पिछले लेख में जो मेमोरी याददाश्त तेज करने के उपाय इन हिंदी बाकी रह गए थे वह हम अब इस लेख में बताएंगे, इनके प्रयोग से आप दिमाग की कमजोरी को दूर कर सकते है यह याददाश्त स्मरण शक्ति को तेज बना सकते है. और इनसे किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता.
आप इनको घर पर ही अपनी रसोई घर में बना कर दिमाग को तंदुरस्त कर सकते हैं. कई लोग इसके लिए बाजार की अंग्रेजी दवा आदि का प्रयोग करते है लेकिन वह उतना लाभ नहीं करती और महंगी भी बहुत होती हैं इसलिए आपको यह सस्ते घरेलु उपाय जरूर करना चाहिए यह दवाइयों से भी ज्यादा प्रभावकारी होते है.
याददाश्त कमजोर होने के कारण
- तनाव, डिप्रेशन यह दोनों दिमाग कमजोर करने के कारण बनते है. कई लोगों का बौद्धिक विकास बचपन से ही कम होता है तो ऐसे लोगों को किताबे, दिमाग की कसरते व स्मरण शक्ति के उपाय आदि का सेवन करना चाहिए. इसके साथ ही किसी भी बात का ज्यादा तनाव नहीं रखे व रोजाना आठ घंटे की नींद लेना चाहिए. इसके साथ ही सुबह उठकर योग व खुली हवा में टहलना चाहिए.
याददाश्त तेज करने के उपाय और दवा
Memory Badhane ke upay Bataye
याददाश्त तेज करने के लिए तीन ग्राम आंवला एक चम्मच भर शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री की चासनी के साथ रोजाना सुबह तीन चार सप्ताह खासकर गर्मियों में लेने से स्मरण शक्ति याददाश्त तेज़ होती है और मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है तथा अत्यधिक बौद्धिक विकास होता है, चीजों को सोचने समझने की शक्ति का विकास होता है. हरी शंखपुष्पी पंचांग 10 ग्राम घोट-छानकर दूध मिलाकर ठंडाई की तरह भी ले सकते है.
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500 ग्राम साफ़ हरे आंवलों को कद्दूकस करके उनका गुदा किसी कांच के पात्र बर्तन में डाल दें और गुठली निकालकर फेंक दें. फिर इस जुड़े पर इतना शहद डालें की गुदा शहद में तर हो जाए.
इसके बाद उस कांच के पात्र को ढक्कन से ढंककर रोजा 4-5 घंटे 10 दिनों तक धुप में रखें. इस तरह यह प्राकृतिक विधि से आंवले का सर्वोत्तम मुरब्बा बन जायेगा और दो दिन के बाद इसे खाने के काम में लाया सकता हैं.
इसे रोजाना खाली पेट 10 ग्राम दो चम्मच लगातार 4-5 सप्ताह तक नाश्ते के रूप में खासकर गर्मियों में इसे खाये और अगर आप चाहे तो इसे खाने के 10-15 मिनट के बाद गुनगुना पानी पि सकते हैं. याददाश्त तेज करने के लिए मार्च, अप्रैल सितम्बर, अक्टूबर में इसका सेवन बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता हैं.
इस मुरब्बा आंवले का मुरब्बा सुबह के समय खाली पेट बिना कुछ खाये पिए मुंह से चबा-चबाकर खाने से और खाने के एक घंटे बाद तक कुछ भी न लेने से मस्तिष्क के ज्ञान तंतुओं को बल मिलता है और स्नायु सस्थान नर्वस सिस्टम शक्तिशाली बनता हैं. यह स्मरण शक्ति याददाश्त बढ़ाने के उपाय में बहुत ही प्रभावकारी है.
गर्मी के मौसम में इसका प्रयोग करना सबसे ज्यादा प्रभावकारी रहता है. इसे आंवले के मुरब्बे को अगर चांदी के वर्क में लपेटकर खाया जाए तो डाह, कमजोरी और चक्कर आने की शिकायत दूर होती है.
वैसे भी आंवले का मुरब्बा शीतल व तर होता है तथा नेत्रों के लिए हितकारी, रक्तशोधक, दाहशामक और हृदय, मस्तिष्क, यकृत आने व अमाशय को शक्ति प्रदान करने वाला होता है. इसके सेवन से स्मरण शक्ति तेज होती है, मानसिक एकाग्रता बढ़ती है.
मानसिक दुर्बलता के कारण चमंकर आने का कष्ट भी दूर होता है, याददाश्त बढ़ाने की दवा में यह मुरब्बा बहुत असरकारी होता है. मधुमेह के रोगी इस प्रयोग को न करे.
नोट : अगर आप आंवले का मुरब्बा नहीं बना सकते तो आंवले के बारीक़ टुकड़े-टुकड़े करके कद्दूकस करके शहद के साथ सेवन करना भी लाभप्रद है. इससे पुरानी कब्ज पेट के रोगी में चमत्कारी लाभ होता है. यह भी एक याददाश्त तेज करने के उपाय है.
- पीपल के कोमल पत्तों को छाया में सुखाकर चूर्ण बनाकर उसके बराबर मिश्री मिला लें. इसे 3-3 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम गाय के दूध के साथ सेवन करे से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है.
- बादाम 10, ब्रह्मबूटी 6 ग्राम, कालीमिर्च 7 दाने ले. बादाम और ब्राह्मी बूटी रात को पानी में भिगो दें. सुबह के समय बादाम का छिलका निकालकर तीनो को सील पर पीसकर पेस्ट बना लें और ठंडाई की तरह पानी में छानकर, इसमें मिश्री मिलाकर 40 दिन रोगी को पिलाने से स्मरण शक्ति तेज होती है तेजी से याददाश्त बढ़ाता है.
- मक्खन और मिश्री 20-20 ग्राम और कालीमिर्च 5 दाने लेकर घोट पीसकर मक्खन में मिलाकर सेवन करने से स्मरण शक्ति की कमजोरी दूर होती है, मेमोरी पावर तेज करने के उपाय में यह बहुत ही अच्छा है.
- सौंफ 6 ग्राम, बादाम 7 और मिश्री 6 ग्राम का चूर्ण बनाकर रात को दूध के साथ सेवन करने से मस्तिष्क की निर्बलता ख़त्म होती हैं.
- सर में गाय के घी या बादाम रोगन की मालिश करने से याददाश्त स्मरण शक्ति तेज़ होती है.
- शंखपुष्पी और मिश्री 50-50 ग्राम को पीसकर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें. इसे 6 ग्राम की मात्रा में सुबह के समय गाय के दूध के साथ सेवन करने से मस्तिष्क की कमजोरी में लाभ होता है.
- 125 ग्राम धनिया कूटकर 500 ग्राम पानी में उबालें. जब चौथाई पानी शेष रह जाए तब उतार छानकर 125 ग्राम मिश्री मिलाकर फिर गर्म करे. जब गाढ़ा हो जाए तो उतार ले. यह रोजाना 10 ग्राम चांटें. इस प्रयोग से मस्तिष्क की कमजोरी से आने वाली आंखों के आगे अंधेरा व याददाश्त की कमजोरी दूर होती है.
- रात के समय आधा छटांक उड़द की डाल भिगो दें और इसे सुबह पीसकर दूध, मिश्री मिलाकर पिए. यह हृदय, मस्तिष्क और वीर्य के लिए बहुत ही असरकारी घरेलु नुस्खे में से एक हैं.
- याददाश्त तेज करने के लिए तुलसी के पांच पत्ते और कालीमिर्च पीस लें. इसे एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह के समय 21 दिन तक पिए. यह मस्तिष्क की गर्मी दूर करने की शक्ति देती है. शौच आदि से निवृत होकर सुबह के समय तुलसी के 5 पत्ते पानी के साथ निगल जाने से बल, तेज़ और याद ढकने की क्षमता बढ़ती है. तुलसी के पत्तों का रस 8 बून्द पानी में मिलाकर नित्य सेवन करने से मांपेशियों और हड्डियां मजबूत होती है.
- तुलसी के बीज दूध में उबालकर शक्कर मिलाकर पिने से ताकत बढ़ती है.
- याददाश्त बढ़ाने के लिए सेब का मुरब्बा हृदय, रक्त और मस्तिष्क की कमजोरी को दूर करता है, याददाश्त तेज़ करने का इलाज करता है. रोजाना भूखे पेट सेब खाकर ऊपर से दूध पिने से मानसिक तनाव टेंशन दूर होती है.
रामदेव के योग भी करे –
स्मरण शक्ति कैसे बढ़ाये
इसके अलावा रोजाना योग भी करे, योग अहम् भूमिका निभाता है. इसके लिए आप सुबह जल्दी उठे और सबसे पहले सूर्य नमस्कार करे इसके बाद निचे बताये जा रहे प्राणायाम अवश्य ही करे. अगर आप ऐसा रोजाना करते है तो आप शारीरिक व मानसिक रूप अत्यधिक मजबूत हो जायेंगे.
- 10 मिनट अनुम विलोम प्राणायाम करे
- 5 मिनट कपालभाति प्राणायाम करे
- 5 भस्त्रिका प्राणायाम करे
- 5 मिनट ब्रह्मारी प्राणायाम करे
- इसके बाद याददाश्त बढ़ाने के लिए एक अंधेरे कमरे या जहाँ पर आप भगवान की पूजा करते वहां पर एक दीपक जलाये और उस दीपक को अपनी आँखों की बराबर की ऊंचाई पर रख कर उस दीपक की लो को देखते रहे बिना पलकों को झपकाए. इससे आपके आंखे तेज़ होंगी और सोचने समझे की क्षमता विकसित होगी. यह ऊपर बताये गए आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे स्मरण शक्ति के उनसे भी अच्छा प्रयोग होता है, ये तेजी से याददाश्त बढ़ाता है..
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तो दोस्तों इस तरह आप बताये गए स्मरण शक्ति याददाश्त बढ़ाने के उपाय, memory badhane ke upay bataye का नियमित प्रयोग करे व पिछले लेख को भी अवश्य ही पड़ें. इस तरह लगातार दो तीन सप्ताह तक इन घरेलु उपाय को करेंगे तो परिणाम आपके सामने होगा. तो अब आपको अपने सवाल का उत्तर मिल ही गया होगा.
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Sabhi achhe hai.
aacha upby kon sa he