यहां हम आपको आसान और सबसे ज्यादा असरकारी छोटे बच्चों की क़ब्ज़ का इलाज बताएं क्या है बच्चे में क़ब्ज़ रोग का होना बहुत ही आम साधारण सी बात होती हैं. शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति रहा हो जिसे बचपन में कब्ज़ न हुई हो.
इसीलिए आप अपने बच्चे की क़ब्ज़ को लेकर ज्यादा चिंता न करे यह आम बात हैं, और बाकी हम यहां बच्चों में क़ब्ज़ का आयुर्वेदिक व देसी उपाय व इसके लक्षण, कारण और इससे बचने के उपाय आदि सभी बाते बताएंगे.
- क़ब्ज़ ज्यादातर अनियमित खान पान करने से होती हैं, कई बार बच्चे ठीक से शौच नहीं कर पाते ऐसे में जब मल आंतों में ही रह जाता हैं तो वह क़ब्ज़ को पैदा करने लगता हैं. इसके साथ ही कई बच्चों को ज्यादा दूध पिने से भी क़ब्ज़ की शिकायत हो जाती हैं.
- इस लेख बच्चे की क़ब्ज़ तोड़ने के उपाय दिए है, आप निचे तक यह पूरी पोस्ट पड़ें और इसका अगला पेज भी पड़ें.
- बच्चों की क़ब्ज़ देखिये यह तो आपको भी पता होगा की बच्चों का शरीर बहुत ही नाजुक सा होता हैं, इस उम्र में उन्हें कोई भी रोग बड़ी आसानी से घेर सकता हैं और एक बार अगर कोई रोग बचपन में किसी बच्चे को हो जाए तो फिर वह रोग उसे जिंदगी भर दिक्कतें देता हैं.
- हमने ऐसे कई बच्चों को देखा हैं जो की बचपन में बहुत ही ज्यादा बीमार रहे, आज जब हम उनको देखते हैं तो वह पतले व कमजोर दिखाई पड़ते हैं. क्योंकि बचपन में हुए रोगों को बड़ी उम्र में भी आसानी से दूर नहीं किया जा सकता इसलिए आप अपने बच्चे की पूरी-पूरी सेहत का ख्याल रखे. तो चलिए अब हम बच्चों में होने वाली क़ब्ज़ से छुटकारा पाने के लिए इसके देसी इलाज उपचार, लक्षण और कारण के बारे में जानने की कोशिश करते हैं.
बच्चों की क़ब्ज़ का इलाज बताएं
Bachon Ki qabz ka ilaj batao kya hai
बच्चों में कब्ज़ के लक्षण
जब किसी बच्चे को क़ब्ज़ होता है तो उसमे यह निम्न लक्षण देख कर पता लगाया जा सकता हैं की उसे क़ब्ज़ रोग हुआ हैं या नहीं.
- क़ब्ज़ रोग का सबसे पहला लक्षण होता हैं “भूख कम लगना”.
- पेट भरा-भरा सा महसूस होना, पेट में भारीपन अनुभव होना
- पेट की आंतों में दर्द होना
- लेटरिंग करते समय बच्चे का रोना
- एक हफ्ते में सिर्फ तीन बार शौच आना, यानी लेटरिंग नहीं आना
- मल का गाढ़ा होना, गट्ठा मल निकलना भी क़ब्ज़ का संकेत होता हैं
- मल त्याग (शौच) करते समय जोर लगाना, यानी अगर शौच करते समय बच्चों को मल त्यागने में मल द्वार पर जोर लगाना पढता हो तो
- यह भी क़ब्ज़ का संकेत होता हैं.
- शौच करते समय पेट में दर्द होना
- मल द्वार में जलन होना, व मल द्वार में सुई की चुभन जैसा अनुभव होना
- नाभि की जगह पर दर्द होना
- कई बार रोगी को मल द्वार से खून भी आने लगता हैं
- यह सभी जरूर पड़ें :
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इसके कारण क्या होते हैं
बच्चों में क़ब्ज़ होने के कारण निम्न हैं –
- भोजन को ठीक से चबाकर नहीं खाना से क़ब्ज़ होता है
- भोजन करते समय बार-बार पानी पीना क़ब्ज़ बनाता है
- खाना खाने के देर बाद बिकुल भी पानी नहीं पीना
- शरीर में पानी की कमी होना क़ब्ज़ बनाता है
- सिखावट – ऐसा कई बार देखने में आता हैं की माता-पिता अपने बच्चे को इतना डरा धमका कर रखते हैं की यहां पर हर समय शौच मत किया करो आदि उसे बार-बार लेटरिंग जाने पर कोसते हैं तो ऐसे में बच्चे के मन में यह डर बैठ जाता और फिर ऐसे में वह शौच आने पर शौच के लिए नहीं जाता हैं, उसे रोक देता हैं. जिससे क़ब्ज़ की शिकायत हो जाती हैं. यह बात बिकुल सच हैं.
- खान पान में फर्क होना – ज्यादातर शिशुओं को क़ब्ज़ रोग इसलिए भी हो जाता हैं क्योंकि वह फाइबर युक्त भोजन नहीं करते. और जिस भोजन में फाइबर कम मात्रा में होता हैं उसे पचाने में बड़ी तकलीफ होती हैं. इसलिए अपने बच्चे को फाइबर युक्त चीजों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करवाए.
- क़ब्ज़ की दवाइयों से जैसा की हमने ऊपर बताया की बच्चों का शरीर बहुत नाजुक होता हैं तो ऐसे में जब बच्चा बीमार पड़ता हैं तो हम जो उसे दवाइयां देते हैं वह कई बार बच्चे को हजम नहीं हो पाती और इसी कारण से बच्चों में क़ब्ज़ हो जाती हैं.
- दूध का सेवन – दूध पीना बच्चों के लिए बहुत ही लाभदायक और जरुरी होता हैं लेकिन इसकी भी एक मात्रा होती हैं, और अगर बच्चा उस मात्रा से अधिक दूध डेरी प्रोडक्ट्स का सेवन करता हैं तो स्वाभाविक सी बात हैं की बच्चे को क़ब्ज़ हो जायेगी. (बच्चे को मां के स्तन का दूध पिलाये, इससे कोई तकलीफ नहीं होगी)
- पानी की कमी – पानी की कमी होने पर कई तरह के रोग जन्म ले सकते हैं, और उनमे क़ब्ज़ भी आता हैं. बात चाहे Adult की हो या toddlers की जो भी उपयुक्त मात्रा में पानी का सेवन नहीं करता, अपने शरीर को हाइड्रेटेड नहीं रखता तो ऐसे व्यक्ति को क़ब्ज़ होना आम बात हो जाती हैं.
आसान घरेलु उपाय
- थोड़ी सी इसबगोल की भूसी गर्म पानी में डालकर बच्चे को पिलाये
- अरंडी का तेल – एक छोटी चम्मच अरंडी का तेल लें और इसे एक ग्लास दूध में मिलाकर शिशु को दें. ऐसा करने से बच्चे की क़ब्ज़ में बहुत लाभ होता हैं.
- किशमिश – बड़े किशमिश लें और इन्हें एक ग्लास पानी में डालकर रात भर ऐसे ही छोड़ दें और सुबह उठकर इसमें से किशमिश को निकालकर अच्छे से साफ़ कर के उन्हें बारीक पीस लें. अच्छे से बारीक़ पीसने पर यह पिलपिला सा हो जायेगा, पीसने के बाद बच्चे को यह खिला दें. इसके सेवन से बच्चे की क़ब्ज़ में बहुत लाभ मिलेगा.
- संतरे का रस – रोजाना सुबह के समय खाली पेट एक ग्लास संतरे का रस बनाये और रोजाना बच्चे को इसका सेवन करवाए. यह क़ब्ज़ का देसी इलाज करने के लिए सबसे आसान और असरकारी घरेलु उपाय हैं. साथ ही सुबह खाली पेट संतरे का रस पिने से पेट के समस्त रोग दूर हो जायेंगे, पेट साफ़ हो जायेगा.
- पानी भरपूर मात्रा में पिलाये – जैसा की हमने आपको ऊपर बताया की क़ब्ज़ से बचने के लिए पानी का सेवन बहुत जरुरी हैं क्योंकि हम जो भोजन करते हैं उसे शरीर को पचाने के लिए भरपूर पानी की जरुरत पढ़ती हैं ऐसे में अगर शरीर में पानी की कमी रहेगी तो पाचन तंत्र भोजन को ठीक से पचा नहीं पायेगा.
- इससे भोजन अधपचा ही रह जाएगा. और फिर यह आगे जाकर आंतों में पहुंचकर दिक्कते देगा. इसलिए यह बहुत जरुरी हैं की आप भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करे.
- बच्चों को भी त्रिफला चूर्ण दिया जा सकता हैं यह चूर्ण क़ब्ज़ और समस्त पेट की बिमारियों को दूर करने में बहुत मदद करेगा. अक्सर छोटी उम्र के शिशुओं व बच्चों को पेट की समस्या ज्यादातर होती हैं इसीलिए बच्चों को त्रिफला चूर्ण का सेवन करवाना चाहिए. इस विषय में आयुर्वेदा एक्सपर्ट्स राजीव दीक्षित जी ने क़ब्ज़ में त्रिफला को कैसे लेना चाहिए इस सम्बन्ध में पूरी जानकारी दी हैं इसे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करे > त्रिफला चूर्ण और क़ब्ज़ – राजीव दीक्षित जी.
- मालिश करे – सरसों के तेल, अरंडी के तेल व आदि किसी भी तेल से बच्चे के पेट पर मालिश करे. ऐसा करने से बच्चे की आंते मजबूत होगी और आंतों में फंसा हुआ मल भी आसानी से निकल जाएगा. यह भी देसी इलाज व उपचार में से सबसे सरल हैं इसका प्रयोग जरूर करे.
- मां का दूध ही पिलाये जब एक मां अपने बच्चे को स्तनों से दूध नहीं पिलाती तो इससे सिर्फ शिशु को ही नुकसान नहीं होता बल्कि उसकी मां को भी नुकसान होता हैं. (कई माताए बच्चों को स्तनों से दूध नहीं पिलाती इसी वजह से उन्हें स्तन कैंसर की शिकायत भी हो जाती हैं – ऐसा वैज्ञानिको का कहना हैं)
- बच्चे के लिए जितना मां का दूध गुणकारी होता हैं उतनी और कोई सी चीज नहीं होती. बच्चे का शरीर शुरुआत में इतना कमजोर व नाजुक होता हैं की वह सिर्फ मां के दूध से ही अच्छा स्वास्थ्य पा सकता हैं इसलिए अपने बच्चे को Dairy का दूध या Powder का दूध न पिलाये.
गौ मूत्र – आसान देसी इलाज उपचार –
गौ मूत्र बच्चों की क़ब्ज़ के लिए रामबाण देसी इलाज की तरह काम करता हैं, इसका उपयोग करने से किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता. इसका सेवन गर्भवती स्त्री भी कर सकती हैं. यह इतना चमत्कारी देसी घरेलु उपाय हैं जिसके सिर्फ एक दो बार सेवन करने मात्रा से ही लाभ हो जाता हैं. गौ मूत्र का क़ब्ज़ में किस तरह से सेवन करना चाहिए यह पढ़ने के लिए यहां क्लिक करे >> गौ मूत्र क़ब्ज़ के लिए रामबाण देसी उपाय
दोस्तों जैसा की हमने बताया हैं अगर आपके शिशु बच्चे की तबियत ज्यादा खराब हैं तो आपको तुरंत ही अपने नजदीकी डॉक्टर को दिखाना चाहिए. क्योंकि आज के समय में कब क्या हो जाए कोई कुछ नहीं कह सकता.
यहां जो बच्चों की क़ब्ज़ का उपाय, bachon ki qabz ka ilaj batao में बताया हैं इसे आजमा सकते हैं, यह भी 100% असरकारी होता हैं. इसके अलावा पिछले लेख भी पढ़िए जिनमे हमने कब्जियत के बारे में और नुस्खे बताये है.
mei 2 saal ki ladki kafi tym se kabaj ki problem se preshan h koi sujhav plz
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Najdiki doctor se mile
Sarita
Mara Bacha 45 din ka hai magar lltiran 10/12 bar jaata hai plz kohi uupya batya
Upay diye hai
Bachcha 45din Ka he use 4din se lettings nahi aai hai please upay bataye
Krapay Clear language use kare
Mere 5 saal ke ladke ke shuroo se hi 4-5 dino me tight fast aata h kya kare
Doctor se Checkup karwaye
1 mahine ke ko mal nahi ho to kya kare
Kanazawa form 16 month age 26 month