गर्भवती स्त्री के पेट दर्द के लिए सबसे अच्छा उपाय हैं. अगर इस चूर्ण में 1 ग्राम इलाइची के बीज का चूर्ण तथा 2 रत्ती शंख भस्म भी मिला दी जाए तो कैसा भी पेट का दर्द हो 1 घंटे के अंदर ख़त्म हो जाता हैं.
पाषाणभेद
- पाषाणभेद पत्र स्वरस की 5-6 बूंदो में शक्कर या मिश्री मिलाकर सेवन करने से जल्द ही आराम मिलता हैं. यह घरेलु उपाय बच्चों के लिए भी बहुत ही उपयोगी होता है.
अजवाइन
- अजवाइन पेट के रोगों के लिए बहुत असरकारी होता हैं. इसका पेट के रोगों के लिए कई तरह से उपयोग किया जाता हैं, जिसमे सबसे सरल यह हैं – अजवाइन का चूर्ण खाकर ऊपर से गर्म पानी पिने से पिए तो बहुत ही राहत मिलती है.
इमली
- इमली के ऊपर की सुखी छाल जला लें. यह भस्म 3 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ खाने से दर्द में तुरंत राहत मिलती हैं, पेट दर्द दूर होता हैं.
गोदूध और साफ़ पानी
- गोदूध और साफ़ पानी दोनों 200-200 मि.ली तथा साबुत सुखी लाल मिर्च को बीज सहित लें. और इन सभी को एक बर्तन में डालकर धीमी आंच में पकाये. जब पानी जलकर दूध मात्रा शेष बचे तब खूब निचोड़कर व छानकर काफी मात्रा में चीनी मिलाकर गर्म-गर्म वायु से उत्पन्न उदर शूल के रोगी को पिलाने से पुराने से पुराने तेज पेट दर्द भी मिट जाता हैं.
इमली की सफ़ेद राख
- अगर अपचन होकर पेट में दर्द होता हो तो इमली की सफ़ेद राख 3-4 ग्राम और अजवाइन 4 रत्ती तक शहद के साथ मिलाकर चाटने से दर्द तुरंत ख़त्म होता हैं. सरल आयुर्वेदिक पेट का दर्द तुरंत दूर करने के लिए घरेलु नुस्खे में से एक हैं. (इमली की सफ़ेद राख यानी इमली को जलाने के बाद बनने वाली राख)
अलोएवेरा के पत्ते
- पेट दर्द होने पर क्या करे तो इसके लिए अलोएवेरा के एक पत्ते को छानकर उसका गुदा निकालकर तथा चीनी मिलाकर रोगी को खिला दें. इस आसान से प्रयोग से (अगर नाभि के आस पास या उससे निचे की तरह हो तो) 5 मिनट में पेट दर्द ख़त्म हो जाता हैं.
- अलोएवेरा का गुदा
- घरेलु उपचार के लिए ग्वारपाठे का गुदा 4 किलो और कलमीशोरा 1 किलो लेकर व मिलाकर मिटटी के बर्तन में मुखमुद्रा कर धीमी अग्नि पर रख दें. 4 से 6 घंटे के बाद ठंडा होने पर अंदर की दवा को निकालकर पीसकर सुरक्षित रख लें. इसे 1 ग्राम की मात्रा में रोगी को खिलाने से अत्यंत लाभ होता हैं. अलोएवेरा instant पेट दर्द का इलाज के साथ-साथ और भी कई अन्य लाभ देता है, गैस, कब्ज, एसिडिटी, अपचन से हुए पेट दर्द में यह तुरंत राहत दिलाता है.
दूध में नीबू का रस
- नीबू से घरेलु इलाज में रोजाना रात को सोते समय 125 ग्राम दूध में 1 नग नीबू का रस निचोड़कर अगर एरण्ड तेल डाला जाए तो एरंड तेल (Castor oil) का बेकार स्वाद गायब हो जाता हैं, जिससे यह स्वादिष्ट लगने लगता हैं. नीबू के रस की जगह पर अदरक का रस भी डाला जा सकता हैं. इस प्रकार कम मात्रा में धीरे-धीरे लेते रहने से दर्द हमेशा के लिए दूर हो जाता हैं.
पेट दर्द का इलाज : आयुर्वेदिक
अफीम और कर्पूर
- अफीम और कर्पूर आधा-आधा रत्ती एवं खाने वाला सूखा चुना 4 रत्ती खरल में घोट पीसकर खाली कैप्सूल में भर लें अथवा गोली बना लें. इसकी एक ही मात्रा में रोगी को खूब आराम मिल जाता हैं. अगर 1 घंटे बाद भी पेट दर्द अनुभव हो तो दूसरी बार फिर से इस नुस्खे का सेवन करवाए. उपाय में यह भी फटसे राहत दिलाता है.
Citric acid
- नीबू सत्व (Citric acid) 3 ग्राम और कलमी शोरा 5 ग्राम. इन दोनों को लेकर बारीक पीस लें. इसे 25 ग्राम मिश्री के शरबत में मिलाकर पिए. सिर्फ 1-2 मात्राओं में ही दूर हो जाएगा, पूरा आराम मिल जायेगा.
- रोजाना रात को सोते समय एक गिलास दूध में 1 चम्मच इसबगोल की भूसी मिलाकर खाना चाहिए. इसका सेवन करने से पेट दर्द नहीं होता व सुबह पेट पूरी तरह साफ़ होता हैं. कब्ज, अजीर्ण, बदहजमी आदि रोगों में भी यह बहुत असरकारी होती हैं.
अदरक की चाय
- एक कप पानी में एक नीबू को निचोड़ लें. अब इस पानी को करीबन 10 मिनट तक उबाले. इसके बाद अपने स्वाद के मुताबिक शहद मिलाये व फिर छान लें. अगर आपका कमजोर पाचन तंत्र के वजह से पेट में दर्द होता हैं तो यह अदरक की चाय आपके लिए बहुत लाभदायक होगी. यह पेट के संक्रमण को भी दूर करती है.
सौंफ का उपयोग
- घरेलु उपचार के लिए 1 चम्मच सौंफ को बारीक पीसकर आधा ग्लास पानी में 11-12 मिनट तक उबाले. इसके बाद में इसमें स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़ी सी शहद मिलाये. इसके सेवन से बहुत आराम मिलता हैं. इस घरेलु उपाय का सेवन पेट दर्द के लिए दिन में तीन बार करे.
- इसके साथ ही सुबह शाम भोजन करने के बाद 2-3 चम्मच सौंफ का सेवन जरूर करे. इसके साथ ही सौंफ में मिश्री मिलाकर खा सकते हैं. रोजाना इसका प्रयोग करने से भोजन अच्छे से पचता हैं व एसिडिटी, पेट में होने वाला दर्द , कब्ज आदि से धीरे-धीरे हमेशा के लिए छुटकारा मिलता हैं.
हींग
- हींग का पेट दर्द के उपाय सबसे आसान हैं. एक चुटकी हींग लें और इसे एक ग्लास पानी में मिला लें. स्वाद के लिए थोड़ा सा सेंधा नमक भी मिला दें. अब इस आयुर्वेदिक नुस्खे का दिन में तीन बार सेवन करे. यानी सुबह, दुपहर और शाम. पेट दर्द के दौरान भी उपयोग कर सकते हैं. यह हर रसोई घर में आसानी से मिल जाती है इससे घरेलु इलाज जरूर करे.
बेकिंग सोडा
- एक ग्लास पानी में एक नीबू को निचोड़कर एक चम्मच बेकिंग सोडा मिलाये इसके साथ ही इसमें थोड़ा सा नमक भी मिलाये. इस सब को अच्छे से मिला लें. पेट दर्द के दौरान व दिन में 3 बार इस नुस्खे का प्रयोग करे. हाई ब्लड प्रेशर वाले इसका उपयोग न करे.
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- पेट दर्द दूर करने की दुआ और 5 मंत्र
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- उलटी रोकने के उपाय
- तुरंत एसिडिटी ठीक करने का इलाज
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चावल का पानी
- यह पेट दर्द का आयुर्वेदिक उपचार बहुत ही प्रचलित है. इसके लिए 1/2 कप चावल लेकर अच्छे से धोये. अब तपेली यानि बर्तन में 5-6 कप साफ़ पानी डाले व उसमे यह चावल भी मिला दें. अब इनको तब तक उबाले जब तक यह चावल नरम न हो जाए इसके बाद इसमें भरा हुआ पानी अलग निकाल लें. इस पानी में 1/2 चम्मच शहद मिलाये. अच्छे से मिलाकर इस चावल के पानी का सेवन करे. पेट के बीच मे दर्द में भी यह असर करता है.
- सन्निपात के कारण होने वाले दर्द के लिए – सेंधा नमक, सोंठ, जवाखार और कालीमिर्च इन सभी को मिलाकर अच्छे से पीस लें. अब एक ग्लास छाछ में इन सभी को डालकर अच्छे से मिलाकर पिए इससे सन्निपात के वजह से हो होने वाला पेट दर्द दूर होता हैं.
स्वदेशी मिश्रण चूर्ण
- काला नमक 3 ग्राम, हींग 2 ग्राम, कालीमिर्च 5 ग्राम और अजवाइन 10 ग्राम. इन सभी को लेकर अच्छे से मिलाकर चूर्ण बना लें. इसके बाद आधा चम्मच की मात्रा में गुन-गुने पानी के साथ इस आयुर्वेदिक नुस्खे का सेवन करे. यह घरेलु उपाय में बेहतरीन हैं.
- नारायण चूर्ण, शाखादि चूर्ण और हिंग्वाष्टक चूर्ण सभी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ खाने से पेट दर्द में बहुत फायदा होता हैं.
पीपल & गुड़
- पीपल के 2-3 पत्तों को पीसकर गुड़ के साथ गोली बनाकर रोगी को खिलाने से व पीपल के शुष्क शुष्क शुष्क यानी सूखे पत्ते, इन सूखे पत्तों को पीसकर बारीक कर लें और गुड़ मिलाकर व घोटकर चने के आकर की गोलियां बनाकर 1-1 गोली सुबह व शाम को अर्क के साथ खाने से दर्द में बहुत फायदा होता हैं. पीपल आयुर्वेदिक इलाज के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती हैं यह पेट की सफाई में रामबाण होती हैं.
सौंफ, सोंठ, अजवाइन और पीपल
- सौंफ, सोंठ, अजवाइन और पीपल के सूखे पत्तों इन सभी को 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर इसमें ऊपर से 2 चुटकी हींग मिलाये. अब इसको एक चम्मच की मात्रा में लेकर गुन-गुने पानी के साथ सेवन करने से पेट में होने वाले दर्द में राहत मिलती हैं. यह पेट के दर्द का दूसरा घरेलु उपाय हैं जो की बहुत ही सरल ही आसानी से रसोई में बनाया जा सकता हैं.
गौ मूत्र का सेवन
- गौ मूत्र पेट दर्द का घरेलु इलाज के साथ-साथ पेट के सभी रोगों से अत्यंत लाभकारी होता हैं. इसका कुछ ही दिनों तक नियमित सेवन करने से पेट के सभी रोग जैसे कब्ज, अजीर्ण, बदहजमी, पेट में होने वाला दर्द आदि दूर हो जाते हैं. इसके लिए आप पतंजलि स्टोर से गाय का मूत्र जिसे हम गौ मूत्र कहते हैं उसको लाये और रोजाना सुबह उठने के बाद खाली पेट 2-3 चम्मच गौ मूत्र पि जाए. इस्सके कुछ भी नुकसान नहीं होते हैं इसके सेवन से हमेशा के लिए पेट दर्द का समाधान हो जायेगा. इसकी पूर्ण विधि जानने के लिए यहाँ पर पढ़ें – गौ मूत्र का सेवन.
अदरक नीबू
- अदरक और नीबू के रस में कालीमिर्च का चूर्ण 1 ग्राम मिलाकर सेवन करने से दर्द में बहुत लाभ होता हैं. यह रसोई में बनाये जाने वाला सबसे सरल व आसान उपाय हैं..
अमरबेल का स्वरस
- घरेलु उपचार के लिए अमरबेल का स्वरस आधा किलो और मिश्री 1 किलो इन दोनों को एकत्र करके मिलाकर आग की धीमी आंच पर गरम करे शरबत तैयार बनेगा. सुबह व शाम 20-20 ग्राम की मात्रा में सामान भाग ताज़ा पानी मिलाकर इसका सेवन करने से पेट के सभी दर्द में बहुत लाभ होता हैं.
पेट दुखने का घरेलु इलाज
आयुर्वेदिक मिश्रण
- इस तरह पेट दर्द का इलाज करने के लिए सबसे पहले बड़ी हरड़, बड़ी पीपल, सोंठ, निशोथ और संचार लवण प्रत्येक 50-50 ग्राम इन सभी को लेकर कूट पीसकर तथा कपडे से अच्छे से छानकर चूर्ण बना लें. यह उदर शूल का “पंचसम चूर्ण” हैं. इससे पेट का तनाव तथा इसके सेवन से सभी तरह के पेट में होने वाले दर्द ठीक होते है.
शुलान्तक टेबलेट
- 2-3 टेबलेट को दिन में तीन चार बार लें. उदर शूल उदर में रहे दर्द के लिए यह अत्यंत उपयोगी होती हैं.
हरा पोदीना
- 10-12 बून्द हवा जल में मिलाकर दें. (अपचन, उदर शूल) अपच के कारण हो रहे दर्द और उदर में हो रहे दर्द के लिए यह सरल आयुर्वेदिक इलाज हैं. सिर्फ बून्द को हवा जल में मिलाकर देना होती हैं.
- शुक्तिमन टेबलेट
2-2 टेबलेट दिन में 3 बार दें, परिणाम शूल व आमाशयी शूल और अम्ल पित्तजन्य शूल यानी पेट के सभी तरह के दर्द में यह टेबलेट में लाभदायक होती हैं. अमाशय में हो रहे दर्द, अम्ल से हो रहे दर्द में, पित्त से हो रहे दर्द में आदि पेट के दाई बाई ऊपरी निचले भाग आदि सभी के इलाज में फायदेमन्द होती हैं.
- सरपंथिन टेबलेट
1-2 टेबलेट दिन में 3-4 बार सेवन करवाए. अमाशय के दर्द में यह बहुत ही फायदेमंद होती हैं. इस आयुर्वेदिक टेबलेट से अमाशय में पेट दर्द का घरेलू उपचार बेहद लाभकारी सिद्ध होता हैं.
- शुलान्तक कैप्सूल
1-2 कैप्सूल दिन में 2-3 बार सेवन करे. यह भी उदर शूल के इलाज में अत्यंत असरकारी होता हैं.
- अग्नि बल्ल्भ क्षार
इलाज के लिए 1-2 चम्मच गर्म पानी से दिन में 2-3 बार सेवन करवाए.
- गैसांतक कैप्सूल
इलाज के लिए 1-2 कैप्सूल दिन में 2-3 बार दें. गैस के कारण हो रहे उदर शूल में बहुत फायदेमंद होता हैं. गैस के कारण होने वाले दर्द में लाभ देता हैं.
- शुलकेसरी कैप्सूल
1-2 शुलकेसरी कैप्सूल का दिन में 2-3 बार सेवन कराये. खासकर उदर शूल में लाभप्रद होता हैं.
- गेसरी लिक्विड
2-4 गर्म पानी में डालकर दें. गैस के वजह से हो रहे दर्द में अत्यंत लाभप्रद होती हैं.
- गैसक्लीन कैप्सूल
अजीर्ण, भूख न लगना, अफारा, पेट का भारीपन, पेट में गैस बनना आदि बंद कर देता हैं. यह पेट के दर्द में भी लाभदायक होता हैं. इसके सेवन से खाया गया भोजन ठीक से हजम होने लगता हैं. गैस के विकार, सुस्ती छाय रहना, शरीर में भारीपन महसूस होना आदि ख़त्म हो जाते हैं. यह पेट की खराब वायु को बाहर निकालने में भी बहुत फायदेमन्द हैं. इसके लिए 1-1 गैसक्लीन कैप्सूल सुबह और शाम को गुन-गुने पानी के साथ 2-3 बार सेवन कराये,
- शुलान्तक कैप्सूल
उदर शूल, दन्त शूल, संधि शूल, मौसम में बदलाहट के वजह से हो रहे दर्द में, बारिश के पानी से भीगने से हो रहे बदन व सर दर्द में बहुत लाभ देती हैं. इसके लिए 1 शुलान्तक कैप्सूल को दर्द के समय गर्म पानी के साथ रोगी को सेवन करवाए.
- गैसक्लीन चूर्ण
भूख कम लगना, अफरा पेट में भारीपन, अजीर्ण, गैस बनना आदि में बहुत लाभ देता हैं. यह उदर में हो रहे दर्द को दूर करने के लिए भी लाभदायक होता हैं. इस चूर्ण की सेवन विधि इसके डिब्बे पर लिखी होती हैं. उसको पढ़कर सेवन करे.
2 मिनट में पेट दर्द का घरेलु उपाय से अजवाइन, नमक
पेट दर्द में क्या खाये और क्या न खाये
- पेट दर्द में में क्या खाये और क्या न खाये – इस विषय में जानना बहुत जरुरी होता हैं. क्योंकि पेट का रोग खान पान से सम्बंधित होता हैं इसीलिए रोगी को पेट दर्द में क्या खाना खाना चाहिए इस बारे में पूर्ण जानकारी होना चाहिए. इसके लिए हम निचे आपको शार्ट में जानकारी दे रहे हैं. हरी सब्जियां, फाइबर युक्त आहार, मूंग दाल, मूंग की खिचड़ी, दलिया, कुल्थी की दाल, मूली की सब्जी व मूली को भोजन के साथ खाना चाहिए क्योंकि मूली का पेट दर्द में सेवन बहुत लाभकारी होता हैं. हींग जूस, लोकि, मेथी की सब्जी, छाछ, दही, पुराने चावल, अनार आदि इन चीजों को पेट दर्द में खाना चाहिए. पेट के ऊपरी हिस्से मे दर्द होना निचले भाग में दर्द, नाभि के पास पेट के दाहिने हिस्से में दर्द बाईं ओर पेट के निचले हिस्से में दर्द आदि सभी में यह उपयोगी है.
- दही : पाचन तंत्र से जुड़े रोगों को दूर करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को भोजन के बाद एक कप दही खाना चाहिए. इससे पाचन तंत्र मजबूत होता हैं, भोजन अच्छे से पचता हैं, पेट में ठंडक रहती हैं, कब्ज, एसिडिटी रोग नहीं होते हैं. और खासकर पेट दर्द में बहुत ही आराम मिलता हैं.
- छाछ : अगर आपके क्षेत्र में दही आसानी से नहीं मिलता हो तो आप इसकी जगह छाछ का प्रयोग कर सकते हैं. क्योंकि छाछ में भी उतने ही गुण होते हैं जितने की दही में पाए जाते हैं. और छाछ का आप दुपहर, सुबह आदि कभी भी सेवन कर सकते हैं.
- पेट दर्द में हल्का भोजन करे – पेट के रोग में रोगी को भारी भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसे वक्त में आपका पाचन तंत्र पहले ही कमजोर स्थिति में होता हैं और अगर ऐसे में आप भरी भोजन करते हैं तो वह उसका ठीक से पचा नहीं पायेगा जिससे पेट का रोग और भी बढ़ जाता हैं. इसलिए पेट दर्द के दौरान सिर्फ साधारण कम मिर्च मसाले की सब्जी रोटी का सेवन करे व भोजन को खूब बारीक-बारीक चबाकर खाये.
- इसके साथ ही सुबह उठने के तुरंत बाद 2-3 ग्लास पानी पिए व इसके 45 मिनट बाद तक कुछ भी न खाये पिए. इस प्रयोग से आपके सभी पेट के रोग दूर हो जायेंगे. इससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी भी ख़त्म होगी, मोटापा कम होगा.
उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको पेट दर्द का इलाज क्या है, pet dard ka ilaj bataye in Hindi के बारे में इतना कुछ पढ़कर बहुत अच्छा लगा हो अगर आपको इस नुस्खों से लेकर हमसे कुछ पूछना है तो निचे कमेंट करे. आप यह बताये गए तरीको से पेट दुखने का इलाज करके बताये, हम हमारे तरफ से आपकी पूरी मदद करेंगे.
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sir namste
mai neeraj mishra
sir mera pet 6 saal se kharab hai aur mai bahut dava kiya par dik nahi hua aur maine desi aur english dono dava kiya aur har jach karai par kuch nikala nahi to sir mai kya karu koi upachar bataye sir
Hello , mujhe ajwahin ,hing or kalimirch ka churan se mere pet dard kuch mins me hi khatam ho gaya thanks
माहिती खूप छान आणि महत्वाची आहे
Acidity problem hogi, aap aloevera juice pijiye OR pet bharkar paani pijiye jalan shant ho jayegi
sir mujhe 2 dino se bukhar tha to mane dawai li ab mujhe pet me dard hai aag si lagri h pet me m kya karu sir
इनमे से उपाय आजमाए
Pet ke charo taraf dain bain upper niche nabhi ke pass dard hota h meri umr 18 h main bahut dino se paresan hun mujhe dava karte 1 sal ho chule h lekin koi rahat nhi mili
अगर आप डॉक्टरी इलाज से जरा भी संतुष्ट नहीं हैं, आपने सभी नुस्खे आदि अपना लिए हैं तो अब आप पेट दर्द दूर करने के लिए यह लेख पड़ें, व इसमें जो फ़ोन नंबर दे रखे हैं उनपर फ़ोन लगाकर अपनी परेशानी बताओ 5 मिनट में आपको आराम मिल जाएगा. Read This Article > पेट दर्द दूर करने की दुआ और 5 मंत्र
sir meri age 28 h or mere pure pet m derd hota h.ultrasound, ct scan, bhi karvaya h.PR koi ferk nh pad raha h.mere pet k derd ko 6 saal ho chuke h PR koi ferk bhi nh pad raha h.meri sahat bhi achhi nh h.please koi ilaj batae
NAVE KA UP AR
हमने ऊपर पेट के किस हिस्से में दर्द होने का कारन क्या होता हैं और इसके लिए क्या करना चाहिए इस बारे में एक लेख में बताया हैं, आप ऊपर Related Post में जाकर पेट दर्द के प्रकार नाम के लेख को जरूर पड़ें.
Pet me daye or nice ke tarap darrd deta hai or subah uthte samye bhari-bhari sa mahesus hota hai 3-4 mahine problem hai, kya karna chaiye please batai ye.
आप यह लेख पढ़िए, आपको पता लग जायेगा की इस हिस्से में दर्द क्यों होता हैं. >>> पेट दर्द के प्रकार कितने होते हैं
Mujhe nabhi ke dahine bhaag me kabhi kabhi dard hota hai kya ye koi bimari hai ……
Agar hai to kripya iska ilaaj bataye
यहाँ इतने सार उपाय बताये हैं, आप इनका प्रयोग करिये. और यहाँ दिए गए पेट दर्द से सम्बंधित सभी लेख पढ़िए ताकि आपको पेट दर्द के बारे में सब मालुम हो जाए.
Namskar Sir,
Mere pet me nabhi ke pass 6 days se bahut jyada dard ho raha hai please Sir koi upchar bataiye.
आप यह जानकारी पढ़िए, हमने बच्चों के लिए यहाँ भी सरल उपचार दिए हैं.
बच्चों के पेट दर्द के लिए घरेलु उपचार
Mera beta 6 year ka he usko 20 dino se pet ki nabhi ke pass dard rahta he doctor ko bhi dikha diya or ultrasound bhi kara diya par koi problem nhi aayi report me.but uske pet ka dard nahi ja raha he or sardi bani hui he please help in this matter sir.
कृपया सरल भाषा में बताये.
Hlo sit mera bacha 5yr ka h USS ko much bi digestion the hota din m bar bar toilet jta h pl much bta kya krna chya
आप यह जानकारी जरूर पढियेगा, अपने बच्चे को हर चीज साफ़ करके खाने का बोले व यह जानकारी भी पड़े –बच्चों के पेट दर्द के लिए घरेलु उपचार
Dear sir,
Mere bete (6.5 yrs) ko pet me dard hai ek hafte se. Ultrasound karwaya to pata chala ki pet me infection hai (pancreas) me. Kripya koi dawai bataye jo turant aaram mile.
Please Email Me At hindighareluupay@gmail.com
i want to contact u …
my no. 8385857408
बताये गए घरेलु उपाय आजमा कर देखिये.
pet me pathri ka dard hai
किसी भी चीज को खाने से पहले उसे अच्छे से धो लेना चाहिए, आपके पेट दर्द का भी यह कारण हैं. ऐसी स्थिति में आप अजवाइन व ऊपर जो घरेलु त्रि चूर्ण बताया गया हैं, जो की पेट दर्द के घरेलु नुस्खे में सबसे पहले बताया गया हैं उसे आजमाए, इसके अलावा आप नीबू पानी, शिकंजी का सेवन भी कर सकते हैं, पानी ज्यादा से ज्यादा पिए. यह पेट दर्द एलर्जिक रिएक्शन के वजह से भी हो सकता हैं.
कटहल खाने साई पेट मई दर्द हो रहा है कुछ जल्दी से कोई उपाय बाटे
आपको कब्ज की शिकायत हो सकती हैं, कृपया बताये की आपको पेट दर्द कहां पर होता हैं.
Hello Sir mere pet me har samay dard hota hai kabhi kam to kabhi jyada mere pet ke upri hisse me dard hota hai kabhi kabhi jyada dard ki wajha se mithli uliti bhi ho jati hai kripya mere lia koi upay bataye please sir please mai bahut gujarish karta hu